झांसी मेडिकल कॉलेज से संवेदनहीनता की एक तस्वीर सामने आई है। यहां पति स्ट्रेचर खींचता रहा और मासूम बेटा हाथों में खून की बोतल लिए मां को दिलासा देता रहा। दरअसल, जिंदगी से जंग लड़ रही एक महिला को खून चढ़ाया जा रहा था। तभी उसे वार्ड से एक्स-रे के लिए भेजा गया। लेकिन न स्ट्रेचर खीचने के लिए कर्मचारी मिला और न ही केयर के लिए कोई स्वास्थ्यकर्मी। फिर पत्नी को लेकर बाप-बेटे निकल पड़े। तस्वीर वायरल होने के बाद महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसके जिम्मेदार 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई की। रविवार को सिस्टर इंचार्ज और स्टाफ नर्स का जांच पूरी होने तक वेतन रोक दिया गया। नोटिस भेजकर दोनों से जवाब मांगा गया। वहीं, 2 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सस्पेंड किया गया। अब पढ़िए पूरा मामला… मध्य प्रदेश के छतरपुर निवासी शकुंतला (35) पत्नी राजू नायक के आंत में इन्फेक्शन है। हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें 3 मई को झांसी मेडिकल कॉलेज लाए। जांच में पता चला कि इन्फेक्शन की वजह से आंतें कम काम कर रही हैं। जांच के बाद महिला को ऑपरेशन के लिए वार्ड नंबर 2 के बेड नंबर 3 पर भर्ती कर लिया। महिला में खून की कमी थी। इसलिए 8 मई को उसे खून चढ़ाया गया। खून की बोतल पूरी चढ़ पाती, उससे पहले ही महिला को एक्सरे के लिए रेडियोलॉजी विभाग में भेज दिया गया। सीएमएस बोले- खून चढ़ते समय जांच के लिए भेजना गलत
नर्सिंग स्टाफ ने महिला के करीब 9 साल के बेटे सौरभ नायक को खून की थैली पकड़ा दी और पति को स्ट्रेचर। पति स्ट्रेचर खींचता रहा और बेटा खून की थैली पकड़कर चलता रहा। यह दृश्य किसी ने मोबाइल में कैद कर लिया और फोटो को वायरल कर दी। फोटो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह के निर्देश पर सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने तत्काल वार्ड में पहुंचकर सभी दस्तावेजों को कब्जे में लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसके बाद 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने बताया- प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर सिस्टर इंचार्ज सोनिया कासिफ, स्टाफ नर्स (नियमित) पुष्पा का वेतन रोका गया है। दोनों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। वहीं, स्टाफ नर्स (आउटसोर्स) पूजा भट्ट और चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी लक्ष्मी की तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त कर दी। चतुर्थ श्रेणी कर्मी रोशन को सस्पेंड कर दिया गया है। अभी जांच की जा रही है, इसमें भी कोई दोषी पाया जाएगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। खून चढ़ने के दौरान मरीज को जांच के लिए भेजना पूरी तरह से गलत है। ————————- ये खबर भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर- कर्नल सोफिया का कानपुर में ननिहाल:मामी बोलीं- बचपन में बंदूकों से खेलती थीं, बुआ ने कहा- कौम का नाम रोशन किया भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद दो नाम पूरे देश की जुबान पर है। वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। कर्नल सोफिया कुछ समय तक झांसी में मेजर पद पर तैनात रहीं। उनका बचपन कानपुर के घाटमपुर और मुरादाबाद में ही बीता है। कानपुर में सोफिया का ननिहाल है। यही वजह है कि बचपन में छुट्टियां बिताने यहां आती थीं। पढ़िए पूरी खबर झांसी मेडिकल कॉलेज से संवेदनहीनता की एक तस्वीर सामने आई है। यहां पति स्ट्रेचर खींचता रहा और मासूम बेटा हाथों में खून की बोतल लिए मां को दिलासा देता रहा। दरअसल, जिंदगी से जंग लड़ रही एक महिला को खून चढ़ाया जा रहा था। तभी उसे वार्ड से एक्स-रे के लिए भेजा गया। लेकिन न स्ट्रेचर खीचने के लिए कर्मचारी मिला और न ही केयर के लिए कोई स्वास्थ्यकर्मी। फिर पत्नी को लेकर बाप-बेटे निकल पड़े। तस्वीर वायरल होने के बाद महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसके जिम्मेदार 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई की। रविवार को सिस्टर इंचार्ज और स्टाफ नर्स का जांच पूरी होने तक वेतन रोक दिया गया। नोटिस भेजकर दोनों से जवाब मांगा गया। वहीं, 2 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सस्पेंड किया गया। अब पढ़िए पूरा मामला… मध्य प्रदेश के छतरपुर निवासी शकुंतला (35) पत्नी राजू नायक के आंत में इन्फेक्शन है। हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें 3 मई को झांसी मेडिकल कॉलेज लाए। जांच में पता चला कि इन्फेक्शन की वजह से आंतें कम काम कर रही हैं। जांच के बाद महिला को ऑपरेशन के लिए वार्ड नंबर 2 के बेड नंबर 3 पर भर्ती कर लिया। महिला में खून की कमी थी। इसलिए 8 मई को उसे खून चढ़ाया गया। खून की बोतल पूरी चढ़ पाती, उससे पहले ही महिला को एक्सरे के लिए रेडियोलॉजी विभाग में भेज दिया गया। सीएमएस बोले- खून चढ़ते समय जांच के लिए भेजना गलत
नर्सिंग स्टाफ ने महिला के करीब 9 साल के बेटे सौरभ नायक को खून की थैली पकड़ा दी और पति को स्ट्रेचर। पति स्ट्रेचर खींचता रहा और बेटा खून की थैली पकड़कर चलता रहा। यह दृश्य किसी ने मोबाइल में कैद कर लिया और फोटो को वायरल कर दी। फोटो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह के निर्देश पर सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने तत्काल वार्ड में पहुंचकर सभी दस्तावेजों को कब्जे में लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसके बाद 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने बताया- प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर सिस्टर इंचार्ज सोनिया कासिफ, स्टाफ नर्स (नियमित) पुष्पा का वेतन रोका गया है। दोनों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। वहीं, स्टाफ नर्स (आउटसोर्स) पूजा भट्ट और चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी लक्ष्मी की तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त कर दी। चतुर्थ श्रेणी कर्मी रोशन को सस्पेंड कर दिया गया है। अभी जांच की जा रही है, इसमें भी कोई दोषी पाया जाएगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। खून चढ़ने के दौरान मरीज को जांच के लिए भेजना पूरी तरह से गलत है। ————————- ये खबर भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर- कर्नल सोफिया का कानपुर में ननिहाल:मामी बोलीं- बचपन में बंदूकों से खेलती थीं, बुआ ने कहा- कौम का नाम रोशन किया भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद दो नाम पूरे देश की जुबान पर है। वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। कर्नल सोफिया कुछ समय तक झांसी में मेजर पद पर तैनात रहीं। उनका बचपन कानपुर के घाटमपुर और मुरादाबाद में ही बीता है। कानपुर में सोफिया का ननिहाल है। यही वजह है कि बचपन में छुट्टियां बिताने यहां आती थीं। पढ़िए पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मां की खून की बोतल टांगे चलता रहा मासूम:पिता स्ट्रेचर खींचता रहा; झांसी मेडिकल कॉलेज के 5 कर्मचारियों पर एक्शन
