मेरठ की पैरा प्लेयर प्रीति पाल ने पैरालिंपिक के वीमेंस 200 मीटर T-35 रेस में ब्रांज मेडल जीत लिया है। इस पैरालिंपिक में प्रीति पाल का यह दूसरा पदक है। इस पैरालिंपिक में दो मेडल जीतने वाली प्रीति देश की पहली महिला एथलीट बन गई हैं। शुक्रवार को ही प्रीति ने 100 मीटर में कांस्य पदक जीता था। रविवार को दोबारा प्रीति ने दूसरा कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। PM नरेंद्र मोदी ने प्रीति से फोन पर बात की। इस दौरान पीएम ने पूछा बताइए कैसा लग रहा है? जवाब में प्रीति ने कहा- मेरा सपना था कि अपने देश का तिरंगा, दूसरे देश में लहराना है। यह सपना पूरा हो गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा सपना पूरा हो गया है। पीएम मोदी ने पूछा कि घर में बात हुई या नहीं? जवाब में प्रीति ने कहा- मेरे घर वाले रो रहे हैं। सभी उत्साहित है। मुझे यहां पूरा सपोर्ट मिल रहा है। में सभी खुश हैं। चौथे दिन दूसरा पदक जीतीं प्रीति प्रीति ने पहला मेडल जीतने के चौथे दिन बाद दूसरा मेडल जीता। 200 मीटर की रेस में 30.01 सेकेंड का समय निकालते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इससे चार दिन पहले उन्होंने 100 मीटर की रेस में 14.21 सेकेंड का समय लेते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। कौन हैं प्रीति पाल, चलिए पढ़ते हैं उनके संघर्ष की कहानी… प्रीति पाल उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं। मेरठ में उनका गांव कसेरू बक्सर पड़ता है। पहली बार मेडल जीतने के बाद प्रीति के घर जन प्रतिनिधियों का आना-जाना शुरू हो गया। एक सामान्य परिवार की प्रीति के घर अब दिवाली जैसी रौनक है। दैनिक भास्कर ने प्रीति के घर वालों से बात की। 10 साल पहले तक तो चल भी नहीं पाती थीं प्रीति प्रीति की बहन नेहा ने बताया- मेरी छोटी बहन प्रीति, वो आम बच्चों से एकदम अलग थी। जब मैंने पहली बार उस नन्हीं बच्ची को गोद में उठाया तो देखा उसके दोनों पैर जुड़े थे। कहूं तो उसके पंजे, घुटने, जांघें दो थी, लेकिन वो एक पैर था। मुझे लगा ये कुछ रोमांचक है, लेकिन समय के साथ पता चला कि मेरी बहन के शरीर में कमी है। वो सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित थी। 10 साल तक उसे मैंने कभी पैरों पर चलते नहीं देखा, लेकिन आज पेरिस के पैरालिंपिक मैदान में जब उसने देश को दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया तो खुशी का ठिकाना न रहा। सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित थी प्रीति प्रीति की बहन नेहा ने बताया- हम लोग मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। पापा का नाम अनिल कुमार है, वो किसान हैं। कुछ सालों से मेरठ में आकर बस गए। दादा, दादी के अलावा घर में पापा अनिल पाल, मम्मी बालेश, बड़ी बहन नेहा, प्रीति, छोटा भाई अनिकेत, विवेक हैं। प्रीति को छोड़कर तीनों भाई, बहन जॉब करते हैं। नेहा ने बताया कि जन्म से प्रीति को सेलेब्रल पाल्सी थी। दोनों पैर जुड़े थे। वो चल नहीं पाती थी। बहुत दवाई कराई लेकिन असर नहीं हुआ। सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिमाग और शरीर मांसपेशियों के बीच सही से संवाद नहीं हो पाता है। इस बीमारी में व्यक्ति किसी भी चीज पर रिएक्ट करने में अधिक समय लेता है। सूर्य ग्रहण में गोबर में दबाते थे आधा शरीर प्रीति की दादी ने बताया- हम भारतीय संस्कृति से जुड़े हैं। एक बार किसी ने मुझे बताया कि जिसके पैर खराब हों। उसका आधा शरीर सूर्य ग्रहण के समय गोबर में दबाने से पैरों में जान लौट आती है। मैंने वैसा ही किया जब सूर्य ग्रहण होता तो पूरे दिन प्रीति का कमर तक शरीर गोबर के ढेर में दबा देती। घर के दूसरे बच्चे आसपास खड़े होकर हंसते थे। 10 साल बिस्तर पर गुजारी जिंदगी बहन नेहा ने बताया- प्रीति का हर तरह का इलाज कराया गया। डॉक्टरों ने उसके पैरों को अलग किया, उसके दोनों पैरों में 10 साल तक प्लास्टर बंधा रहा। वो पूरी तरह बिस्तर पर थी। बिस्तर से उठ नहीं पाती थी, उसका हर काम बेड पर हम लोग करते। थोड़े दिन बाद प्लास्टर हटा तो उसने धीरे-धीरे चलना शुरू किया। उसे लोहे के जूते, कैलीपर्स पहनाए गए। फिर भी उसके पैरों में मजबूती नहीं थी। वो चलते-चलते गिर जाती थी। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। 12 साल की उम्र से दौड़ने लगी बहन नेहा ने बताया- प्रीति ने अपने पैरों पर खड़ा होना शुरू किया तो अक्सर उसका मन दौड़ने का करता। वो नाजुक पैरों से अक्सर दौड़ती और गिर जाती। उसने अपनी पढ़ाई भी शुरू की और पढ़ाई के साथ खेलों में बढ़ी। टीवी पर उसने दिव्यांग खिलाड़ियों के वीडियो देखे थे, तभी उसने ठान लिया कि वो अपनी जिंदगी बेकार नहीं करेगी। कुछ नहीं कर सकती लेकिन खिलाड़ी बनेगी। खेलों में उसे दौड़ना पसंद था इसलिए उसने यह चुना। 20 किमी ट्रायसाइकिल चलाकर जाती प्रीति जब स्पोर्ट्स में उतरी तो प्रैक्टिस के लिए कैलाश प्रकाश स्टेडियम जाती, सुबह जाकर रात तक फील्ड से लौटती। कई बार ऑटो नहीं मिलता तो पापा उसे लेने जाते। कुछ दिन बाद प्रीति के कहने पर पापा ने उसे एक टाई साइकिल दिलाई। इसके बाद घर से स्टेडियम रोज 20 km का सफर प्रीति ट्राई साइकिल पर तय करती थी। प्रीति ने वीडियो कॉल पर की बात, CM योगी ने दी बधाई प्रीति को मेडल मिलने पर CM योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है। साथ ही 1 सितंबर को होने वाले 200 मीटर इवेंट के लिए ऑल द बेस्ट कहा है। प्रीति ने पदक जीतने के बाद सबसे पहले फैमिली को वीडियो कॉल किया। इस दौरान दैनिक भास्कर से बातचीत में प्रीति ने कहा सोचा नहीं था ये पदक जीत पाऊंगी। सभी का धन्यवाद देती हूं। मेरठ आकर सभी से मिलूंगी। वहीं एक साथ बर्थडे मनाऊंगी। पड़ोसी बोले- डीजे बजवाकर करेंगे वेलकम प्रीति पाल को गिरते उठते, संभलते उनके परिवार और पड़ोसियों सभी ने देखा है। प्रीति के घरवालों के साथ पड़ोसी भी इस जीत पर नाज कर रहे हैं। पड़ोसी रचना, नेहा, कुसुम और ईशा ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई। उन्होंने कहा- प्रीति आएगी तो डीजे, ढोल बजाकर कालोनी में उसका स्वागत करेंगे। हमने उसकी मेहनत देखी है वो ये सफलता डिजर्व करती है। जैनब खातून ने दी खेलों की प्रेरणा प्रीति के खेलों की प्रेरणा और शुरुआती अभ्यास मेरठ की ही पैरा खिलाड़ी जैनब खातून ने दिया। इसके बाद प्रीति ने कोच गजेंद्र सिंह, गौरव त्यागी से भी ट्रेनिंग ली। बहन नेहा कहती हैं कि प्रीति ने जब खेलना शुरू किया तो बहुत मुश्किल था। वो चल भी नहीं पाती थी तो दौड़ना तो दूर की बात थी। लेकिन उसने हौसला नहीं छोड़ा। इस घर के सभी लोगों ने उसका पूरा साथ दिया। मेहनत के दम पर उसने स्टेट में पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मेरठ की पैरा प्लेयर प्रीति पाल ने पैरालिंपिक के वीमेंस 200 मीटर T-35 रेस में ब्रांज मेडल जीत लिया है। इस पैरालिंपिक में प्रीति पाल का यह दूसरा पदक है। इस पैरालिंपिक में दो मेडल जीतने वाली प्रीति देश की पहली महिला एथलीट बन गई हैं। शुक्रवार को ही प्रीति ने 100 मीटर में कांस्य पदक जीता था। रविवार को दोबारा प्रीति ने दूसरा कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। PM नरेंद्र मोदी ने प्रीति से फोन पर बात की। इस दौरान पीएम ने पूछा बताइए कैसा लग रहा है? जवाब में प्रीति ने कहा- मेरा सपना था कि अपने देश का तिरंगा, दूसरे देश में लहराना है। यह सपना पूरा हो गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा सपना पूरा हो गया है। पीएम मोदी ने पूछा कि घर में बात हुई या नहीं? जवाब में प्रीति ने कहा- मेरे घर वाले रो रहे हैं। सभी उत्साहित है। मुझे यहां पूरा सपोर्ट मिल रहा है। में सभी खुश हैं। चौथे दिन दूसरा पदक जीतीं प्रीति प्रीति ने पहला मेडल जीतने के चौथे दिन बाद दूसरा मेडल जीता। 200 मीटर की रेस में 30.01 सेकेंड का समय निकालते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इससे चार दिन पहले उन्होंने 100 मीटर की रेस में 14.21 सेकेंड का समय लेते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। कौन हैं प्रीति पाल, चलिए पढ़ते हैं उनके संघर्ष की कहानी… प्रीति पाल उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं। मेरठ में उनका गांव कसेरू बक्सर पड़ता है। पहली बार मेडल जीतने के बाद प्रीति के घर जन प्रतिनिधियों का आना-जाना शुरू हो गया। एक सामान्य परिवार की प्रीति के घर अब दिवाली जैसी रौनक है। दैनिक भास्कर ने प्रीति के घर वालों से बात की। 10 साल पहले तक तो चल भी नहीं पाती थीं प्रीति प्रीति की बहन नेहा ने बताया- मेरी छोटी बहन प्रीति, वो आम बच्चों से एकदम अलग थी। जब मैंने पहली बार उस नन्हीं बच्ची को गोद में उठाया तो देखा उसके दोनों पैर जुड़े थे। कहूं तो उसके पंजे, घुटने, जांघें दो थी, लेकिन वो एक पैर था। मुझे लगा ये कुछ रोमांचक है, लेकिन समय के साथ पता चला कि मेरी बहन के शरीर में कमी है। वो सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित थी। 10 साल तक उसे मैंने कभी पैरों पर चलते नहीं देखा, लेकिन आज पेरिस के पैरालिंपिक मैदान में जब उसने देश को दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया तो खुशी का ठिकाना न रहा। सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित थी प्रीति प्रीति की बहन नेहा ने बताया- हम लोग मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। पापा का नाम अनिल कुमार है, वो किसान हैं। कुछ सालों से मेरठ में आकर बस गए। दादा, दादी के अलावा घर में पापा अनिल पाल, मम्मी बालेश, बड़ी बहन नेहा, प्रीति, छोटा भाई अनिकेत, विवेक हैं। प्रीति को छोड़कर तीनों भाई, बहन जॉब करते हैं। नेहा ने बताया कि जन्म से प्रीति को सेलेब्रल पाल्सी थी। दोनों पैर जुड़े थे। वो चल नहीं पाती थी। बहुत दवाई कराई लेकिन असर नहीं हुआ। सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिमाग और शरीर मांसपेशियों के बीच सही से संवाद नहीं हो पाता है। इस बीमारी में व्यक्ति किसी भी चीज पर रिएक्ट करने में अधिक समय लेता है। सूर्य ग्रहण में गोबर में दबाते थे आधा शरीर प्रीति की दादी ने बताया- हम भारतीय संस्कृति से जुड़े हैं। एक बार किसी ने मुझे बताया कि जिसके पैर खराब हों। उसका आधा शरीर सूर्य ग्रहण के समय गोबर में दबाने से पैरों में जान लौट आती है। मैंने वैसा ही किया जब सूर्य ग्रहण होता तो पूरे दिन प्रीति का कमर तक शरीर गोबर के ढेर में दबा देती। घर के दूसरे बच्चे आसपास खड़े होकर हंसते थे। 10 साल बिस्तर पर गुजारी जिंदगी बहन नेहा ने बताया- प्रीति का हर तरह का इलाज कराया गया। डॉक्टरों ने उसके पैरों को अलग किया, उसके दोनों पैरों में 10 साल तक प्लास्टर बंधा रहा। वो पूरी तरह बिस्तर पर थी। बिस्तर से उठ नहीं पाती थी, उसका हर काम बेड पर हम लोग करते। थोड़े दिन बाद प्लास्टर हटा तो उसने धीरे-धीरे चलना शुरू किया। उसे लोहे के जूते, कैलीपर्स पहनाए गए। फिर भी उसके पैरों में मजबूती नहीं थी। वो चलते-चलते गिर जाती थी। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। 12 साल की उम्र से दौड़ने लगी बहन नेहा ने बताया- प्रीति ने अपने पैरों पर खड़ा होना शुरू किया तो अक्सर उसका मन दौड़ने का करता। वो नाजुक पैरों से अक्सर दौड़ती और गिर जाती। उसने अपनी पढ़ाई भी शुरू की और पढ़ाई के साथ खेलों में बढ़ी। टीवी पर उसने दिव्यांग खिलाड़ियों के वीडियो देखे थे, तभी उसने ठान लिया कि वो अपनी जिंदगी बेकार नहीं करेगी। कुछ नहीं कर सकती लेकिन खिलाड़ी बनेगी। खेलों में उसे दौड़ना पसंद था इसलिए उसने यह चुना। 20 किमी ट्रायसाइकिल चलाकर जाती प्रीति जब स्पोर्ट्स में उतरी तो प्रैक्टिस के लिए कैलाश प्रकाश स्टेडियम जाती, सुबह जाकर रात तक फील्ड से लौटती। कई बार ऑटो नहीं मिलता तो पापा उसे लेने जाते। कुछ दिन बाद प्रीति के कहने पर पापा ने उसे एक टाई साइकिल दिलाई। इसके बाद घर से स्टेडियम रोज 20 km का सफर प्रीति ट्राई साइकिल पर तय करती थी। प्रीति ने वीडियो कॉल पर की बात, CM योगी ने दी बधाई प्रीति को मेडल मिलने पर CM योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है। साथ ही 1 सितंबर को होने वाले 200 मीटर इवेंट के लिए ऑल द बेस्ट कहा है। प्रीति ने पदक जीतने के बाद सबसे पहले फैमिली को वीडियो कॉल किया। इस दौरान दैनिक भास्कर से बातचीत में प्रीति ने कहा सोचा नहीं था ये पदक जीत पाऊंगी। सभी का धन्यवाद देती हूं। मेरठ आकर सभी से मिलूंगी। वहीं एक साथ बर्थडे मनाऊंगी। पड़ोसी बोले- डीजे बजवाकर करेंगे वेलकम प्रीति पाल को गिरते उठते, संभलते उनके परिवार और पड़ोसियों सभी ने देखा है। प्रीति के घरवालों के साथ पड़ोसी भी इस जीत पर नाज कर रहे हैं। पड़ोसी रचना, नेहा, कुसुम और ईशा ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई। उन्होंने कहा- प्रीति आएगी तो डीजे, ढोल बजाकर कालोनी में उसका स्वागत करेंगे। हमने उसकी मेहनत देखी है वो ये सफलता डिजर्व करती है। जैनब खातून ने दी खेलों की प्रेरणा प्रीति के खेलों की प्रेरणा और शुरुआती अभ्यास मेरठ की ही पैरा खिलाड़ी जैनब खातून ने दिया। इसके बाद प्रीति ने कोच गजेंद्र सिंह, गौरव त्यागी से भी ट्रेनिंग ली। बहन नेहा कहती हैं कि प्रीति ने जब खेलना शुरू किया तो बहुत मुश्किल था। वो चल भी नहीं पाती थी तो दौड़ना तो दूर की बात थी। लेकिन उसने हौसला नहीं छोड़ा। इस घर के सभी लोगों ने उसका पूरा साथ दिया। मेहनत के दम पर उसने स्टेट में पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पटियाला में सड़क किनारे लगी आग:चारों तरफ फैला धुआं, ट्रैफिक हुआ बाधित, वाहन चालकों ने खुद संभाली कमान पटियाला के गांव चुपकी स्थित फिजिकल कॉलेज के नजदीक हाईवे पर सड़क किनारे स्थित सूखी घास में अचानक आग लग गई। तेज हवा के कारण आग तेजी से फैल रही थी। आग लगने के कारण सड़क पर धुआं ही धुआं हो गया, जिस कारण ट्रैफिक पूरी तरह से बंद कर दी गई है। धुआं बहुत हो जाने से हादसे का खतरा बढ़ गया। ऐसे में कुछ लोगों ने ट्रैफिक खुद ही कंट्रोल करना शुरु कर दिया। आग लगने की घटना के कारण पता नहीं चल पाया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। तकरीबन 1 घंटे बाद आग शांत हो पाई। इस दौरान कुछ लोग जान जोखिम में डालकर गुजरते रहे तो कुछ लोगों ने अपने वाहन रोकने के बाद आग बुझने का इंतजार किया। आपको बता दें कि, बता दें बीते दिनों गांव नरडू में इसी तरह से खेतों में आग लगने की वजह से काफी धुआं फैल गया था, जिस वजह से दिखाई देना बंद हो गया। उसी दौरान धुएं की वजह से रूकी हुई एक गाड़ी में बुलेट सवार व्यक्ति ने जोरदार टक्कर मार दी। जिस वजह से गाड़ी का अगला हिस्सा टूट गया और बुलेट भी टूटा और बुलेट चला रहे व्यक्ति के काफी चोट भी लगी।
टनल हादसे के 18 दिन बाद भी लापता है JCB ऑपरेटर, सीएम शिंदे ने परिवार से मिल सहायता का दिया भरोसा
टनल हादसे के 18 दिन बाद भी लापता है JCB ऑपरेटर, सीएम शिंदे ने परिवार से मिल सहायता का दिया भरोसा <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News: </strong>महाराष्ट्र सरकार की एमएमआरडीए (MMRDA) की तरफ से बनाई जा रही एक पाइपलाइन टनल के मलबे में 18 दिन पहले एक जेसीबी ऑपरेटर दब गया था जिसकी तलाश की जा रही है. घटनास्थल पर गायब लड़के के इंतजार में उसका पूरा परिवार बैठा हुआ है. यह परिवार यूपी का रहने वाला है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को घटनास्थल का मुआयना किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते 18 दिनों से पत्नी, पिता,भाई-बहन और बच्चे घटनास्थल पर बैठे हुए हैं. इनके चारों तरफ मजमा लगा है. इनसे मिलने के लिए पुलिस अधिकारी और नेता पहुंच रहे हैं. दरअसल मुंबई से सटे मुंबई अहमदाबाद रोड पर मीरा भयंदर की खाड़ी के अंदर से पानी की बड़ी पाइपलाइन ले जाने के लिए एक टनल बनाया जा रहा था . 29 मई को जब जेसीबी मशीन ऑपरेटर यहां काम कर रहा था तो इस 60 फीट गड्ढे के आसपास की जमीन धंस गई और राकेश यादव मलबे में दब गया. उसकी तलाश की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार ने लगाया आरोप, हमसे कोई ठीक से नहीं कर रहा बात</strong><br /> पिता बालचंद यादव और पत्नी सुशीला यादव का कहना है कि राकेश को ढूंढने में लापरवाही की गई. हमसे ना कोई ठीक से बात कर रहा हैना हमारे बेटे के बारे में बता रहा है. पालघर जिले के सूर्या डैम से एक बड़ी पाइपलाइन मीरा रोड के लिए आ रही है. जिसका कुछ हिस्सा मीरा भायंदर की खाड़ी के अंदर से एक टनल के जरिए आना है और उसी का काम चल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑपरेटर को ढूंढने के लिए लगाई गई एनडीआरएफ की टीम</strong><br />महाराष्ट्र सरकार के एमएमआरडीए की तरफ से यह पूरा प्रोजेक्ट एलएनटी कंपनी को बनाने के लिए दिया गया है . L&T कंपनी इस टनल को बनाने का काम कर रही है. जहां पर यह हादसा हुआ. उधर, सीएम शिंदे ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान आर्थिक सहायता और नौकरी देने का भरोसा दिलाया. साथ ही <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> ने कहा कि हमने राकेश यादव की खोज के लिए एनडीआरएफ के साथ नेवी और आर्मी को भी जिम्मेदारी सौंपी है और जल्द ही इस ऑपरेशन को पूरा किया जाएगा.</p>
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हरियाणा कांग्रेस MLA छात्रा सुसाइड केस में तलब:पुलिस ने 4 घंटे बैठाए रखा; बोले- पूछताछ के नाम पर परेशान किया जा रहा
हरियाणा कांग्रेस MLA छात्रा सुसाइड केस में तलब:पुलिस ने 4 घंटे बैठाए रखा; बोले- पूछताछ के नाम पर परेशान किया जा रहा हरियाणा के भिवानी में छात्रा के सुसाइड मामले में आज लोहारू से कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया को पूछताछ के लिए DSP ऑफिस बुलाया गया। यहां उन्हें करीब 4 घंटे तक बैठाए रखा गया। पूछताछ के बाद जब वह बाहर आए तो उन्होंने कहा कि उन्हें कॉलेज की बेटियों ने बताया है कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि जेल हो जाएगी। पुलिस प्रशासन पर बेटियों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए विधायक ने कहा कि एक बेटी हमारे बीच से चली गई है। ऐसे में बार-बार बेटियों को पूछताछ के नाम पर परेशान किया जा रहा है। यदि कुछ अनहोनी हुई तो प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। बता दें कि भिवानी जिले के गांव सिंघानी स्थित शारदा महिला कॉलेज की BA फाइनल ईयर की छात्रा दीक्षा ने 24 दिसंबर को फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। वह आर्थिक तंगी के कारण कॉलेज की फीस नहीं भर पाई थी। इसके चलते उसे कॉलेज से निकाल दिया गया था। विधायक फरटिया इस कॉलेज के मालिक हैं। इस मामले में भिवानी के SP नीतीश अग्रवाल, SIT टीम के इंचार्ज दलीप कुमार और लोहारू थाना प्रभारी शिव कुमार की मौजूदगी में उनसे पूछताछ की गई। साथ ही आरोपी कॉलेज प्रशासन को भी ऑफिस बुलाया गया था। यहां उनके भी बयान दर्ज किए गए। विधायक बोले- इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
कांग्रेस विधायक ने कहा कि छात्रा के सुसाइड की बात से मन बहुत दुखी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विजन को मैं लेकर चला था जो विजन प्रदेश सरकार का भी है। बीते वर्षों में मैंने कोशिश की है कि बेटियों को निशुल्क शिक्षा दी जाए। मेरा कॉलेज प्रदेश में एक ऐसा कॉलेज है, जिसमें बेटियों को फ्री शिक्षा दी जाती है। आज कुछ राजनेता इस पर कीचड़ उछाल रहे हैं जो बहुत ही दुख का विषय है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरा खेल उनका रचा हुआ है। मुझमें कोई कमी है तो मुझे सजा मंजूर है। प्रशासन भी इस जांच को लंबा खींच रहा है। इसमें यह ढूंढ़ा जा रहा है कि कोई आकर यह कह दे कि इसमें राजबीर फरटिया भी शामिल है, ताकि ये लोग मुझे जेल में डाला जाए। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ… छात्रा के पिता के बयान पर केस दर्ज
24 दिसंबर 2024 को छात्रा दीक्षा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसे 35 हजार रुपए फीस न भरने के बाद कॉलेज से निकाल दिया गया था। वह पेपर देने कॉलेज गई तो उससे भी रोक दिया गया, जिससे छात्रा मानसिक रूप से परेशान रहने लगी थी। छात्रा गांव भीमा फरटिया की रहने वाली थी। उसके पिता के बयान पर पुलिस ने कॉलेज संचालक, उसके बेटा-बेटी और प्रिंसिपल पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था। मंत्री मिलने पहुंचे, गले लगकर रोए माता-पिता
बीते शुक्रवार को प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी मृतक स्टूडेंट के गांव भीमा फरटिया पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए न्याय का भरोसा दिलाया। मंत्री कृष्ण बेदी ने FIR दर्ज करने में देरी करने वाले लोहारू थाना के SHO को लाइन हाजिर करने के आदेश दिए। इसके तुरंत बाद SP नीतीश अग्रवाल ने SHO को लाइन हाजिर कर दिया। इस दौरान मृतका की मां और पिता मंत्री से गले लगकर रोने लगे। मंत्री ने कहा था कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। मृतका बेटी को न्याय दिलवाया जाएगा। रेनू भाटिया बोलीं- मामले को दबने नहीं दिया जाएगा
इसी बीच शुक्रवार को ही हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया लोहारू पहुंचीं। उन्होंने कहा कि मामले की बारीकी से जांच की जाएगी। उन्होंने कॉलेज में जाकर स्टाफ के सदस्यों से स्टूडेंट आत्महत्या मामले में पूछताछ की। इसके बाद वह मृतका के घर पहुंचीं और परिजनों से भी विस्तार से बातचीत की। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मामले को लेकर फीस से संबंधित और आरोपी से संबंधित पूरा विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। उसके उपरांत ही आगामी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मृतका को न्याय दिलाया जाएगा और मामले को किसी भी सूरत में दबने नहीं दिया जाएगा। मामले की सच्चाई सबके सामने लाई जाएगी। राजनीति भी तेज, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
इस मामले में राजनीति भी गरमाई। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने इस पर कहा कि भाजपा शासित राज्यों में वंचित समाज के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं, उन्हें रोकने में सरकारें नाकाम साबित हो रही हैं। वंचितों की सुनवाई तक नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि वंचित उत्पीड़न की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। इसी तरह सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की बात की गई है। लेकिन अफसोस है कि हरियाणा में एक वंचित बिटिया को परीक्षा की फीस न दे पाने की वजह से आत्महत्या करनी पड़ती है। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि बेहद शर्मनाक है। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए। ॰॰॰॰॰॰॰ छात्रा के सुसाइड मामले की ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में कॉलेज से निकालने पर छात्रा ने फंदा लगाया:पेपर देने से भी रोका, फीस नहीं भर सकी थी; संचालक-प्रिंसिपल पर FIR भिवानी छात्रा सुसाइड केस में सामने आया कॉलेज प्रशासन:प्रिंसिपल बोली- एग्जाम से नहीं रखा वंचित, केवल एडमिशन फीस ली; लोग राजनीति कर रहे स्टूडेंट सुसाइड केस में लोहारू एसएचओ लाइन हाजिर:FIR दर्ज करने में देरी, पीड़ित परिवार से मिलकर मंत्री बेदी ने दी सांत्वना लोहारू पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:रेनू भाटिया बोली-स्टूडेंट सुसाइड मामले की बारीकी से होगी जांच, मृतका बेटी को मिलेगा न्याय