मोगा जिले के घलक्ला में देर रात पैसे के लेनदेन को लेकर गांव के रहने वाले व्यक्ति ने लाठी से पीटकर एक मजदूर की हत्या कर दी। मृतक बोहतन मेहतो (43) बिहार का रहने वाला था। घटना के बाद आरोपी जीप लेकर मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि बोहतन मेहतो पिछले 4 साल से गांव के किसान के खेतों में मजदूरी कर रहा था। खेत की मोटर पर आपने साथियों के साथ रहता था । पैसों को लेकर हुआ था विवाद मृतक बोहतन महतो के साथी ने कहा के वह देर रात वह और उनके 4-5 साथी मोटर पर बैठे थे और खाना खाने लगे। तभी वहां पर गांव का रहने वाला गुरप्रीत सिंह गोपी आया और हमारे एक साथी से उसने 3500 रुपए लेने थे, जिसको लेकर वह बहस करने लगा हम ऊपर छत पर थे और बोहतन महतो नीचे उसके पास खड़ा था। मृतक ने उसको जाने के लिए कहा के कल तुम्हें पैसे मिल जाएंगे। पता नही गुरप्रीत गोपी को क्या हुआ उसने बोहतन पर को लाठी से हमला कर दिया। जिससे उसके सिर में गंभीर चोट लग गई। तभी हमने खेतों के मालिक को बुलाया और उसे अस्पताल लेकर गए। यहां पर उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच में जुटी पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले को लेकर जांच अधिकारी ने कहा के हमारे पास शिकायत दर्ज करवाई है। हम मौके पर पहुंचे और पूछताछ कर रहे है। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है आगे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मोगा जिले के घलक्ला में देर रात पैसे के लेनदेन को लेकर गांव के रहने वाले व्यक्ति ने लाठी से पीटकर एक मजदूर की हत्या कर दी। मृतक बोहतन मेहतो (43) बिहार का रहने वाला था। घटना के बाद आरोपी जीप लेकर मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि बोहतन मेहतो पिछले 4 साल से गांव के किसान के खेतों में मजदूरी कर रहा था। खेत की मोटर पर आपने साथियों के साथ रहता था । पैसों को लेकर हुआ था विवाद मृतक बोहतन महतो के साथी ने कहा के वह देर रात वह और उनके 4-5 साथी मोटर पर बैठे थे और खाना खाने लगे। तभी वहां पर गांव का रहने वाला गुरप्रीत सिंह गोपी आया और हमारे एक साथी से उसने 3500 रुपए लेने थे, जिसको लेकर वह बहस करने लगा हम ऊपर छत पर थे और बोहतन महतो नीचे उसके पास खड़ा था। मृतक ने उसको जाने के लिए कहा के कल तुम्हें पैसे मिल जाएंगे। पता नही गुरप्रीत गोपी को क्या हुआ उसने बोहतन पर को लाठी से हमला कर दिया। जिससे उसके सिर में गंभीर चोट लग गई। तभी हमने खेतों के मालिक को बुलाया और उसे अस्पताल लेकर गए। यहां पर उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच में जुटी पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले को लेकर जांच अधिकारी ने कहा के हमारे पास शिकायत दर्ज करवाई है। हम मौके पर पहुंचे और पूछताछ कर रहे है। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है आगे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलें:एंबुलेंस, बुजुर्गों-महिलाओं-छात्रों को परेशानी हो रही; किसान बोले-15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
सुप्रीम कोर्ट का आदेश- शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलें:एंबुलेंस, बुजुर्गों-महिलाओं-छात्रों को परेशानी हो रही; किसान बोले-15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे सुप्रीम कोर्ट ने करीब 6 महीने से बंद पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई 22 अगस्त को होगी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति बन जाती है तो फिर सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने को कहा था। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा की सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए निष्पक्ष कमेटी के सदस्यों के नाम दे दिए हैं। इस कमेटी के सदस्य किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हम आप दोनों को नाम देने के लिए राजी करने में सफल रहे हैं, अब जब स्थिति ऐसी है तो आप किसानों को क्यों नहीं राजी करते? क्योंकि हाईवे पार्किंग (जगह) नहीं है। अदालत ने कहा कि भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी जाए, लेकिन जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं… लोगों को बहुत असुविधा हो रही है। इस वार्ता में समय लगेगा। वहीं किसानों ने ऐलान किया है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर MSP गारंटी कानून बना आर्थिक आजादी के लिए यह मार्च निकाले जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ… मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने शुरू की। हरियाणा की तरफ से सालिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता और पंजाब की तरफ से एडवोकेट जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने किसानों से बात करने के लिए समिति के सदस्यों के नाम दिए।
