मोगा जिले के गांव भिंडर कलां में मरहूम लेखक सुरजीत सिंह पात्र की स्मृति में ‘बाग-ए-अदब’ का उद्घाटन विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने किया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में एसएसपी अवनीत कौर सिद्धू और प्रसिद्ध पंजाबी कलाकार मलकीत रोनी भी उपस्थित रहे। गांव के सरपंच हरिंदर सिंह ने इस नेक कार्य के लिए सवा दो एकड़ जमीन दान की है। स्पीकर संघवा ने कहा कि सरपंच द्वारा अपनी जमीन दान करके मरहूम लेखक की याद में पार्क बनवाना एक सराहनीय कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह पार्क न केवल मरहूम लेखक को श्रद्धांजलि है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए एक सार्वजनिक स्थल के रूप में भी काम करेगा। इस पहल से क्षेत्र में साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मोगा जिले के गांव भिंडर कलां में मरहूम लेखक सुरजीत सिंह पात्र की स्मृति में ‘बाग-ए-अदब’ का उद्घाटन विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने किया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में एसएसपी अवनीत कौर सिद्धू और प्रसिद्ध पंजाबी कलाकार मलकीत रोनी भी उपस्थित रहे। गांव के सरपंच हरिंदर सिंह ने इस नेक कार्य के लिए सवा दो एकड़ जमीन दान की है। स्पीकर संघवा ने कहा कि सरपंच द्वारा अपनी जमीन दान करके मरहूम लेखक की याद में पार्क बनवाना एक सराहनीय कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह पार्क न केवल मरहूम लेखक को श्रद्धांजलि है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए एक सार्वजनिक स्थल के रूप में भी काम करेगा। इस पहल से क्षेत्र में साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बीमार पिता को नहीं दी कंगना-कुलविंदर थप्पड़ कांड की जानकारी:मां बोली- जो बेटी ने किया सही किया, परिवार उसके साथ; कंगना ने उकसाया होगा चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुए कंगना रनौट थप्पड़ घटनाक्रम के बाद विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ पंजाब के सिख व किसान संगठन कुलविंदर कौर के हक में आ चुके हैं। वहीं राजपूत बिरादरी ने कंगना के हक में उतरी है। लेकिन इसी बीच कुलविंदर कौर के परिवार ने थप्पड़ मारने का वीडियो जांच करने की मांग रखी है। कुलविंदर कौर की मां वीर कौर मानने को तैयार नहीं है कि बिना वजह कुलविंदर ने कंगना पर हाथ उठाया होगा। वहीं, कुलविंदर कौर के पिता जो एक साल से बीमार हैं, पूरे घटनाक्रम की सूचना नहीं है। जो लोग कुलविंदर कौर के कारण घर आ रहे हैं, उन्हें भी पिता को घटनाक्रम के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया गया है। वीर कौर का कहना है कि मां कितनी भी बुरी हो या अच्छी हो, कोई अपनी मां के बारे में नहीं सुन सकता। उसे 100 रुपए लेकर दिहाड़ी पर जाने वाली कहा गया, दुक्की की औरत कहा गया। क्या हम दुक्की की महिलाएं हैं। हम अगर आंदोलन में गई तो अपने बच्चों के भविष्य के लिए गई। जाने क्या कहा वीर कौर ने सवाल- कंगना रनोट के साथ हुए घटनाक्रम पर क्या कहेंगी? वीर कौर- मेरी बेटी ने जो किया ठीक किया। परिवार व किसान संगठन उनके साथ हैं। मैं अपनी बेटी को गलत नहीं कह सकती। जब तक मैं अपनी आंखों से सब नहीं देख लेती, मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगी। सवाल- परिवार में बेटी के अलावा भी कोई आर्मी या पैरा मिलिट्री फोर्सेस में है? जवाब- हमारे परिवार में 5-6 लोग आर्मी से है। जेठ, भतीजा व 2 जीजे हमारे आर्मी में हैं और कई रिटायर हो चुके हैं। 1965 की लड़ाई में मेरे जेठ ने पीपल पत्ते खा कर लड़ाई लड़ी। 16 साल मेरी बेटी को जॉब करते हो गए। आज तक ऐसा नहीं हुआ और ना ही कोई शिकायत आई। मैं इस बात को नहीं मानती कि बिना कारण उसकी बैटी ने थप्पड़ मारा है। सवाल- बेटी ने दिल्ली आंदोलन में जाने की बात कही, क्या आप वहां थी? दिल्ली – हम अपने हकों के लिए वहां गए थे। हमें फसलों के नुकसान के पैसे मिलें, जमीनें जो कच्ची हैं, पक्की हमारे नाम की जाएं। हमारा दिल करता है कि हम सड़क पर धूप में बैठें। नंगे पैर हम जाते थे, पानी को तरसते थे। अपने हक के लिए गए। सवाल- घटना के दिन आप कहां थी? जवाब- जिस दिन घटना हुई मैं बाहर थी, किसी करीबी का देहांत हो गया था। रात 7 बजे आई तो मुझे घटना का पता चला। मां बुरी हो या अच्छी, कोई बच्चा नहीं सुनता। जब मां को बोल दिया कि 100 रुपए दिहाड़ी लेकर जाती है। मुझे दो आने की कहा गया। मेरी बेटी पानी को लांघ, सरकंडों से