मोगा शहर के मेन बजार में उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया जब तेज रफ्तार कार ने कई बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में एक बाइक पर सवार पति-पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बताया जा रहा है कि कार चालक ने शराब पी हुई थी और वह कार लेकर भागना चाहता था। यह सारी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। भागने के चक्कर में कई बाइक को मारी टक्कर हादसे में घायल दंपती को सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घायल पति पत्नी लुधियाना जिले के रहने वाले है। जानकारी देते हुए बाइक सवार व्यक्तियों ने कहा के वह बाजार में आराम से जा रहे थे। पीछे से तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वह दूर जा कर गिरे और उनको गंभीर चोट लगी। वही कार चालक कार भगाने लगा तो उसने और तीन चार बाइक को टक्कर मारी। पुलिस ने आरोपी कार चालक को हिरासत में ले लिया है। मोगा शहर के मेन बजार में उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया जब तेज रफ्तार कार ने कई बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में एक बाइक पर सवार पति-पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बताया जा रहा है कि कार चालक ने शराब पी हुई थी और वह कार लेकर भागना चाहता था। यह सारी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। भागने के चक्कर में कई बाइक को मारी टक्कर हादसे में घायल दंपती को सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घायल पति पत्नी लुधियाना जिले के रहने वाले है। जानकारी देते हुए बाइक सवार व्यक्तियों ने कहा के वह बाजार में आराम से जा रहे थे। पीछे से तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वह दूर जा कर गिरे और उनको गंभीर चोट लगी। वही कार चालक कार भगाने लगा तो उसने और तीन चार बाइक को टक्कर मारी। पुलिस ने आरोपी कार चालक को हिरासत में ले लिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में विधायकों के घरों के बाहर लगेगा स्थायी मोर्चा:कल 25 टोल प्लाजा फ्री कराए गए, धान खरीद से जुड़ा है मामला
पंजाब में विधायकों के घरों के बाहर लगेगा स्थायी मोर्चा:कल 25 टोल प्लाजा फ्री कराए गए, धान खरीद से जुड़ा है मामला पंजाब में आज (शुक्रवार) को किसानों द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों-मंत्रियों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। किसानों का आरोप है कि मंडियों में धान की खरीद उचित तरीके से नहीं हो रही है। इस वजह से किसान परेशान हैं। जबकि केंद्र और पंजाब सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इससे पहले कल किसानों ने 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए गए थे, जो आज भी फ्री रहेंगे। वहां पर भी किसान डटे हुए हैं। यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अगुवाई में चल रहा है। संघर्ष दिन-रात जारी रहेगा किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि संगठन की 5 सदस्यीय प्रदेश नेतृत्व टीम ने यह फैसला लिया है। फैसले के अनुसार दोनों तरह के मार्च दिन-रात जारी रहेंगे। किसानों और मजदूरों की कई मांगें हैं। इनमें से एक मांग एमएसपी पर धान की निर्बाध खरीद शुरू करना है। इसके अलावा कई अन्य मांगें भी इसमें शामिल हैं। जिन पर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की आप सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। दोनों सरकारों पर अनदेखी का आरोप किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार पर किसानों की इन जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। वे कॉरपोरेट समर्थक विश्व व्यापार संगठन की खुले बाजार नीति के खिलाफ हैं। उन्होंने सभी गांवों के किसानों और मजदूरों से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकार के इस घातक हमले को विफल करने के लिए दिन-रात काम करें। उसी ताकत के साथ इन मोर्चों पर पहुंचें।
अफसरों-कर्मियों की 15 साल पुरानी डिटेल मांगी, पूछा- कहां और कब तक रही तैनाती
अफसरों-कर्मियों की 15 साल पुरानी डिटेल मांगी, पूछा- कहां और कब तक रही तैनाती पंजाब के अलग-अलग जिलों में तहसीलों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने अिधकारियों-कर्मचारियों की 15 साल पुरानी डिटेल मांगी है। पूछा गया है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्री क्लर्क की तैनाती किस जिले में कितनी देर तक रही है। इसे लेकर रेवेन्यू डिपार्टमेंट की तरफ से पंजाब के सभी डिविजनल कमिश्नरों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि स्पेशल सेक्रेटरी कम वित्त कमिश्नर रेवेन्यू के निर्देश पर डीसी कार्यालय में तैनात रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार व रजिस्ट्री क्लर्कों की तैनाती की पिछले 15 साल की डिटेल गूगल शीट पर भेजी जाए। इसमें जिले का नाम, तहसील, सब तहसील, रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार का नाम, रजिस्ट्री क्लर्क की मौजूदा पोस्ट और किस साल में कितने समय पर उसी पद पर रहा है, की जानकारी मुहैया कराई जाए। गौर हो कि पंजाब में पिछले साल तब मामला गरमा गया था जब विजिलेंस ने कुछ रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, रजिस्ट्री क्लर्कों की एक लिस्ट जारी कर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। लिस्ट में बताया गया था कि तहसील में सीधे रूप से लोगों से पैसे लेकर रजिस्ट्री की जाती है। यदि जालंधर की बात करें तो सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और 2 में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क सालों से इसी पद पर बने हुए हैं। बार-बार उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती है। इसी मुद्दे को भास्कर ने प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद सरकार ने डिटेल मांगी है।
अमृतसर से पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ जत्था:763 यात्रियों को ही मिल पाया वीजा, श्री गुरु नानकदेव जी का प्रकाश पर्व मनाएंगे
अमृतसर से पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ जत्था:763 यात्रियों को ही मिल पाया वीजा, श्री गुरु नानकदेव जी का प्रकाश पर्व मनाएंगे श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में आज श्रद्धालुओं का जत्था जीरो विजिबिलिटी के बीच पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। यह जत्था 10 दिन बाद 23 नवंबर को भारत लौटेगा। सतनाम वाहेगुरु के जयकारों के बीच 763 श्रद्धालु रवाना हुए। गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पाकिस्तान में श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भेजे जाने वाले 763 श्रद्धालुओं को वीजा प्राप्त हुआ है। जिन्हें आज पाकिस्तान के लिए रवाना किया गया। इस संबंध में बीते दिन तीर्थयात्रियों को शिरोमणि समिति कार्यालय से वीजा के साथ उनके पासपोर्ट दिए गए थे। 1481 यात्रियों को नहीं दिया गया वीजा शिरोमणि कमेटी के सचिव सरदार प्रताप सिंह ने बताया कि 2244 तीर्थ यात्रियों के पासपोर्ट दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को भेजे गए थे, जिनमें से दूतावास ने 763 तीर्थ यात्रियों को वीजा जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि दूतावास की ओर से 1481 तीर्थ यात्रियों को वीजा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में सिख तीर्थ यात्रियों का वीजा रद्द किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जत्थे का नेतृत्व शिरोमणि कमेटी के सदस्य ने गुरनाम सिंह जसल कर रहे हैं, जबकि जत्थे के उपनेता शिरोमणि कमेटी के सदस्य बीबी शरणजीत कौर और जनरल मैनेजर के तौर पर प्रभारी पलविंदर सिंह और गुरुमीत सिंह जाएंगे। पहली बार जाने का उत्साह जत्थे में कई श्रद्धालु ऐसे हैं जो कि पहली बार पाकिस्तान के गुरुद्वारा साहिबों के दर्शनों के लिए जा रहे हैं। श्रद्धालु नवजोत कौर , मानसा से सोहन सिंह का कहना है कि वो पहली हर जत्थे के साथ जा रहे हैं। उन्हें बेहद उत्साह है लेकिन इस बात का अफसोस भी है कि उनके कई साथियों को वीजा नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि गुरुद्वारा साहिबों के दर्शनों के लिए वीजा की शर्त को खत्म ही कर देना चाहिए ताकि सभी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए जा सकें।