शिमला के बालूगंज में आज सुबह एक टिप्पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में टिप्पर चालक को गंभीर चोटें आई है। टिप्पर चालक को गंभीर हालत में IGMC में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, आज सुबह बजरी से लदा टिप्पर तवी मोड़ के पास करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। HP-92-2596 नंबर टिप्पट सुबह के वक्त टूटू से बालूगंज की ओर आ रहा था। तवी मोड़ पर अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने ड्राइवर को खाई से सड़क पर पहुंचाया और उपचार के लिए IGMC में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि मोड़ पर आंखों पर लाइट पड़ने की वजह से ड्राइवर ने गाड़ी पर से नियंत्रण खो दिया और हादसा हो गया। शिमला के घणाहट्टी का रहने वाला है ड्राइवर घायल टिप्पर ड्राइवर चक्षु (22) शिमला के घणाहट्टी का रहने वाला बताया जा रहा है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। शिमला के बालूगंज में आज सुबह एक टिप्पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में टिप्पर चालक को गंभीर चोटें आई है। टिप्पर चालक को गंभीर हालत में IGMC में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, आज सुबह बजरी से लदा टिप्पर तवी मोड़ के पास करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। HP-92-2596 नंबर टिप्पट सुबह के वक्त टूटू से बालूगंज की ओर आ रहा था। तवी मोड़ पर अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने ड्राइवर को खाई से सड़क पर पहुंचाया और उपचार के लिए IGMC में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि मोड़ पर आंखों पर लाइट पड़ने की वजह से ड्राइवर ने गाड़ी पर से नियंत्रण खो दिया और हादसा हो गया। शिमला के घणाहट्टी का रहने वाला है ड्राइवर घायल टिप्पर ड्राइवर चक्षु (22) शिमला के घणाहट्टी का रहने वाला बताया जा रहा है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 3 जिलों में कल बारिश-बर्फबारी:पोस्ट-मानसून सीजन में नॉर्मल से 97% कम बादल बरसे; 6 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी
हिमाचल के 3 जिलों में कल बारिश-बर्फबारी:पोस्ट-मानसून सीजन में नॉर्मल से 97% कम बादल बरसे; 6 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगले कल हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 अक्टूबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो सकता है। इससे चंबा, कांगड़ा और लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बारिश व बर्फबारी हो सकती है। प्रदेश के अन्य 9 जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। परसो यानी 30 अक्टूबर को मौसम फिर साफ हो जाएगा। आज भी प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। प्रदेश में इस बार पोस्ट मानसून सीजन यानी अक्टूबर माह में नाम मात्र बारिश हुई है। एक से 28 अक्टूबर तक सामान्य से 97 प्रतिशत कम बादल बरसे है। 6 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं बरसी छह जिले बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सोलन, सिरमौर व कुल्लू में पानी की एक बूंद तक नहीं बरसी। कांगड़ा में भी मात्र 1.5 मिलीमीटर बारिश, किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर, मंडी में 3.4 मिलीमीटर, शिमला में 0.2 मिलीमीटर, और ऊना में 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। ड्राइ स्पेल से तापमान में उछाल प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी सर्दी का एहसास नहीं हो पा रहा। कई शहरों का पारा सामान्य से 6 डिग्री तक ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार, कल्पा के तापमान में सामान्य की तुलना में सबसे ज्यादा 6.3 डिग्री का उछाल आया है। इससे कल्पा का अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री पहुंच गया है। शिमला का तापमान सामान्य से 3.3 डिग्री ज्यादा शिमला का अधिकतम तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 3.7 डिग्री के उछाल के बाद 23.3 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का पारा भी नॉर्मल से 3.4 डिग्री ज्यादा के साथ 29.9 डिग्री, सोलन का 3.3 डिग्री के उछाल के साथ 29.3 डिग्री, मनाली का अधिकतम तापमान सामान्य से 2.9 डिग्री के उछाल के साथ 22.8 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
लाहौल स्पीति में घेपांग घाट झील का किया मुआयना:आपदा प्रबंधन को सौंपी जाएगी एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा दायरा
लाहौल स्पीति में घेपांग घाट झील का किया मुआयना:आपदा प्रबंधन को सौंपी जाएगी एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा दायरा लाहौल स्पीति जिले के डीसी राहुल कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की टीम ने घेपांग घाट ग्लेशियर झील लाहौल का मुआयना किया। डीसी राहुल कुमार ने बताया कि सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है। जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है। डीसी लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग लेक एक्सीपिडीशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया। लिहाजा किसी आपदा से पहले आपदा रोकथाम को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने को कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। टीम ने कई पहलुओं पर की स्टडी एक्सपीडिशन के दौरान टीम के द्वारा घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की गई। जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड बिडथ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जूलॉजिकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेंगे रिपोर्ट डीसी राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके। 24 से 26 तक अध्ययन किया डीसी ने यह भी बताया कि विशेषज्ञों की टीम ने 24 से 26 जुलाई तक घेपांग लेक में जांच की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जल ग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है। लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की गई है। प्राधिकरण ने 4 विषयों पर काम शुरू किया हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 4 बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया है। जैसे लीड वाई (एलटीए) उपकरण की पहचान करना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और हिमानी झील को प्राथमिकता देना, सभी उच्च जोखिम का आकलन करने के लिए क्षेत्र अभियान चलाना और हिमनदों की निगरानी में राज्यों को उनके समर्थन को सुव्यवस्थित करने में और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भागीदारी सुनिश्चित करना है। बढ़ रहा है झील का आकार राहुल कुमार ने यह भी बताया कि घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है। लिहाज़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया। इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे।
हिमाचल CM की DC-SP के साथ कॉफ्रेंस:हफ्ते में 2 दिन जनता की समस्याएं सुनने और राजस्व के लंबित मामले निपटाने के देंगे निर्देश
हिमाचल CM की DC-SP के साथ कॉफ्रेंस:हफ्ते में 2 दिन जनता की समस्याएं सुनने और राजस्व के लंबित मामले निपटाने के देंगे निर्देश हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज 7 जिलों के जिलाधीश (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) के साथ शिमला सचिवालय में कॉफ्रेंस करेंगे। इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं का रिव्यू और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस कॉफ्रेंस में शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और कुल्लू जिला के DC-SP के अलावा सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू सभी जिला प्रमुख को सरकार की योजनाएं समयबद्ध जन जन तक पहुंचाने के निर्देश देंगे। बीते गुरुवार को भी सीएम ने ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के DC-SP सप्ताह में दो दिन कार्यालय में जन शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इसके लिए सरकार जल्द मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी। डीसी-एसपी सुनेंगे जन शिकायतें इन आदेशों के तहत डीसी और एसपी भी अपने दफ्तर में जनता दरबार लगाएंगे और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान देना होगा। इससे लोगों को रोज रोज डीसी ऑफिस, राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। इससे लोग आसानी से अपनी बात प्रशासन के समक्ष रख पाएंगे। डीसी-एसपी देंगे प्रेजेंटेशन आज की कॉफ्रेंस में पहले सभी जिलों के डीसी अपने अपने जिलों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के स्टेटस को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे। इसी तरह एसपी भी लॉ एंड ऑर्डर और क्राइम के आंकड़े प्रेजेंटेशन के माध्यम से सीएम के समक्ष रखेंगे। बता दें कि सीएम सुक्खू ने सभी जिलों के डीसी-एसपी शिमला बुला रखे हैं। इनके साथ बीते कल और आज दो दिवसीय कॉफ्रेंस रखी गई है। इसमें सीएम सुक्खू अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।