मोहाली के युवक की लंदन में मौत:मर्चेंट नेवी का दावा सुसाइड किया, परिवार को हत्या का संदेह; अफसर करते थे परेशान

मोहाली के युवक की लंदन में मौत:मर्चेंट नेवी का दावा सुसाइड किया, परिवार को हत्या का संदेह; अफसर करते थे परेशान

मोहाली के 20 साल के एक युवक की लंदन में मर्चेंट नेवी के शिप (समुद्री जहाज) में मौत का मामला सामने आया है। उसने कैडेट के रूप में नेवी जॉइन की थी। मर्चेंट नेवी के अधिकारियों का कहना है कि युवक ने शिप पर फंदा लगाकर सुसाइड किया है, जबकि परिजनों को शक है कि बेटे की हत्या हुई है। क्योंकि जिस दिन सुसाइड की बात की जा रही है, उस दिन उनकी वीडियो कॉल पर बेटे से बातचीत हुई थी और वह उस समय बिल्कुल ठीक नजर आ रहा था। मृतक की पहचान बलराज सिंह के रूप में हुई है। परिजन शव को लेकर मोहाली पहुंचे तो उन्होंने मोहाली सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया, ताकि मौत की असल वजह साफ हो पाए। 16 मार्च को फोन पर सुसाइड की सूचना दी गई मृतक के पिता ने विक्रम सिंह बताया कि उनका बेटा 7 दिसंबर को सिंगापुर गया था, जहां से वह शिप पर सवार होकर लंदन के लिए रवाना हुआ। 16 मार्च को सुबह पांच बजे उनकी बेटे से बातचीत हुई थी। उसे वीडियो कॉल पर 15 मिनट बात की थी। जबकि शाम को रात 9 बजे मर्चेंट नेवी के एक अधिकारी का फोन आया कि उनके बेटे बलराज की मौत हो गई है और वे शव लेने के लिए आ सकते हैं। उन्होंने हामी भर दी और मर्चेंट नेवी के अधिकारियों ने उनका और उनके भतीजे का पासपोर्ट लेकर वीजा लगवा दिया। हालांकि उन्हें विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने उन्होंने लगातार बलराज को कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। फ्रीजर में रखा हुआ था शव जब वे लंदन के एक आयरलैंड पहुंचे, तो वहां फ्रीजर में उनके बेटे का शव रखा हुआ था। वहां पर अधिकतर विदेशी मूल के लोग काम करते थे। जबकि कुछ लोग बंगाल और केरल के थे। पता चला उनके सीनियर उसे काफी परेशान भी करते थे और उसके धर्म का मजाक भी उड़ाते थे। इस बात से पहले बलराज थोड़ा परेशान भी होता था। लेकिन उन्होंने उसे समझाया कि वो सिर्फ अपने काम पर ध्यान दे और उनकी बातो को अनसुना कर दे। जिसके बाद बलराज सैटल भी हो गया था।। उन्होंने कंपनी के उच्च अधिकारियों को इस बारे में बताया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। एसडीएम को पत्र देकर पोस्टमार्टम करवाया विक्रम सिंह शव को लेकर मोहाली पहुंचे और परिवार ने एसडीएम मोहाली को एक पत्र देकर बलराज सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाने की अपील की। एसडीएम के आदेश पर सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने अपने बेटे का आज अंतिम संस्कार कर दिया है और जल्द ही इस मामले को लेकर पुलिस और संबंधित जांच एजेंसी के पास जाएंगे। वे अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए शिकायत दर्ज करेंगे। पैर गलने की शिकायत की थी बलराज ने विक्रम सिंह ने बताया कि बलराज ने उन्हें बताया था कि उसके पैर गल गए थे, क्योंकि वहां पर उससे 36-36 घंटे काम करवाया जाता था और इस दौरान वह लगातार जूते पहन कर रखता था। इसलिए उसके पैर गल गए थे। इस पर उन्होंने बलराज को कहा था कि वह गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों की सिकाई कर ले, जिससे उसे आराम मिलेगा। लेकिन जब उन्होंने मर्चेंट नेवी के अधिकारियों से इस बारे में बात की, तो उन्होंने कहा कि एक दिन में केवल आठ घंटे की ही ड्यूटी ली जाती थी। मोहाली के 20 साल के एक युवक की लंदन में मर्चेंट नेवी के शिप (समुद्री जहाज) में मौत का मामला सामने आया है। उसने कैडेट के रूप में नेवी जॉइन की थी। मर्चेंट नेवी के अधिकारियों का कहना है कि युवक ने शिप पर फंदा लगाकर सुसाइड किया है, जबकि परिजनों को शक है कि बेटे की हत्या हुई है। क्योंकि जिस दिन सुसाइड की बात की जा रही है, उस दिन उनकी वीडियो कॉल पर बेटे से बातचीत हुई थी और वह उस समय बिल्कुल ठीक नजर आ रहा था। मृतक की पहचान बलराज सिंह के रूप में हुई है। परिजन शव को लेकर मोहाली पहुंचे तो उन्होंने मोहाली सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया, ताकि मौत की असल वजह साफ हो पाए। 16 मार्च को फोन पर सुसाइड की सूचना दी गई मृतक के पिता ने विक्रम सिंह बताया कि उनका बेटा 7 दिसंबर को सिंगापुर गया था, जहां से वह शिप पर सवार होकर लंदन के लिए रवाना हुआ। 16 मार्च को सुबह पांच बजे उनकी बेटे से बातचीत हुई थी। उसे वीडियो कॉल पर 15 मिनट बात की थी। जबकि शाम को रात 9 बजे मर्चेंट नेवी के एक अधिकारी का फोन आया कि उनके बेटे बलराज की मौत हो गई है और वे शव लेने के लिए आ सकते हैं। उन्होंने हामी भर दी और मर्चेंट नेवी के अधिकारियों ने उनका और उनके भतीजे का पासपोर्ट लेकर वीजा लगवा दिया। हालांकि उन्हें विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने उन्होंने लगातार बलराज को कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। फ्रीजर में रखा हुआ था शव जब वे लंदन के एक आयरलैंड पहुंचे, तो वहां फ्रीजर में उनके बेटे का शव रखा हुआ था। वहां पर अधिकतर विदेशी मूल के लोग काम करते थे। जबकि कुछ लोग बंगाल और केरल के थे। पता चला उनके सीनियर उसे काफी परेशान भी करते थे और उसके धर्म का मजाक भी उड़ाते थे। इस बात से पहले बलराज थोड़ा परेशान भी होता था। लेकिन उन्होंने उसे समझाया कि वो सिर्फ अपने काम पर ध्यान दे और उनकी बातो को अनसुना कर दे। जिसके बाद बलराज सैटल भी हो गया था।। उन्होंने कंपनी के उच्च अधिकारियों को इस बारे में बताया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। एसडीएम को पत्र देकर पोस्टमार्टम करवाया विक्रम सिंह शव को लेकर मोहाली पहुंचे और परिवार ने एसडीएम मोहाली को एक पत्र देकर बलराज सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाने की अपील की। एसडीएम के आदेश पर सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने अपने बेटे का आज अंतिम संस्कार कर दिया है और जल्द ही इस मामले को लेकर पुलिस और संबंधित जांच एजेंसी के पास जाएंगे। वे अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए शिकायत दर्ज करेंगे। पैर गलने की शिकायत की थी बलराज ने विक्रम सिंह ने बताया कि बलराज ने उन्हें बताया था कि उसके पैर गल गए थे, क्योंकि वहां पर उससे 36-36 घंटे काम करवाया जाता था और इस दौरान वह लगातार जूते पहन कर रखता था। इसलिए उसके पैर गल गए थे। इस पर उन्होंने बलराज को कहा था कि वह गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों की सिकाई कर ले, जिससे उसे आराम मिलेगा। लेकिन जब उन्होंने मर्चेंट नेवी के अधिकारियों से इस बारे में बात की, तो उन्होंने कहा कि एक दिन में केवल आठ घंटे की ही ड्यूटी ली जाती थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर