भास्कर न्यूज| जालंधर/नवांशहर दिवाली के बाद अब भाई दूज आज शहरभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को बहन अपनी भाई की दीर्घायु के लिए मनाती हैं। परंपरा अनुसार बहन अपने भाई को आज घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराएंगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात्रि 8 बजकर 22 मिनट यम द्वितीया तिथि का प्रारंभ होगा, जोकि 3 नवंबर को रात्रि 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। तिलक का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 8 से सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक शुभ है। मॉडल हाउस के पंडित विजय शास्त्री ने शास्त्रों के अनुसार बताया कि यमराज ने यमुना को वरदान दिया, जो भाई-बहन इस दिन यमुना में स्नान करके इस पवित्र पर्व को मनाएंगे। वह अकाल-मृत्यु तथा मेरे भय से मुक्त हो जाएंगे। तभी से इस दिन को यम द्वितीया पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर को मारने के बाद अपनी बहन सुभद्रा का घर गए थे। वहां सुभद्रा ने उनके मष्तिक पर तिलक लगा कर उनका स्वागत किया था। तभी से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि भाईदूज के दिन यमराज, यमदूज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए। इनके नाम से अर्घ्य और दीपदान करना चाहिए। यम द्वितीया यानी भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे। बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था। वरदान में यमराज ने यमुना को कहा था कि भाई दूज यानी यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर उनकी पूजा स्वीकार करेंगे। उनके घर भोजन करेंगे। उनका अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। भाई दूज पर्व के दिन भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करें। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। भाई दूज के दिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाकर उन्हें तिलक लगाएं और अपने हाथों से परोसकर भोजन कराएं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाने से उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भाई को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारें और हाथ में रक्षा सूत्र बांधें। फिर मिठाई खिलाएं। इस दिन भाई भी अपनी बहन को कुछ ना कुछ उपहार जरूर भेंट करें। भास्कर न्यूज| जालंधर/नवांशहर दिवाली के बाद अब भाई दूज आज शहरभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को बहन अपनी भाई की दीर्घायु के लिए मनाती हैं। परंपरा अनुसार बहन अपने भाई को आज घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराएंगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात्रि 8 बजकर 22 मिनट यम द्वितीया तिथि का प्रारंभ होगा, जोकि 3 नवंबर को रात्रि 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। तिलक का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 8 से सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक शुभ है। मॉडल हाउस के पंडित विजय शास्त्री ने शास्त्रों के अनुसार बताया कि यमराज ने यमुना को वरदान दिया, जो भाई-बहन इस दिन यमुना में स्नान करके इस पवित्र पर्व को मनाएंगे। वह अकाल-मृत्यु तथा मेरे भय से मुक्त हो जाएंगे। तभी से इस दिन को यम द्वितीया पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर को मारने के बाद अपनी बहन सुभद्रा का घर गए थे। वहां सुभद्रा ने उनके मष्तिक पर तिलक लगा कर उनका स्वागत किया था। तभी से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि भाईदूज के दिन यमराज, यमदूज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए। इनके नाम से अर्घ्य और दीपदान करना चाहिए। यम द्वितीया यानी भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे। बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था। वरदान में यमराज ने यमुना को कहा था कि भाई दूज यानी यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर उनकी पूजा स्वीकार करेंगे। उनके घर भोजन करेंगे। उनका अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। भाई दूज पर्व के दिन भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करें। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। भाई दूज के दिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाकर उन्हें तिलक लगाएं और अपने हाथों से परोसकर भोजन कराएं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाने से उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भाई को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारें और हाथ में रक्षा सूत्र बांधें। फिर मिठाई खिलाएं। इस दिन भाई भी अपनी बहन को कुछ ना कुछ उपहार जरूर भेंट करें। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

MLA गोगी के आज चुगे जाएंगे फूल:3 साल पहले 11 जनवरी को ज्वांइन की थी आप, उसी तारिख को हुआ विधायक का संस्कार
MLA गोगी के आज चुगे जाएंगे फूल:3 साल पहले 11 जनवरी को ज्वांइन की थी आप, उसी तारिख को हुआ विधायक का संस्कार पंजाब के आम आदमी पार्टी के लुधियाना से विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का 10 जनवरी रात करीब साढ़े 11 बजे निधन हो गया। पुलिस के अनुसार गोगी अपनी पिस्टल साफ कर रहे थे कि इस दौरान अचानक से गोली चली जो उनकी कनपटी से आर-पार हो गई। 11 जनवरी को गोगी के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहुंचे थे। 3 साल पहले 11 जनवरी 2022 को ही आप में शामिल हुए थे गोगी बता दें कि 3 साल पहले 2022, 11 जनवरी को ही गुरप्रीत बस्सी गोगी ने कांग्रेस को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी ज्वांइन की थी। 3 साल पहले उन्हें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आम आदमी पार्टी में शामिल किया था। उसी तारिख को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान अब गोगी के अंतिम संस्कार में शिरकत करने आए। गोगी ने 11 जनवरी 2022 में आम आदमी पार्टी में अपनी नई पारी की शुरुआत की थी। इससे पहले गोगी 23 साल से कांग्रेस की सेवा करते रहे। गोगी तीन बार व उनकी पत्नी डा. सुखचैन कौर बस्सी एक बार पार्षद रह चुके है। 2014 से 2019 तक रहे जिला कांग्रेस के प्रधान गोगी 2014 से 2019 तक जिला कांग्रेस के प्रधान भी रह चुके थे। आप ज्वाइन करते वक्त गोगी पंजाब स्माल इंस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कार्पोरेशन के चेयरमैन थे। गोगी लंबे अर्से से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने टिकट पर दावा जताया था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली। गोगी पूर्व CM कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के खास रहे है। कैप्टन ने ही गोगी को पंजाब स्माल इंस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कार्पोरेशन का चेयरमैन बनाया था। उस समय गोगी की मंत्री भारत भूषण आशू से भी नाराजगी शुरू हो गई, जिसके चलते वह पिछले काफी समय से पाटी में साइलेंट हो गए थे। 11 जनवरी 2022 को उन्होंने आशू कई आरोप लगाए और कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देकर आप ज्वाइन कर ली। गोगी की आशू के साथ राजनीति में काफी ठनती थी। इस कारण आम आदमी पार्टी ने गोगी को आशू के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था। गोगी ने करीब साढ़े सात हजार वोटों के अंतर से भारत भूषण आशू को हरा दिया था। बुड्डा दरिया को स्वच्छ करना था गोगी का सपना
बुड्डा दरिया को स्वच्छ करना विधायक गोगी का सपना था। बुड्डा दरिया की सफाई न होने के कारण कई बार तो गोगी अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा लगा देते थे। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी गोगी बुड्डा दरिया सफाई मामले में घेर लेते थे। बुड्डा दरिया का हाल दिखाने के लिए गोगी खुद कश्ती लेकर बुड्डा दरिया के गंदे पानी में उतर जाया करते थे। बुड्डा दरिया पर काम न होने के कारण गोगी ने बड़ी हैबोवाल की पुली पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम वाला नींव पत्थर यह कहकर तोड़ दिया कि अफसर काम नहीं कर रहे हैं, और यह नींव पत्थर मेरा नाम खराब कर रहा है। गोगी के इस तरह से काम करने के तरीके ने उनकी शहर में एक अलग पहचान बनाई हुई थी।

गुरुद्वारा श्री सिंह सभा बीआरएस को फूलों से सजाया
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा बीआरएस को फूलों से सजाया लुधियाना| गुरुद्वारा श्री सिंह सभा बीआरएस नगर ई ब्लॉक में चौथे गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा साहिब को फूलों से सजाया गया। प्रधान सत्यपाल सिंह ने बताया कि रागी जत्थे श्री दरबार साहिब, भाई गुरदेव वेरका, भाई दिलबाग सिंह, भाई सुखबीर सिंह ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। सभी संगतों ने मिलकर एक अरदास भात किरत की गुरु रामदास राखो सरनाई कीर्तन का सिमरन किया। इस समागम के दौरान सभी संगतों ने मिलकर धन गुरु रामदास का नाम जपते हुए फूलों की वर्षा की।

चंडीगढ़ डिसेबिलिटी कमीशन में कमिश्नर की नियुक्ति:प्रशासक ने माधवी कटारिया के नाम को दी मंजूरी, 75000 मासिक वेतन
चंडीगढ़ डिसेबिलिटी कमीशन में कमिश्नर की नियुक्ति:प्रशासक ने माधवी कटारिया के नाम को दी मंजूरी, 75000 मासिक वेतन चंडीगढ़ में कमीशन फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी में कमिश्नर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व आईएएस अधिकारी माधवी कटारिया के नाम पर मोहर लगाई है। उन्हें इस पद के लिए 75000 मासिक, ₹50000 हाउस रेंट और बाकी दूसरी सुविधाओं के साथ उनकी नियुक्ति दी गई है। यह कमीशन का गठन इसी साल हुआ है। वह इस कमीशन की पहली कमिश्नर हैं। पंजाब कैडर की है अधिकारी माधवी कटारिया मूल रूप से पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह अभी रिटायर हो चुकी है। वर्ष 2000 से 2005 में वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर रही है। उन्होंने सोशल वेलफेयर के डायरेक्टर सहित कई और विभागों में भी काम किया है। कमिश्नर की नियुक्ति के बाद अब डिसेबल्ड लोगों को अपनी समस्या के हल करवाने में आसानी रहेगी। क्योंकि अभी तक अलग से इसके लिए कोई कमीशन नहीं बना था। जिससे उन्हें अलग-अलग अधिकारी के जरिए अपनी समस्याएं भेजनी पड़ती थी। पहले होम सेक्रेटरी देखते थे डिसेबल्ड की समस्या पहले चंडीगढ़ में कमीशन न होने के कारण होम सेक्रेटरी इस तरह के लोगों की समस्याएं सुनते थे। लेकिन अभी चंडीगढ़ में वह पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में अमित अग्रवाल, मंदीप बरार और जे गणेशन का नाम है। इस पैनल को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से किसी एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगेगी।