<div id=”:1zq” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:224″ aria-controls=”:224″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Crime News:</strong> मुंबई पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एक सराहनीय पहल की है. पहली बार मुंबई के 7 पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन की शुरुआत की गई है. यह ज़ोन विशेष रूप से उन बच्चों के लिए बनाए गए हैं जो किसी अपराध के शिकार हुए हैं या किसी जांच प्रक्रिया का हिस्सा हैं.<br /><br />मुंबई पुलिस लगातार बच्चों से जुड़े अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. हालांकि, कई बार जांच के दौरान पीड़ित बच्चों को पुलिस स्टेशन बुलाना पड़ता है. पुलिस स्टेशन का गंभीर माहौल बच्चों में डर और असहजता पैदा करता है, जिससे वे खुलकर बात नहीं कर पाते और जांच में सहयोग भी कठिन हो जाता है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”mr”>दि. 16/05/2025 रोजी जुहू पोलिस ठाणेचे वतीने मिठीबाई कॉलेज जुहू मुंबई येथे विद्यार्थ्याशी संवाद साधुन त्यांना*निर्भया पथक, सायबर क्राईम प्रशिक्षण,स्वसंरक्षणाचे धडे* इ. विषयी माहिती देण्यात आली.<a href=”https://twitter.com/CPMumbaiPolice?ref_src=twsrc%5Etfw”>@CPMumbaiPolice</a> <a href=”https://twitter.com/MumbaiPolice?ref_src=twsrc%5Etfw”>@MumbaiPolice</a> <a href=”https://twitter.com/DcpZone9Mumbai?ref_src=twsrc%5Etfw”>@DcpZone9Mumbai</a> <a href=”https://t.co/yEx5YF2YXg”>pic.twitter.com/yEx5YF2YXg</a></p>
— जूहू पोलीस ठाणे – Juhu PS Mumbai (@Juhu_PS) <a href=”https://twitter.com/Juhu_PS/status/1923612398235353490?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 17, 2025</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
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<strong>अब थाने में मिलेगा खेल और मुस्कान से भरा कमरा</strong><br />इस स्थिति को बदलने के लिए, पुलिस स्टेशनों में अब ऐसे कमरे बनाए गए हैं जो बच्चों के अनुकूल हैं. इन कमरों को कार्टून चित्रों, खिलौनों और गेम्स से सजाया गया है. यहां बच्चों को एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिलता है जिससे वे तनावमुक्त होकर पुलिस से बात कर सकें.<br /><br /><strong>बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित अधिकारी</strong><br />प्रत्येक चाइल्ड फ्रेंडली ज़ोन में एक प्रशिक्षित अधिकारी तैनात किया गया है जो बच्चों से संवेदनशीलता से बात करेगा, उन्हें सहज महसूस कराएगा और जांच में मदद लेगा. इस ज़ोन की एंट्री भी अलग रखी गई है ताकि बच्चों को यह जगह किसी थाने जैसी न लगे. साथ ही, आपात स्थिति के लिए बाहर एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.<br /><br /><strong>एनसीपीसीआर की गाइडलाइन के अनुसार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>• हर पुलिस स्टेशन में सहायक उपनिरीक्षक स्तर से नीचे के एक अधिकारी को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (CWPO) के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, जिसे बच्चों से संवाद और देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण मिला हो.<br />• CWPO और अन्य पुलिस कर्मियों को समय-समय पर POCSO, JJ Act, बाल श्रम कानून, और अन्य प्रासंगिक अधिनियमों में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.<br />• CWPO को ‘Track the Missing Child’ पोर्टल के संचालन व मॉनिटरिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है.<br />• विशेष किशोर पुलिस इकाइयों की बैठक भी CWPO की निगरानी में हों और सभी रिकॉर्ड सुव्यवस्थित रखे जाएं.<br />• साथ ही, बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भी इन अधिकारियों की होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुंबई पुलिस की यह पहल न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि उन्हें न्याय प्रणाली का भरोसेमंद हिस्सा भी बनाती है. यह एक उदाहरण है कि संवेदनशीलता और सुरक्षा साथ-साथ कैसे चल सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मुंबई एयरपोर्ट और ताज होटल को बम से उड़ाने की धमकी! अफजल गुरु का ‘बदला’ लेने की कही बात” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-airport-and-taj-hotel-get-bomb-threat-revenge-for-afzal-guru-hanging-2945341″ target=”_self”>मुंबई एयरपोर्ट और ताज होटल को बम से उड़ाने की धमकी! अफजल गुरु का ‘बदला’ लेने की कही बात</a></strong></p>
