भास्कर न्यूज | लुधियाना ग्यासपुरा में जलभराव की समस्या दूर हो गई है। दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद विधायक राजिंदरपाल छीना और पीपीसीबी अफसरों ने समस्या का संज्ञान लिया है। विधायक ने सीवरलाइन में फैक्ट्रियों का अनट्रीटेड वेस्ट डालने पर सख्त कार्रवाई को निर्देशित किया है। ग्यासपुरा में जलभराव की समस्या एक महीने से बनी हुई थी। शिकायत के बाद भी नगर निगम, पीपीसीबी समेत अन्य जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली थी। दैनिक भास्कर ने 9 फरवरी के अंक में ग्यासपुरा में सीवरओवरफ्लो जलभराव से बीस हजार लोग परेशान शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। भास्कर ने स्थानीय और वहां से आने जाने वाले लोगों को हो रही समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। विधायक राजिंदरपाल छीना ने इसका संज्ञान लिया और निगम और पीपीसीबी के अफसरों को कार्यालय तलब कर मीटिंग की। विधायक ने अफसरों को निर्देशित किया कि तत्काल समस्या का समाधान किया जाए। कोई भी फैक्ट्री संचालक सीवरलाइन में वेस्ट डालता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके बाद अफसरों ने मौके का निरीक्षण कर समस्या का समाधान किया। एडवोकेट रविन्द्र सिंह रावत, कुलदीप बिष्ट, प्रदीप लाला, वरिंदर कश्यप, संदीप शुक्ला, कमलजीत कौर चायल सिंह धीमान, अमन जोशी, बब्बू शर्मा ने कहा कि पब्लिक की समस्याओं को लेकर अधिकारी संजीदा नहीं थे। लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद इस समस्या का समाधान हुआ। भास्कर न्यूज | लुधियाना ग्यासपुरा में जलभराव की समस्या दूर हो गई है। दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद विधायक राजिंदरपाल छीना और पीपीसीबी अफसरों ने समस्या का संज्ञान लिया है। विधायक ने सीवरलाइन में फैक्ट्रियों का अनट्रीटेड वेस्ट डालने पर सख्त कार्रवाई को निर्देशित किया है। ग्यासपुरा में जलभराव की समस्या एक महीने से बनी हुई थी। शिकायत के बाद भी नगर निगम, पीपीसीबी समेत अन्य जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली थी। दैनिक भास्कर ने 9 फरवरी के अंक में ग्यासपुरा में सीवरओवरफ्लो जलभराव से बीस हजार लोग परेशान शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। भास्कर ने स्थानीय और वहां से आने जाने वाले लोगों को हो रही समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। विधायक राजिंदरपाल छीना ने इसका संज्ञान लिया और निगम और पीपीसीबी के अफसरों को कार्यालय तलब कर मीटिंग की। विधायक ने अफसरों को निर्देशित किया कि तत्काल समस्या का समाधान किया जाए। कोई भी फैक्ट्री संचालक सीवरलाइन में वेस्ट डालता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके बाद अफसरों ने मौके का निरीक्षण कर समस्या का समाधान किया। एडवोकेट रविन्द्र सिंह रावत, कुलदीप बिष्ट, प्रदीप लाला, वरिंदर कश्यप, संदीप शुक्ला, कमलजीत कौर चायल सिंह धीमान, अमन जोशी, बब्बू शर्मा ने कहा कि पब्लिक की समस्याओं को लेकर अधिकारी संजीदा नहीं थे। लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद इस समस्या का समाधान हुआ। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमेरिका में शादी करने गई युवती भी पकड़ी गई:परिवार ने 40 लाख रुपए खर्च कर भेजी थी, US डिपोर्ट पंजाबियों की कहानियां
