<p style=”text-align: justify;”>पूर्वी चम्पारण जिला के पीपराकोठी थाना में पदस्थापित एक पैंथर सिपाही ने अपने हथियार से थाने में दो फायरिंग की. पैंथर सिपाही ने फायरिंग के बाद अपने आप को थाना में रह रहे रूम में बंद कर लिया. घटना की जानकारी मिलते ही वरीय पुलिस पदाधिकारी पिपराकोठी थाना पहुंचे, जहां पैंथर सिपाही से बात करने की प्रयास विफल रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पैंथर सिपाही किसी बात से नाराज चल रहा था. पैंथर सिपाही आशीष तिवारी पिपरकोठी थाना में पदस्थापित था जो बीते रात्रि थाने में ही फायरिंग शुरू कर दी, जिसकी सूचना प्राप्त होते ही मोतिहारी सदर डीएसपी 02 पिपरकोठी थाना पहुंचे जहां थाना के रूम में पैंथर सिपाही घुस अंदर से बंद कर लिया था, जिससे बात करने की कोशिश की गई परन्तु विफल रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”>पूर्वी चम्पारण जिला के पीपराकोठी थाना में पदस्थापित एक पैंथर सिपाही ने अपने हथियार से थाने में दो फायरिंग की. पैंथर सिपाही ने फायरिंग के बाद अपने आप को थाना में रह रहे रूम में बंद कर लिया. घटना की जानकारी मिलते ही वरीय पुलिस पदाधिकारी पिपराकोठी थाना पहुंचे, जहां पैंथर सिपाही से बात करने की प्रयास विफल रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पैंथर सिपाही किसी बात से नाराज चल रहा था. पैंथर सिपाही आशीष तिवारी पिपरकोठी थाना में पदस्थापित था जो बीते रात्रि थाने में ही फायरिंग शुरू कर दी, जिसकी सूचना प्राप्त होते ही मोतिहारी सदर डीएसपी 02 पिपरकोठी थाना पहुंचे जहां थाना के रूम में पैंथर सिपाही घुस अंदर से बंद कर लिया था, जिससे बात करने की कोशिश की गई परन्तु विफल रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> बिहार Bihar News: भागलपुर दवा व्यवसायी हत्याकांड का पुलिस ने किया उद्भेदन, रौनक को क्यों मारा? जानें
Related Posts
फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला एजेंट गिरफ्तार, बांग्लादेशी नागरिकों के लिए बनाता था भारतीय दस्तावेज
फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला एजेंट गिरफ्तार, बांग्लादेशी नागरिकों के लिए बनाता था भारतीय दस्तावेज <p style=”text-align: justify;”><strong>Fake Passport Gang Busted in Delhi:</strong> आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बना कर बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेजने के एक बड़े मामले का खुलासा किया है. इस मामले में एक बांग्लादेशी एजेंट को गिरफ्तार हुआ है, जो खुद भी अवैध तरीकों से 10-12 साल पहले भारत में आया था और फिर नोएडा में रह कर यह गोरखधंधा करने लगा. इस मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी एजेंट की पहचान रिजाउल खान उर्फ रिजाउल करीम उर्फ आदिल के रूप में हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बांग्लादेश के रहने वाला है. इसने तीन बांग्लादेशी नागरिकों का फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड आदि बनाया था, जिसके आधार पर बने भारतीय पासपोर्ट पर उन्हें बैंकॉक भेजने का दावा उसने बांग्लादेशी नागरिकों से किया था. हालांकि, सभी बंगलादेशी नागरिकों को उनके दस्तावेजों की स्क्रूटनी के दौरान IGI एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय दरस्तावेज़ों के साथ पकड़ा</strong><br />डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 18 जून को भारतीय पासपोर्ट धारक तीन हवाई यात्री मोहम्मद मेहंदी खान, मोहिदुल शेख, मोहम्मद सोजीव खान बैंकॉक जाने के लिए IGI एयरपोर्ट पहुंचे थे. जहां उनके यात्रा दस्तावेजों और दी गई जानकारियों की स्क्रूटनी के दौरान एयरपोर्ट अधिकारियों को उन हवाई यात्रियों के दस्तावेजों पर शक हुआ. जांच में बांग्लादेशी होने और उनके द्वारा फर्जी तरीके से भारतीय दस्तवेजो को प्राप्त करने का पता चला. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उनके पास से बांग्लादेशी ऑथोरिटी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट भी बरामद हुआ. जिससे उनकी पहचान मोहम्मद मेहदी हसन, मोहम्मद मोहेदुल मीर और एक कि नाबालिग के तौर पर हुई. जिसके बाद उन्हें IGI एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने और 14 फॉरेनर्स एक्ट समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें को गिरफ्तार कर लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उड़ान से पहले एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों ने दबोचा</strong><br />इस मामले में एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने जब दोनों बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ की तो आरोपी मेहंदी हसन ने बताया कि वह बांग्लादेश में मजदूरी करता था. वहां उसकी अच्छी कमाई नहीं हो पा रही थी. इसलिए उसका भाई रिजाउल करीम जो 10-12 साल पहले भारत आया था उसकी मदद से वह 2019 में बानपुर बॉर्डर के रास्ते अवैध रूप से इंडिया आया. इसके बाद वह अपने भाई के पास नोएडा में रहने लगा. जिसने उसके लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्रों की व्यवस्था की और फिर उसके आधार पर बने भारतीय पासपोर्ट के सहारे उसे कुवैत भेजा जहां उसने कुछ दिनों तक काम किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान वह कई बार बांग्लादेश भी गया. उसने आगे बताया कि उसके भाई रिजाउल करीम, जो कि फर्जी भारतीय दस्तवेज़ों को बनाने का काम करता था, ने उसे कहा कि दो बांग्लादेशी नागरिकों के साथ उसे बैंकॉक जाना है. जिनकी यात्रा और भारतीय पहचान पत्रों को बनाने के एवज में उसे मोटी रकम मिली थी. लेकिन वे एयरपोर्ट पर ही पकड़े गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं मोहम्मद मेहदुल मीर ने बताया कि आरोपी एजेंट रिजाउल करीम ने बताया कि वह 2016 में अवैध तरीके से भारत आया था, जिसके बाद वह बैंगलोर में रह कर काम करने लगा. वहां उसने एक एजेंट के माध्यम से भारतीय पहचान पत्र पैन-आधार कार्ड भी बनवा लिया था. लेकिन एक बांग्लादेशी एजेंट ने उसे विदेश जा कर अच्छे पैसे कमाने का झांसा देकर रिजाउल करीम से संपर्क करने को कहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद वह नॉएडा आ गया और रिजाउल करीम से एक लाख रुपये में नोएडा के पत्ते वाला अपडेटेड आधार-पैन कार्ड बनवाया और फिर गाजियाबाद के पते पर उसका भारतीय पासपोर्ट बनवा कर उसे बैंकॉक भेजने की डील उसकी उसके साथ हुई थी. उसी योजना के अनुसार वो बैंकॉक जा रहे थे लेकिन एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों ने उन्हें धर लिया. नाबालिग बांग्लादेशी यात्री ने भी एक लाख रुपये में भारतीय पासपोर्ट रिजाउल करीम द्वारा बनवाने की बात बताई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तकनीकी निगरानी से छिप रहे एजेंट को पुलिस ने दबोचा</strong><br />दोनों बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा किये गए खुलासे के आधार पर एसीपी आईजीआई वीकेपीएस यादव की देखरेख और एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्व में एसआई राहुल और कॉन्स्टेबल दीपक की टीम का गठन कर आरोपी एजेंट की तलाश में लगाया गया था. आरोपी एजेंट के भाई मेहंदी हसन से मिली जानकारी और उसकी निशानदेही के आधार पर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से नोएडा में उसके ठिकाने पर छापेमारी कर उसे दबोच लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>12 