मिल्कीपुर उपचुनाव के मैदान में उतरी सपा की नारी शक्ति, डिंपल, प्रिया सरोज ने किया रोड शो, सामने आईं ये तस्वीरें मिल्कीपुर उपचुनाव के मैदान में उतरी सपा की नारी शक्ति, डिंपल, प्रिया सरोज ने किया रोड शो, सामने आईं ये तस्वीरें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड टेलीप्रॉम्पटर का जिक्र और ठहाकों की गूंज… जावेद अख्तर बोले- अच्छे दोस्त हैं, नहीं पूछ रहा कौन बंद हो जाता है?
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महाराष्ट्र में झटके के बाद झारखंड के Exit Poll में कांग्रेस को राहत? इस सर्वे में बनी सरकार, BJP बहुत पीछे
महाराष्ट्र में झटके के बाद झारखंड के Exit Poll में कांग्रेस को राहत? इस सर्वे में बनी सरकार, BJP बहुत पीछे <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhan Exit Polls 2024:</strong> 20 नवंबर झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण में 43 सीटों पर मतदान संपन्न हुए. झारखंड में हुए चुनाव के एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है. एक्सिस माई इंडिया ने झारखंड में हुए 43 सीटों पर हुए मतदान में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने की बात कही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड की 4 क्षेत्रवार सीटे जिनमें संथाल परगाना, कोल्हान, दक्षिण छोटानागपुर, उत्तरी छोटा नागपुर शामिल है. Axis My India के अनुसार बीजेपी नीत एनडीए को 25, कांग्रेस नीत इंडिया को 53, जेकेएलएम को 2 और अन्य को 1 सीट मिल सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड में एक्सिस माई इंडिया ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए को 25 सीटें, इंडिया को 53, जेकेएलएम को 2 और अन्य के खाते में 1 सीट आ रही है. झारखंड में 4 क्षेत्रवार सीटों में भी इंडिया गठबंधन को अधिक सीटें मिल रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड एग्जिट पोल विधानसभा चुनाव 2024 में संथाल क्षेत्र में 18 सीटें हैं,जिनमें एनडीए के खाते में 3 सीटें, इंडिया के खाते में 15 सीटें, जेकेएलएम 0 और अन्य को भी 0 सीट मिल सकती है. वही एनडीए के वोट शेयर की बात करें तो एनडीए को 37 प्रतिशत, इंडिया गठबंधन को 52 प्रतिशत, जेकेएलएम को 3 प्रतिशत और अन्य को 8 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है.</p>
करनाल में भाजपा के खिलाफ पोस्टर वार:अनिल विज बोले-हिम्मते है तो नाम से छापो, रोते हुए पोस्टरों से राजनीतिक तापमान चढ़ा
करनाल में भाजपा के खिलाफ पोस्टर वार:अनिल विज बोले-हिम्मते है तो नाम से छापो, रोते हुए पोस्टरों से राजनीतिक तापमान चढ़ा हरियाणा के करनाल में भाजपा के स्लोगन “म्हारा हरियाणा- नॉन स्टॉप हरियाणा” पर निशाना साधते हुए रामलीला ग्रांउड के प्रमुख स्थानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रोते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में म्हारा हरियाणा, नॉन स्टॉप महिला अत्याचार-10 साल में 14 हजार महिलाओं का बलात्कार और म्हारा हरियाणा, नॉन स्टॉप बेरोजगारी- हरियाणा में 1 करोड़ बेरोजगार जैसे स्लोगन लिखे गए हैं। इन पोस्टरों ने करनाल के राजनीतिक तापमान को एकदम से बढ़ा दिया है। अनिल विज का तीखा प्रहार,दम है तो नाम से छापो इस विवाद के बाद, हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। विज ने कहा कि, अगर किसी ने मां का दूध पिया है तो सामने आकर पोस्टर लगाए और अपने नाम से पोस्टर छापो। हम भी बताएंगे कि तुमने क्या-क्या किया। तुमने कहां-कहां गोली चलवाई, कहां-कहां लाठीचार्ज करवाया, सब कुछ बताएंगे। हम खामोश क्यों रहें? ये चुपके-चुपके पोस्टर लगा रहे हैं, तुम्हारे में दम नहीं है। मरी हुई कौम हो। दम है तो नाम से छापो और आओ सामने मैदान में। हम तो खड़े हैं और बताएंगे। इनमें दम ही नहीं है और ये सामने आकर बात कर ही नहीं सकते हैं।” विज के इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने पोस्टरबाजी को कायरता की निशानी बताते हुए कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधा, हालांकि सीधे तौर पर पार्टी का नाम नहीं लिया। पोस्टरबाजी ने राजनीतिक तापमान को चढ़ाया, कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया इन विवादित पोस्टरों ने भाजपा और कांग्रेस के बीच पहले से चले आ रहे तनाव को और भी बढ़ा दिया है। जहां भाजपा ने इस पोस्टरबाजी को कांग्रेस की ओछी राजनीति का हिस्सा बताया है, वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पोस्टर लगाना विकृत सोच का प्रतीक है, जिसने भी यह काम किया है, वह गलत किया है। हम इसकी निंदा करते हैं। सकारात्मक पोस्टरबाजी होनी चाहिए, और हमें जनता को गुमराह करने वाले संदेशों से बचना चाहिए। सूरजेवाला ने आगे कहा कि जनता को इन पोस्टरों को पढ़ने की जरूरत नहीं है। वे पहले से ही जानते हैं कि मनोहर लाल और नायब सिंह दोषी हैं। अब जनता वोट की चोट से फाइनल फैसला सुनाएगी। उन्होंने इस तरह की पोस्टरबाजी और गलत टिप्पणियों को कांग्रेस का हिस्सा नहीं मानते हुए इसे अस्वीकार्य बताया। करनाल की सड़कों पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस पर आरोप इस बीच, करनाल की दीवारों पर लगाए गए पोस्टरों ने शहर में हलचल मचा दी है। सीएम के ओएसडी संजय बठला ने कहा कि ये पोस्टर कांग्रेस द्वारा लगाए गए हैं, जो सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इस तरह की किसी भी गतिविधि से खुद को दूर कर लिया है और इस पोस्टरबाजी की कड़ी निंदा की है।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)