निकल स्कूल पढ़ने जाती थी। तब भी उसकी कोई शिकायत नहीं आई। उसे कुछ कहा होगा जो उसने ऐसा किया। जब तक मैं अपनी आंखों से सब देख नहीं लेती, मैं नहीं मानूंगी कि मेरी बेटी गलत है। सवाल- बेटी से बात हुई? जवाब- मेरी बेटी से 3-4 दिन हो गए, बात नहीं हुई। मुझे दिखाया जाए कि उसने थप्पड़ मारा गया है। क्यों मारा गया, उसने (कंगना) ने कुछ कहा होग। मेरी बेटी ऐसे हाथ उठाने वाली नहीं है। कंगना ने कुछ तो बोला होगा। कभी कह दिया कि 100 रुपए लेकर जाती थी। हमें दुक्की का कह दिया। क्या हम दुक्की की हो गई। हम अपने परिवार के लिए जाते थे। अपनी जायदाद के लिए जाते थे। अपने बच्चों के भविष्य के लिए जाते थे। सवाल- क्या बीमार पिता को घटना की जानकारी है? जवाब- पिता बीमार हैं। 1 साल से बीमार हैं, उन्हें अटैक आया था। तब से ही वे बिस्तर पर हैं। उन्हें खुद उठा कर खिलाना पिलाना पड़ता है। उन्हें इस घटना के बारे में बताया ही नहीं गया। अगर कोई आता है तो उन्हें ना बताने का समझा दिया जाता है। वे पूछते हैं, लोग क्यों आ रहे हैं। जवाब में कह देते हैं, किसान संगठन की बैठक है। जानें क्या है मामला घटना वीरवार दोपहर 3 बजे की है। कंगना हिमाचल से जाने के लिए चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंची थी। सुरक्षा जांच के बाद आगे बढ़ने लगी तो CISF जवान कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। कुलविंदर कह रही थी कह रही है, ‘कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपए की ख़ातिर लोग किसान आंदोलन में बैठ रहे हैं। जब उसने यह बयान दिया तो मेरी मां भी वहां बैठी थी।’ कंगना ने एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सेफ हूं। आज चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मेरे साथ हादसा हो गया। एयरपोर्ट पर एक महिला जवान ने मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं। उसने बताया कि वो किसान आंदोलन की सपोर्टर है। उसने साइड से आकर मुझे चेहरे पर हिट कर दिया। मैं तो सुरक्षित हूं, लेकिन मेरी चिंता पंजाब में बढ़ रहे उग्रवाद और आतंकवाद को लेकर है। इसे कैसे भी करके हैंडल करना पड़ेगा।’
बमियाल सेक्टर में पहुंचे पंजाब के गवर्नर:पाकिस्तान पर साधा निशाना, भारत-पाक बार्डर के लोगों की समस्याएं सुनी
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अमृतसर में किसानों ने लगाया जाम:4 घंटे तक रहा ट्रैफिक ब्लॉक, कुर्की को लेकर हुई थी पुलिस से धक्का- मुक्की
अमृतसर में किसानों ने लगाया जाम:4 घंटे तक रहा ट्रैफिक ब्लॉक, कुर्की को लेकर हुई थी पुलिस से धक्का- मुक्की अमृतसर में किसानों की ओर से आज शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया गया। किसान जत्थेबंदियों ने शहर की लाइफ लाइन भंडारी पुल पर धरना लगा दिया। बीते दिन एक घर को कुर्की करने गए पुलिस और प्रशासन के साथ किसानों की धक्का मुक्की हुई थी, जिसके बाद आज लगभग चार घंटे किसानों ने जाम लगाया। जाम लगाने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से मिलकर धरने को हटवाया गया और मंगलवार को बैठक के आश्वासन दिया गया। गांव नंगली में घर कुर्की करने के थे आदेश जानकारी के मुताबिक, गांव नंगली में बीते दिन बैंक का कर्जा ना चुका पाने की स्थिति में बैंक द्वारा घर दुकान को कुर्क करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद बैंक अधिकारी पुलिस और प्रशासन के साथ पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद बीकेयू सिद्धूपुर के किसान लीडर्स ने कुर्की करवाने से मना कर दिया। इस दौरान धक्का मुक्की की नौबत आ गई, जिसके बाद किसान नेता भड़क गए। उनका कहना था कि बैंक के कर्जे के संबंध में बैठकर बात की जा सकती है, लेकिन अगर घर और दुकान बंद कर दी जाएगी तो फिर उनके बच्चे कहां जाएंगे। जिसके बाद आज गुस्साए किसानों ने भंडारी पुल पर जाम लगा दिया। चार घंटे बंद रहा शहर का ट्रैफिक किसानों की ओर से तकरीबन 4 घंटे के लिए जाम लगाया गया। शहर के बीचो बीच भंडारी ब्रिज को बंद करने से हर तरफ ट्रैफिक हो गया। किसान तकरीबन 12 बजे से 4 बजे तक पुल पर बैठे रहे जिससे कि स्कूली बच्चों की बसें भी जाम में फंस गई। इसके बाद डीसीपी ला एंड आर्डर आलम विजय सिंह ने प्रशासन के साथ मिलकर किसान नेताओं से बात की और धरना हटाकर जाम खुलवाया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक किसानों के साथ मंगलवार को बैठक की जाएगी उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा इसी आश्वासन पर आज धरना खत्म किया गया है।