मेरठ के जैद को सऊदी में सुनाई सजा-ए-मौत:भाई बोला- पुलिस की गाड़ी चलाता था, उसे फंसाया गया; सऊदी में इस गांव के 700 नौजवान

मेरठ के जैद को सऊदी में सुनाई सजा-ए-मौत:भाई बोला- पुलिस की गाड़ी चलाता था, उसे फंसाया गया; सऊदी में इस गांव के 700 नौजवान

सऊदी अरब में मक्का की क्रिमिनल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में मेरठ निवासी 36 साल के जैद को सजा-ए-मौत दी है। जैद को पिछले साल ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। जेद्दाह स्थित दूतावास ने जैद के परिजनों से कहा है कि वो चाहें तो एक क्षमा याचिका (मर्सी पिटीशन) भेज सकते हैं। जैद 6 साल पहले कमाने के लिए सऊदी अरब गया था, जहां वो बतौर ड्राइवर नौकरी कर रहा था। जैद की तरह उसके गांव से तकरीबन 700 युवा सऊदी अरब में नौकरी कर रहे हैं। गांव की आबादी करीब दस हजार है। यहां लगभग हर घर से एक सदस्य सऊदी में है। पिछले दिनों इस गांव के एक लड़के की सऊदी में हत्या हो गई, अब दूसरा ड्रग्स केस में पकड़ा गया। जैद के परिजनों को लगता है कि उनके बेटे को फंसाया गया है, क्योंकि वो पुलिसकर्मियों की गाड़ी चलाता था। ‘दैनिक भास्कर’ ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। जैद के परिजनों से बात की। कानूनी पहलुओं को समझा। दूतावास से आए लेटर की स्टडी की। ये भी जाना कि इस केस में अब और क्या हो सकता है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा मामला समझिए दूतावास ने बताया- ड्रग्स बनाने-बेचने में पाकिस्तानी युवक संग पकड़ा गया था जैद कंसल्टेंट जनरल ऑफ इंडिया, जेद्दाह ने भारत के विदेश मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर बताया है कि जैद पुत्र जुबैर निवासी मेरठ (यूपी) को स्थानीय पुलिस ने 15 जनवरी 2023 को ड्रग्स बनाने और तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से वो जेद्दाह की सेंट्रल जेल सुमेसी में बंद है। इस चिट्ठी के अनुसार, जैद और उसके पाकिस्तानी सहयोगी को जेद्दाह में पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जब वे निशान कार में बैठे थे। कार से एक नायलॉन बैग रिकवर हुआ। इसके अंदर 400 ग्राम क्रिस्टल मेथ या मेथैम्फेटामाइन ड्रग और दूसरे बैग में 305 ग्राम क्रस्ड ड्रग्स रखा था। दोनों से पूछताछ हुई तो एक लैब का पता चला। पुलिस ने वहां रेड की। इस लैब का इस्तेमाल नशीला पदार्थ मेथैम्फेटामाइन को शुद्ध करने के लिए किया जा रहा था। यहां मादक पदार्थ से भरे कई बैग बरामद हुए। बड़ी मात्रा में लैब से ड्रग्स मिली। चिट्ठी के पैराग्राफ नंबर-3 में लिखा है कि सबूत और जैद के कुबूलनामे के आधार पर मक्का स्थित आपराधिक न्यायालय के संयुक्त जजों की पीठ ने उसे सजा-ए-मौत दी है। हालांकि दूतावास ने सऊदी अथॉरिटी के समक्ष इस मामले को उठाया और उनसे अनुरोध किया है कि वो इस मामले को सहानुभूतिपूर्वक देखें और जैद को मानवीय आधार पर क्षमा करें। दूतावास ने जैद के परिजनों से भी अनुरोध किया है कि वो जल्द से जल्द नई दिल्ली में स्थित सऊदी अरब के शाही दूतावास के जरिए दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक राजा सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद के नाम पर एक दया याचिका भेजें। मेरठ पुलिस ने एक दिसंबर को दी सजा-ए-मौत की जानकारी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय से ये सूचना उत्तर प्रदेश में मेरठ पुलिस के पास आई। मेरठ के मुंडाली थाना प्रभारी ने एक दिसंबर 2024 को जैद के परिवारवालों को थाने पर बुलाया। 