</div> <div id=”:1zq” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:224″ aria-controls=”:224″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Crime News:</strong> मुंबई पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एक सराहनीय पहल की है. पहली बार मुंबई के 7 पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन की शुरुआत की गई है. यह ज़ोन विशेष रूप से उन बच्चों के लिए बनाए गए हैं जो किसी अपराध के शिकार हुए हैं या किसी जांच प्रक्रिया का हिस्सा हैं.<br /><br />मुंबई पुलिस लगातार बच्चों से जुड़े अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. हालांकि, कई बार जांच के दौरान पीड़ित बच्चों को पुलिस स्टेशन बुलाना पड़ता है. पुलिस स्टेशन का गंभीर माहौल बच्चों में डर और असहजता पैदा करता है, जिससे वे खुलकर बात नहीं कर पाते और जांच में सहयोग भी कठिन हो जाता है.</p>
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<p dir=”ltr” lang=”mr”>दि. 16/05/2025 रोजी जुहू पोलिस ठाणेचे वतीने मिठीबाई कॉलेज जुहू मुंबई येथे विद्यार्थ्याशी संवाद साधुन त्यांना*निर्भया पथक, सायबर क्राईम प्रशिक्षण,स्वसंरक्षणाचे धडे* इ. विषयी माहिती देण्यात आली.<a href=”https://twitter.com/CPMumbaiPolice?ref_src=twsrc%5Etfw”>@CPMumbaiPolice</a> <a href=”https://twitter.com/MumbaiPolice?ref_src=twsrc%5Etfw”>@MumbaiPolice</a> <a href=”https://twitter.com/DcpZone9Mumbai?ref_src=twsrc%5Etfw”>@DcpZone9Mumbai</a> <a href=”https://t.co/yEx5YF2YXg”>pic.twitter.com/yEx5YF2YXg</a></p>
— जूहू पोलीस ठाणे – Juhu PS Mumbai (@Juhu_PS) <a href=”https://twitter.com/Juhu_PS/status/1923612398235353490?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 17, 2025</a></blockquote>
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<strong>अब थाने में मिलेगा खेल और मुस्कान से भरा कमरा</strong><br />इस स्थिति को बदलने के लिए, पुलिस स्टेशनों में अब ऐसे कमरे बनाए गए हैं जो बच्चों के अनुकूल हैं. इन कमरों को कार्टून चित्रों, खिलौनों और गेम्स से सजाया गया है. यहां बच्चों को एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिलता है जिससे वे तनावमुक्त होकर पुलिस से बात कर सकें.<br /><br /><strong>बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित अधिकारी</strong><br />प्रत्येक चाइल्ड फ्रेंडली ज़ोन में एक प्रशिक्षित अधिकारी तैनात किया गया है जो बच्चों से संवेदनशीलता से बात करेगा, उन्हें सहज महसूस कराएगा और जांच में मदद लेगा. इस ज़ोन की एंट्री भी अलग रखी गई है ताकि बच्चों को यह जगह किसी थाने जैसी न लगे. साथ ही, आपात स्थिति के लिए बाहर एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.<br /><br /><strong>एनसीपीसीआर की गाइडलाइन के अनुसार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>• हर पुलिस स्टेशन में सहायक उपनिरीक्षक स्तर से नीचे के एक अधिकारी को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (CWPO) के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, जिसे बच्चों से संवाद और देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण मिला हो.<br />• CWPO और अन्य पुलिस कर्मियों को समय-समय पर POCSO, JJ Act, बाल श्रम कानून, और अन्य प्रासंगिक अधिनियमों में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.<br />• CWPO को ‘Track the Missing Child’ पोर्टल के संचालन व मॉनिटरिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है.<br />• विशेष किशोर पुलिस इकाइयों की बैठक भी CWPO की निगरानी में हों और सभी रिकॉर्ड सुव्यवस्थित रखे जाएं.<br />• साथ ही, बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भी इन अधिकारियों की होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुंबई पुलिस की यह पहल न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि उन्हें न्याय प्रणाली का भरोसेमंद हिस्सा भी बनाती है. यह एक उदाहरण है कि संवेदनशीलता और सुरक्षा साथ-साथ कैसे चल सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मुंबई एयरपोर्ट और ताज होटल को बम से उड़ाने की धमकी! अफजल गुरु का ‘बदला’ लेने की कही बात” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-airport-and-taj-hotel-get-bomb-threat-revenge-for-afzal-guru-hanging-2945341″ target=”_self”>मुंबई एयरपोर्ट और ताज होटल को बम से उड़ाने की धमकी! अफजल गुरु का ‘बदला’ लेने की कही बात</a></strong></p>
</div> महाराष्ट्र मुश्किल में पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव! सीवान कोर्ट ने जारी किया इश्तेहार, जानिए क्या है मामला?
मुंबई पुलिस की नई पहल, अब थाने में भी बच्चे महसूस करेंगे दोस्ताना माहौल
