मानसून से पहले दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर HC का सख्त आदेश, अतिक्रमण हटाने के निर्देश

मानसून से पहले दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर HC का सख्त आदेश, अतिक्रमण हटाने के निर्देश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi HC On Drain Blockage:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने साउथ ईस्ट दिल्ली के तैमूर नगर इलाके में एक नाले को अवरुद्ध करने वाली अवैध संरचनाओं को तत्काल हटाने का निर्देश दिया. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत पी.एस. अरोड़ा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में लोगों का इस तरह के हालात में रहना शर्मनाक है. अदालत ने कहा कि मानसून से पहले नाले को पूरी तरह कार्यात्मक बनाना ज़रूरी है, ताकि आसपास की कॉलोनियों में जलभराव की समस्या न हो. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाले पर बसी कॉलोनियों को नहीं मिलेगी छूट- हाई कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि नाले, सार्वजनिक रास्तों या सड़कों पर बनी अवैध कॉलोनियों को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा, ”चाहे वह झुग्गी-झोपड़ी हो या कोई नियमित कॉलोनी, जो भी नाले के प्रवाह में रुकावट है, उसे हटाना होगा. व्यापक जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसकी लापरवाही से नाले पर अतिक्रमण?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा पेश नाले के स्थिति के सर्वे के बाद की. सर्वे में खुलासा हुआ कि दिल्ली विकास प्राधिकरण, एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही के कारण नाले की पूरी चौड़ाई पर अतिक्रमण हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>23 अप्रैल तक नाले पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 23 अप्रैल तक संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर अतिक्रमण हटाने और नाले के निर्माण की योजना बनाने का आदेश दिया. यह योजना 28 अप्रैल को अदालत के सामने रखी जाएगी. STF को निर्देश दिया गया कि वह नाले का काम तुरंत शुरू करे और सभी अवरोधों को हटाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जोन ओ और यमुना बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण गैरकानूनी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>DDA की ओर से पेश वकील प्रभसहाय कौर ने कहा, ”तैमूर नगर नाला जोन ओ और यमुना बाढ़ मैदान में आता है इसलिए यहां अवैध कब्ज़ों को कोई अधिकार नहीं मिलेगा.” हालांकि, नाले के पास बनी एक इमारत के निवासियों के वकील ने कहा कि ऐसी कई संरचनाएं हैं और सभी के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए. इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि नाले पर कोई निर्माण स्वीकार्य नहीं है. अगर मानसून में नाला बह नहीं पाया, तो जान-माल का भारी नुकसान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जलभराव की शिकायतों पर स्वतः संज्ञान &nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला अदालत द्वारा दिल्ली में जलभराव, वर्षा जल प्रबंधन और ट्रैफिक जाम से जुड़ी याचिकाओं पर स्वतः संज्ञान लेने के बाद उठाया गया था. पिछले वर्षों में मानसून के दौरान अवरुद्ध नालों के कारण राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो जाते हैं, जिससे नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi HC On Drain Blockage:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने साउथ ईस्ट दिल्ली के तैमूर नगर इलाके में एक नाले को अवरुद्ध करने वाली अवैध संरचनाओं को तत्काल हटाने का निर्देश दिया. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत पी.एस. अरोड़ा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में लोगों का इस तरह के हालात में रहना शर्मनाक है. अदालत ने कहा कि मानसून से पहले नाले को पूरी तरह कार्यात्मक बनाना ज़रूरी है, ताकि आसपास की कॉलोनियों में जलभराव की समस्या न हो. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाले पर बसी कॉलोनियों को नहीं मिलेगी छूट- हाई कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि नाले, सार्वजनिक रास्तों या सड़कों पर बनी अवैध कॉलोनियों को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा, ”चाहे वह झुग्गी-झोपड़ी हो या कोई नियमित कॉलोनी, जो भी नाले के प्रवाह में रुकावट है, उसे हटाना होगा. व्यापक जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसकी लापरवाही से नाले पर अतिक्रमण?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा पेश नाले के स्थिति के सर्वे के बाद की. सर्वे में खुलासा हुआ कि दिल्ली विकास प्राधिकरण, एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही के कारण नाले की पूरी चौड़ाई पर अतिक्रमण हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>23 अप्रैल तक नाले पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 23 अप्रैल तक संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर अतिक्रमण हटाने और नाले के निर्माण की योजना बनाने का आदेश दिया. यह योजना 28 अप्रैल को अदालत के सामने रखी जाएगी. STF को निर्देश दिया गया कि वह नाले का काम तुरंत शुरू करे और सभी अवरोधों को हटाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जोन ओ और यमुना बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण गैरकानूनी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>DDA की ओर से पेश वकील प्रभसहाय कौर ने कहा, ”तैमूर नगर नाला जोन ओ और यमुना बाढ़ मैदान में आता है इसलिए यहां अवैध कब्ज़ों को कोई अधिकार नहीं मिलेगा.” हालांकि, नाले के पास बनी एक इमारत के निवासियों के वकील ने कहा कि ऐसी कई संरचनाएं हैं और सभी के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए. इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि नाले पर कोई निर्माण स्वीकार्य नहीं है. अगर मानसून में नाला बह नहीं पाया, तो जान-माल का भारी नुकसान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जलभराव की शिकायतों पर स्वतः संज्ञान &nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला अदालत द्वारा दिल्ली में जलभराव, वर्षा जल प्रबंधन और ट्रैफिक जाम से जुड़ी याचिकाओं पर स्वतः संज्ञान लेने के बाद उठाया गया था. पिछले वर्षों में मानसून के दौरान अवरुद्ध नालों के कारण राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो जाते हैं, जिससे नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.</p>  दिल्ली NCR ‘2030 से पहले हटाए जाएंगे कूड़े के सभी पहाड़’, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का बड़ा वादा