साल पहले खुद भी अवैध तरीके से आया था इंडिया</strong><br />पूछताछ में आरोपी एजेंट ने बताया कि 10-12 साल पहले वह अवैध तरीके से इंडिया आया था और नोएडा में रहने लगा. यहां उसने एक एजेंट की सहायता से फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र भी हासिल कर लिया था. बाद में वह आसानी से पैसा कमाने की चाह में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र के आधार पर पासपोर्ट बनाने का काम करने लगा. इस मामले में पुलिस आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर आगे की जांच गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘दिल्ली वालों के हक की लड़ाई…’, मंत्री आतिशी के अनशन पर बोले संजय सिंह” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sanjay-singh-aap-on-minister-atishi-hunger-strike-amid-delhi-water-crisis-2721153″ target=”_self”>’दिल्ली वालों के हक की लड़ाई…’, मंत्री आतिशी के अनशन पर बोले संजय सिंह</a></strong></p>
मोहाली में पिस्टल दिखाकर छीनी कार:पहले सवारी बन इनड्राइव ऐप से बुक की कार, दो आरोपी काबू, कार बरामद
मोहाली में पिस्टल दिखाकर छीनी कार:पहले सवारी बन इनड्राइव ऐप से बुक की कार, दो आरोपी काबू, कार बरामद पंजाब के मोहाली में फिल्मी स्टाइल में दो शातिरों ने पहले सवारी बनकर इनड्राइव ऐप के माध्यम कार बुक की। इसके बाद रास्ते में पिस्टल के दम पर चंडीगढ़ निवासी व्यक्ति से कार छीनकर फरार हो गए। मोहाली पुलिस ने वारदात में शामिल दोनों आरोपियों को काबू कर लिया है। आरोपियों की पहचान रणजीत सिंह व सतिंदर सिंह के रूप में हुई। उनसे छीनी कार व फोन भी बरामद कर लिया है। वहीं, जिस पिस्टल के दम पर उन्होंने कार छीनी थी, वह भी बरामद कर ली है। पुलिस जांच में वह डमी पिस्टल निकली है। यह जानकारी पुलिस की तरफ से आज प्रेस कांफ्रेंस में दी गई। दोनों आरोपी करीब एक साल से बेरोजगार थे। दोनों 12वीं तक पढे़ हुए है। उनके खिलाफ पहले कोइ केस दर्ज नहीं है। चार तारीख को ही खरीदी थी नई कार सात अक्टूबर को इस बारे में चंडीगढ़ के सेक्टर-49 निवासी पुलिस को शिकायत दी थी। उसने अपनी शिकायत में बताया था कि उसने चार अक्टूबर को ही उसने नई कार खरीदी थी। जिसे की वह टैक्सी के रूप में चला रहा था। सात अक्टूबर की सुबह वह अपनी टैक्सी में सेक्टर-43 में खड़ा था । चार बजे इन ड्राइव ऐप के माध्यम से सेक्टर-43 से सेक्टर-109 मोहाली के लिए सवारी मिली। वह सवारी को पिक करने के बाद वहां से निकल गया। पेशाब के बहाने कार रुकवाकर वारदात को दिया अंजाम विशाल ने बताया कि इसके बाद वह उन्हें मोहाली शहर के अंदर से होते हुए सेक्टर 109 लेकर जा रहा था। जैसे ही उनकी कार सेक्टर-85/86 में सुनसान जगह पर पहुंची तो दोनों आरोपियों में से एक व्यक्ति ने कहा कि उसे पेशाब लगा हुआ है। उसने उसे कार रोकने को कहा, जैसे ही वह पेशाब जाकर आया, तो उसने उसे कार का शीशा नीचे करने को कहा। इसके बाद उसके सिर पर पिस्टल लगा दी। इसके बाद उससे मोबाइल व कार की चाबी मांगी। पिस्टल देखकर वह डर गया। उसने उसे चाबी व मोबाइल सौंप दिया। इसके बाद कार छीनकर फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी गुरुग्राम से दबोचे इसके बाद जैसे ही यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं के तहत अज्ञात आरोपियों पर केस दर्ज किया । इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए कई टीमें बनाई। साथ ही पुलिस ने टेक्निकल व हयूमन इंटेलिजेंस के सहारे नौ अक्टूबर को एमजी रोड मेट्रो स्टेशन गुरुग्राम से आरोपियों को काबू किया है। वारदात के लिए चोरी किया था मोबाइल पुलिस ने आरोपियों को पूछताछ में बताया है कि वह एक साल से बेरोजगार थे। दोनों को एक दूसरे को जानते थे। इसके बाद दोनों ने मिलकर कार को लूटने का प्लान बनाया था। आरोपियों ने बताया कि कार को लूटने से पहले उन्होंने छह अक्टूबर फोन चोरी किया। फोन उन्होंने सेक्टर-44 पेट्रोल पंप के सामने उस व्यक्ति का चोरी किया, जो कि रात के समय अपनी कार का शीशा खोलकर सो रहा था। फर्जी अकाउंट बनाकर कार बुक की थी इसके बाद चोरी वाले मोबाइल से फर्जी नाम उपकार सिद्धू नाम से इनड्राइव एप डाउनलोड की है। इसके बाद उन्होंने उस ऐप से कार बुक की थी। पुलिस ने चोरी का फोन व अन्य सामान बरामद कर लिया है।
हरियाणा में हार पर कांग्रेस में घमासान:कैप्टन बोले- राज बब्बर की जगह मैं लड़ता तो राव इंद्रजीत को 1 लाख वोटों से हराता
हरियाणा में हार पर कांग्रेस में घमासान:कैप्टन बोले- राज बब्बर की जगह मैं लड़ता तो राव इंद्रजीत को 1 लाख वोटों से हराता हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट से कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मंत्री व कांग्रेस OBC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव ने पार्टी पर हमला बोला है। यहां से उम्मीदवार रहे राज बब्बर को बीच में लेते हुए कैप्टन ने कहा है कि अगर उन्हें टिकट दी जाती तो भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह को कम से कम एक लाख वोटों से हराते। कैप्टन ने बुधवार को कहा है कि भाजपा उम्मीदवार का गुरुग्राम सीट के ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव था। वहीं, उन्होंने वोट मांगे प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर। इससे वह मजबूत थे। दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार को टाइम ही नहीं मिला प्रचार के लिए। उन्हें करीब 6 महीने पहले यहां लाना चाहिए था। फिर भी वह बहुत बढ़िया चुनाव लड़े। जातीय समीकरण उनके साथ नहीं था
कैप्टन ने कहा कि राज बब्बर और स्थानीय कार्यकर्ता बादशाहपुर और गुरुग्राम में ठीक से मैनेजमेंट नहीं कर पाए। इसलिए, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अजय यादव कहते हैं कि समय कम होने के कारण ऐसा हुआ है। जातीय समीकरण भी उनके साथ नहीं थे। कैप्टन ने कहा, ‘भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह भी अच्छा चुनाव लड़े हैं, लेकिन अगर किरण चौधरी को वहां से टिकट दिया होता और मुझे यहां (गुरुग्राम) से टिकट दिया होता तो आसानी से जीत सकते थे। वहीं, करनाल में जो उम्मीदवार (दिव्यांशु बुद्धिराजा) था, वह तो मुकाबला ही नहीं कर पाया।’ मैं होता तो यादवों के वोट भी मुझे मिलते
बाकी अगर मुझे टिकट मिलता तो मुझे पता था कि कहां जाना है, क्या करना है। यहां के जातीय समीकरण को मैं जानता हूं। इसमें राज बब्बर की कोई गलती नहीं है। यह चूक तो उन्हें टिकट दिलाने वालों की है। फिर भी मैं राज बब्बर को राव इंद्रजीत सिंह को बधाई देता हूं। दोनों ही अच्छा चुनाव लड़े। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम लोकसभा सीट से पंजाबियों से जितने वोट प्रतिशत की उम्मीद थी, उतना नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं होता तो तकरीबन 40 से 45 प्रतिशत वोट यादवों के भी मिलते। मोदी की एंटी इनकंबेंसी में जीत जरूर मिलती
कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इंडी गठबंधन ने बहुत बढ़िया चुनाव लड़ा। मोदी कहते थे मैं अकेला सब पर भारी। उन्होंने मंगलसूत्र पर टिप्पणी की, मुसलमानों पर टिप्पणी की, राम मंदिर पर बुलडोजर चढ़ाने का जिक्र किया, मुजरा शब्द का इस्तेमाल किया। इन सभी बयानों का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा है। कैप्टन ने कहा कि जिस तरह से मोदी की एंटी इनकंबेंसी दिख रही थी, ऐसे में अगर वह होते तो जरूर जीत दर्ज करते।