AG : हम समिति के गठन से सहमत हैं। मेरे पास एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का प्रस्ताव है।
SG : आपकी समिति के चयन के लिए हमारे पास कुछ और नाम हैं।
जस्टिस सूर्यकांत : आपके नाम 6 हैं।
SG : यह सही है।
जस्टिस सूर्यकांत : सुरजीत सिंह, क्या वह IAS में पदोन्नत अधिकारी थे? शायद वह एक बहुत प्रसिद्ध (टाउनप्लानर) थे! मैं सिर्फ पुष्टि करूंगा। जब मैं कुछ कार्यक्रमों में था, मैंने उन्हें (क्रम संख्या 5 पर नाम) सुना है। यहां तक कि क्रमांक 1…प्रशंसनीय…परास्नातक, PhD, बहुत ही विनम्र पृष्ठभूमि।
AG : एक व्यक्ति जितना जमीन से जुड़ा हो सकता है…
कोर्ट : हम प्रयासों की सराहना करते हैं। आपने उस व्यक्ति को चुना है जो राजनीतिक नहीं है।
जस्टिस सूर्यकांत : हम आप दोनों को नाम सुझाने के लिए मनाने में सफल रहे हैं। अब ऐसी स्थिति है तो आप किसानों को क्यों नहीं मनाते? क्योंकि राजमार्ग पार्किंग (स्थान) नहीं हैं।
AG : भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी गई हो, जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं। लोगों को बहुत असुविधा हो रही है। इस बातचीत में समय लगेगा।
जस्टिस सूर्यकांत : सोचिए कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और स्थानीय लोगों के लिए, जो चिकित्सा सुविधाओं के लिए पंजाब आते हैं, केवल एक ही लेन कैसे होगी?
SG : सुझाव ले लिया है, सरकार के समक्ष रखूंगा। मैं (इस पर) वापस आऊंगा।
जस्टिस सूर्यकांत : हम उन्हें नहीं चाहते। हम किसानों (ट्रैक्टर) को हटाने, मनाने के लिए पंजाब राज्य पर दबाव डाल रहे हैं। हम किसी सौहार्दपूर्ण समाधान तक इस मुद्दे को लंबित रखेंगे। हम समान रूप से चिंतित हैं। कोई नहीं चाहेगा कि किसान…
AG : और ऐसी धारणा मत बनाइए जो सच नहीं है।
जस्टिस कांत : हम एक संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे। आप दोनों राजमार्ग के आंशिक रूप से खोलने के संबंध में बातचीत करेंगे। आप जमीनी स्थिति जानते हैं और हम समाचार रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करना चाहते हैं। आप दोनों…
SG : दोनों राज्यों के DGP एक साथ बैठ सकते हैं।
SG : क्रमांक 3 का नाम…. नगर नियोजन विभाग में नहीं था।
जस्टिस कांत : उन्होंने बहुत अच्छा किया है…
SC का आदेश: इस बीच, हम पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और दोनों जिलों के DC को एक बैठक आयोजित करने और एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, छात्राओं व आसपास के क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए शुरू में राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने के लिए तौर-तरीके तय करने का निर्देश देते हैं। यदि दोनों पक्ष समाधान करने में सक्षम हैं, तो उसे इस कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरुरत नहीं है, और समाधान को तुरंत प्रभावी होने देना चाहिए। मामले को 22 अगस्त, 2024 को सुनवाई के लिए पोस्ट करें। पंधेर बोले- मार्ग खुलेगा तो अच्छा होगा
एक वीडियो जारी कर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बातें कही हैं। अभी कोर्ट की प्रॉसीडिंग नहीं आई है। 15 अगस्त का कार्यक्रम अभी चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की प्रॉसीडिंग पढ़ने के बाद दोनों फोरम इस पर कुछ बोल सकेंगे। जहां तक मीडिया की बात हैं कि दोनों राज्यों के DGP बैठ कर बात करेंगे, कमेटी बनेगी। ये सभी बातें हैं। अगर रास्ता खुलेगा तो यह सभी के लिए सुखद होगा। ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, मरीज और आम जनता को अच्छा लगेगा। इससे हमें भी देश की राजधानी में जाकर अपना आंदोलन करने का हक मिलेगा। इस बारे में दोनों फोरम बैठकर बात करके ही ऑफिशियल जानकारी देंगे। व्यक्तिगत तौर पर अगर रास्ता खुलेगा तो यह अच्छी बात होगी। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
पंजाब में इलेक्शन कमिश्नर से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल:जाली बैलेट पेपर छापने का आरोप, 3 हफ्ते तक पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांग
पंजाब में इलेक्शन कमिश्नर से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल:जाली बैलेट पेपर छापने का आरोप, 3 हफ्ते तक पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांग पंजाब कांग्रेस ने पंचायत चुनाव 3 हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से की है। आज (सोमवार) को कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से मुलाकात की है। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि चुनाव में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। जिससे लोगों के साथ धक्का हुआ है। मीडिया से बातचीत में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हम चुनाव कैंसिल करने की मांग नहीं कर रहे हैं। हम तीन हफ्ते तक सारी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जाली बैलेट पेपर छाप लिए हैं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के हाईकोर्ट में चलने का तर्क भी दिया है। चुनाव की प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी समेत कई चीजें उठाई गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि कांग्रेस चुनाव स्थगित करवाना चाहती है। कांग्रेस अपनी हार से डरी हुई है। धक्का आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ हो रहा है। वहीं, राज्य सरकार पंचायती चुनाव निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं गांव का होना चाहिए। पत्र की कॉपी कांग्रेस ने पत्र इन प्वाइंट्स को उठाया… नामांकन प्रक्रिया के आखिर दिन हुई कई घटनाएं कांग्रेस ने पत्र में लिखा है कि पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर, 2024 को होने वाले हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से अंतिम दिन जो अराजक और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने न केवल चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कमजोर किया है, बल्कि इन चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिया है। झड़पों, प्रशासनिक कुप्रबंधन और कई उम्मीदवारों को भाग लेने के उनके अधिकार से वंचित करने की व्यापक रिपोर्ट को देखते हुए, चुनाव आयोग से पंचायत चुनावों को कम से कम तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह करते हैं। उम्मीदवारों के नामांकन तक फाडे़ गए पंजाब भर में 13,241 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। हालांकि, विभिन्न जिलों से हिंसा और बल प्रयोग की घटनाएं सामने आई हैं। खास तौर पर तरन तारन, मोगा, फिरोजपुर और फाजिल्का आदि जिलों में। स्थानीय ब्लॉक विकास और पंचायत कार्यालय के बाहर झड़प होने पर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। तरन तारन में भी ऐसी ही घटना हुई। जिसमें 5 लोग घायल हो गए। मोगा से मिली खबरों के अनुसार उम्मीदवारों से नामांकन पत्र फाड़े गए और छीन लिए गए। कई लोगों के नामांकन में डाली गई बाधा इसके अलावा पत्र में लिखा है कई उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र दाखिल करने में प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है। नकोदर नगर परिषद जैसे स्थानों पर कुप्रबंधन ने उम्मीदवारों को समय पर अपने पर्चे दाखिल करने से रोक दिया है। कई उम्मीदवारों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के दौरान परेशान किए जाने की सूचना दी। ये घटनाएं सत्तारूढ़ AAP द्वारा प्रणालीगत विफलताओं और अनुचित प्रभाव को दर्शाती हैं, जो कई क्षेत्रों में निर्विरोध जीत हासिल करने के लिए प्रक्रिया में हेरफेर करने का प्रयास कर रही है। पत्र में रखी 5 मांग 1. पंचायत चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित करें। इससे अनियमितताओं का समाधान हो सकेगा और उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल माहौल तैयार हो सकेगा। उच्च न्यायालय ने पहले ही कुछ खास गांवों में चुनाव स्थगित कर दिए हैं। राज्यव्यापी स्थगन से चुनाव में एकरूपता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। 2. जो उम्मीदवार हिंसा, जबरदस्ती या प्रशासनिक चूक के कारण अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में असमर्थ थे। उन्हें ऐसा करने का एक नया अवसर दिया जाना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। आयोग ने स्वयं जांच के बाद पाया कि नामांकन अवैध रूप से वापस लेने के संबंध में प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद थे। विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के कारण 24 ग्राम पंचायतों में कोई मुकाबला नहीं हो पाया। इस प्रकार, राज्य चुनाव आयोग ने दिनांक 11-10-2024 के आदेश के तहत गिद्दड़बाहा ब्लॉक में क्रमांक 1 से 24 तक इन ग्राम पंचायतों में मतदान रद्द कर दिया है । इन ग्राम पंचायतों के लिए बाद में नए सिरे से चुनाव कराने की नई तिथि तय की जाए। 3. जिला प्रशासन और पुलिस विभागों को उम्मीदवारों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। खासकर विपक्षी दलों और हाशिए पर पड़े समुदायों के उम्मीदवारों पर ध्यान देना चाहिए। उनकी भागीदारी को दबाने के लिए हिंसा और धमकी की रणनीति के इस्तेमाल पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 4. मई 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार की गई मतदाता सूची का उपयोग पंचायत चुनावों के लिए किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र मतदाता इसमें शामिल हों और किसी को भी अनुचित रूप से मताधिकार से वंचित न किया जाए। 5. आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्तरों पर चुनाव अधिकारी निष्पक्ष रूप से कार्य करें और चुनावों के सुचारु संचालन के लिए उचित प्रशासनिक सहायता प्रदान करें। प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और किसी भी विचलन को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए।
9 जिलों में 9 बजे तक बारिश की संभावनाएं:पंजाब 2.9 डिग्री गिरा तापमान; बंगाल की खाड़ी में दबाव से मानसून सुस्त
9 जिलों में 9 बजे तक बारिश की संभावनाएं:पंजाब 2.9 डिग्री गिरा तापमान; बंगाल की खाड़ी में दबाव से मानसून सुस्त पंजाब में बुधवार 18 जिलों में येलो अलर्ट के बावजूद खुल कर बारिश नहीं हुई। लेकिन कुछ जिलों में हुई पाकेट रेन के बाद राज्य के औसतन तापमान में 2.9 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। राज्य में मानसून सुस्त है। जिसका सबसे बड़ा कारण बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव है। कम दबाव से मानसून की हवाएं प्रभावित हुई हैं और वेस्टर्न डिस्टरबेंस पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। सुबह पंजाब में 9 बजे तक एस.ए.एस नगर, फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, रूपनगर, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, एसबीएस नगर, होशियारपुर, अमृतसर और गुरदासपुर में बारिश की संभावनाएं। पंजाब में आज 9 जिलों में येलो अलर्ट जारी है, अनुमान है कि बंगाल से आने वाली मानसून की हवाएं और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने का अनुमान है। इस अनुसार पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला और एसएएस नगर में हल्के से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं, 22 जुलाई से सावन की शुरुआत होने वाली है। अनुमान है कि आज के बाद 22 जुलाई से राज्य में सावन की झड़ी देखने को मिलेगी। पंजाब में मौसम की तस्वीरें, अलर्ट व संभावनाएं- पंजाब में 38% कम बारिश पंजाब में इस सीजन अभी तक 38% कम बारिश देखने को मिल रही है। 1 जून से शुरू हुए बारिश के सीजन में 17 जुलाई तक 87.5mm बारिश हुई है, जबकि सामान्यता यहां 140.7mm बारिश हो जानी चाहिए। पंजाब में सिर्फ 4 जिले अमृतसर, तरनतारन, मानसा और संगरूर में अभी तक सामान्य बारिश देखने को मिली है। मौसम विभाग के अनुसार 20% तक कम बारिश को सामान्य की श्रेणी में रखा जाता है। अमृतसर में 19% कम तो तरनतारन में सामान्य से 22% अधिक बारिश हुई है। वहीं मानसा में 21 व संगरूर में 13% अधिक बारिश हुई है। अन्य पूरा पंजाब में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। फतेहगढ़ साहिब में 77% और होशियारपुर में 76% कम बारिश देखने को मिली है।