हरियाणा के 8 नगर निगमों सहित 32 नगर पालिकाओं के चुनाव मार्च में होने वाले हैं। इन चुनावों को सत्तासीन भाजपा और विपक्ष के बीच वोटों की एक और लड़ाई के मद्देनजर ‘मिनी विधानसभा चुनाव’ करार दिया जा रहा है। कुछ नगर निगमों की मतदाता सूचियों को अंतिम रूप न दिया जाना एमसी चुनावों में देरी का प्रमुख कारण है, जो पहले से ही काफी समय से लंबित हैं। सूत्रों ने कहा कि हिसार और रोहतक नगर निगमों के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी। दूसरी ओर, करनाल और यमुनानगर नगर निगमों की मतदाता सूची 28 जनवरी तक जारी की जाएगी। अन्य नगर पालिकाओं की मतदाता सूची राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर पहले ही डाल दिया गया था। पानीपत एमसी के वार्डों के परिसीमन पर काम अभी भी चल रहा है, जिससे अन्य एमसी के साथ इसके चुनावों को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। इसी तरह कालियांवाली म्युनिसिपल कमेटी की चुनाव प्रक्रिया भी मुकदमेबाजी में है। 8 फरवरी के बाद जारी होगा शेड्यूल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एकल चरण के एमसी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा 8 फरवरी के बाद की जाएगी। जब दिल्ली विधानसभा चुनावों के चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, चूंकि चुनावों की अधिसूचना से लेकर नतीजों तक पूरी चुनावी प्रक्रिया में लगभग 25 दिन लगेंगे। हम मार्च में एमसी चुनावों की उम्मीद कर सकते हैं। यह तर्क दिया गया है कि विभिन्न दलों के पार्टी कैडर की एक बड़ी संख्या 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में व्यस्त होगी। इसलिए राज्य चुनाव आयोग 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के बाद ही एमसी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। हाईकोर्ट में सरकार ने 4 जनवरी दी थी डेट हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान भरोसा दिलाया था कि 4 जनवरी से पहले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी और 4 फरवरी तक चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा हाई कोर्ट में दिलाए गए इस भरोसे पर यकीन करें तो राज्य में शहरी निकाय चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होनी चाहिए थी। राज्य ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि परिणामों की घोषणा के लिए अंतत पूरी प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। राज्य द्वारा आश्वासन एक याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें नगर निकाय चुनाव कराने के निर्देश मांगे गए थे। BJP-कांग्रेस पार्टी सिंबल पर लड़ेंगी 5 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह सभी नगर पालिकाओं का चुनाव अपने पार्टी चिन्ह पर लड़ेगी। कांग्रेस परंपरागत रूप से मेयर सहित नगर निगमों का चुनाव अपने पार्टी चिन्ह पर लड़ती है। हालांकि इस आशय का औपचारिक निर्णय अभी पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाना बाकी है। इस बीच, आप ने सभी एमसी चुनाव पार्टी चिन्ह पर लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की है। अन्य पार्टियां भी पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ती हैं और कुछ नगर निकायों में ‘समान विचारधारा’ वाले उम्मीदवारों का समर्थन करती हैं। एक चरण में होने हैं निकाय चुनाव शहर की सरकार के चुनाव एक ही चरण में होंगे। इसे लेकर सरकार में मंथन हो चुका है। जल्द चुनाव घोषित होने की संभावना बनी हुई है। पहले यह लगभग तय हो चुका था कि जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव होगा। कोर्ट में भी यही कहा गया था कि फरवरी तक चुनाव करा लिए जाएंगे, लेकिन अब एक चरण में चुनाव कराने का लगभग फैसला ले लिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा में नगर निकाय चुनाव दिल्ली विधानसभा तक टाले जा सकते हैं। राज्य में सोमवार को 26 निकायों की वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। रोहतक, हिसार और थानेसर नगर निगम की वोटर लिस्ट का काम 15 जनवरी तक तो करनाल नगर निगम की वोटर लिस्ट का कार्य 28 जनवरी तक पूरा होगा। पहले दो चरणों में चुनाव की थी तैयारी प्रदेश में 34 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में तीन नगर निगम, तीन नगर परिषद और 20 नगर पालिकाओं के चुनाव कराने की बात कही गई थी। पहले चरण में गुड़गांव, फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम तो अंबाला कैंट, पटौदी और सिरसा नगर परिषद को शामिल किया गया था, जबकि बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर पालिका शामिल है। पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर को दूसरे चरण के चुनाव में शामिल किया गया था। थानेसर और कालांवाली के चुनाव भी दूसरे चरण में शामिल थे। हरियाणा के 8 नगर निगमों सहित 32 नगर पालिकाओं के चुनाव मार्च में होने वाले हैं। इन चुनावों को सत्तासीन भाजपा और विपक्ष के बीच वोटों की एक और लड़ाई के मद्देनजर ‘मिनी विधानसभा चुनाव’ करार दिया जा रहा है। कुछ नगर निगमों की मतदाता सूचियों को अंतिम रूप न दिया जाना एमसी चुनावों में देरी का प्रमुख कारण है, जो पहले से ही काफी समय से लंबित हैं। सूत्रों ने कहा कि हिसार और रोहतक नगर निगमों के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी। दूसरी ओर, करनाल और यमुनानगर नगर निगमों की मतदाता सूची 28 जनवरी तक जारी की जाएगी। अन्य नगर पालिकाओं की मतदाता सूची राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर पहले ही डाल दिया गया था। पानीपत एमसी के वार्डों के परिसीमन पर काम अभी भी चल रहा है, जिससे अन्य एमसी के साथ इसके चुनावों को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। इसी तरह कालियांवाली म्युनिसिपल कमेटी की चुनाव प्रक्रिया भी मुकदमेबाजी में है। 8 फरवरी के बाद जारी होगा शेड्यूल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एकल चरण के एमसी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा 8 फरवरी के बाद की जाएगी। जब दिल्ली विधानसभा चुनावों के चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, चूंकि चुनावों की अधिसूचना से लेकर नतीजों तक पूरी चुनावी प्रक्रिया में लगभग 25 दिन लगेंगे। हम मार्च में एमसी चुनावों की उम्मीद कर सकते हैं। यह तर्क दिया गया है कि विभिन्न दलों के पार्टी कैडर की एक बड़ी संख्या 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में व्यस्त होगी। इसलिए राज्य चुनाव आयोग 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के बाद ही एमसी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। हाईकोर्ट में सरकार ने 4 जनवरी दी थी डेट हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान भरोसा दिलाया था कि 4 जनवरी से पहले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी और 4 फरवरी तक चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा हाई कोर्ट में दिलाए गए इस भरोसे पर यकीन करें तो राज्य में शहरी निकाय चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होनी चाहिए थी। राज्य ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि परिणामों की घोषणा के लिए अंतत पूरी प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। राज्य द्वारा आश्वासन एक याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें नगर निकाय चुनाव कराने के निर्देश मांगे गए थे। BJP-कांग्रेस पार्टी सिंबल पर लड़ेंगी 5 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह सभी नगर पालिकाओं का चुनाव अपने पार्टी चिन्ह पर लड़ेगी। कांग्रेस परंपरागत रूप से मेयर सहित नगर निगमों का चुनाव अपने पार्टी चिन्ह पर लड़ती है। हालांकि इस आशय का औपचारिक निर्णय अभी पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाना बाकी है। इस बीच, आप ने सभी एमसी चुनाव पार्टी चिन्ह पर लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की है। अन्य पार्टियां भी पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ती हैं और कुछ नगर निकायों में ‘समान विचारधारा’ वाले उम्मीदवारों का समर्थन करती हैं। एक चरण में होने हैं निकाय चुनाव शहर की सरकार के चुनाव एक ही