पंजाब में मोगा के कस्बा धर्मकोट में एक विवाहिता ने सुसराल वालों से परेशान होकर जहरीली वस्तु का सेवन करके सुसाइड कर लिया। थाना धर्मकोट ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। ससुराल वाले मौके से फरार हो गए हैं। थाना धर्मकोट के जांच अधिकारी जसविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास 25 वर्षीय मृतक विवाहिता ममता की मां ज्योति निवासी होशियारपुर ने बयान दर्ज कराए हैं। बयान के अनुसार, 25 वर्षीय ममता की शादी डेढ़ साल पहले धर्मकोट के रहने वाले शुभम के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद ही ममता को अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा। कुछ दिन पहले दिलाया था एसी कुछ दिन पहले मायके वालों ने ससुराल वालों को एक एसी भी लेकर दिया था। आरोप है कि, ममता के सुसराल वाले 25 लाख दहेज की मांग करते थे। जिसे लेकर सुसराल वालों की ओर से उसे तंग किया जाता था। सुसराल वालों की इस प्रताड़ना से परेशान होकर उसने जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। जिसके बाद तबीयत बिगड़ने पर आनन फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका की मां ने बताया कि, जब मायके वाले अस्पताल पहुंचे तो आरोपी फरार हो चुके थे। पुलिस ने ज्योति की शिकायत पर मृतका ममता की के पति शुभम, ससुर राजकुमार, जेठ विशाल और जेठानी सोनिया के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब में मोगा के कस्बा धर्मकोट में एक विवाहिता ने सुसराल वालों से परेशान होकर जहरीली वस्तु का सेवन करके सुसाइड कर लिया। थाना धर्मकोट ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। ससुराल वाले मौके से फरार हो गए हैं। थाना धर्मकोट के जांच अधिकारी जसविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास 25 वर्षीय मृतक विवाहिता ममता की मां ज्योति निवासी होशियारपुर ने बयान दर्ज कराए हैं। बयान के अनुसार, 25 वर्षीय ममता की शादी डेढ़ साल पहले धर्मकोट के रहने वाले शुभम के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद ही ममता को अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा। कुछ दिन पहले दिलाया था एसी कुछ दिन पहले मायके वालों ने ससुराल वालों को एक एसी भी लेकर दिया था। आरोप है कि, ममता के सुसराल वाले 25 लाख दहेज की मांग करते थे। जिसे लेकर सुसराल वालों की ओर से उसे तंग किया जाता था। सुसराल वालों की इस प्रताड़ना से परेशान होकर उसने जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। जिसके बाद तबीयत बिगड़ने पर आनन फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका की मां ने बताया कि, जब मायके वाले अस्पताल पहुंचे तो आरोपी फरार हो चुके थे। पुलिस ने ज्योति की शिकायत पर मृतका ममता की के पति शुभम, ससुर राजकुमार, जेठ विशाल और जेठानी सोनिया के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना ESIC अस्पताल के कर्मी और उसका साथी गिरफ्तार:नौकरी लगवाने के नाम पर मांगी रिश्वत, 25000 रुपए नकदी बरामद
लुधियाना ESIC अस्पताल के कर्मी और उसका साथी गिरफ्तार:नौकरी लगवाने के नाम पर मांगी रिश्वत, 25000 रुपए नकदी बरामद पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने बुधवार को ESIC अस्पताल में तैनात सुखबीर सिंह और उसके साथी नवनीत कुमार निवासी गुरु अर्जन देव नगर को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि आरोपियों को लुधियाना जिले के गांव फुल्लांवाल निवासी दिनेश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस से संपर्क किया और बताया कि उसे पता चला है कि ESIC अस्पताल, भारत नगर चौक लुधियाना में एग्रीमेंट के आधार पर लैब टेक्नीशियन के पद भरे जाने थे। इस संबंध में वह ESICअस्पताल की एचआर शाखा के सुखबीर सिंह से मिला। जिन्होंने उसे अपने वॉट्सऐप नंबर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज भेजने के लिए कहा। नौकरी दिलवाने के नाम पर मांगी रिश्वत शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि कुछ दिनों के बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे समराला चौक पर मिलने के लिए बुलाया और बताया कि सुखबीर सिंह ने अस्पताल में नौकरी लगवाने के लिए 1,10,000 रुपए की रिश्वत मांगी है। इसके बाद सुखबीर सिंह ने काम करवाने के लिए 100000 रुपए का प्रबंध करने को भी कहा। 