शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही। बीबी जगीर कौर को अपशब्द कहने के बाद महिला आयोग पहले से ही मामले पर सुओ-मोटो ले चुका है। वहीं, अब अकाली दल का महिला विंग भी श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच रहा है। जहां महिला विंग जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से इस मसले को लेकर बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि बीते दिन ही एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट धामी चंडीगढ़ पहुंचे थे। जहां उन्होंने महिला आयोग को अपना जवाब सौंपा था और बताया था कि उनसे गलती हुई है, और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। लेकिन महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने साफ किया कि सिर्फ माफी मांगने से यह मामला खत्म नहीं होगा। जल्दबाजी में दिल में जो बातें होती हैं, वह बाहर आ जाती हैं। राज लाली गिल ने कहा कि उन्होंने बीबी जागीर कौर से फोन पर भी बात की है। वह जल्द ही उन्हें फोन करके उनका पक्ष सुनेंगी। इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। पंजाब महिला आयोग ने भेजा था नोटिस मामले के मीडिया में आने के बाद महिला आयोग ने एडवोकेट धामी को नोटिस भेजा था। बीते दिन धामी इसी का जवाब लेकर महिला आयोग के पास पहुंचे थे। वहीं, अब महिला आयोग जल्द ही बीबी जगीर कौर को बुला कर उनके बयान ले सकती हैं। घटना के बाद खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे थे धामी बीते शनिवार को श्री अकाल तख्त सचिवालय पर एडवोकेट धामी ने खुद माफीनामा सौंपा था। उन्होंने कहा था कि फोन पर बात करते समय अनजाने में मुझसे कुछ आपत्तिजनक शब्द निकल गए। इस पद की गरिमा के विपरीत भाषा के लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं बीबी जागीर कौर और सभी महिलाओं से माफी मांगता हूं। अकाल तख्त साहिब सभी सिखों के लिए सर्वोच्च है। मैं अकाल तख्त द्वारा दिए गए किसी भी आदेश का पालन करूंगा। जाने क्या हुआ था मामला एडवोकेट धामी ने एक वेब चैनल पर इंटरव्यू देते समय एंकर ने सुखबीर बादल के इस्तीफे के बारे में बीबी जगीर कौर के हवाले से कही बात का जिक्र कर दिया था। जिस पर एडवोकेट धामी भड़क गए थे और इंटरव्यू के बीच आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर दिया था। उनके शब्द तेजी से मीडिया में वायरल हो गए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही। बीबी जगीर कौर को अपशब्द कहने के बाद महिला आयोग पहले से ही मामले पर सुओ-मोटो ले चुका है। वहीं, अब अकाली दल का महिला विंग भी श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच रहा है। जहां महिला विंग जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से इस मसले को लेकर बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि बीते दिन ही एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट धामी चंडीगढ़ पहुंचे थे। जहां उन्होंने महिला आयोग को अपना जवाब सौंपा था और बताया था कि उनसे गलती हुई है, और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। लेकिन महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने साफ किया कि सिर्फ माफी मांगने से यह मामला खत्म नहीं होगा। जल्दबाजी में दिल में जो बातें होती हैं, वह बाहर आ जाती हैं। राज लाली गिल ने कहा कि उन्होंने बीबी जागीर कौर से फोन पर भी बात की है। वह जल्द ही उन्हें फोन करके उनका पक्ष सुनेंगी। इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। पंजाब महिला आयोग ने भेजा था नोटिस मामले के मीडिया में आने के बाद महिला आयोग ने एडवोकेट धामी को नोटिस भेजा था। बीते दिन धामी इसी का जवाब लेकर महिला आयोग के पास पहुंचे थे। वहीं, अब महिला आयोग जल्द ही बीबी जगीर कौर को बुला कर उनके बयान ले सकती हैं। घटना के बाद खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे थे धामी बीते शनिवार को श्री अकाल तख्त सचिवालय पर एडवोकेट धामी ने खुद माफीनामा सौंपा था। उन्होंने कहा था कि फोन पर बात करते समय अनजाने में मुझसे कुछ आपत्तिजनक शब्द निकल गए। इस पद की गरिमा के विपरीत भाषा के लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं बीबी जागीर कौर और सभी महिलाओं से माफी मांगता हूं। अकाल तख्त साहिब सभी सिखों के लिए सर्वोच्च है। मैं अकाल तख्त द्वारा दिए गए किसी भी आदेश का पालन करूंगा। जाने क्या हुआ था मामला एडवोकेट धामी ने एक वेब चैनल पर इंटरव्यू देते समय एंकर ने सुखबीर बादल के इस्तीफे के बारे में बीबी जगीर कौर के हवाले से कही बात का जिक्र कर दिया था। जिस पर एडवोकेट धामी भड़क गए थे और इंटरव्यू के बीच आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर दिया था। उनके शब्द तेजी से मीडिया में वायरल हो गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस पर डेरा प्रमुख राम रहीम की और प्रतिक्रिया आई है। डेरा प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में डेरा अपना पक्ष रखेगा। पंजाब सरकार की याचिका पर सवाल उठाते हुए डेरा प्रवक्ता ने कहा कि इस याचिका में अधूरे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है। इसका हम कानूनी जवाब सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पूरे तथ्यों के साथ दायर करेंगे। हमने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष जब सभी तथ्यों को रखा था तो हाईकोर्ट ने इन केसों पर रोक लगा दी थीI सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इसलिए हाईकोर्ट गया था राम रहीम जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम के ट्रायल पर रोक को चुनौती दी गई थी।दरअसल, 2021 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने जून और अक्टूबर 2015 के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तीन अलग-अलग घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने राम रहीम को आरोपी बनाया था। डेरा प्रमुख ने की थी सीबीआई जांच जारी रखने की मांग हाईकोर्ट में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। जिसमें सरकार ने जांच को सीबीआई को सौंपने की अपनी सहमति वापस ले ली थी। अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने मांग की थी कि सीबीआई को बेअदबी के मामलों की जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए। इस साल मार्च में हाईकोर्ट ने इस याचिका को बड़ी बेंच को भेज दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति को बाद में वापस लिया जा सकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिस पर पंजाब सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कल की सुनवाई में दी गईं ये दलीलें वहीं कल यानी 18 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि 6 सितंबर की अधिसूचना कानून की नजर में सही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराया है। दूसरी ओर, प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने बस वही किया है जो पंजाब सरकार ने वैकल्पिक रूप से अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा दो तरह के मामलों से संबंधित है – पहला- पुलिस गोलीबारी की घटनाओं से संबंधित है, और दूसरा- बेअदबी से संबंधित है। इसके अलावा, इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार लिए गए हैं, इसलिए हाईकोर्ट द्वारा बड़ी बेंच को रेफर किया गया। सीनियर वकील ने यह भी कहा कि मामला आज डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है और अगर राज्य स्थगन नहीं ले रहा होता, तो अब तक इस पर फैसला हो चुका होता। माथुर की बात सुनते हुए जस्टिस गवई ने पूछा, “कैसे… समन्वय पीठ के आदेश की अनदेखी कर सकते हैं? “पंजाब के एजी ने भी माथुर की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सभी मामले अधिसूचना का हिस्सा थे। आखिरकार, पीठ ने नोटिस जारी किया और विवादित आदेश पर रोक लगा दी। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जून 2019 में, सीबीआई ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल दोनों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कुछ ही महीनों के भीतर, पंजाब सरकार ने सीबीआई को जांच करने की अनुमति देने वाली सहमति वापस ले ली और मामलों को राज्य पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया। तीनों मामलों में आरोप तय करने पर बहस के दौरान फरीदकोट अदालत में मुकदमा लंबित था। सीबीआई जांच के नतीजे से पूरी तरह अलग हटकर, एसआईटी ने कई डेरा अनुयायियों, तीन राष्ट्रीय समिति के सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी के मामलों में आरोपी बनाया। पंजाब पुलिस ने विवादास्पद, गुरमीत राम रहीम सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया। 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी के मामलों में राम रहीम और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजाब के फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।
लुधियाना में आज MLA गोगी की अंतिम अरदास:11 जनवरी को गोली लगने से हुई थी मौत; आज गणमान्य देंगे श्रद्धांजलि
लुधियाना में आज MLA गोगी की अंतिम अरदास:11 जनवरी को गोली लगने से हुई थी मौत; आज गणमान्य देंगे श्रद्धांजलि पंजाब के लुधियाना में आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत सिंह बस्सी गोगी का 11 जनवरी को निधन हो गया था। परिवार मुताबिक गोगी पिस्टल साफ कर रहे थे कि अचानक गोली चल गई। घायल अवस्था में उन्हें डीएमसी अस्पताल भी ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। आज गुरुद्वारा श्री गुरू सिंह सभा माडल टाउन एक्सटेंशन में उनकी अंतिम अरदास और सहज पाठ का भोग है। भोग में विशेष रूप से आम आदमी पार्टी के समस्त विधायक और प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा मौजूद रहेंगे। इसी के साथ विपक्ष सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेतागण में गोगी को श्रद्धांजलि देने पहुंचेगे। शोक सभा 12 से 2 बजे तक चलेगी।
जालंधर में भारत बंद के समर्थन में BSP का प्रदर्शन:वाल्मीकि समाज ने किया विरोध, SC-ST आरक्षण के फैसले से हैं नाराज
जालंधर में भारत बंद के समर्थन में BSP का प्रदर्शन:वाल्मीकि समाज ने किया विरोध, SC-ST आरक्षण के फैसले से हैं नाराज पंजाब के जालंधर में आज बहुजन समाज पार्टी द्वारा भारत बंद को लेकर रामामंडी चौक, बूटा पिंड चौक, पठानकोट चौक व अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। यह विरोध प्रदर्शन भारत बंद के आह्वान के समर्थन में किया जा रहा है। लेकिन नेताओं ने ऐलान किया है कि वे किसी भी तरह से लोगों की दुकानें बंद नहीं करवाएंगे। लोगों का काम चलता रहेगा और न ही लोगों को परेशान किया जाएगा। हालांकि वाल्मीकि समाज के नेताओं ने उक्त बंद का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा- वे इस बंद का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं बंद को लेकर जालंधर जिले की पुलिस अलर्ट पर है। शहर व देहात पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। जहां भी चौक को जाम करने की कोशिश की गई, पुलिस ने तुरंत ही धरने को साइड में करवा दिया। SC-ST आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन पंजाब जालंधर बहुजन समाज पार्टी के शहरी अध्यक्ष सलविंदर कुमार और वरिष्ठ नेता जगदीश ने कहा कि वे पूरे शहर में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम एससी एसटी आरक्षण को लेकर लिए गए फैसले का विरोध करते हैं। इसी के मद्देनजर 21 अगस्त को देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया है। हम इसका पूरा समर्थन करते हैं। यह विरोध प्रदर्शन आज बीएसपी द्वारा किया जाना है और इसे लेकर कुछ संगठनों ने भी उनके साथ शामिल होने का फैसला किया है। वाल्मीकि भाई चारे ने किया भारत बंद का विरोध वाल्मीकि सभा के चेयरमैन राजकुमार राजू ने कहा है कि मैं सबसे अपील करता हूं कि लोगों में जब अफवाह चल रही है कि भारत बंद किया जाना है, ये सरासर गलत है। हमारी तरफ से सभी कारोबारी भाई अपना काम करें। अगर कोई दुकान बंद करवाने आता है तो हम उसका पूरा विरोध करेंगे। प्रदर्शन पर बारिश का खतरा प्रदर्शन को लेकर पंजाब में सबसे ज्यादा असर जालंधर में देखने को मिल रहा है। मगर प्रदर्शन पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि जिले में घने बादल छाए हुए हैं। कई जगह पर हलकी बारिश शुरू हो गई है। देंखे जालंधर में बंद को लेकर शहर के हालातों की फोटोज…