चरण में होंगे। इसे लेकर सरकार में मंथन हो चुका है। जल्द चुनाव घोषित होने की संभावना बनी हुई है। पहले यह लगभग तय हो चुका था कि जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव होगा। कोर्ट में भी यही कहा गया था कि फरवरी तक चुनाव करा लिए जाएंगे, लेकिन अब एक चरण में चुनाव कराने का लगभग फैसला ले लिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा में नगर निकाय चुनाव दिल्ली विधानसभा तक टाले जा सकते हैं। राज्य में सोमवार को 26 निकायों की वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। रोहतक, हिसार और थानेसर नगर निगम की वोटर लिस्ट का काम 15 जनवरी तक तो करनाल नगर निगम की वोटर लिस्ट का कार्य 28 जनवरी तक पूरा होगा। पहले दो चरणों में चुनाव की थी तैयारी प्रदेश में 34 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में तीन नगर निगम, तीन नगर परिषद और 20 नगर पालिकाओं के चुनाव कराने की बात कही गई थी। पहले चरण में गुड़गांव, फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम तो अंबाला कैंट, पटौदी और सिरसा नगर परिषद को शामिल किया गया था, जबकि बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर पालिका शामिल है। पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर को दूसरे चरण के चुनाव में शामिल किया गया था। थानेसर और कालांवाली के चुनाव भी दूसरे चरण में शामिल थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव का आज जारी होगा नोटिफिकेशन:बीजेपी में एक और दावेदार जुड़ा; अब तक 5 कर रहे लॉबिंग, दलित कोटे से खाली हुई सीट हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी होगा। इस सीट के लिए बीजेपी में कई नेता अपना दावा ठोक चुके हैं। इन सबके बीच अब एक और नया दावेदार जुड़ गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले डॉ बनवारी लाल भी इस सीट के लिए दावा ठोंकने लगे हैं। इसकी एक वजह यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी वाबल सीट से टिकट काट दी गई थी। पार्टी उन्हें राज्यसभा से टिकट देकर उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेगी। राज्यसभा की यह सीट SC कोटे से खाली हुई है। हालांकि इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कृष्ण लाल पंवार SC कोटे से राज्यसभा गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि SC कोटे से ही नेता राज्यसभा में भेजा जाएगा। हालांकि, भाजपा अभी चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव घोषणा की तारीख का इंतजार कर रही है। चुनाव का ये है शेड्यूल हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। 3 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 10 दिसंबर को नामांकन की लास्ट डेट है। वोटिंग उसी सूरत में होगी, जब दूसरा नामांकन आएगा। भाजपा की संख्या बल के हिसाब से जीत तय मानी जा रही है, कांग्रेस पिछले राज्यसभा उपचुनाव की तरह इस चुनाव से भी किनारा कर सकती है। यहां पढ़िए कौन नेता क्यों दावेदार… डॉ बनवारी लाल, पार्टी का बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा उपचुनाव के लिए डॉ बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माने जाने की तीन बड़ी वजहें हैं। पहली विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काट कर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। दूसरी पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। तीसरी वजह यह है कि वह पार्टी के दो केंद्रीय मंत्रियों के करीबी हैं। पहला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। ये दोनों नेता बनवारी लाल की पैरवी कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई, हरियाणा-राजस्थान के वोटरों में पकड़ पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे हैं। 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। 3 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों पर पकड़ है। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में पद है। ऐसे में इनके चेहरे पर पार्टी में विचार चल रहा है। सुनीता दुग्गल: पार्टी का बड़ा दलित चेहरा, टिकट कटी थी पार्टी का बड़ा दलित चेहरा है। सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दी। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मोहन लाल बड़ौली: खुद नहीं लड़े, पार्टी को जितवाया हरियाणा में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान है। इसके अलावा लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार को साथ लेकर अच्छा काम किया। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम करेंगे। बड़ौली कह चुके हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी वह उसे बखूबी निभाएंगे। संजय भाटिया: खट्टर के लिए सीट छोड़ी, संगठन में एक्टिव पंजाबी समुदाय से आते हैं। करनाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, वह दोनों चुनावों में संगठन के लिए काम करते रहे।हाल ही में नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले कार्यक्रम के मुख्य संयोजक की भूमिका भी निभा चुके हैं। लगातार उपेक्षा के बाद भी भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। सुदेश कटारिया: विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को एकजुट किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में दलित वोट के छिटकने के कारण पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी टीम के दलित फेस कटारिया को फील्ड में उतारा था। जिसके बाद उन्होंने सूबे की सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।चुनाव में परिणाम में अच्छे परिणाम भी रहे। इसके बाद यह पूरी संभावना है दलित चेहरे के रूप में कटारिया को राज्यसभा सीट का बीजेपी चेहरा बना दे। ये 2 जाट चेहरे भी ठोक रहे दावा इन 5 नाम के अलावा, 2 बड़े जाट चेहरे भी अपना दावा राज्यसभा के लिए ठोक रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल हैं। हालांकि ये दोनों बड़े जाट चेहरे विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों की दावेदारी में सबसे बड़ा पेंच यह है कि इसी साल खाली हुई एक राज्यसभा सीट से सुभाष बराला को पार्टी सांसद बना चुकी है। बराला भी जाट कम्युनिटी से आते हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।
रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी
रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी अक्सर ऊंचे पद पर नौकरी करने वाले लोगों की शादियां दान-दहेज के चलते चर्चा में रहती हैं। लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी जिले के खालेटा गांव निवासी सेना में कैप्टन ललित यादव की शादी बगैर दान-दहेज के होने पर चर्चा बटोर रही हैं। ललित के पिता महेंद्र सिंह भी सेना में कप्तान के पद से रिटायर्ड हैं। महेंद्र सिंह के मुताबिक, वह वर्तमान में सेक्टर-3 में रहते हैं। कैप्टन ललित यादव का विवाह रेवाड़ी शहर के ही मोहल्ला आदर्श नगर निवासी पंकज यादव की पुत्री अनीषा राव के साथ हुआ है। दोनों ने रिश्ता तय होते ही ठान ली थी अनीषा राव जूलॉजी विषय में एमएससी है। इसके अतिरिक्त B.Ed M.Ed भी उन्होंने किया हुआ है। सीटेट, एचटेट, नेट, गेट जैसी तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं भी उन्होंने उत्तीर्ण की हुई है। कैप्टन ललित यादव व अनीषा राव दोनों ने ही रिश्ता तय होने के समय यह तय कर लिया था कि उनका विवाह बिना किसी दहेज के होगा। दूल्हा बोला-दहेज एक कुरीति है कैप्टन ललित यादव कुमाऊं रेजीमेंट में वर्तमान में बरेली पोस्टेड है। कैप्टन ललित यादव का कहना है कि दहेज एक कुरीति है जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर समाप्त करना होगा। कैप्टन ललित यादव के पिता सेवानिवृत्त कैप्टन महेंद्र सिंह यादव व माता सरिता यादव का कहना है कि उनके लिए बेटी ही दहेज है। अनीषा का घर में आगमन खुशहाली लेकर आया है। कैप्टन ललित यादव की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। ललित 2019 में पासिंग आउट के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वर्तमान में उनका प्रमोशन हो चुका है और कैप्टन के पद पर तैनात है। चार पीढ़ियां दे चुकी सेना में सेवाएं
ललित के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में सेवाएं दे चुकी हैं। उनके परदादा भी सेना में ही थे। दादा उमराव सिंह सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए है और उनकी अभी 99 साल उम्र हैं। उमराव सिंह ऐसे सैनिक है, जिन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1971 तक पांच लड़ाईयों में हिस्सा लिया। इसके अलावा ललित के बड़े ताऊ चंदन सिंह कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए। दूसरे ताऊ विरेंद्र सिंह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। जबकि पिता महेंद्र सिंह सेना में ही कप्तान के पद से रिटायर्ड है।
हिसार में जन परिवाद समिति की बैठक आज:पंचायत मंत्री करेंगे अध्यक्षता, सुनेंगे 15 शिकायतें, CM का साला कहने का मामला भी उठेगा
हिसार में जन परिवाद समिति की बैठक आज:पंचायत मंत्री करेंगे अध्यक्षता, सुनेंगे 15 शिकायतें, CM का साला कहने का मामला भी उठेगा हरियाणा के हिसार में आज जनपरिवाद समिति की बैठक होगी। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार करेंगे। बैठक में कुल 15 शिकायतें पेश की जाएंगी। बैठक में सभी विभागाध्यक्षों को उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं। बैठक में 6 पुरानी और 9 नई शिकायतों पर सुनवाई होगी। इसमें अधिकारी 6 पुराने मामलों पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेंगे। इनमें से अधिकतर मामलों पर मंत्री ने कमेटी गठित की थी। इस बार बैठक में दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर विकसित सेक्टर 25 की मार्केट का मुद्दा भी उठाया जाएगा। शहरवासियों ने इसमें करोड़ों रुपये खर्च कर दुकानें खरीदी थीं, लेकिन आज तक उन्हें न तो जमीन मिली और न ही पैसे वापस मिले। लोगों ने अपनी जमा पूंजी इसमें लगा दी और बर्बाद हो गई। इसके अलावा सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां से संबंधित शिकायतें भी पेश की जाएंगी। ये मामले मीटिंग में उठेंगे
1. गांव शिकारपुर का राशन डिपो से जुड़ा मामला उठाया जाएगा। इसमें शिकायकर्ता रण सिंह हैं। उनका कहना है कि जब वे राशन लेने जाते हैं तो डिपो की मशीन खराब मिलती है या फिर कहा जाता है राशन खत्म हो गया। दूसरे गांव के लोगों को यहां राशन दे दिया जाता है।
2. अर्बन एस्टेट टू निवासी केके सैनी की शिकायत है कि कॉपरेटिव समिति में अवैतनिक सचिव के पद पर त्याग पत्र देने के बाद भी किसी की शिकायत पर उनकी संपत्ति अटैच कर दी जाती है।
3. मिर्जापुर रोड पर अवैध कॉलोनियों के मामले में चंद्रलोक कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति की अन्य शिकायत में सोसाइटी के प्लॉट पर पुत्र का नाम ना चढ़ाने का मामला है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है न तो सोसायटी प्लॉट पर बेटे का नाम चढ़ा रही है, न ही रजिस्ट्रार समिति सहयोग कर रही है। भाजपा नेता राजेश शर्मा को भी न्याय मिलने का इंतजार… भाजपा नेता को CM का साला कहने का मामला भी उठेगा इससे पहले जनपरिवाद समिति की बैठक में 19 शिकायतों पर सुनवाई हुई थी, जिसमें 13 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। इससे पहले आखिरी बैठक 9 जून 2023 को हुई थी। मीटिंग में शिकायत पर सुनवाई करते हुए मंत्री पंवार ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) के खिलाफ जांच के आदेश दिए। BDO पर आरोप था कि उसने भाजपा नेता को कहा कि तू CM का साला होता, तो भी तेरा काम नहीं होता। एक बार मंत्री ने BDO को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। हालांकि बाद में कहा कि इनके खिलाफ जांच की जाए। बालावास गांव के रहने वाले राजेश शर्मा ने मंत्री को शिकायत में बताया कि उसका नाम जमीन के कागजों में गलत चढ़ा हुआ है। जब भी वह BDO के पास जाता है तो वह कहता है कि आप बार-बार आ जाते हो। राजेश शर्मा ने बताया था कि मैं स्याहड़वा गांव का भाजपा मंडल अध्यक्ष हूं। मैंने अधिकारी को बताया कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल का रिश्तेदार हूं। इस पर BDO ने कहा कि तू चाहे CM का साला बन जा, फिर भी तेरा काम नहीं होगा।