अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर सपा ने पासी समाज के अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। पासी समाज को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा भी पासी समाज से ही प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। भाजपा के पैनल में पांच नाम हैं। इसके अलावा परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें भी हैं। इन्होंने VRS (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) मांगा है। मिल्कीपुर में राष्ट्रवाद बनाम पीडीए के बीच होने वाला मुकाबला हिंदुत्व के एजेंडे पर यूपी की राजनीति की दिशा तय करेगा। मिल्कीपुर में करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। इनमें 1 लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। दलितों में भी करीब 57 हजार पासी मतदाता हैं। उपचुनाव में पासी समाज का उम्मीदवार नहीं उतारा, तो समाज का वोट एकतरफा दूसरे प्रत्याशी को चला जाएगा। वोट बैंक की ताकत के कारण ही भाजपा भी पासी समाज के प्रत्याशी को ही उतारने पर मंथन कर रही है। भाजपा की जिला कोर कमेटी ने अयोध्या के लिए संभावित प्रत्याशी का पैनल प्रदेश मुख्यालय भेज दिया है। पैनल में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभानु पासवान का नाम शामिल है। एक नाम परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार का भी है। हालांकि, इन्हें पैनल में शामिल नहीं किया गया है। सुरेंद्र कुमार रावत का नाम पैनल में नहीं
परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने भी भाजपा से टिकट की दावेदारी की है। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस आवेदन भी कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सुरेंद्र कुमार का नाम जिले के पैनल में शामिल नहीं है। उन्होंने लखनऊ में ही योगी सरकार के मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से संपर्क साधा है। उनके बारे में लखनऊ में ही सीएम, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन स्तर से ही निर्णय होगा। हालांकि मिल्कीपुर के भाजपा नेताओं में उनका विरोध अभी से शुरू हो गया है। दावेदारों और समर्थकों ने पार्टी नेताओं के सामने कैडर के कार्यकर्ता को ही टिकट देने और पैराशूट प्रत्याशी नहीं उतारने का आग्रह किया। वहीं, सुरेंद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से कहा कि उनका विरोध करने वाला भाजपाई नहीं है। वह जनता की मांग पर राजनीति में उतर रहे हैं। भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने सपा को समर्थन करने का निर्णय लिया है। आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है। लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही रहेगा। 15 जनवरी को घोषित होगा भाजपा प्रत्याशी
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि खरमास खत्म होने के बाद 15 जनवरी तक पार्टी प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और दोनों डिप्टी सीएम की मौजूदगी में पैनल पर मंथन किया जाएगा। कोर कमेटी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को देगी। केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक भी रहे हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है। क्षेत्र के 57 हजार से ज्यादा पासी मतदाताओं में अवधेश प्रसाद की मजबूत पकड़ है। वहीं, 30 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं। 30 हजार यादव मतदाता हैं। यादव, दलित और मुस्लिम (पीडीए) को साधने के लिए भी अजीत प्रसाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। कुंदरकी से बड़ी जीत की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे पॉलिटिकल परसेप्शन बदलने वाले होंगे। इसलिए योगी सरकार और भाजपा ने मिल्कीपुर में कुंदरकी से बड़ी जीत की रणनीति बनाई है। कटेहरी उपचुनाव की जीत के हीरो जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कुंदरकी की जीत के नायक जेपीएस राठौर के नेतृत्व में छह मंत्रियों की टीम अब 3 फरवरी तक मिल्कीपुर में ही डेरा जमाएगी। ————————— ये खबर भी पढ़ें… BJP का टिकट चाह रहे अफसर ने मांगा VRS, पारिवारिक वजह बताई, दबी जुबां बोले- बाकी आप खुद जान रहें अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले लखनऊ परिक्षेत्र के परिवहन उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। चर्चा है कि सुरेंद्र कुमार रावत भाजपा से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। प्रमुख सचिव परिवहन और परिवहन आयुक्त को भेजे गए एप्लिकेशन में 14 जनवरी तक VRS स्वीकार कर लेने की रिक्वेस्ट भी उन्होंने की है। पढ़ें पूरी खबर… अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर सपा ने पासी समाज के अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। पासी समाज को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा भी पासी समाज से ही प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। भाजपा के पैनल में पांच नाम हैं। इसके अलावा परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें भी हैं। इन्होंने VRS (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) मांगा है। मिल्कीपुर में राष्ट्रवाद बनाम पीडीए के बीच होने वाला मुकाबला हिंदुत्व के एजेंडे पर यूपी की राजनीति की दिशा तय करेगा। मिल्कीपुर में करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। इनमें 1 लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। दलितों में भी करीब 57 हजार पासी मतदाता हैं। उपचुनाव में पासी समाज का उम्मीदवार नहीं उतारा, तो समाज का वोट एकतरफा दूसरे प्रत्याशी को चला जाएगा। वोट बैंक की ताकत के कारण ही भाजपा भी पासी समाज के प्रत्याशी को ही उतारने पर मंथन कर रही है। भाजपा की जिला कोर कमेटी ने अयोध्या के लिए संभावित प्रत्याशी का पैनल प्रदेश मुख्यालय भेज दिया है। पैनल में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभानु पासवान का नाम शामिल है। एक नाम परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार का भी है। हालांकि, इन्हें पैनल में शामिल नहीं किया गया है। सुरेंद्र कुमार रावत का नाम पैनल में नहीं
परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने भी भाजपा से टिकट की दावेदारी की है। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस आवेदन भी कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सुरेंद्र कुमार का नाम जिले के पैनल में शामिल नहीं है। उन्होंने लखनऊ में ही योगी सरकार के मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से संपर्क साधा है। उनके बारे में लखनऊ में ही सीएम, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन स्तर से ही निर्णय होगा। हालांकि मिल्कीपुर के भाजपा नेताओं में उनका विरोध अभी से शुरू हो गया है। दावेदारों और समर्थकों ने पार्टी नेताओं के सामने कैडर के कार्यकर्ता को ही टिकट देने और पैराशूट प्रत्याशी नहीं उतारने का आग्रह किया। वहीं, सुरेंद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से कहा कि उनका विरोध करने वाला भाजपाई नहीं है। वह जनता की मांग पर राजनीति में उतर रहे हैं। भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने सपा को समर्थन करने का निर्णय लिया है। आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है। लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही रहेगा। 15 जनवरी को घोषित होगा भाजपा प्रत्याशी
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि खरमास खत्म होने के बाद 15 जनवरी तक पार्टी प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और दोनों डिप्टी सीएम की मौजूदगी में पैनल पर मंथन किया जाएगा। कोर कमेटी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को देगी। केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक भी रहे हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है। क्षेत्र के 57 हजार से ज्यादा पासी मतदाताओं में अवधेश प्रसाद की मजबूत पकड़ है। वहीं, 30 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं। 30 हजार यादव मतदाता हैं। यादव, दलित और मुस्लिम (पीडीए) को साधने के लिए भी अजीत प्रसाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। कुंदरकी से बड़ी जीत की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे पॉलिटिकल परसेप्शन बदलने वाले होंगे। इसलिए योगी सरकार और भाजपा ने मिल्कीपुर में कुंदरकी से बड़ी जीत की रणनीति बनाई है। कटेहरी उपचुनाव की जीत के हीरो जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कुंदरकी की जीत के नायक जेपीएस राठौर के नेतृत्व में छह मंत्रियों की टीम अब 3 फरवरी तक मिल्कीपुर में ही डेरा जमाएगी। ————————— ये खबर भी पढ़ें… BJP का टिकट चाह रहे अफसर ने मांगा VRS, पारिवारिक वजह बताई, दबी जुबां बोले- बाकी आप खुद जान रहें अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले लखनऊ परिक्षेत्र के परिवहन उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। चर्चा है कि सुरेंद्र कुमार रावत भाजपा से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। प्रमुख सचिव परिवहन और परिवहन आयुक्त को भेजे गए एप्लिकेशन में 14 जनवरी तक VRS स्वीकार कर लेने की रिक्वेस्ट भी उन्होंने की है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर