फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे की जोड़ी एक पारंपरिक परिधान को मॉडर्न ट्विस्ट देने का बेहतरीन तरीका है। अगर आप किसी शादी, फेस्टिवल या पार्टी में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं, तो इस स्टाइल को अपनाकर आप अपने लुक को बढ़ा सकती हैं। फुल स्लीव्स टॉप लहंगे के साथ सर्दी के मौसम में स्टाइलिश और आरामदायक विकल्प है। इसे सही तरीके से पहनने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दिल्ली की फैशन स्टाइलिस्ट तनुश्री सिंह के अनुसार सबसे पहले, फैब्रिक का चुनाव करें। सर्दियों में वेल्वेट, सिल्क या ब्रॉकेड का इस्तेमाल करें, जो न केवल गर्मी देगा, बल्कि शाही लुक भी प्रदान करेगा। टॉप में एंब्रॉयडरी या सीक्विन वर्क इसे और आकर्षक बना सकता है। डिजाइन की बात करें तो आप पफ स्लीव्स, बैल स्लीव्स या लेस स्लीव्स के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं। अगर आप सिंपल लुक चाहती हैं, तो प्लेन स्लीव्स के साथ हाई नेक या कॉलर डिजाइन चुनें। वहीं, बोल्ड लुक के लिए डीप नेकलाइन का विकल्प लें। लहंगे की लंबाई और घेर के हिसाब से टॉप का डिजाइन तय करें। फ्लोई लहंगे के साथ फिटेड टॉप बेहतरीन लगता है, जबकि स्ट्रेट कट लहंगे के साथ थोड़ा ढीला टॉप अच्छा दिखता है। रंगों का मेल भी बेहद अहम है। मोनोक्रोम लुक के लिए टॉप और लहंगे का रंग एक जैसा रखें। अगर आपको कंट्रास्ट पसंद है, तो गहरे और हल्के शेड्स का कॉम्बिनेशन आजमाएं। उदाहरण के लिए, पेस्टल लहंगे के साथ गहरे रंग का टॉप या ब्राइट लहंगे के साथ सफेद या बेज टॉप एक क्लासी लुक देता है। एक्सेसरीज के साथ इसे कंप्लीट करना न भूलें। चोकर या लॉन्ग नेकलेस, स्टेटमेंट ईयररिंग्स और बेल्ट के साथ यह लुक और भी निखर जाएगा। फुटवियर में मोजड़ी या हील्स चुनें। सही हेयरस्टाइल और मेकअप के साथ यह परिधान आपको भीड़ में अलग खड़ा करेगा। फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे का यह कॉम्बिनेशन पारंपरिक और आधुनिकता का शानदार मेल है। फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे की जोड़ी एक पारंपरिक परिधान को मॉडर्न ट्विस्ट देने का बेहतरीन तरीका है। अगर आप किसी शादी, फेस्टिवल या पार्टी में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं, तो इस स्टाइल को अपनाकर आप अपने लुक को बढ़ा सकती हैं। फुल स्लीव्स टॉप लहंगे के साथ सर्दी के मौसम में स्टाइलिश और आरामदायक विकल्प है। इसे सही तरीके से पहनने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दिल्ली की फैशन स्टाइलिस्ट तनुश्री सिंह के अनुसार सबसे पहले, फैब्रिक का चुनाव करें। सर्दियों में वेल्वेट, सिल्क या ब्रॉकेड का इस्तेमाल करें, जो न केवल गर्मी देगा, बल्कि शाही लुक भी प्रदान करेगा। टॉप में एंब्रॉयडरी या सीक्विन वर्क इसे और आकर्षक बना सकता है। डिजाइन की बात करें तो आप पफ स्लीव्स, बैल स्लीव्स या लेस स्लीव्स के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं। अगर आप सिंपल लुक चाहती हैं, तो प्लेन स्लीव्स के साथ हाई नेक या कॉलर डिजाइन चुनें। वहीं, बोल्ड लुक के लिए डीप नेकलाइन का विकल्प लें। लहंगे की लंबाई और घेर के हिसाब से टॉप का डिजाइन तय करें। फ्लोई लहंगे के साथ फिटेड टॉप बेहतरीन लगता है, जबकि स्ट्रेट कट लहंगे के साथ थोड़ा ढीला टॉप अच्छा दिखता है। रंगों का मेल भी बेहद अहम है। मोनोक्रोम लुक के लिए टॉप और लहंगे का रंग एक जैसा रखें। अगर आपको कंट्रास्ट पसंद है, तो गहरे और हल्के शेड्स का कॉम्बिनेशन आजमाएं। उदाहरण के लिए, पेस्टल लहंगे के साथ गहरे रंग का टॉप या ब्राइट लहंगे के साथ सफेद या बेज टॉप एक क्लासी लुक देता है। एक्सेसरीज के साथ इसे कंप्लीट करना न भूलें। चोकर या लॉन्ग नेकलेस, स्टेटमेंट ईयररिंग्स और बेल्ट के साथ यह लुक और भी निखर जाएगा। फुटवियर में मोजड़ी या हील्स चुनें। सही हेयरस्टाइल और मेकअप के साथ यह परिधान आपको भीड़ में अलग खड़ा करेगा। फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे का यह कॉम्बिनेशन पारंपरिक और आधुनिकता का शानदार मेल है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फिरोजपुर में 23 वर्षीय युवक का मर्डर:सतलुज नदी के बांध किनारे फेंका शव, पुरानी रंजिश गोली मारकर दिया वारदात को अंजाम फिरोजपुर शहर की देव कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय युवकअमनदीप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक का शव सतलुज नदी के बांध के किनारे से बरामद हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हत्या का कारण पुरानी रंजिश बताया जा रहा है। पुलिस ने मृतक के भाई के बयान के आधार पर चार नामजद व पांच अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक अमनदीप सिंह के भाई सोनू पुत्र कृपाल सिंह निवासी देव कॉलोनी दुलची के रोड फिरोजपुर ने बताया कि उनके भाई को जसपाल सिंह, सचिन, सुच्चा, सुनील व पांच अज्ञात और रूपों के रणजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी और लाश को सतलुज नदी किनारे बांध पर कुंडेवाला के पास फेंक दिया। फिरोजपुर सदर थाने के प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि मृतक के भाई सोनू की बयान के आधार पर चार नामजद और पांच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की धर पकड़ के लिए प्रयास किया जा रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को अंतिम संस्कार की सौंप दिया जाएगा।
लुधियाना में ज्योति कत्लकांड के पोस्टमॉर्टम में खुलासा:हत्यारे ने 17 CM तक काटा गला,कंबल से मिला चाकू,अंडरगारमेंट्स और 10 स्वेप सेंपल भेजे
लुधियाना में ज्योति कत्लकांड के पोस्टमॉर्टम में खुलासा:हत्यारे ने 17 CM तक काटा गला,कंबल से मिला चाकू,अंडरगारमेंट्स और 10 स्वेप सेंपल भेजे पंजाब के लुधियाना में 30 अक्तूबर को 21 वर्षीय युवती का संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ोसी की किचन कपबोर्ड (अलमारी) से शव मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि बदबू आ रही थी। शव को कंबल में लपेट कर बदमाश कपबोर्ड में छिपा कर फरार हो गया। 3 दिन बाद जब शव मिला तो उसका बीती रात पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम में कई खुलासे हुए। गले पर कई सैंटीमीटर लंबा लगा खंजर से कट सूत्रों मुताबिक युवती के गले को करीब 17 सैंटीमीटर लंबाई से काटा गया है। जिस कंबल में उसका शव पड़ा मिला उसी कंबल में हत्यारे ने वारदात में इस्तेमाल किया खंजर रखा था। आम चाकू की जगह यह खंजर कुछ बड़ा है और इसकी हत्थी पर लकड़ी का हेंडल बना है। खंजर पर हत्यारे की अंगुलियों के निशान जरूर आए है जिसे फोरेंसिक टीम के सुपुर्द किया जाएगा। युवती के माथे और बाजू पर भी चोट के निशान है। गुप्तांगों के 10 स्वेप सेंपल लैब में भेजे युवती की बेरहमी से हत्या की गई है। पोस्टमॉर्टम दौरान युवती के करीब 10 स्वेप सेंपल लिए गए है जिन्हें रिपोर्ट के लिए खरड़ भेजा गया है। इन सेंपल से खुलासा हो पाएगा कि हत्यारे ने उससे रेप किया है या नहीं। सूत्रों मुताबिक युवती के शरीर पर पहले कपड़े और अंडरगारमेंट्स तक फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए है। युवती के अंडरगारमेंट्स से छेड़छाड़ हुई है जिस कारण डॉक्टरों ने स्वेप के सेंपल लिए है ताकि रेप की बारे पूर्ण रूप से जानकारी मिल सके। 3 दिन तक शव कंबल से लपेट कर कप-बोर्ड में बंद रहा है जिस कारण शव से बदबू नहीं आई थी। शव की हालत बहुत ही खराब है। मकान मालिक ने नहीं करवाई थी विश्वनाथ वैरिफिकेशन उधर, इस मामले में पुलिस मकान मालिक पर एक्शन लेने की तैयारी में है। पता चला है कि जिस मकान में युवती परिवार के साथ रहती थी वहां आरोपी विश्वनाथ पिछले 15 साल से रह रहा है लेकिन उसकी वैरिफिकेशन नहीं करवाई गई थी। विश्वजीत की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद उसके चेहरे की पहचान करने में पुलिस जुट गई है। फिलहाल देर रात युवती के शव का पोस्टमार्टम हुआ है लेकिन उसका शव अभी भी सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। क्या था पूरा मामला लुधियाना के आजाद नगर में युवती ज्योति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिवार को पड़ोसी पर युवती की हत्या करने का शक था। मृतक युवती का शव पड़ोसी की किचन सेल्फ के नीचे बने कपबोर्ड से पुलिस को मिला। युवती 30 अक्तूबर से लापता थी। परिवार को पड़ोसी पर शक हुआ, क्योंकि वह पिछले 3 दिनों से कमरे में नहीं आया था। परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में कमरे का ताला तोड़कर देखा तो सभी दंग रह गए। युवती का शव किचन में पड़ा था। ज्योति की 3 बहनें और एक भाई है। मृतक स्टिकर बनाने वाली फैक्ट्री में काम करती थी। 30 अक्तूबर से थी लापता
जानकारी देते हुए मृतका की मां पिंकी ने बताया कि वह अपनी छोटी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थी। इस बीच उसकी बेटी कमरे में थी, लेकिन जब वह वापस लौटी तो बेटी कमरे में नहीं मिली। बेटी की काफी तलाश की, लेकिन उसके बारे कुछ पता नहीं चला। पड़ोस में रहने वाले पंडित विश्वनाथ पर शक हुआ क्योंकि वह तीन दिन से कमरे में नहीं आया। आरोपी पहले भी महीने में कुछ दिन ही कमरे में रहता था बाकी दिन वह बाहर ही रहता था। विश्वनाथ अकेला कमरे में था रहता
विश्वनाथ अकेला ही कमरे में रहता था। उसके कमरे की जब तलाशी ली तो ज्योति का शव किचन से मिला। जिसके बाद थाना माडल टाउन की पुलिस को सूचित किया गया। वहीं, पुलिस विश्वनाथ की तलाश कर रही है। विश्वनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी में बिल्टी बनाने का काम करता है। मूलरुप से वह खुद को बनारत का रहने वाला बताता था। इस मामले में थाना माडल टाउन की एसएचओ अवनीत कौर ने कहा कि मामले की जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम की रिर्पोट के बाद ही कुछ सही से कहा जा सकता है। अभी इस मामले में कोई सफलता नहीं मिली।
AAP विधायक की मौत ने सबको चौंकाया:दिन भर लोगों से मिले, अगले दिन का शेड्यूल बनाया; स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे
AAP विधायक की मौत ने सबको चौंकाया:दिन भर लोगों से मिले, अगले दिन का शेड्यूल बनाया; स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे पंजाब में लुधियाना वेस्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) के MLA गुरप्रीत बस्सी गोगी की शुक्रवार रात गोली लगने से मौत हो गई। उनकी अचानक मौत ने नेताओं से लेकर आम लोगों को भी चौंका दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले तक वे अपने पब्लिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां तक कि अगले दिन यानी 11 जनवरी के कार्यक्रम तक तय कर लिए थे। गोगी ने जब से राजनीति में एंट्री ली, वे अपने बेबाक अंदाज से खूब सुर्खियों में रहे। वह कांग्रेस में रहे लेकिन जब मेयर बनने का नंबर आया तो वह चूक गए। इसके लिए जिस कांग्रेस विधायक आशु को गोगी जिम्मेदार मानते थे, पार्टी बदलकर उन्हीं को चुनाव में हरा दिया। वहीं नामांकन के वक्त वह स्कूटर से पहुंचे लेकिन जीत के बाद उनके पोर्श में ऑफिस पहुंचने की तस्वीरों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। इसके अलावा कुछ दिन पहले उन्होंने बुड्ढा नाला को साफ करने का अपना नींव पत्थर खुद ही तोड़ दिया था। उनका कहना था कि जब यहां काम ही नहीं हो रहा तो फिर पत्थर क्यों लगा रहे। दिन में मंदिर कमेटी से मिले, लोगों की समस्याएं सुनीं थी गुरप्रीत गोगी के पीए मनीश कपूर ने बताया कि 4 दिन पहले शीतला माता मंदिर में लाखों की चोरी हुई थी। इसको लेकर गोगी ने मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से मीटिंग की थी। जिसके बाद पुलिस अफसरों को फोन कर आरोपियों को ढूंढने के लिए कहा। इसके बाद वह लुधियाना बार एसोसिएशन के लोहड़ी फंक्शन में शामिल होने पहुंचे। शाम को गोगी विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ बुड्डा दरिया का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने घर में लोक दरबार लगाकर जनता की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। अगले दिन का शेड्यूल भी तय किया था
गोगी के PA मनीश कपूर बताते हैं कि कल दिन भर के कार्यक्रम के बाद देर रात वह घर लौटे। शुक्रवार रात करीब 11 बजे वे विधायक गोगी के साथ में उनके ही घर में बैठे थे। इस दौरान अगले दिनों में लोहड़ी को लेकर होने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई। किस-किस जगह जाना है, इसका टाइम के साथ शेड्यूल भी तैयार कर लिया था। कपूर ने आगे कहा कि सारा प्रोग्राम का शेड्यूल तय होने के बाद वह घर चला गया। आधे घंटे में बाद उन्हें सूचना मिली कि विधायक की मौत हो गई है। PA ने कहा- चेहरे पर कोई तनाव नहीं, पूरी तरह स्वस्थ थे
PA मनीश कपूर ने आगे बताया कि रात को जब वह विधायक के घर से निकले तो वह पूरी तरह स्वस्थ थे। उनके चेहरे पर किसी तरह की चिंता या तनाव तो दूर, उसके लक्षण तक नहीं थे। वह अपने रोज के कामों में ही दिन भर व्यस्त भी रहे। वह रोजाना सुबह से लेकर रात तक उनके साथ रहते थे। कभी कोई डिप्रेशन जैसी बात भी सामने नहीं आई। गुरप्रीत गोगी का सियासी करियर… कैप्टन अमरिंदर ने बनाया था जिला प्रधान
गुरप्रीत गोगी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। गोगी का वर्किंग स्टाइल एग्रेसिव था। इस वजह से वह तेजी से कांग्रेस नेतृत्व की नजरों में आ गए। 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गोगी को कांग्रेस का जिला शहरी प्रधान बना दिया। वह 2014 से 2019 तक कांग्रेस के जिला प्रधान रहे। हालांकि उनकी वर्किंग के बाद कैप्टन विरोधी खेमा भी उनके साथ ज्यादा खुश नहीं रहा। 3 बार पार्षद रहे, मेयर की कुर्सी से चूके
गोगी का घर शहर के पॉश इलाके घुमार मंडी में था। यहां से वे 3 बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। 7 साल पहले फरवरी 2018 में वह तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 95 में से 62 वार्डों पर चुनाव जीता था। सीनियर पार्षद होने के नाते उनकी मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पक्की थी। हालांकि कांग्रेस ने बलकार सिंह के करीबी को मेयर बना दिया। जिस आशू को जिम्मेदार माना, पार्टी बदल उन्हीं को हराया
गोगी मानते थे कि इसके लिए उस वक्त के लुधियाना वेस्ट से विधायक भारत भूषण आशू जिम्मेदार हैं। बलकार सिंह को आशू का ही करीबी माना जाता था। इस वजह से गोगी कांग्रेस और खास तौर पर आशू से नाराज रहने लगे। साल 2022 में जब पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए तो गोगी ने कांग्रेस छोड़ दी। वह 23 साल कांग्रेस में सक्रिय रहे। इसके बाद वह AAP में शामिल हो गए। AAP ने उन्हें आशू के खिलाफ ही टिकट दी। गोगी ने आशू के गढ़ में ही उनको चुनाव हरा दिया। हालांकि वह मंत्रीपद तक नहीं पहुंच सके। गोगी के विधायक रहते पत्नी पार्षद चुनाव हारीं
गोगी की पत्नी सुखचैन बस्सी ने इस बार पार्षद का चुनाव लड़ा था। हालांकि पति के विधायक और उनकी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद वह चुनाव हार गई। इसको लेकर गोगी प्रशासन से काफी नाराज हुए थे। उन्होंने इसके लिए लुधियाना के डीसी को जिम्मेदार ठहराया था। गोगी ने उनके वार्ड में चुनाव की गड़बड़ी की बात कही थी, जिसकी शिकायत CM भगवंत मान से करने की बात कही थी। नगर निगम चुनाव में सीएम भगवंत सिंह मान ने लुधियाना पहुंच केवल विधायक गुरप्रीत गोगी के हल्के में ही प्रचार किया था। परिवार में पत्नी-बेटा, एक रसोइया भी
गोगी के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. सुखचैन बस्सी और बेटा विश्वास बस्सी है। इसके अलावा घर में खाना बनाने के लिए एक रसोइया भी रखा हुआ है। रसोइया का भी यही कहना था कि रात को विधायक ने उससे खाना मांगा। इसके बाद वह खाना खाने लगे तो कुछ ही मिनट बाद गोली चलने की आवाज आई। जिसके बाद देखा तो वहां गोगी खून से लथपथ पड़े हुए थे। परिवार में किसी को भरोसा नहीं हो रहा कि आखिर यह सब कैसे हुआ।