प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं। PM मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक CM बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय BJP के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। BJP ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का CM बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में BJP में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को PM मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है। इसके अगले ही दिन, 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि खट्टर को जल्दी ही दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरवंश लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे। दिल्ली का दुकानदार, पहले CM बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह RSS से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और MLA बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैरजाट नेता को CM की कुर्सी मिली थी। पांच साल सरकार चलाने के बाद, 2019 का विधानसभा चुनाव BJP ने मनोहर लाल की अगुवाई में ही लड़ा। पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसने दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाई। भाजपा नेतृत्व ने 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 4 दिन पहले, उन्हें हटाकर नायब सैनी को राज्य का नया सीएम बना दिया। परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में CM की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया। 3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं। PM मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक CM बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय BJP के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। BJP ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का CM बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में BJP में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को PM मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है। इसके अगले ही दिन, 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि खट्टर को जल्दी ही दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरवंश लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे। दिल्ली का दुकानदार, पहले CM बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह RSS से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और MLA बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैरजाट नेता को CM की कुर्सी मिली थी। पांच साल सरकार चलाने के बाद, 2019 का विधानसभा चुनाव BJP ने मनोहर लाल की अगुवाई में ही लड़ा। पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसने दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाई। भाजपा नेतृत्व ने 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 4 दिन पहले, उन्हें हटाकर नायब सैनी को राज्य का नया सीएम बना दिया। परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में CM की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया। 3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हरियाणा | दैनिक भास्कर