संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंजाब के मानसा में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भैणीबाघा गांव में बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं इकट्ठा हुए और बठिंडा-पटियाला रोड पर मार्च निकालकर केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान किसानों ने कहा कि प्रदर्शन का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत किसानों की मांगों को लागू न करना है। भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। किसानों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं: प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानती है, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। साथ ही, 26 जनवरी को जिले भर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंजाब के मानसा में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भैणीबाघा गांव में बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं इकट्ठा हुए और बठिंडा-पटियाला रोड पर मार्च निकालकर केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान किसानों ने कहा कि प्रदर्शन का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत किसानों की मांगों को लागू न करना है। भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। किसानों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं: प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानती है, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। साथ ही, 26 जनवरी को जिले भर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सिंगर ज्योति नूरां व उनके पूर्व पति में विवाद, गायक के बयानों पर केस दर्ज
सिंगर ज्योति नूरां व उनके पूर्व पति में विवाद, गायक के बयानों पर केस दर्ज भास्कर न्यूज | जालंधर लम्मा पिंड चौक पर वीरवार देर रात सूफी गायिका ज्योति नूरां व उनके पूर्व पति कुनाल पासी में विवाद हो गया। इसके बाद शिकायत दर्ज कराने देर रात दोनों पक्षों ने थाना रामामंडी पहुंच गए। दोनों एक-दूसरे पक्ष के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। जहां ज्योति नूरां ने कुनाल पासी पर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने का आरोप लगाया, वहीं कुनाल पासी ने ज्योति पर हमलावरों द्वारा उन पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया। शुक्रवार देर शाम पुलिस ने ज्योति के बयानों पर कुनाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ज्योति ने आरोप लगाते हुए कि कुनाल उन्हें काफी समय से फोन कर परेशान कर रहा था। वह उनसे मिलने के लिए अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा। उन्होंने कहा िक वीरवार रात कुनाल ने गांव लिद्दड़ा पुल के नीचे मिलने के लिए अकेले बुलाया। वहां जब वह पहुंचीं तो कुनाल ने उनके साथ बदतमीजी की। वहीं कुनाल ने ज्योति पर आरोप लगाते हुए कहा कि ज्योति ने उन्हें विधिपुर फाटक के पास मिलने के लिए बुलाया था। जब वह पहुंचें तो ज्योति के साथ एक आई-20 कार में कुछ युवक थे, जिन्होंने उन्हें घेर लिया। उन्होंने खुद को सीआईए स्टाफ का कर्मी बताया। वह मुश्किल से जान बचा कर भागे। कुनाल ने बताया िक उन्होंने उनका पीछा िकया। रास्ते में उनकी कार को कई बार टक्कर मारी, जिससे कार का टायर फट गया, लेकिन फिर भी वह जान बचाने के लिए रिम के सहारे लम्मा पिंड चौक तक कार को भगा कर लाया। वहां पर उसकी कार रुक गई, फिर उक्त युवकों ने मारपीट कर अपनी कार में डाल लिया। लेकिन इतनी देर में मौके पर राउंड कर रही पीसीआर गाड़ी की मदद से उनकी जान बची। वहीं सेंट्रल एसीपी निर्मल सिंह ने बताया कि थाना रामामंडी में तैनात एएसआई जर्मन जीत को रात में ज्योति नूरां की तरफ से शिकायत दी गई थी, जिसके आधार पर उन्होंने कुनाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लुधियाना पहुंचेंगे अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह:सिख जत्थेबंदियों के साथ करेंगे बैठक, SGPC चुनाव को लेकर होगी चर्चा
लुधियाना पहुंचेंगे अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह:सिख जत्थेबंदियों के साथ करेंगे बैठक, SGPC चुनाव को लेकर होगी चर्चा खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह आज लुधियाना में जालंधर बाईपास के नजदीक पहुंच रहे हैं। वे एक निजी पैलेस में सिख जत्थेबंदियों के साथ बैठक करेंगे। जेल से चुनाव जीतने के बाद अमृतपाल की नजर अब SGPC में एंट्री करने पर है। जानकारी के मुताबिक शहर में आज होने वाली बैठक SGPC चुनाव को लेकर होगी। तरसेम सिंह ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। SGPC चुनाव 2011 से लंबित हैं। इस बार 2024 में SGPC का बजट 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रखा गया है। इससे पहले अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पंजाब के मंत्री हार से बौखला गए हैं। इसलिए अमृतपाल के समर्थकों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं। SGPC कमेटी क्या है? एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) भारत में सिखों का एक संगठन है जो गुरुद्वारों के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार है। इसका अधिकार क्षेत्र देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है। SGPC के चुनावों में 18 वर्ष से अधिक आयु के सिख पुरुष और महिलाएं मतदाता होते हैं जो सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के प्रावधानों के तहत मतदाता के रूप में पंजीकृत होते हैं। SGPC का संचालन एसजीपीसी के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। एसजीपीसी गुरुद्वारों की सुरक्षा, वित्त, सुविधा रखरखाव और धार्मिक पहलुओं का प्रबंधन करती है और सिख गुरुओं के हथियार, कपड़े, किताबें और लेखन सहित पुरातात्विक रूप से दुर्लभ और पवित्र कलाकृतियों को भी संभालती है। SGPC का गठन 16 नवंबर 1920 को हुआ था 15 नवंबर 1920 को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के पास सभी विचारधाराओं के सिखों की एक आम बैठक बुलाई गई थी। सिखों ने अपनी तय बैठक की और 16 नवंबर को 175 सदस्यों की एक बड़ी समिति का चुनाव किया और इसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ( SGPC) का नाम दिया। इस कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी? इस कमेटी के गठन का उद्देश्य गुरुद्वारों की व्यवस्था में सुधार लाना था। बहुत कम लोग जानते हैं कि एसजीपीसी ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ भी लंबी लड़ाई लड़ी है। आजादी से पहले जाति व्यवस्था अपने चरम पर थी और गुरुद्वारों में भी दलितों के साथ भेदभाव होता था। एसजीपीसी की पहली बैठक 12 दिसंबर 1920 को अकाल तख्त पर हुई थी। जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ एसजीपीसी एसजीपीसी के गठन के 2 साल बाद 14 मार्च 1927 को जनरल हाउस में एक बड़ा प्रस्ताव पारित करके दलितों और अन्य सिखों के बीच की खाई को कम करने की कोशिश की गई थी। इस प्रस्ताव के तहत सिख धर्म अपनाने वाले दलित समुदाय के लोगों को भी बराबरी का दर्जा दिया जाएगा। अगर कोई सिख के साथ जाति के आधार पर भेदभाव करता है तो पूरा सिख समुदाय उसके लिए लड़ेगा। इसके अलावा साल 1953 में गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन किया गया और एसजीपीसी की 20 सीटें दलित सिखों के लिए आरक्षित कर दी गईं। अभी तक एसजीपीसी के ज्यादातर सदस्य वो हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं और अकाली दल से जुड़े हैं। बीबी जागीर कौर SGPC की पहली महिला अध्यक्ष बनीं
इस कमेटी के लिए केवल निर्वाचित सदस्य ही वोट कर सकते हैं। वर्ष 1999 में पहली बार किसी महिला को एसजीपीसी का अध्यक्ष चुना गया था। कमेटी की पहली महिला अध्यक्ष का नाम बीबी जागीर कौर था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इतिहास गौरवशाली और बलिदानों से भरा रहा है। इन 100 सालों में एसजीपीसी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
पंजाब में गुर्दे की बीमारी के मरीजों का फ्री डायलिसिस:23 जिलों में सर्विस शुरू हुई; डेंगू के मामलों में भी कमी आई
पंजाब में गुर्दे की बीमारी के मरीजों का फ्री डायलिसिस:23 जिलों में सर्विस शुरू हुई; डेंगू के मामलों में भी कमी आई पंजाब सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए पंजाब सरकार ने हंस फाउंडेशन, माता गुजरी ट्रस्ट जगरा और अन्य एनजीओ के सहयोग से सेवा शुरू की है। वर्तमान में 23 जिला अस्पतालों, 14 उप-मंडलीय अस्पतालों, और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थित 40 डायलिसिस केंद्रों पर 168 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं। सरकारी रेट पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा सरकार द्वारा सभी माध्यमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए कुल 202 एक्स-रे केंद्र और 389 अल्ट्रासाउंड केंद्र सूचीबद्ध किए गए हैं। जो सरकार द्वारा निर्धारित सस्ती दरों पर सेवाएं दे रहे हैं। जनवरी 2024 के बाद से कलर डॉपलर/अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या 65 से बढ़ाकर 98 और एक्स-रे मशीनों की संख्या 368 से बढ़ाकर 384 कर दी गई है। अब सभी जिला अस्पताल (डीएच), उप-मंडलीय अस्पताल (एसडीएच) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं उपलब्ध हैं। 70 फीसदी केस में आई कमी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य में शुरू की गई डेंगू विरोधी मुहिम ‘हर शुक्रवार, डेंगू पर वार’ को व्यापक सफलता मिली है। 2024 में डेंगू के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55 प्रतिशत की कमी और डेंगू से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।