“मैं अमेरिका के सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटिव से बोल रही हूं”:USA के नागरिकों को SSN के गलत इस्तेमाल का दिखाया डर; नोएडा से 73 अरेस्ट

“मैं अमेरिका के सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटिव से बोल रही हूं”:USA के नागरिकों को SSN के गलत इस्तेमाल का दिखाया डर; नोएडा से 73 अरेस्ट

USA के नागरिकों के साथ ठगी का सॉफ़्ट सेंटर नोएडा बन चुका है। इस तरह की ठगी का सबसे पहला बेस स्क्रिप्ट है। इसी स्क्रिप्ट को पढ़कर युवक और युवतियां USA नागरिकों के अंदर SSN (सोशल सिक्योरिटी नंबर) के गलत इस्तेमाल का डर दिखाते है। ये स्क्रिप्ट वहीं लड़कियां और लड़के पढ़ते है जिनकी आवाज और बातचीत करने का तरीका अमेरिकी स्टैंडर्ड का है। बतौर इनकी ट्रेनिंग होती है। नोएडा में पकड़े कॉल सेंटर में जिन 73 लोगों को गिरफ्तारी हुई। उनमें से 80 प्रतिशत नार्थ ईस्ट के रहने वाले है। सभी अमेरिकन इंग्लिश बोलने में एक्सपर्ट हैं। उनकी बात से USA के नागरिक आसानी से झांसा में आ जाते है। इसी का फायदा उठाकर ठग आसानी से ठगी करते है। ठगी किस तरह की होती है स्क्रिप्ट इसे समझे इसी तरह के मामले में “इलेक्ट्रिक सर्विलांस इनपुट पर नोएडा पुलिस ने शनिवार को बड़े फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा। ये जालसाज़ अमेरिकी नागरिकों को SSN (सोशल सिक्योरिटी नंबर) का गलत इस्तेमाल के नाम पर धमकी देते थे, फिर क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के जरिए ठगी कर रहे थे। इसी मामले में 40 युवक व 33 युवतियों को अरेस्ट किया गया। ” जालसाज़ी का पैटर्न बताते हैं
एडीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया-डार्क वेबसाइट से US नागरिकों का डेटा लिया जाता है। यूएस में नागरिकों को एक यूनीक सोशल सिक्योरिटी नंबर दिया जाता है। इन नंबरों पर कॉलर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम पर एक वाइस मैसेज भेजते थे। SSN पर जैसे ही अमेरिकी नागरिक इस वाइस मैसेज को खोलता, उसे बताया जाता कि आपका SSN नंबर का गलत इस्तेमाल हो रहा है। आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए 1 प्रेस करें। वन टाइप होते ही उनकी कॉल VICIDIALपर लैंड हो जाती थी। फिर ये XLITE सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अमेरिकी नागरिक को एक लंबी चौड़ी स्क्रिप्ट यहां से कॉलर (जालसाज़) की ओर से बोली जाती थी। आखिर में यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिक से बात करते। बोला जाता कि आपका बैंक अकाउंट सीज किया जा रहा है। इन दो तरीकों से पैसा करते थे ट्रांसफर
एक बार अकाउंट सीज होने का डर मन में बैठा देने के बाद बताते है कि अगर आपको पैसा बचाना है तो आप अकाउंट की रकम को क्रिप्टो करेंसी या गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट कर सकते हैं। अमेरिकी नागरिक क्रिप्टो करेंसी को खरीदना चाहता, तो एक बार कोड दे दिया जाता। जिसे स्कैन करते ही पैसा जालसाज़ के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता। अगर वो गिफ्ट कार्ड का ऑप्शन लेता है, उसे एक नंबर दिया जाता। गिफ्ट कार्ड नंबर मिलने पर यूजर वेबसाइट पर जाकर कार्ड कोड जैसे ही डालता, उसका पैसा जालसाज़ अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते। नॉर्थ ईस्ट साइड के लोगों को करते हायर
ये कॉल सेंटर नाइट शिफ्ट में ही संचालित होते हैं,क्योंकि अमेरिका में वर्किंग पीरियड में लोगों को कॉल की जाती है। ज्यादातर नॉर्थ ईस्ट के लोगों को हायर किया जाता था, वो भी ऐसे लोग जिनका अंग्रेजी बोलने का स्टाइल अमेरिकन हो। नोएडा में पहले भी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका नागरिकों से की गई है ठगी USA के नागरिकों के साथ ठगी का सॉफ़्ट सेंटर नोएडा बन चुका है। इस तरह की ठगी का सबसे पहला बेस स्क्रिप्ट है। इसी स्क्रिप्ट को पढ़कर युवक और युवतियां USA नागरिकों के अंदर SSN (सोशल सिक्योरिटी नंबर) के गलत इस्तेमाल का डर दिखाते है। ये स्क्रिप्ट वहीं लड़कियां और लड़के पढ़ते है जिनकी आवाज और बातचीत करने का तरीका अमेरिकी स्टैंडर्ड का है। बतौर इनकी ट्रेनिंग होती है। नोएडा में पकड़े कॉल सेंटर में जिन 73 लोगों को गिरफ्तारी हुई। उनमें से 80 प्रतिशत नार्थ ईस्ट के रहने वाले है। सभी अमेरिकन इंग्लिश बोलने में एक्सपर्ट हैं। उनकी बात से USA के नागरिक आसानी से झांसा में आ जाते है। इसी का फायदा उठाकर ठग आसानी से ठगी करते है। ठगी किस तरह की होती है स्क्रिप्ट इसे समझे इसी तरह के मामले में “इलेक्ट्रिक सर्विलांस इनपुट पर नोएडा पुलिस ने शनिवार को बड़े फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा। ये जालसाज़ अमेरिकी नागरिकों को SSN (सोशल सिक्योरिटी नंबर) का गलत इस्तेमाल के नाम पर धमकी देते थे, फिर क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के जरिए ठगी कर रहे थे। इसी मामले में 40 युवक व 33 युवतियों को अरेस्ट किया गया। ” जालसाज़ी का पैटर्न बताते हैं
एडीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया-डार्क वेबसाइट से US नागरिकों का डेटा लिया जाता है। यूएस में नागरिकों को एक यूनीक सोशल सिक्योरिटी नंबर दिया जाता है। इन नंबरों पर कॉलर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम पर एक वाइस मैसेज भेजते थे। SSN पर जैसे ही अमेरिकी नागरिक इस वाइस मैसेज को खोलता, उसे बताया जाता कि आपका SSN नंबर का गलत इस्तेमाल हो रहा है। आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए 1 प्रेस करें। वन टाइप होते ही उनकी कॉल VICIDIALपर लैंड हो जाती थी। फिर ये XLITE सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अमेरिकी नागरिक को एक लंबी चौड़ी स्क्रिप्ट यहां से कॉलर (जालसाज़) की ओर से बोली जाती थी। आखिर में यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिक से बात करते। बोला जाता कि आपका बैंक अकाउंट सीज किया जा रहा है। इन दो तरीकों से पैसा करते थे ट्रांसफर
एक बार अकाउंट सीज होने का डर मन में बैठा देने के बाद बताते है कि अगर आपको पैसा बचाना है तो आप अकाउंट की रकम को क्रिप्टो करेंसी या गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट कर सकते हैं। अमेरिकी नागरिक क्रिप्टो करेंसी को खरीदना चाहता, तो एक बार कोड दे दिया जाता। जिसे स्कैन करते ही पैसा जालसाज़ के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता। अगर वो गिफ्ट कार्ड का ऑप्शन लेता है, उसे एक नंबर दिया जाता। गिफ्ट कार्ड नंबर मिलने पर यूजर वेबसाइट पर जाकर कार्ड कोड जैसे ही डालता, उसका पैसा जालसाज़ अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते। नॉर्थ ईस्ट साइड के लोगों को करते हायर
ये कॉल सेंटर नाइट शिफ्ट में ही संचालित होते हैं,क्योंकि अमेरिका में वर्किंग पीरियड में लोगों को कॉल की जाती है। ज्यादातर नॉर्थ ईस्ट के लोगों को हायर किया जाता था, वो भी ऐसे लोग जिनका अंग्रेजी बोलने का स्टाइल अमेरिकन हो। नोएडा में पहले भी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका नागरिकों से की गई है ठगी   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर