पंजाब के मेरिटोरियस स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए चौथी काउंसलिंग 5 जून को होगी। काउंसलिंग राज्य के 23 जिलों में बनाए गए केंद्रों पर होगी। हालांकि, विभाग ने अभी मेरिट लिस्ट और शेड्यूल जारी नहीं किया है। विभाग का दावा है कि जल्द ही शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा ताकि योग्य छात्रों को मौका मिल सके। 60 फीसदी सीटें लड़कों के लिए राज्य के तलवाड़ा, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मोहाली, पटियाला, संगरूर में केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन स्कूलों में 4600 सीटों के लिए दाखिले की प्रोसेस चल रही है। अब तक तीन बार इन सीटों के लिए काउंसलिंग की जा चुकी है। तीसरी काउंसलिंग 29 और 30 मई को संपन्न हुई थीं। इसमें 1736 लड़कों और 931 लड़कियों को बुलाया गया था। हालांकि इसके बाद भी कुछ सीटें रह गई थी। बता दें कि 60 फीसदी सीटें लड़कों व 40 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए तय की गई हैं। मार्च से चल रही है प्रक्रिया मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में मार्च माह से चल रही है। इसके लिए पहले परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद मई माह में तीन बार काउंसिलिंग हुई। हालांकि काउंसिलिंग को लेकर नियम काफी सख्त है। जो शेड्यूल विभाग द्वारा जारी किया जाता है, उसके मुताबिक ही स्कूल में पहुंचना होता है। इसके अलावा सीट अलॉट होने पर दो दिनों के भीतर अलॉट होने वाले स्कूल में रिपोर्ट करनी होती है। वहीं, काउंसिलिंग में आने वाले मतलब यह नहीं है कि आपका दाखिला तय है। पंजाब के मेरिटोरियस स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए चौथी काउंसलिंग 5 जून को होगी। काउंसलिंग राज्य के 23 जिलों में बनाए गए केंद्रों पर होगी। हालांकि, विभाग ने अभी मेरिट लिस्ट और शेड्यूल जारी नहीं किया है। विभाग का दावा है कि जल्द ही शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा ताकि योग्य छात्रों को मौका मिल सके। 60 फीसदी सीटें लड़कों के लिए राज्य के तलवाड़ा, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मोहाली, पटियाला, संगरूर में केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन स्कूलों में 4600 सीटों के लिए दाखिले की प्रोसेस चल रही है। अब तक तीन बार इन सीटों के लिए काउंसलिंग की जा चुकी है। तीसरी काउंसलिंग 29 और 30 मई को संपन्न हुई थीं। इसमें 1736 लड़कों और 931 लड़कियों को बुलाया गया था। हालांकि इसके बाद भी कुछ सीटें रह गई थी। बता दें कि 60 फीसदी सीटें लड़कों व 40 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए तय की गई हैं। मार्च से चल रही है प्रक्रिया मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में मार्च माह से चल रही है। इसके लिए पहले परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद मई माह में तीन बार काउंसिलिंग हुई। हालांकि काउंसिलिंग को लेकर नियम काफी सख्त है। जो शेड्यूल विभाग द्वारा जारी किया जाता है, उसके मुताबिक ही स्कूल में पहुंचना होता है। इसके अलावा सीट अलॉट होने पर दो दिनों के भीतर अलॉट होने वाले स्कूल में रिपोर्ट करनी होती है। वहीं, काउंसिलिंग में आने वाले मतलब यह नहीं है कि आपका दाखिला तय है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ने पर अड़े निहंग, नहरी विभाग के अधिकारी बैरंग लौटे भास्कर न्यूज | फिरोजपुर थाना जीरा सदर के अधीन आते गांव बंडाला नौ बंब में साइकिल पर रिश्तेदार के घर जा रहे व्यक्ति को रास्ते में दर्जनभर के करीब हथियारबंद युवकों ने घेर लिया। आरोपियों ने साइकिल सवार से मारपीट की और फिर हवाई फायर कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर 12 हमलावरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को दिए बयान में पीड़ित गुरजीत सिंह निवासी गांव बंडाला नौ बंब ने बताया कि वह घर से साइकिल पर अपनी बुआ की बेटी के घर जाने के लिए उनके घर के पास पहुंचा तो पीछे से एकदम गाड़ियों में सवार होकर 11 से 12 युवक आए। सभी युवकों ने हाथों में बेसबॉल बैट, तलवार और तेजधार हथियार पकड़े हुए थे और उनके मुंह कपड़े से ढंके हुए थे। उन्होंने घेरकर पहले जमकर मारपीट की। जब वह भागने लगा तो पीछे से फायर कर दिए, जिसमें वह बाल-बाल बच गया। बाद में पीड़ित ने थाना जीरा सदर की पुलिस िशकायत दी। इधर, जांच अधिकारी एएसआई अवनीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित के बयानों के आधार पर 12 हमलावरों के खिलाफ बीएनएस की धारा 109, 127(1), 115(2), 191(3), 190 और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है सभी आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। हमलावरों की पहचान के लिए आसपास की लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच भी की जाएगी। संबंिधत अिधकारी ने बताया कि जब स्टाफ ने उन्हें नहर की जमीन पर कब्जा नहीं करने के लिए कहा तो निहंग नहीं माने। बाद में उन्होंने मामले की शिकायत थाना अर्बन एस्टेट में की। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो वहां निहंग जसप्रीत सिंह निवासी मोहल्ला संतपुरा, सिमरनजीत सिंह निवासी नजदीक डिपो मंसूरवाल दोना, करनवीर सिंह निवासी मोहल्ला मेहताबगढ़ और 6-7 अन्य लोग जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हुए थे। सभी ने अपने टैंट के समीप लगे सरकारी बिजली खंभे से बिजली चोरी कर लाइट का प्रबंध किया था। यह सभी निहंग मोहल्ला वासियों को तलवारें और हथियार दिखाकर डरा-धमका रहे थे। वहीं पुलिस को देखकर सभी लोग अपने-अपने हथियार लेकर भाग गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तीनों निहंगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 351 (2), 329 (3), 303 (2), 191 (3), 190, 62 के तहत केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
मोदी सरकार में हरियाणा का कद बढ़ा:खट्टर समेत 3 मंत्री; पंजाब से चुनाव हारे बिट्टू राज्यमंत्री; हिमाचल से अनुराग की जगह नड्डा
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गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई
गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई गुरदासपुर में एक परिवार ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर दो माह की बच्ची का गलत इलाज करने के आरोप लगाए है। बच्ची की इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिवार ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर धरना लगा दिया। मृतक बच्ची के दादा जीवन कुमार निवासी गांव तलवंडी ने बताया कि उन्होंने अपनी पोती को 20 दिसंबर को गुरदासपुर के एक निजी बच्चों के अस्पताल में दाखिल करवाया था। वह दूध नहीं पीती थी। अस्पताल के डॉक्टर चेतन नंदा ने कुछ दिन की दवाइयां देकर कहा कि बच्ची बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर 6 दिन दवा खाने के बाद वह ठीक नहीं हुई तो फिर से उसे इसी डॉक्टर के पास लाया गया। डॉक्टर ने फिर से उसे कुछ दिन दवा दे दी, मगर बच्ची को कोई फर्क नहीं पड़ा तो डॉक्टर ने 1 जनवरी को उसे अस्पताल में एडमिट कर लिया गया और सभी टेस्ट, स्केनिंग करवाने के बाद कहा कि यह बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर इसका कुछ दिन अस्पताल में इलाज चलेगा। इंजेक्शन से हुआ रिएक्शन
बच्ची के दादा ने आरोप लगाया कि इस दौरान बच्ची को एक ऐसा इंजेक्शन लगा दिया गया, जो शायद उसे रिएक्शन कर गया और उसके शरीर पर सूजन शुरू हो गई और सख्त हो गया। इसके बाद 6 जनवरी को डॉक्टर ने उन्हें बकाया पेमेंट जमा करवाने के लिए कहा और कहा कि लड़की का ऑपरेशन होगा। इसे पीजीआई में ले जाए और साथ ही सभी प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल में बुला लिए। बाद में बच्ची को अमृतसर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां पर साढ़े 11 बजे पहुंचे। बच्ची के दादा का कहना है कि इलाज के दौरान अमृतसर के डॉक्टर ने स्वीकार किया कि बच्ची को पहली गलत इलाज दिया गया है। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ी है। परिवार के पास सबूत भी है। उन्होंने मांग की कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर चेतन नंदा का कहना है कि बच्चा जन्म के समय ही कई बीमारियों से ग्रस्त था और उसका दिल भी कमजोर था। परिवार उसे उनके पास लेकर आया था, मगर वह कई दिनों से दूध नहीं पी रहा था। इसके बारे में परिवार को पहले ही बता दिया जा चुका था कि उसकी हालत गंभीर है, मगर परिवार ने बच्चे का उपचार करने की मिन्नतें की तो उन्होंने इलाज शुरू किया था। इसमें उनकी किसी भी तरह की लापरवाही नहीं है। उसकी मौत का कारण भी कई दिनों से दूध न पीने पर इन्फेक्शन है।