36 साल का जैद मेरठ में मुंडाली क्षेत्र के रछौती गांव का रहने वाला है। पुलिस ने जैद के पिता को एक नोटिस रिसीव कराया। इसमें लिखा है- जैद मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में 15 जनवरी, 2023 से सेंट्रल जेल जेद्दाह में बंद है। उसे क्रिमिनल कोर्ट मक्का ने सजा-ए-मौत आदेश दिया है। ये आदेश सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय से अनुमोदन की प्रक्रिया में है। पुलिस ने कहा- हमारे द्वारा नोटिस देने का उद्देश्य ये है कि जैद के परिवारवाले इस केस में उचित पैरवी कर सकें। जैद की सलामती के लिए पढ़ी जा रही दुआएं रछौती गांव मेरठ-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर सड़क से करीब दो किलोमीटर अंदर पड़ता है। हम सीधे रछौती गांव पहुंचे। गांव की मुख्य सड़क पर हल्के गुलाबी रंग में करीब 100 गज का मकान जैद के पिता जुबैर अहमद का है। परिवार में पत्नी रिहाना और सात बेटे हैं। इसमें तीन बेटे मोईन (40 साल), जैद (36 साल) और फैसल (19 साल) सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करते हैं। जैद साल-2018 में जेद्दा गया था। जुबैर अहमद का एक बेटा सुहैल यूपी पुलिस की तैयारी कर रहा है, जबकि दो बेटे समीर और माज पढ़ाई कर रहे हैं। जैद को सजा-ए-मौत की खबर पाने के बाद उसके घर में दुआएं पढ़ी जा रही हैं। जब हम घर पहुंचे तो घर के पहले फ्लोर पर कई महिलाएं जैद की सलामती के लिए दुआएं पढ़ रही थीं। भाई की अपील- सरकार रिहा कराने में मदद करे घर पर हमें जैद के छोटे भाई शाद अहमद मौजूद मिले। वे बताते हैं- जैद पहले एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे। वहां उन्होंने अल-साले मोहम्मद नामक कंपनी में काम किया। वो कंपनी ठीक नहीं थी। इसलिए वहां से काम बंद करके अल जाफर कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिन बाद अल जाफर कंपनी की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस पर कंपनी ने जैद के खिलाफ रिकवरी का एक केस फाइल कर दिया। जैद उस जुर्माने को भर नहीं सकते थे, इसलिए उन्होंने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद जैद की मुलाकात सऊदी के एक पुलिसकर्मी से हुई। उस पुलिसकर्मी ने जैद से कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, हमारी गाड़ी चलाइए, हम कानूनी मदद भी करवा देंगे। 15 जनवरी, 2023 को लोकल पुलिस ने जैद को गिरफ्तार किया। ड्रग्स की रिकवरी दिखाई। साथी ड्राइवर बोला- जैद सीधा इंसान, क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं सऊदी अरब के रियाद शहर में इसी गांव के मुशाहिद भी 8 साल से ड्राइवर की नौकरी करते हैं। फिलहाल वो 15 दिन की छुट्टी पर गांव आए हुए हैं। हमने उनसे भी बातचीत की। मुशाहिद ने बताया- जैद के जेल जाने से करीब 10-15 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी। उनसे मुझसे तब ठीक-ठाक बात की थी। इसके बाद वो जेद्दाह में ड्रग्स सहित पकड़ा गया, लेकिन हमें किसी को इसकी खबर नहीं लगी। कुछ दिन बाद जब फोटो वायरल हुए, तब पता चला कि जैद जेल के अंदर है। वकील बोले- क्षमा याचिका तैयार करा रहे वकील मोहम्मद असजद जैद के परिवार की कानूनी रूप से मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया- पीड़ित परिवार को जो नोटिस मिला है, उसमें कहा गया है कि आप विदेश मंत्रालय में संपर्क करें और एक क्षमा याचिका भेजें। पीड़ित परिवार तीन दिसंबर को दिल्ली में दूतावास गया था, लेकिन सही तरीके से बातचीत नहीं हो पाई है। परिवार मेरठ कचहरी में क्षमा याचिका के दस्तावेज तैयार करवा रहा है। सऊदी अरब हुकूमत ने इस केस में पैरवी करने के लिए एक मौका दिया है। ड्राइवर को मिलती है 25-30 हजार रुपए सैलरी मेरठ के रछौती गांव की आबादी करीब 10 हजार है। ग्राम प्रधान के चुनाव में करीब 7 हजार का पोलिंग है। बताते हैं कि इस गांव के करीब 700 नौजवान सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में नौकरियां कर रहे हैं। अगर एक घर में पांच लड़के हैं तो उसमें कम से कम दो लड़के सऊदी अरब में हैं। इन्हें ड्राइवर की नौकरी करने पर 25 से 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है। इसमें आधी सैलरी वो खुद पर खर्च कर देते हैं, जबकि आधा पैसा परिवारवालों को भेज देते हैं। अब जानिए मर्सी पिटीशन की प्रक्रिया क्या है? मेरठ कोर्ट के सीनियर एडवोकेट (क्रिमिनल) ब्रजभूषण गर्ग बताते हैं- भारतीय कानून में मर्सी पिटीशन दोष सिद्ध हो चुके व्यक्ति की तरफ से ही राष्ट्र अध्यक्ष के नाम भेजी जाती है। पिटीशन पहले वो अपने जेल अधीक्षक को देता है, फिर उनके जरिए राष्ट्र अध्यक्ष (राष्ट्रपति) के पास जाती है। मर्सी पिटीशन पर फैसला लेने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। लेकिन, इतना तय है कि जब तक मर्सी पिटीशन पर राष्ट्राध्यक्ष फैसला नहीं लेते, तब तक फांसी नहीं दी जा सकती। सर्वोच्च अदालत सिर्फ फांसी की सजा तय कर सकती है, तारीख नहीं। भारत के राष्ट्रध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं, जबकि सऊदी अरब में प्रिंस होते हैं। ऐसे में ये मर्सी पिटीशन उन्हीं के नाम लिखी जाएगी। कई देशों में कड़ी सजा का प्रावधान सऊदी अरब समेत कई देशों में नशा तस्करी के मामले में सख्त कानून है। ये देश संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की परवाह किए बिना कड़ी सजा देते हैं। चीन, सिंगापुर, वियतनाम, ईरान ऐसे ही देशों में हैं। सऊदी अरब ने ड्रग्स के मामलों में मौत की सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन हाल के साल में फिर ऐसा किया जाने लगा। —————— जैद से जुड़ी ये मूल खबर भी पढ़िए… मेरठ के युवक को सऊदी में सुनाई मौत की सजा:मादक पदार्थ की तस्करी में दोषी मिला, मुंडाली के रछोती का रहने वाला है जैद मेरठ के मुंडाली ग्राम रछोती के जैद (35) पुत्र जुबैर को मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में सऊदी अरब की क्रिमिनल कोर्ट मक्का ने मौत की सजा सुनाई है। इस मामले में सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने जैद को अपना पक्ष रखने को कहा है। एसएसपी मेरठ को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि यदि परिवार के लोग पैरवी करना चाहते हैं तो वह कोर्ट में संपर्क कर सकते है। पढ़ें पूरी खबर… सऊदी अरब में मक्का की क्रिमिनल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में मेरठ निवासी 36 साल के जैद को सजा-ए-मौत दी है। जैद को पिछले साल ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। जेद्दाह स्थित दूतावास ने जैद के परिजनों से कहा है कि वो चाहें तो एक क्षमा याचिका (मर्सी पिटीशन) भेज सकते हैं। जैद 6 साल पहले कमाने के लिए सऊदी अरब गया था, जहां वो बतौर ड्राइवर नौकरी कर रहा था। जैद की तरह उसके गांव से तकरीबन 700 युवा सऊदी अरब में नौकरी कर रहे हैं। गांव की आबादी करीब दस हजार है। यहां लगभग हर घर से एक सदस्य सऊदी में है। पिछले दिनों इस गांव के एक लड़के की सऊदी में हत्या हो गई, अब दूसरा ड्रग्स केस में पकड़ा गया। जैद के परिजनों को लगता है कि उनके बेटे को फंसाया गया है, क्योंकि वो पुलिसकर्मियों की गाड़ी चलाता था। ‘दैनिक भास्कर’ ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। जैद के परिजनों से बात की। कानूनी पहलुओं को समझा। दूतावास से आए लेटर की स्टडी की। ये भी जाना कि इस केस में अब और क्या हो सकता है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा मामला समझिए दूतावास ने बताया- ड्रग्स बनाने-बेचने में पाकिस्तानी युवक संग पकड़ा गया था जैद कंसल्टेंट जनरल ऑफ इंडिया, जेद्दाह ने भारत के विदेश मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर बताया है कि जैद पुत्र जुबैर निवासी मेरठ (यूपी) को स्थानीय पुलिस ने 15 जनवरी 2023 को ड्रग्स बनाने और तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से वो जेद्दाह की सेंट्रल जेल सुमेसी में बंद है। इस चिट्ठी के अनुसार, जैद और उसके पाकिस्तानी सहयोगी को जेद्दाह में पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जब वे निशान कार में बैठे थे। कार से एक नायलॉन बैग रिकवर हुआ। इसके अंदर 400 ग्राम क्रिस्टल मेथ या मेथैम्फेटामाइन ड्रग और दूसरे बैग में 305 ग्राम क्रस्ड ड्रग्स रखा था। दोनों से पूछताछ हुई तो एक लैब का पता चला। पुलिस ने वहां रेड की। इस लैब का इस्तेमाल नशीला पदार्थ मेथैम्फेटामाइन को शुद्ध करने के लिए किया जा रहा था। यहां मादक पदार्थ से भरे कई बैग बरामद हुए। बड़ी मात्रा में लैब से ड्रग्स मिली। चिट्ठी के पैराग्राफ नंबर-3 में लिखा है कि सबूत और जैद के कुबूलनामे के आधार पर मक्का स्थित आपराधिक न्यायालय के संयुक्त जजों की पीठ ने उसे सजा-ए-मौत दी है। हालांकि दूतावास ने सऊदी अथॉरिटी के समक्ष इस मामले को उठाया और उनसे अनुरोध किया है कि वो इस मामले को सहानुभूतिपूर्वक देखें और जैद को मानवीय आधार पर क्षमा करें। दूतावास ने जैद के परिजनों से भी अनुरोध किया है कि वो जल्द से जल्द नई दिल्ली में स्थित सऊदी अरब के शाही दूतावास के जरिए दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक राजा सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद के नाम पर एक दया याचिका भेजें। मेरठ पुलिस ने एक दिसंबर को दी सजा-ए-मौत की जानकारी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय से ये सूचना उत्तर प्रदेश में मेरठ पुलिस के पास आई। मेरठ के मुंडाली थाना प्रभारी ने एक दिसंबर 2024 को जैद के परिवारवालों को थाने पर बुलाया। 36 साल का जैद मेरठ में मुंडाली क्षेत्र के रछौती गांव का रहने वाला है। पुलिस ने जैद के पिता को एक नोटिस रिसीव कराया। इसमें लिखा है- जैद मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में 15 जनवरी, 2023 से सेंट्रल जेल जेद्दाह में बंद है। उसे क्रिमिनल कोर्ट मक्का ने सजा-ए-मौत आदेश दिया है। ये आदेश सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय से अनुमोदन की प्रक्रिया में है। पुलिस ने कहा- हमारे द्वारा नोटिस देने का उद्देश्य ये है कि जैद के परिवारवाले इस केस में उचित पैरवी कर सकें। जैद की सलामती के लिए पढ़ी जा रही दुआएं रछौती गांव मेरठ-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर सड़क से करीब दो किलोमीटर अंदर पड़ता है। हम सीधे रछौती गांव पहुंचे। गांव की मुख्य सड़क पर हल्के गुलाबी रंग में करीब 100 गज का मकान जैद के पिता जुबैर अहमद का है। परिवार में पत्नी रिहाना और सात बेटे हैं। इसमें तीन बेटे मोईन (40 साल), जैद (36 साल) और फैसल (19 साल) सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करते हैं। जैद साल-2018 में जेद्दा गया था। जुबैर अहमद का एक बेटा सुहैल यूपी पुलिस की तैयारी कर रहा है, जबकि दो बेटे समीर और माज पढ़ाई कर रहे हैं। जैद को सजा-ए-मौत की खबर पाने के बाद उसके घर में दुआएं पढ़ी जा रही हैं। जब हम घर पहुंचे तो घर के पहले फ्लोर पर कई महिलाएं जैद की सलामती के लिए दुआएं पढ़ रही थीं। भाई की अपील- सरकार रिहा कराने में मदद करे घर पर हमें जैद के छोटे भाई शाद अहमद मौजूद मिले। वे बताते हैं- जैद पहले एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे। वहां उन्होंने अल-साले मोहम्मद नामक कंपनी में काम किया। वो कंपनी ठीक नहीं थी। इसलिए वहां से काम बंद करके अल जाफर कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिन बाद अल जाफर कंपनी की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस पर कंपनी ने जैद के खिलाफ रिकवरी का एक केस फाइल कर दिया। जैद उस जुर्माने को भर नहीं सकते थे, इसलिए उन्होंने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद जैद की मुलाकात सऊदी के एक पुलिसकर्मी से हुई। उस पुलिसकर्मी ने जैद से कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, हमारी गाड़ी चलाइए, हम कानूनी मदद भी करवा देंगे। 