25 हजार नकदी लेते पकड़ा SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 25000 रुपए की रिश्वत लेते समय उक्त आरोपी सुखबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मुख्य आरोपी सुखबीर सिंह के एक साथी नवनीत कुमार निवासी गुरु अर्जन देव नगर लुधियाना को भी समराला चौक लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7 A और IPC की धारा 120-बी के तहत विजिलेंस ब्यूरो के थाना लुधियाना रेंज में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।
हरियाणा के ट्रांसपोर्टर ने ड्राइवर के पैर तोड़े, सिर फोड़ा:डिलीवरी के वक्त माल क्रैक हुआ था; जालंधर से कार की डिग्गी में लाकर अस्पताल में फेंका
हरियाणा के ट्रांसपोर्टर ने ड्राइवर के पैर तोड़े, सिर फोड़ा:डिलीवरी के वक्त माल क्रैक हुआ था; जालंधर से कार की डिग्गी में लाकर अस्पताल में फेंका हरियाणा में कैथल के ट्रक ड्राइवर को ट्रांसपोर्टर ने कार में किडनैप कर लिया। इसके बाद 4-5 साथियों के साथ मिलकर पूरी रात उसे पीटते रहे। उसके पैर तोड़ दिए और सिर भी फोड़ दिया। फिर उसे कार की डिग्गी में डालकर जालंधर से कैथल के कलायत ले आए। यहां सुबह ड्राइवर की हालत बिगड़ी तो उसे निजी अस्पताल में फेंककर भाग निकले। दरअसल, ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर के बीच डिलीवरी के दौरान सामान क्रैक होने को लेकर कहासुनी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने उससे मारपीट की। यही नहीं, उसे धमकी भी दी कि इसे एक्सीडेंट बोलना, अगर पुलिस में शिकायत की तो वे उसे जान से मार देंगे। सिलसिलेवार से तरीके से पढ़िए पूरा विवाद …. भाई के बीमार होने पर बलकार ले गया माल
कैथल के कौल गांव के रहने वाले बलकार सिंह ने बताया कि वह पेशे से ट्रक ड्राइवर है, उसका छोटा भाई मुकेश भी ट्रक ड्राइवर है। मुकेश कलायत में ट्रांसपोर्टर के पास ड्राइवर का काम करता है। उसे 13-14 दिसंबर को ट्रक लेकर गुजरात जाना था, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई। उसके भाई ने अपनी जगह पर उसे ट्रक ले जाने के लिए कहा। इसके बाद वह गुजरात में माल की डिलीवरी के लिए निकला। उसने वहां ट्रक से सामान डिलीवर किया। इसके बाद ट्रक मालिक ने उसे गुजरात से पंजाब के जालंधर में माल पहुंचाने के लिए कहा। वह माल लोड करके जालंधर पहुंच गया। सामान क्रैक हुआ तो मालिक ने किराया रोक ट्रांसपोर्टर को फोन किया
बलकार ने बताया कि ट्रक में वॉश बेसिन, टॉयलेट सीट आदि सामान था। उसने उसे उतारकर पैकिंग की गिनती कराई। सामान पूरा था। मालिक ने सामान चेक किया तो उसमें कुछ क्रैक थे। जिसके कारण मालिक ने ट्रक का किराया रोक दिया। उसने ट्रक मालिक यानी ट्रांसपोर्टर को फोन करके पूरी घटना बताई। ट्रक मालिक ने बलकार से नुकसान की भरपाई करने को कहा। आखिरी डिलीवरी है, आगे काम नहीं करेगा
ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह गरीब है और 20 हजार रुपए की नौकरी करता है और वह इतना घाटा कैसे झेल सकता है। इस बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। ट्रक मालिक ने नकोदर से कलायत तक एक और डिलीवरी मांगी। बलकार ने कहा कि यह आखिरी डिलीवरी है और वह आगे काम नहीं करेगा। नकोदर से पहले ही ट्रक खड़ा किया
पीड़ित बलकार ने बताया कि ट्रक मालिक सुबह उसे लोकेशन देने वाला था। उसने नकोदर से 10 किलोमीटर दूर ट्रक रोक दिया। अपने कंडक्टर के साथ खाना खाने के बाद वह गाड़ी में ही सो गया। 20 दिसंबर की रात को अचानक ट्रक मालिक कुछ लोगों को गाड़ी में लेकर नकोदर पहुंच गया। कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा
पहले उन्होंने कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा। जिसके बाद कंडक्टर ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद ट्रक मालिक ने ड्राइवर को बुरी तरह पीटा और उसके पैरों व सिर पर हमला कर दिया। जिससे उसके पैरों की हड्डियां टूट गईं। हमलावरों ने उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल लिया और कलायत ले आए। डॉक्टरों से कहा कि उसका एक्सीडेंट हुआ
बलकार ने बताया कि जहां भी गाड़ी रोकी गई। उसे गाड़ी से बाहर खींचकर पीटा गया। सुबह तक उसकी हालत बिगड़ गई। आरोपियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टरों से कहने का दबाव बनाया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है। वे निजी अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मोबाइल से अपने परिजनों को कॉल किया, जिसके बाद उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां उसने अपनी आपबीती उन्हें बताई। करनाल में चल रहा इलाज
जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई और वहां से उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसका सही से इलाज नहीं हुआ। इसलिए 23 दिसंबर को वह करनाल के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। जहां उसका इलाज चल रहा है। शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं
बलकार का आरोप है कि पुलिस ने भी उसकी शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उसने बताया कि प्रदीप कुमार नाम का कोई आईओ उसके पास बयान लेने आया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।
लॉरेंस इंटरव्यू मामले में HC की पंजाब सरकार को फटकार:पूछा-तत्कालीन SSP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, इंटरव्यू का कैसे पता लगा
लॉरेंस इंटरव्यू मामले में HC की पंजाब सरकार को फटकार:पूछा-तत्कालीन SSP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, इंटरव्यू का कैसे पता लगा पंजाब में पुलिस कस्टडी से गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू मामले की (03 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने सरकार ने पूछा कि तत्कालीन एसएसपी पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने कहा कि जब जेल में अपराध होता है तो जेल वार्डन को सस्पेंड किया जाता है। लेकिन जब जिले में घटना हुई है तो एसएसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। इसी तरह अदालत ने यह भी पूछा कि पंजाब पुलिस को गैंगस्टर के इंटरव्यू का कैसे पता चला। सुनवाई में ने गृह सचिव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। अदालत ने उन्हें भी फटकार लगाई । साथ ही कहा कि अगली बार कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च अधिकारी को तलब करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर तय की गई है। ऐसे चली थी अदालत में सुनवाई सुनवाई की शुरुआत में पंजाब पुलिस की तरफ से इंटरव्यू के समय हुई प्रेस कांफ्रेंस की ट्रांस्क्रिप्ट अदालत को दी गई, जिसमें डीजीपी की तरफ से बताया गया था कि इंटरव्यू पंजाब की जेल में नहीं हुआ है। अदालत ने पूछा कि आपको इंटरव्यू होने का पता कैसे लगा था। इसके बाद अदालत ने दूसरा प्वाइंट उठाया कि तत्कालीन एसएसपी पर क्या कार्रवाई की गई है। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। अदालत ने पूछा कि आरोपी को क्याें बचाया जा रहा है। फिर अदालत ने जेल वार्डन की दलील दी। फिर अदालत को बताया कि जो अधिकारी संस्पेंड किए है। उनके खिलाफ जांच रिटायर जज द्वारा की जा रही है। अदालत ने कहा कि यह हमें तय करना है कि जांच किससे करवानी है। हालांकि सरकार ने बताया कि रिटायर जज की अगुवाई में जांच चल रही है। वहीं, सरकार ने बताया कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं, उन्हें पब्लिक डीलिंग से हटा दिया गया है। छोटे अधिकारियों का बली का बकरा न बनाया जाए पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। हालांकि गत सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि छोटे अधिकारियों काे बली का बकरा न बनाया जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।