मुक्तसर में 40 मुक्तों की याद में नगर कीर्तन:गतका पार्टी ने दिखाए करतब; माघी मेला का हुआ समापन, जगह-जगह लगाए लंगर

मुक्तसर में 40 मुक्तों की याद में नगर कीर्तन:गतका पार्टी ने दिखाए करतब; माघी मेला का हुआ समापन, जगह-जगह लगाए लंगर

मुक्तसर में 40 मुक्तों की पावन स्मृति में मनाया जाने वाला माघी मेला आज नगर कीर्तन के साथ समाप्त हो गया। इसे दौरान गतका पार्टी ने करतब दिखाए। वहीं शहर में जगह-जगह लंगर लगाए गए। श्री दरबार साहिब के गेट नंबर-4 से प्रारंभ हुआ यह नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया और पांच प्यारों की अध्यक्षता में निकाला गया। हैड ग्रंथी बलविंदर सिंह द्वारा की गई अरदास के साथ शुरू हुए इस नगर कीर्तन में रागी जत्थे ने संगत को वाहेगुरु के नाम से जोड़ा। वहीं बठिंडा के फतेह आर्मी बैंड द्वारा धार्मिक धुन बजाई और गुरुद्वारा खूह साहिब के नौजवानों द्वारा गतिक कौशल दिखाए गए। शहर के विभिन्न बाजारों में लगाए लंगर श्रद्धालुओं ने सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए कीर्तन मार्ग की सफाई की और शहर के विभिन्न बाजारों में विशाल लंगर का आयोजन किया। हालांकि मेला माघी औपचारिक रूप से समाप्त हो गया है, लेकिन मेले के उपलक्ष्य में लगे बाजारों में खरीद-फरोख्त की गतिविधियां अभी कुछ दिनों तक जारी रहेंगी। इस पवित्र अवसर पर शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय संगत ने कीर्तन यात्रा का भव्य स्वागत किया, जिसके लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। यह आयोजन सिख समुदाय की आस्था और एकता का प्रतीक बनकर उभरा। मुक्तसर में 40 मुक्तों की पावन स्मृति में मनाया जाने वाला माघी मेला आज नगर कीर्तन के साथ समाप्त हो गया। इसे दौरान गतका पार्टी ने करतब दिखाए। वहीं शहर में जगह-जगह लंगर लगाए गए। श्री दरबार साहिब के गेट नंबर-4 से प्रारंभ हुआ यह नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया और पांच प्यारों की अध्यक्षता में निकाला गया। हैड ग्रंथी बलविंदर सिंह द्वारा की गई अरदास के साथ शुरू हुए इस नगर कीर्तन में रागी जत्थे ने संगत को वाहेगुरु के नाम से जोड़ा। वहीं बठिंडा के फतेह आर्मी बैंड द्वारा धार्मिक धुन बजाई और गुरुद्वारा खूह साहिब के नौजवानों द्वारा गतिक कौशल दिखाए गए। शहर के विभिन्न बाजारों में लगाए लंगर श्रद्धालुओं ने सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए कीर्तन मार्ग की सफाई की और शहर के विभिन्न बाजारों में विशाल लंगर का आयोजन किया। हालांकि मेला माघी औपचारिक रूप से समाप्त हो गया है, लेकिन मेले के उपलक्ष्य में लगे बाजारों में खरीद-फरोख्त की गतिविधियां अभी कुछ दिनों तक जारी रहेंगी। इस पवित्र अवसर पर शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय संगत ने कीर्तन यात्रा का भव्य स्वागत किया, जिसके लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। यह आयोजन सिख समुदाय की आस्था और एकता का प्रतीक बनकर उभरा।   पंजाब | दैनिक भास्कर