15 जनवरी, 2023 को लोकल पुलिस ने जैद को गिरफ्तार किया। ड्रग्स की रिकवरी दिखाई। साथी ड्राइवर बोला- जैद सीधा इंसान, क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं सऊदी अरब के रियाद शहर में इसी गांव के मुशाहिद भी 8 साल से ड्राइवर की नौकरी करते हैं। फिलहाल वो 15 दिन की छुट्टी पर गांव आए हुए हैं। हमने उनसे भी बातचीत की। मुशाहिद ने बताया- जैद के जेल जाने से करीब 10-15 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी। उनसे मुझसे तब ठीक-ठाक बात की थी। इसके बाद वो जेद्दाह में ड्रग्स सहित पकड़ा गया, लेकिन हमें किसी को इसकी खबर नहीं लगी। कुछ दिन बाद जब फोटो वायरल हुए, तब पता चला कि जैद जेल के अंदर है। वकील बोले- क्षमा याचिका तैयार करा रहे वकील मोहम्मद असजद जैद के परिवार की कानूनी रूप से मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया- पीड़ित परिवार को जो नोटिस मिला है, उसमें कहा गया है कि आप विदेश मंत्रालय में संपर्क करें और एक क्षमा याचिका भेजें। पीड़ित परिवार तीन दिसंबर को दिल्ली में दूतावास गया था, लेकिन सही तरीके से बातचीत नहीं हो पाई है। परिवार मेरठ कचहरी में क्षमा याचिका के दस्तावेज तैयार करवा रहा है। सऊदी अरब हुकूमत ने इस केस में पैरवी करने के लिए एक मौका दिया है। ड्राइवर को मिलती है 25-30 हजार रुपए सैलरी मेरठ के रछौती गांव की आबादी करीब 10 हजार है। ग्राम प्रधान के चुनाव में करीब 7 हजार का पोलिंग है। बताते हैं कि इस गांव के करीब 700 नौजवान सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में नौकरियां कर रहे हैं। अगर एक घर में पांच लड़के हैं तो उसमें कम से कम दो लड़के सऊदी अरब में हैं। इन्हें ड्राइवर की नौकरी करने पर 25 से 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है। इसमें आधी सैलरी वो खुद पर खर्च कर देते हैं, जबकि आधा पैसा परिवारवालों को भेज देते हैं। अब जानिए मर्सी पिटीशन की प्रक्रिया क्या है? मेरठ कोर्ट के सीनियर एडवोकेट (क्रिमिनल) ब्रजभूषण गर्ग बताते हैं- भारतीय कानून में मर्सी पिटीशन दोष सिद्ध हो चुके व्यक्ति की तरफ से ही राष्ट्र अध्यक्ष के नाम भेजी जाती है। पिटीशन पहले वो अपने जेल अधीक्षक को देता है, फिर उनके जरिए राष्ट्र अध्यक्ष (राष्ट्रपति) के पास जाती है। मर्सी पिटीशन पर फैसला लेने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। लेकिन, इतना तय है कि जब तक मर्सी पिटीशन पर राष्ट्राध्यक्ष फैसला नहीं लेते, तब तक फांसी नहीं दी जा सकती। सर्वोच्च अदालत सिर्फ फांसी की सजा तय कर सकती है, तारीख नहीं। भारत के राष्ट्रध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं, जबकि सऊदी अरब में प्रिंस होते हैं। ऐसे में ये मर्सी पिटीशन उन्हीं के नाम लिखी जाएगी। कई देशों में कड़ी सजा का प्रावधान सऊदी अरब समेत कई देशों में नशा तस्करी के मामले में सख्त कानून है। ये देश संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की परवाह किए बिना कड़ी सजा देते हैं। चीन, सिंगापुर, वियतनाम, ईरान ऐसे ही देशों में हैं। सऊदी अरब ने ड्रग्स के मामलों में मौत की सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन हाल के साल में फिर ऐसा किया जाने लगा। —————— जैद से जुड़ी ये मूल खबर भी पढ़िए… मेरठ के युवक को सऊदी में सुनाई मौत की सजा:मादक पदार्थ की तस्करी में दोषी मिला, मुंडाली के रछोती का रहने वाला है जैद मेरठ के मुंडाली ग्राम रछोती के जैद (35) पुत्र जुबैर को मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में सऊदी अरब की क्रिमिनल कोर्ट मक्का ने मौत की सजा सुनाई है। इस मामले में सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने जैद को अपना पक्ष रखने को कहा है। एसएसपी मेरठ को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि यदि परिवार के लोग पैरवी करना चाहते हैं तो वह कोर्ट में संपर्क कर सकते है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर