हिमाचल प्रदेश में भाजपा के दो बड़े चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और हमीरपुर से लगातार 5वीं बार के सांसद अनुराग ठाकुर शामिल बताए जा रहे हैं। जेपी नड्डा का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। मगर सबकी नजरे इस बात पर टिकी है कि प्रधानमंत्री मोदी आज कितने मंत्री को शपथ दिलाएंगे। सूत्र बताते हैं कि आज बीजेपी के चार से छह दिग्गजों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। इतने ही नेता अलाइंस पार्टनर दल में से मंत्री बनाए जा सकते हैं। BJP के दूसरे बड़े नेताओं को मंत्री पद के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में पहले चरण में आज हिमाचल को एक ही मंत्री पद मिलने की संभावना है। हिमाचल को आज ही मंत्री पद मिला तो जेपी नड्डा की ताजपोशी पहले संभावित है। अनुराग को संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी सूत्र बताते हैं कि अनुराग ठाकुर को संगठन की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री भी बनाया जा सकता है। मगर यह अभी अटकले ही है। आधिकारिक तौर पर कुछ फाइनल नहीं है। अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री मोदी को अलाइंस पार्टनर के साथ मिलकर लेना है। इस बार प्रधानमंत्री मोदी को गठबंधन के सहयोगियों का भी ध्यान रखना होगा। इसलिए पहले चरण में भाजपा के कम नेताओं की ताजपोशी होगी। एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही भाजपा सूत्र बताते हैं कि नड्डा को मंत्री बनाकर पार्टी एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही है। जेपी नड्डा अभी गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। मूल रूप से वह हिमाचल के रहने वाले हैं। इसलिए नड्डा को मंत्री बनाकर मोदी दो राज्यों को साधने की कोशिश कर सकते हैं। हिमाचल से इसलिए एक मंत्री बनने की ज्यादा संभावना हिमाचल छोटा राज्य है। यहां पर लोकसभा की केवल 4 सीटें हैं। इस वजह से हिमाचल को दो मंत्री पद मिलने की कम संभावना है। मगर इस संभवना भी नहीं नकारा जा सकता कि नड्डा गुजरात कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं और अनुराग ठाकुर को हिमाचल कोटे से। ऐसा हुआ तो देवभूमि हिमाचल के दो नेता मोदी कैबिनेट में मंत्री होंगे। मगर ऐसा आज नहीं होगा। दूसरे चरण के कैबिनेट विस्तार में ऐसा हो सकता है। सेहत मंत्री रह चुके नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। दूसरे कार्यकाल में अनुराग ठाकुर को महत्वपूर्ण केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ खेल विभाग दिया गया। अब तीसरे कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश से किसे मंत्री बनाया जाता है और क्या मंत्रालय मिलता है, यह आज तय हो सकता है। दिल्ली में डटे चारों सांसद फिलहाल हिमाचल के चारों सांसद दिल्ली में डटे हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से सुरेश कश्यप, मंडी से कंगना रनोट और कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज को जनता ने चुनकर भेजा है। इनके कंधों पर अगले 5 साल तक हिमाचल के मुद्दे लोकसभा में उठाने का जिम्मा रहेगा। अनुराग ठाकुर 1,82,357 वोट के मार्जिन से चुनाव जीते हैं, जबकि सुरेश कश्यप 91,451 वोट, डॉ. राजीव भारद्वाज 2,51,895 वोट और कंगना रनोट 74,755 मतों के अंतर से चुनाव जीती हैं। नड्डा का बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी महीने कार्यकाल खत्म जेपी नड्डा का बतौर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। पार्टी ने 30 जून 2024 तक एक्सटेंशन दे रखी है और नड्डा को प्रधानमंत्री मोदी सरकार में अहम जिम्मा सौंपा सकते हैं। इसे देखते हुए भाजपा संगठन में भी फेरबदल होगा। शिव राज सिंह चौहान राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। हिमाचल में शाह ने दिए थे अनुराग को मंत्री बनाने के संकेत हिमाचल में चुनावी जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अनुराग को फिर से मंत्री बनाने के संकेत दिए थे। बीती 26 मई को ऊना के अंब में जनसभा में शाह ने कहा कि जहां भी वह चुनावी जनसभा में जाते हैं, लोग कहते हैं कि उनके सांसद को मंत्री बना देना। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने हमीरपुर वालों को बना बनाया मंत्री उम्मीदवार दिया है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के दो बड़े चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और हमीरपुर से लगातार 5वीं बार के सांसद अनुराग ठाकुर शामिल बताए जा रहे हैं। जेपी नड्डा का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। मगर सबकी नजरे इस बात पर टिकी है कि प्रधानमंत्री मोदी आज कितने मंत्री को शपथ दिलाएंगे। सूत्र बताते हैं कि आज बीजेपी के चार से छह दिग्गजों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। इतने ही नेता अलाइंस पार्टनर दल में से मंत्री बनाए जा सकते हैं। BJP के दूसरे बड़े नेताओं को मंत्री पद के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में पहले चरण में आज हिमाचल को एक ही मंत्री पद मिलने की संभावना है। हिमाचल को आज ही मंत्री पद मिला तो जेपी नड्डा की ताजपोशी पहले संभावित है। अनुराग को संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी सूत्र बताते हैं कि अनुराग ठाकुर को संगठन की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री भी बनाया जा सकता है। मगर यह अभी अटकले ही है। आधिकारिक तौर पर कुछ फाइनल नहीं है। अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री मोदी को अलाइंस पार्टनर के साथ मिलकर लेना है। इस बार प्रधानमंत्री मोदी को गठबंधन के सहयोगियों का भी ध्यान रखना होगा। इसलिए पहले चरण में भाजपा के कम नेताओं की ताजपोशी होगी। एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही भाजपा सूत्र बताते हैं कि नड्डा को मंत्री बनाकर पार्टी एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही है। जेपी नड्डा अभी गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। मूल रूप से वह हिमाचल के रहने वाले हैं। इसलिए नड्डा को मंत्री बनाकर मोदी दो राज्यों को साधने की कोशिश कर सकते हैं। हिमाचल से इसलिए एक मंत्री बनने की ज्यादा संभावना हिमाचल छोटा राज्य है। यहां पर लोकसभा की केवल 4 सीटें हैं। इस वजह से हिमाचल को दो मंत्री पद मिलने की कम संभावना है। मगर इस संभवना भी नहीं नकारा जा सकता कि नड्डा गुजरात कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं और अनुराग ठाकुर को हिमाचल कोटे से। ऐसा हुआ तो देवभूमि हिमाचल के दो नेता मोदी कैबिनेट में मंत्री होंगे। मगर ऐसा आज नहीं होगा। दूसरे चरण के कैबिनेट विस्तार में ऐसा हो सकता है। सेहत मंत्री रह चुके नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। दूसरे कार्यकाल में अनुराग ठाकुर को महत्वपूर्ण केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ खेल विभाग दिया गया। अब तीसरे कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश से किसे मंत्री बनाया जाता है और क्या मंत्रालय मिलता है, यह आज तय हो सकता है। दिल्ली में डटे चारों सांसद फिलहाल हिमाचल के चारों सांसद दिल्ली में डटे हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से सुरेश कश्यप, मंडी से कंगना रनोट और कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज को जनता ने चुनकर भेजा है। इनके कंधों पर अगले 5 साल तक हिमाचल के मुद्दे लोकसभा में उठाने का जिम्मा रहेगा। अनुराग ठाकुर 1,82,357 वोट के मार्जिन से चुनाव जीते हैं, जबकि सुरेश कश्यप 91,451 वोट, डॉ. राजीव भारद्वाज 2,51,895 वोट और कंगना रनोट 74,755 मतों के अंतर से चुनाव जीती हैं। नड्डा का बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी महीने कार्यकाल खत्म जेपी नड्डा का बतौर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। पार्टी ने 30 जून 2024 तक एक्सटेंशन दे रखी है और नड्डा को प्रधानमंत्री मोदी सरकार में अहम जिम्मा सौंपा सकते हैं। इसे देखते हुए भाजपा संगठन में भी फेरबदल होगा। शिव राज सिंह चौहान राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। हिमाचल में शाह ने दिए थे अनुराग को मंत्री बनाने के संकेत हिमाचल में चुनावी जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अनुराग को फिर से मंत्री बनाने के संकेत दिए थे। बीती 26 मई को ऊना के अंब में जनसभा में शाह ने कहा कि जहां भी वह चुनावी जनसभा में जाते हैं, लोग कहते हैं कि उनके सांसद को मंत्री बना देना। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने हमीरपुर वालों को बना बनाया मंत्री उम्मीदवार दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में भड़के हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता:दुकान का सामान बाहर फेंका; 24 घंटे में दुकानें खाली कराने का अल्टीमेटम, माहौल तनावपूर्ण
हिमाचल में भड़के हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता:दुकान का सामान बाहर फेंका; 24 घंटे में दुकानें खाली कराने का अल्टीमेटम, माहौल तनावपूर्ण हिमाचल प्रदेश के नाहन में बुधवार को हिंदू संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। हिंदू संगठनों के साथ मिलकर स्थानीय लोगों ने शहर में इकट्ठा होकर दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति की दुकान से सारा सामान बाहर फेंक दिया और शहर में मकान मालिकों को दूसरे समुदाय को दी गई सारी दुकानें 24 घंटे के भीतर खाली कराने का अल्टीमेटम दे डाला। बताया जा रहा है कि सहारनपुर के एक व्यक्ति ने अपने वॉट्सएप स्टेट्स पर गोमांस की फोटो लगाई थी। इस पर स्थानीय लोग भड़क गए। बीती शाम को ही स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक सिरमौर से की। मगर देर शाम एसपी सिरमौर ने बयान जारी कर कहा कि यह फोटो नाहन की नहीं, बल्कि सहारनपुर की है। जिस व्यक्ति पर गोमांस वाली फोटो स्टेट्स पर लगाने का आरोप हैं, वह मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला हैं और नाहन शहर में कपड़े की दुकान चलाता है। हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने आज उसकी दुकान से सारा सामान बाहर फेंक दिया और जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसके बाद नाहन शहर पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। दुकानें खाली कराने का अल्टीमेटम हिंदू संगठनों ने अल्टीमेटम दिया कि एक विशेष समुदाय के उत्तर प्रदेश और सहारनपुर से संबंध रखने वाले जितने भी दुकानदारों को स्थानीय लोगों ने दुकानें किराये पर दे रखी हैं, उन्हें 24 घंटे के भीतर खाली कराया जाए। प्रदर्शनकारियों ने पहले नाहन के छोटा चौका पर प्रदर्शन किया। इसके बाद डीसी ऑफिस के बाहर रोष जाहिर किया। SP बोले- नियमों के तहत कार्रवाई करेंगे SP सिरमौर आरके मीणा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस घटना की निंदा की और गोहत्या के मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
भाखड़ा बांध से छोड़ा गया पानी:हरियाणा-पंजाब सहित राजस्थान को फायदा; प्रशासन ने सतलुज नदी किनारे न जाने की हिदायत दी
भाखड़ा बांध से छोड़ा गया पानी:हरियाणा-पंजाब सहित राजस्थान को फायदा; प्रशासन ने सतलुज नदी किनारे न जाने की हिदायत दी पंजाब-हरियाणा के लिए बिजली और पानी के लिहाज से महत्वपूर्ण भाखड़ा बांध से आज सुबह टरबाइन के माध्यम से पानी रिलीज कर दिया गया है। इसे लेकर 2 दिन पहले ही भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने एडवाइजरी जारी की थी। इस दौरान SDM नंगल द्वारा लोगों को दरिया किनारे न जाने की सलाह दी है। साथ ही विभागों को बरसात के मौसम के मद्दे नजर आगामी प्रबंध करने के लिए मीटिंग बुलाई गई है। आज सुबह 6 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के हिसाब से भाखड़ा बांध के पीछे बनी गोविंद सागर झील का इनफ्लो 23140 क्यूसेक और आउटफ्लो 22905 क्यूसेक है। यहां से नंगल डैम से 4500 क्यूसेक पानी सतलुज नदी में छोड़ा जाएगा। डेली छोड़ा जा रहा 640 क्यूसेक पानी
प्रशासन ने सुबह 8 बजे 1000 क्यूसेक पानी, फिर हर 1 घंटे बाद 1000 क्यूसेक पानी नंगल डैम से छोड़े जाने का मैप तैयार किया है। सतलुज नदी में पहले से ही 640 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आज लगभग 4500 क्यूसेक पानी नंगल डैम से छोड़े जाने का प्लान है। इस पानी से पंजाब के अलावा हरियाणा और राजस्थान के बड़े एरिया को फायदा मिलेगा। बाढ़ से बचने के लिए योजना बनाई
प्रशासन की ओर से सतलुज नदी किनारे बसे लोगों से अपील की गई है कि वह दरिया के करीब न जाएं, क्योंकि पानी का लेवल किसी भी समय बढ़ सकता है। बता दें कि इस बार भाखड़ा बांध में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले कुछ ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए बांध प्रशासन द्वारा समय-समय पर पहले ही पानी रिलीज करने की योजना बनाई है।
हिमाचल में कृषि अधिकारियों के स्पेन टूर पर बवाल:सरकार से नहीं ली परमिशन, ट्रेवल-एजेंट को दे दिए 40 लाख, अब लटकी रिकवरी की तलवार
हिमाचल में कृषि अधिकारियों के स्पेन टूर पर बवाल:सरकार से नहीं ली परमिशन, ट्रेवल-एजेंट को दे दिए 40 लाख, अब लटकी रिकवरी की तलवार हिमाचल प्रदेश के 10 कृषि अधिकारियों के स्पेन टूर पर फिलहाल तलवार लटकी हुई है। बिना सरकार की अप्रूवल के ट्रेवल एजेंट को 40 लाख जमा कराने वाले अधिकारियों से रिकवरी भी हो सकती है। इससे कृषि विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, जायका प्रोजेक्ट के तहत कृषि निदेशक और जायका प्रोजेक्ट डायरेक्टर सहित 10 कृषि अधिकारी 13 अक्टूबर स्पेन के लिए स्टडी टूर पर जाने वाले थे। इसके लिए सरकार की मंजूरी अनिवार्य थी। मगर अप्रूवल लेने से पहले ही अधिकारियों ने मोटी रकम ट्रेवल एजेंट को बुकिंग के लिए एडवांस में दे दी। मंत्री ने पूछ ली पिछले साल के जापान टूर की परफॉर्मेंस टूर की मंजूरी की फाइल जब कृषि मंत्री चंद्र कुमार के पास पहुंची तो उन्होंने फाइल अप्रूव करने से पहले पिछले साल के जापान टूर की परफॉर्मेंस पूछ ली। जापान टूर से किसानों को क्या फायदा हुआ और जापान से लौटने के बाद अधिकारियों ने क्या किया। अधिकारी इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इससे कृषि अधिकारियों की स्पेन टूर की फाइल फिलहाल अभी क्लियर नहीं हुई। संबंधित मंत्री द्वारा टूर की फाइल रोकने के बाद कृषि अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए है। ऐसे में यदि इनकी फाइल क्लियर नहीं होती तो इन अधिकारियों से 40 लाख रुपए की रिकवरी हो सकती है। अधिकारियों पर लटकी रिकवरी की तलवार कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने पिछले जापान टूर की परफॉर्मेंस पूछी है। अब उन्होंने अपने कमेंट लिखकर फाइल सीएम को भेज दी है। सीएम ने सहानुभूतिपूर्वक विचार को कहा सूत्र बताते हैं कि कृषि अधिकारी अब टूर की परमिशन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से तार भिड़ा रहे हैं। हालांकि सीएम ने कृषि मंत्री को सहानुभूतिपूर्वक इनके टूर की फाइल पर विचार करने को बोला है, लेकिन कृषि अधिकारियों को पिछले टूर की परफॉर्मेंस जरूर बतानी होगी, क्योंकि हिमाचल में हर बार ही कृषि और बागवानी अधिकारियों के विदेशी दौरे विवादों में रहे है। इन दोनों विभागों में अधिकारी कई देशों की सैर करके आते हैं और किसानों को इसका कितना फायदा होता है, इसका आज तक मूल्यांकन नहीं किया गया। हैरानी इस बात की है कि हर बार कृषि अधिकारियों को ही एक्सपोजर विजिट पर ले जाया जाता है, जबकि कृषि-बागवानी के प्रोजेक्ट में किसानों-बागवानों को भी एक्सपोजर विजिट का प्रावधान है। फिजूलखर्ची रोकने को कहा सूत्र बताते हैं कि सीएम ने बेशक कृषि अधिकारियों के टूर को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। मगर सभी विभागों को फिजूलखर्ची रोकने के भी निर्देश दिए गए है। सभी मंत्रियों, विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्ष को फिजूलखर्ची रोकने को बोला गया है।