मानसून को लेकर क्या है यूपी में तैयारी? जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया प्लान

मानसून को लेकर क्या है यूपी में तैयारी? जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया प्लान

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Monsoon 2025:</strong> उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून से पहले ही बाढ़ से निपटने की तैयारयों को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 7 जून तक बाढ़ प्रबंधन की सभी तैयारियां पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है. पहले इसकी अंतिम तिथि 15 जून थी लेकिन समय रहते सभी जरूरी काम निपटाने के लिए अब इसे पहले ही पूरा किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पिछले साल 8 जुलाई को बारिश ने विकराल रूप ले लिया था. इस बार हम कोई भी चूक नहीं करना चाहते. अभी तक करीब 1600 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिससे 40 लाख हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से सुरक्षित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये जिले हैं सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित</strong><br />उन्होंने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में देवीपाटन मंडल के श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, बाराबंकी, सीतापुर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, संत कबीरनगर, बलिया, गाज़ीपुर और आज़मगढ़ शामिल हैं. साथ ही, बिजनौर, फर्रुखाबाद और यमुना किनारे के जिलों में औरैया, इटावा, उरई और जालौन में भी कभी-कभी बाढ़ का खतरा बना रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी नदियों की बाढ़ बनी सबसे बड़ी चुनौती</strong><br />जल शक्ति मंत्री ने बताया कि गंगा, सरयू, घाघरा और राप्ती जैसी बड़ी नदियाँ जब एक साथ उफान पर होती हैं तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. उन्होंने कहा कि जब गंगा और सरयू दोनों का पानी बैक करता है तो राप्ती नदी का जलस्तर खतरनाक हो जाता है. कभी-कभी एक साथ 25 लाख क्यूसेक पानी बहता है जिससे बड़े इलाके प्रभावित होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर ज़िले में अलर्ट, तकनीक से होगा समाधान</strong><br />स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि सभी जिलों के डीएम के साथ आपदा प्रबंधन की बैठकें हो चुकी हैं और तकनीक के इस्तेमाल से तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है. टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर बजट की भी बचत की जा रही है.उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हर डिवीजन को समय से बजट मिले, काम कुशलता से हो और जनता को कोई नुकसान न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> खुद बाढ़ प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और विभागों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं. मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस बार मानसून से पहले 100% तैयारी पूरी होगी और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/irs-vs-irs-in-lucknow-fir-lodged-against-yogendra-mishra-under-7-sections-on-the-complaint-of-gaurav-garg-2953718″><strong>गौरव गर्ग की शिकायत पर योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ इन 7 धाराओं में FIR, अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Monsoon 2025:</strong> उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून से पहले ही बाढ़ से निपटने की तैयारयों को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 7 जून तक बाढ़ प्रबंधन की सभी तैयारियां पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है. पहले इसकी अंतिम तिथि 15 जून थी लेकिन समय रहते सभी जरूरी काम निपटाने के लिए अब इसे पहले ही पूरा किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पिछले साल 8 जुलाई को बारिश ने विकराल रूप ले लिया था. इस बार हम कोई भी चूक नहीं करना चाहते. अभी तक करीब 1600 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिससे 40 लाख हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से सुरक्षित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये जिले हैं सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित</strong><br />उन्होंने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में देवीपाटन मंडल के श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, बाराबंकी, सीतापुर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, संत कबीरनगर, बलिया, गाज़ीपुर और आज़मगढ़ शामिल हैं. साथ ही, बिजनौर, फर्रुखाबाद और यमुना किनारे के जिलों में औरैया, इटावा, उरई और जालौन में भी कभी-कभी बाढ़ का खतरा बना रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी नदियों की बाढ़ बनी सबसे बड़ी चुनौती</strong><br />जल शक्ति मंत्री ने बताया कि गंगा, सरयू, घाघरा और राप्ती जैसी बड़ी नदियाँ जब एक साथ उफान पर होती हैं तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. उन्होंने कहा कि जब गंगा और सरयू दोनों का पानी बैक करता है तो राप्ती नदी का जलस्तर खतरनाक हो जाता है. कभी-कभी एक साथ 25 लाख क्यूसेक पानी बहता है जिससे बड़े इलाके प्रभावित होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर ज़िले में अलर्ट, तकनीक से होगा समाधान</strong><br />स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि सभी जिलों के डीएम के साथ आपदा प्रबंधन की बैठकें हो चुकी हैं और तकनीक के इस्तेमाल से तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है. टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर बजट की भी बचत की जा रही है.उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हर डिवीजन को समय से बजट मिले, काम कुशलता से हो और जनता को कोई नुकसान न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> खुद बाढ़ प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और विभागों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं. मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस बार मानसून से पहले 100% तैयारी पूरी होगी और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि रहेगी.</p>
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