‘मैं मानता हूं, मेरे भाई से गलती हुई। उसने गलत किया। लेकिन भीड़ को सजा देने का हक किसने दिया? सजा तो पुलिस और कानून ही दे सकते थे। मेरा भाई तो चला गया। अब वापस नहीं आएगा। हम अब बस यही चाहते हैं कि उन लोगों को भी सजा मिले, जिन्होंने मेरे भाई शाहेदीन कुरैशी की जान ली।’ यह कहना है मॉब लिंचिंग की घटना में जान गंवाने वाले मुरादाबाद के शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी का। आलम कुरैशी ने दैनिक भास्कर से कहा- घटना वाली रात से पहले दोपहर एक बजे शाहेदीन कुरैशी घर से मजदूरी के लिए निकला था। पड़ोस में रहने वाला अदनान नाम का लड़का उसे घर से बुलाकर ले गया था। उसने कहा था कि चलो..खाली बैठे हो, मेरे साथ चलो। कुछ काम है, 500 रुपए दूंगा। शाहेदीन ने अपनी बीवी रिजवाना से कहा कि शाम तक लौटकर आ जाऊंगा। लेकिन इसके बाद उसकी डेड बॉडी ही घर पहुंची। CCTV में बहुत लोग दिखे, मगर 9 दिन बाद भी कोई पकड़ा नहीं गया। पहले घटना पढ़िए… 30 दिसंबर, 2024 : मंडी समिति परिसर गोकशी पर भीड़ ने बेरहमी से पीटा
मुरादाबाद के मझोला इलाके में मंडी समिति परिसर में सोमवार को तड़के करीब 3 बजे भीड़ ने गोकशी की सूचना पर 4 लोगों को दौड़ाया था। इनमें से तीन तो भाग निकले। लेकिन एक युवक मौके पर पकड़ा गया था। भीड़ मौके पर पहुंची तो गोवंशीय पशु की कटी हुई गर्दन और अन्य अवशेष मौके पर पड़े मिले। जिसे देख भीड़ भड़क गई। मौके से पकड़े गए युवक को बेरहमी से पीटा। भीड़ करीब आधे घंटे तक युवक को लात-घूसों और डंडों से बेरहमी से पीटती रही। इतना पीटा कि युवक मरणासन्न हालत में पहुंच गया। आधे घंटे बाद दोपहर के 3:30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को तुरंत अस्पताल भिजवाया। मंगलवार तड़के करीब 3:30 बजे इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। मरने वाले युवक का नाम शाहेदीन कुरैशी था। वो मुरादाबाद में असालतपुरा भूड़ा का चौराहा बकरी का हाता का रहने वाला था। अदनान के साथ स्कूटी से मंडी समिति पहुंचा था शाहेदीन
पुलिस का कहना है कि जब शाहेदीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उसने अपना नाम-पता बताने के साथ ही मौके से भागे अपने साथी का नाम भी पुलिस को बताया था। उसने कहा था कि वो असालतपुरा में ही हरी चुगो की मस्जिद के पास रहने वाले अदनान के साथ मंडी समिति परिसर आया था। वह उसे 500 रुपए का लालच देकर अपने साथ लाया था। शाहेदीन के बयान के बाद पुलिस ने अदनान को भी अरेस्ट कर लिया था। अदनान जेल जा चुका है। भाई ने दर्ज कराई हत्या की रिपोर्ट, CCTV से हो रही तलाश
शाहेदीन की मंगलवार तड़के मौत के बाद इलाके में तनाव हो गया था। पुलिस ने रात में ही शाहेदीन की डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद मंगलवार सुबह में उसके शव को कड़ी सुरक्षा में दफन करा दिया था। इस मामले में शाहेदीन के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी की ओर से पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शाहेदीन की हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि CCTV की फुटेज से भीड़ में शामिल लोगों को ट्रेस करने की कार्रवाई चल रही है। घटना में शामिल लोगों को चिह्नित करके गिरफ्तार किया जाएगा। अब शाहेदीन का फैमिली बैकग्राउंड बताते हैं…
किराए के घर में रहती है शाहेदीन की फैमिली
मुरादाबाद शहर में गलशहीद थाना क्षेत्र में बसा असालतपुरा पशुओं के कटान के लिए ही पहचाना जाता है। यहां पहले कई स्लाटर हाउस थे। जाे धीरे-धीरे बंद हो गए। लेकिन मोहल्लों के नाम उसी तर्ज पर हैं। जैसे असालतपुरा बड़ा हाता, छोटा हाता और बकरी का हाता। यहां भूड़ा चौराहा एक फेमस जगह है। इसी चौराहे के दोनों साइड 100-100 मीटर की दूरी पर कुरैशी बिरादरी के दो बड़े नेता रहते हैं। चौराहे के एक ओर कांग्रेस नेता और सपा के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी का घर है तो दूसरी ओर सपा के मौजूदा विधायक हाजी नासिर कुरैशी की कोठी है। इसी चौराहे से बमुश्किल 150 की दूरी पर बकरी का हाता में शाहेदीन किराए के घर में रहता था। अब उसकी पत्नी और 3 बच्चे यहां हैं। शाहेदीन का पुश्तैनी घर भी इसी मोहल्ले में है। लेकिन 5 भाइयों में हुए बंटवारे में घर छोटा पड़ गया। बॉडी बिल्डिंग के शौकीन शाहेदीन की मीट की दुकान
शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी बताते हैं- 5 भाइयों में तीसरे नंबर का शाहेदीन कुरैशी पहले स्टील कारखाने में काम करता था। उसे बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक था। इसी वजह से कुछ गलत सप्लीमेंट खा लेने की वजह से बहुत बीमार हाे गया था। उसे 6 महीने तक अस्पताल में भी रहना पड़ा। इस दाैरान वो बीपी, शुगर का पैशेट हो गया। उसके एक फेफड़े ने भी काम करना बंद कर दिया था। बीमार होने से पहले शाहेदीन कुरैशी की मीट की दुकान थी। बाद में उसने दुकान बंद कर दी। वो स्टील फैक्ट्री में काम करने लगा। फिर बीमारी की वजह से वो काम भी छूट गया। पिछले कुछ वक्त से शाहेदीन दिहाड़ी मजदूर की तरह पल्लेदारी का काम करता था। पढ़िए शाहेदीन के भाई ने क्या कहा… पड़ोसी 500 रुपए की मजदूरी का लालच देकर ले गया
शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी ने दैनिक भास्कर डिजिटल एप से कहा- शाहेदीन कुरेशी मेरा छोटा भाई था। रविवार को दोपहर में करीब एक बजे पड़ोस का लड़का अदनान उसे 500 रुपए के लालच में मजदूरी पर ले गया था। शाहेदीन चला गया। क्योंकि वो मजदूरी करता था। आलम बोले- शाम तक लौटने की बात कहकर घर से निकला शाहेदीन सोमवार सुबह तक भी घर नहीं लौटा तो शाहेदीन की पत्नी रिजवाना मेरे पास आई। उसने कहा कि मजदूरी करने निकला शाहेदीन घर नहीं लौटा है। उसका फोन भी नहीं लग रहा है। इसके बाद हमने उसकी खोजबीन शुरू की। सिपाही ने घर आकर बताया, भीड़ ने पीटा है, अस्पताल में भर्ती है
आलम बताते हैं- हम शाहेदीन के बारे में खोजबीन कर ही रहे थे। तभी मझोला थाने से एक सिपाही हमारे घर आया। उसने बताया कि मझोला मंडी समिति में तुम्हारे भाई को पब्लिक ने बहुत पीटा है। अस्पताल में भर्ती है, जाकर देख लो। फिर पौने तीन बजे के करीब असालतपुरा पुलिस चौकी के दरोगा ने बुलाकर पूरी बात बताई। हम अस्पताल पहुंचे तो वहां पुलिस अधिकारी भी मिले। पुलिस ने मेरे भाई को बचाने की भरसक कोशिश की। उसे निजी अस्पताल में लेकर गए। लेकिन मंगलवार को रात करीब 3:30 बजे उसकी मौत हो गई। मेरे भाई ने गलती की, लेकिन सजा देने वाली पब्लिक कौन?
आलम कहते हैं- चलो..उसने गलत करा तो उसे कानून सजा देता। जनता को सजा देने का हक नहीं है। हमारी डिमांड है कि जिन लोगों ने मेरे भाई के साथ हादसा किया है, उनकी गिरफ्तारी हो। सरकार से मांग है कि उन्हें सजा दी जाए। भाई तो हमारा चला गया। अब तो वापस नहीं आएगा। बच्चों के बारे में सोचिए, बच्चों की लाइफ कैसे कटेगी। उसके परिवार को मदद मिलनी चाहिए। उसका तो अपना घर भी नहीं है। उसका परिवार किराए के मकान में रहता है। अदनान मंडी समिति के लोगों से मिला हुआ था
मोहम्मद आलम कहते हैं- मेरे भाई को मजदूरी का लालच देकर साथ लेकर गया अदनान डंके की चोट पर गोवंशीय पशु काटता है। कई बार जेल भी गया है। वो मेरे भाई को घर से बुलाकर नहीं ले जाता तो आज वो जिंदा होता। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ताकि वो किसी और को लालच देकर न फंसा सके। आलम बोले- मैं ये चाहता हूं कि आज मेरा भाई गया है। कल किसी और मां का लाल न जाए। अदनान लगातार यही काम करता है। वो तो इसी काम की खाता है। जहां से ये घटना हुई वो पूरा हिंदू इलाका है। दूर-दूर तक कोई मुसलमान नहीं है। किसी स्थानीय की शह के बगैर कोई मुसलमान वहां गाय काटने नहीं जा सकता। अदनान से पूछताछ करके पता लगा जाए कि उसे गाय काटने के लिए मंडी समिति बुलाने वाले स्थानीय लोग कौन थे? अब थोड़ा उस इलाके में बारे में समझिए जहां मॉब लिंचिंग की घटना हुई…
हिंदू एरिया में कई बार गोकशी
लाइनपार इलाके को मुरादाबाद का सबसे सॉलिड हिंदू एरिया माना जाता है। यहां 20 से भी अधिक कालोनी-मोहल्ले हैं। ये सभी हिंदू आबादी वाले क्षेत्र हैं। इसी एरिया में मंडी समिति परिसर आता है। जहां सोमवार तड़के गोकशी को लेकर मॉब लिंचिंग की ये घटना हुई। दरअसल मंडी समिति होने की वजह से यहां फल-सब्जी की आढ़ते हैं। बड़ी तादाद में सब्जियों और फलों की वेस्टेज परिसर में पड़ी रहती है। जिसकी वजह से आवारा पशु यहां घूमते रहते हैं। इस इलाके में गोकशी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि मंडी समिति परिसर में ही एक पुलिस चौकी भी है। जिसका नाम मंडी समिति चौकी है। लेकिन इसके बावजूद इस परिसर में भाजपा शासनकाल में भी पिछले साल गोकशी की कई घटनाएं हुईं। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए। पहला मौका है जब भीड़ ने गोकशी करने वालों को रंगे हाथ दौड़ा लिया। पीट-पीटकर मार डाला, गिरफ्तारी एक भी नहीं
एक युवक को भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला। घटना को लेकर कई वीडियोज सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहे हैं। लेकिन वारदात के बाद भी पुलिस एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। एसपी सिटी का कहना है कि सीसीटीवी से आरोपियों को चिह्नित करने की कोशिश चल रही है।
जमीयत के लीगल एडवाइजर शाहेदीन के घर पहुंचे
जमीयत के लीगल एडवाइजर मौलाना काब रशीदी गुरुवार को शाहेदीन के घर पहुंचे। परिवार से पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद काब रशीदी ने कहा-हमें ऊपर से यही आदेश है कि इस मामले काे गंभीरता से देखना है। ये कोई सामान्य हत्या की घटना नहीं है। इस मामले काे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
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पाकिस्तानी दोस्त की मदद से आगरा लौटे अभिषेक की कहानी, आगरा में बोले- पासपोर्ट छीना, टॉर्चर किया; घर जाने के लिए मांगे 5 लाख ‘मुझे टॉर्चर किया जाता था। मामूली गलती पर पीट देते थे। 12-12 घंटे काम लेते। जमीन पर सुलाते थे। मोबाइल छीन लिया, ताकि परिवार को कुछ बता न सकूं। जब भारत वापस आने की इच्छा जाहिर की। तब मालिक ने कमरे में बंद कर दिया। मेरा पासपोर्ट भी छीन लिया।’ ये दर्द है साउथ अफ्रीका में 5 महीने 20 दिन फंसे रहे अभिषेक शर्मा का। वह आगरा में अपने परिवार के पास पहुंच चुके हैं। मगर जॉब और हैवी पैकेज के नाम पर साउथ अफ्रीका पहुंचने और फिर फंसने की कहानी दर्द भरी है। भास्कर एप टीम ने आगरा में उनके घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। पढ़िए रिपोर्ट… ‘मैं मानता हूं, मेरे भाई से गलती हुई। उसने गलत किया। लेकिन भीड़ को सजा देने का हक किसने दिया? सजा तो पुलिस और कानून ही दे सकते थे। मेरा भाई तो चला गया। अब वापस नहीं आएगा। हम अब बस यही चाहते हैं कि उन लोगों को भी सजा मिले, जिन्होंने मेरे भाई शाहेदीन कुरैशी की जान ली।’ यह कहना है मॉब लिंचिंग की घटना में जान गंवाने वाले मुरादाबाद के शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी का। आलम कुरैशी ने दैनिक भास्कर से कहा- घटना वाली रात से पहले दोपहर एक बजे शाहेदीन कुरैशी घर से मजदूरी के लिए निकला था। पड़ोस में रहने वाला अदनान नाम का लड़का उसे घर से बुलाकर ले गया था। उसने कहा था कि चलो..खाली बैठे हो, मेरे साथ चलो। कुछ काम है, 500 रुपए दूंगा। शाहेदीन ने अपनी बीवी रिजवाना से कहा कि शाम तक लौटकर आ जाऊंगा। लेकिन इसके बाद उसकी डेड बॉडी ही घर पहुंची। CCTV में बहुत लोग दिखे, मगर 9 दिन बाद भी कोई पकड़ा नहीं गया। पहले घटना पढ़िए… 30 दिसंबर, 2024 : मंडी समिति परिसर गोकशी पर भीड़ ने बेरहमी से पीटा
मुरादाबाद के मझोला इलाके में मंडी समिति परिसर में सोमवार को तड़के करीब 3 बजे भीड़ ने गोकशी की सूचना पर 4 लोगों को दौड़ाया था। इनमें से तीन तो भाग निकले। लेकिन एक युवक मौके पर पकड़ा गया था। भीड़ मौके पर पहुंची तो गोवंशीय पशु की कटी हुई गर्दन और अन्य अवशेष मौके पर पड़े मिले। जिसे देख भीड़ भड़क गई। मौके से पकड़े गए युवक को बेरहमी से पीटा। भीड़ करीब आधे घंटे तक युवक को लात-घूसों और डंडों से बेरहमी से पीटती रही। इतना पीटा कि युवक मरणासन्न हालत में पहुंच गया। आधे घंटे बाद दोपहर के 3:30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को तुरंत अस्पताल भिजवाया। मंगलवार तड़के करीब 3:30 बजे इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। मरने वाले युवक का नाम शाहेदीन कुरैशी था। वो मुरादाबाद में असालतपुरा भूड़ा का चौराहा बकरी का हाता का रहने वाला था। अदनान के साथ स्कूटी से मंडी समिति पहुंचा था शाहेदीन
पुलिस का कहना है कि जब शाहेदीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उसने अपना नाम-पता बताने के साथ ही मौके से भागे अपने साथी का नाम भी पुलिस को बताया था। उसने कहा था कि वो असालतपुरा में ही हरी चुगो की मस्जिद के पास रहने वाले अदनान के साथ मंडी समिति परिसर आया था। वह उसे 500 रुपए का लालच देकर अपने साथ लाया था। शाहेदीन के बयान के बाद पुलिस ने अदनान को भी अरेस्ट कर लिया था। अदनान जेल जा चुका है। भाई ने दर्ज कराई हत्या की रिपोर्ट, CCTV से हो रही तलाश
शाहेदीन की मंगलवार तड़के मौत के बाद इलाके में तनाव हो गया था। पुलिस ने रात में ही शाहेदीन की डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद मंगलवार सुबह में उसके शव को कड़ी सुरक्षा में दफन करा दिया था। इस मामले में शाहेदीन के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी की ओर से पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शाहेदीन की हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि CCTV की फुटेज से भीड़ में शामिल लोगों को ट्रेस करने की कार्रवाई चल रही है। घटना में शामिल लोगों को चिह्नित करके गिरफ्तार किया जाएगा। अब शाहेदीन का फैमिली बैकग्राउंड बताते हैं…
किराए के घर में रहती है शाहेदीन की फैमिली
मुरादाबाद शहर में गलशहीद थाना क्षेत्र में बसा असालतपुरा पशुओं के कटान के लिए ही पहचाना जाता है। यहां पहले कई स्लाटर हाउस थे। जाे धीरे-धीरे बंद हो गए। लेकिन मोहल्लों के नाम उसी तर्ज पर हैं। जैसे असालतपुरा बड़ा हाता, छोटा हाता और बकरी का हाता। यहां भूड़ा चौराहा एक फेमस जगह है। इसी चौराहे के दोनों साइड 100-100 मीटर की दूरी पर कुरैशी बिरादरी के दो बड़े नेता रहते हैं। चौराहे के एक ओर कांग्रेस नेता और सपा के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी का घर है तो दूसरी ओर सपा के मौजूदा विधायक हाजी नासिर कुरैशी की कोठी है। इसी चौराहे से बमुश्किल 150 की दूरी पर बकरी का हाता में शाहेदीन किराए के घर में रहता था। अब उसकी पत्नी और 3 बच्चे यहां हैं। शाहेदीन का पुश्तैनी घर भी इसी मोहल्ले में है। लेकिन 5 भाइयों में हुए बंटवारे में घर छोटा पड़ गया। बॉडी बिल्डिंग के शौकीन शाहेदीन की मीट की दुकान
शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी बताते हैं- 5 भाइयों में तीसरे नंबर का शाहेदीन कुरैशी पहले स्टील कारखाने में काम करता था। उसे बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक था। इसी वजह से कुछ गलत सप्लीमेंट खा लेने की वजह से बहुत बीमार हाे गया था। उसे 6 महीने तक अस्पताल में भी रहना पड़ा। इस दाैरान वो बीपी, शुगर का पैशेट हो गया। उसके एक फेफड़े ने भी काम करना बंद कर दिया था। बीमार होने से पहले शाहेदीन कुरैशी की मीट की दुकान थी। बाद में उसने दुकान बंद कर दी। वो स्टील फैक्ट्री में काम करने लगा। फिर बीमारी की वजह से वो काम भी छूट गया। पिछले कुछ वक्त से शाहेदीन दिहाड़ी मजदूर की तरह पल्लेदारी का काम करता था। पढ़िए शाहेदीन के भाई ने क्या कहा… पड़ोसी 500 रुपए की मजदूरी का लालच देकर ले गया
शाहेदीन कुरैशी के बड़े भाई मोहम्मद आलम कुरैशी ने दैनिक भास्कर डिजिटल एप से कहा- शाहेदीन कुरेशी मेरा छोटा भाई था। रविवार को दोपहर में करीब एक बजे पड़ोस का लड़का अदनान उसे 500 रुपए के लालच में मजदूरी पर ले गया था। शाहेदीन चला गया। क्योंकि वो मजदूरी करता था। आलम बोले- शाम तक लौटने की बात कहकर घर से निकला शाहेदीन सोमवार सुबह तक भी घर नहीं लौटा तो शाहेदीन की पत्नी रिजवाना मेरे पास आई। उसने कहा कि मजदूरी करने निकला शाहेदीन घर नहीं लौटा है। उसका फोन भी नहीं लग रहा है। इसके बाद हमने उसकी खोजबीन शुरू की। सिपाही ने घर आकर बताया, भीड़ ने पीटा है, अस्पताल में भर्ती है
आलम बताते हैं- हम शाहेदीन के बारे में खोजबीन कर ही रहे थे। तभी मझोला थाने से एक सिपाही हमारे घर आया। उसने बताया कि मझोला मंडी समिति में तुम्हारे भाई को पब्लिक ने बहुत पीटा है। अस्पताल में भर्ती है, जाकर देख लो। फिर पौने तीन बजे के करीब असालतपुरा पुलिस चौकी के दरोगा ने बुलाकर पूरी बात बताई। हम अस्पताल पहुंचे तो वहां पुलिस अधिकारी भी मिले। पुलिस ने मेरे भाई को बचाने की भरसक कोशिश की। उसे निजी अस्पताल में लेकर गए। लेकिन मंगलवार को रात करीब 3:30 बजे उसकी मौत हो गई। मेरे भाई ने गलती की, लेकिन सजा देने वाली पब्लिक कौन?
आलम कहते हैं- चलो..उसने गलत करा तो उसे कानून सजा देता। जनता को सजा देने का हक नहीं है। हमारी डिमांड है कि जिन लोगों ने मेरे भाई के साथ हादसा किया है, उनकी गिरफ्तारी हो। सरकार से मांग है कि उन्हें सजा दी जाए। भाई तो हमारा चला गया। अब तो वापस नहीं आएगा। बच्चों के बारे में सोचिए, बच्चों की लाइफ कैसे कटेगी। उसके परिवार को मदद मिलनी चाहिए। उसका तो अपना घर भी नहीं है। उसका परिवार किराए के मकान में रहता है। अदनान मंडी समिति के लोगों से मिला हुआ था
मोहम्मद आलम कहते हैं- मेरे भाई को मजदूरी का लालच देकर साथ लेकर गया अदनान डंके की चोट पर गोवंशीय पशु काटता है। कई बार जेल भी गया है। वो मेरे भाई को घर से बुलाकर नहीं ले जाता तो आज वो जिंदा होता। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ताकि वो किसी और को लालच देकर न फंसा सके। आलम बोले- मैं ये चाहता हूं कि आज मेरा भाई गया है। कल किसी और मां का लाल न जाए। अदनान लगातार यही काम करता है। वो तो इसी काम की खाता है। जहां से ये घटना हुई वो पूरा हिंदू इलाका है। दूर-दूर तक कोई मुसलमान नहीं है। किसी स्थानीय की शह के बगैर कोई मुसलमान वहां गाय काटने नहीं जा सकता। अदनान से पूछताछ करके पता लगा जाए कि उसे गाय काटने के लिए मंडी समिति बुलाने वाले स्थानीय लोग कौन थे? अब थोड़ा उस इलाके में बारे में समझिए जहां मॉब लिंचिंग की घटना हुई…
हिंदू एरिया में कई बार गोकशी
लाइनपार इलाके को मुरादाबाद का सबसे सॉलिड हिंदू एरिया माना जाता है। यहां 20 से भी अधिक कालोनी-मोहल्ले हैं। ये सभी हिंदू आबादी वाले क्षेत्र हैं। इसी एरिया में मंडी समिति परिसर आता है। जहां सोमवार तड़के गोकशी को लेकर मॉब लिंचिंग की ये घटना हुई। दरअसल मंडी समिति होने की वजह से यहां फल-सब्जी की आढ़ते हैं। बड़ी तादाद में सब्जियों और फलों की वेस्टेज परिसर में पड़ी रहती है। जिसकी वजह से आवारा पशु यहां घूमते रहते हैं। इस इलाके में गोकशी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि मंडी समिति परिसर में ही एक पुलिस चौकी भी है। जिसका नाम मंडी समिति चौकी है। लेकिन इसके बावजूद इस परिसर में भाजपा शासनकाल में भी पिछले साल गोकशी की कई घटनाएं हुईं। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए। पहला मौका है जब भीड़ ने गोकशी करने वालों को रंगे हाथ दौड़ा लिया। पीट-पीटकर मार डाला, गिरफ्तारी एक भी नहीं
एक युवक को भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला। घटना को लेकर कई वीडियोज सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहे हैं। लेकिन वारदात के बाद भी पुलिस एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। एसपी सिटी का कहना है कि सीसीटीवी से आरोपियों को चिह्नित करने की कोशिश चल रही है।
जमीयत के लीगल एडवाइजर शाहेदीन के घर पहुंचे
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मुरादाबाद मॉब लिंचिंग-500 रुपए का काम करने निकला था शाहेदीन:भाई बोला- अदनान उसे बहलाकर ले गया था, 9 दिन में CCTV से हत्यारे नहीं पहचाने जा सके
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