अमेरिका में शादी करने गई युवती भी पकड़ी गई:परिवार ने 40 लाख रुपए खर्च कर भेजी थी, US डिपोर्ट पंजाबियों की कहानियां अमेरिका से कल (5 फरवरी) जिन 30 पंजाबियों को डिपोर्ट किया गया, वे डंकी रूट से US पहुंचे थे। इसके लिए उन्होंने 40 से 50 लाख तक खर्च किए। किसी ने जमीन-गहने बेचे तो किसी ने मोटे ब्याज पर लाखों का कर्ज लिया। परिवार को उम्मीद थी कि अमेरिका पहुंचने के बाद उनके हालात बदल जाएंगे। कर्जा भी चुका देंगे। जमीन भी खरीद लेंगे। मगर, अचानक अमेरिकी सरकार ने उन्हें डिपोर्ट कर दिया। हालांकि, परिजनों को इस बात का दिलासा है कि बच्चे अपने घर लौट आए हैं। मगर, अब खाएंगे क्या, कर्ज कैसे चुकाएंगे? ऐसी कई चिंताएं उन्हें खाए जा रही हैं। अमेरिका से डिपोर्ट पंजाबियों के परिवारों की कहानियां…. शादी का सपना लेकर अमेरिका पहुंची थी सुख
अमृतसर की 26 साल की सुख कौर शादी करने के लिए अमेरिका गई थी। अमेरिका में उसके मामा की बहन सेटल है और उसी ने उसका रिश्ता वहां एक युवक से कराया। उसका मंगेतर सात साल से कैलिफोर्निया में है। परिवार ने 2 जनवरी को अपनी बेटी को इस उम्मीद के साथ शेंगेन वीजा पर स्पेन भेजा कि एक बार वह अमेरिका पहुंच जाए तो वहां मंगेतर से शादी कर लेगी और उसके बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा। स्पेन पहुंचने के बाद सुख 20 दिन में अमेरिका पहुंच भी गई, लेकिन एक महीने के भीतर उसे डिपोर्ट कर दिया गया। सुख के माता-पिता खेतीबाड़ी करते हैं। बेटी को अमेरिका भेजने पर परिवार ने करीब 40 लाख रुपए खर्च किए। इसमें से कुछ रकम उसके मंगेतर ने भी दी, लेकिन अब बेटी वापस घर पहुंच गई है। प्रदीप मोहाली में डेराबस्सी के गांव जड़ौत का है। वह डंकी रूट से अमेरिका गया। मां नरिंदर कौर कहती हैं- 41 लाख रुपए लगे। एक एकड़ जमीन बेची, कुछ कर्ज लिया। 15 दिन पहले वह अमेरिका पहुंचा। एजेंट ने कहा था, सब लीगल है। प्रदीप कहता था- घर बना लेंगे, बड़ी गाड़ी लेंगे। अब अचानक उसे वापस भेज दिया। पिता पहले से ही डिप्रेशन के मरीज हैं। कर्ज और जमीन बेचने से घर की हालत और बिगड़ गई है। हालत अब ऐसी हो गई कि नमक से भी खाना नहीं खा पाएंगे। समझ नहीं आ रहा है कि परिवार कर्ज कैसे भरेगा। CM भगवंत मान हमारी मदद करें। होशियारपुर के हरविंदर सिंह गांव में खेती करते थे। जमीन थोड़ी थी। उससे 2 भाईयों का परिवार पलता था। बच्चे बड़े हो रहे थे। खर्चा बढ़ रहा था। ऐसे में हरविंदर ने डंकी रूट से अमेरिका जाने की राह चुनी। पत्नी कुलविंदर कौर कहती हैं- 10 महीने पहले डंकी के जरिए अमेरिका के लिए निकले। 42 लाख कर्ज लिया। अमेरिका पहुंचने तक रोज फोन करते थे। रास्ते का वीडियो शेयर करते थे। 15 जनवरी से संपर्क में नहीं थे। कभी सोचा तक नहीं था कि ऐसे वापस भेज दिया जाएगा। एजेंट अब फोन नहीं उठा रहे। घर में 12 साल की बेटी, 13 साल का बेटा है। अब हम क्या करेंगे? गुरदासपुर के फतेहगढ़ चूड़ियां का जसपाल सिंह 6 महीने पहले डंकी रूट से अमेरिका के लिए निकला था। 13 दिन पहले ही वह अमेरिका में दाखिल हुआ था। परिवार ने उसे अमेरिका तक पहुंचाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए। उम्मीद थी कि उसके वहां पर जाते ही किस्मत बदलेगी। मगर, परिवार पर अब मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। घर में पत्नी और 2 छोटे बच्चे हैं। जसपाल के पिता का कुछ समय पहले ही निधन हो चुका है। बेटा तो सकुशल आ गया, लेकिन अब आगे क्या, इसका कोई जवाब नहीं मिल रहा। 23 साल का आकाशदीप अमृतसर जिले के बॉर्डर एरिया के गांव राजताल में रहता है। परिवार का दुख दूर करने के लिए छोटी उम्र में ही वह डंकी रूट से अमेरिका के लिए निकल पड़ा। पिता स्वर्ण सिंह कहते हैं- वह तो कनाडा जाना चाहता था। 12वीं पास होने के बाद कोशिश भी की। मगर, IELTS में बैंड नहीं आए। 2 साल बाद 4 लाख खर्च कर दुबई चला गया। वहां ट्रक चलाया। फिर एक एजेंट मिला। उसने कहा- 55 लाख में अमेरिका भेज दूंगा। बेटे को अमेरिका भेजने के लिए अपनी ढाई एकड़ में से 2 एकड़ जमीन बेच दी। 14 दिन पहले वह अमेरिका पहुंचा और अब वापस भेज दिया गया। परिवार पालने के लिए अब आधा एकड़ जमीन बची है। पता नहीं अब आगे क्या होगा। फतेहगढ़ साहिब का जसविंदर सिंह 15 जनवरी को ही डंकी रूट से अमेरिका में घुसा। पिता सुखविंदर सिंह कहते हैं- रिश्तेदारों और कुछ ज्वेलरों से 50 लाख कर्ज लेकर भेजा था। वह वापस आ गया, अब सारा पैसा भी डूब गया। उल्टा कर्ज चुकाने की मुसीबत आ गई है। वह दशहरे के 4 दिन बाद ही डंकी रूट से रवाना हुआ था। घर के हालात ठीक नहीं थे। गरीबी थी, सोचा था कि यह बाहर जाएगा तो दिन बदल जाएंगे। मुझे तो नंबरदार ने फोन किया कि आपके बेटे को डिपोर्ट कर दिया है। सरकार हमारी मदद करे। लुधियाना के जगराओं की मुस्कान भी डिपोर्ट होकर लौट आई है। पिता जगदीश कुमार पुरानी सब्जी मंडी रोड पर ढाबा चलाते हैं। जगदीश बताते हैं कि उनकी 4 बेटियों में मुस्कान सबसे बड़ी है। उसे पढ़ाई के लिए स्टडी वीजा पर UK भेजा था। वहां कुछ महीने रहने के बाद एजेंट के जरिए वह अमेरिका पहुंच गई। अभी वहां एक महीना ही हुआ लेकिन वापस भेज दी गई। उसे भेजने के लिए बैंक से लोन लिया। रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए। पिछले महीने ही बेटी से बात हुई थी। हमने सोचा था, मुस्कान सबसे बड़ी है। अमेरिका में सेटल होने के बाद बाकी 3 बहनों को भी बुला लेगी लेकिन अब कुछ नहीं बचा। अमेरिका से डिपोर्ट होकर लोगों में कपूरथला जिले के गांव तरफ बहबल बहादुर का रहने वाला गुरप्रीत सिंह भी शामिल है। वह देर रात करीब ढाई-तीन बजे अपने घर पहुंचा। गुरप्रीत के पिता तरसेम सिंह ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर और रिश्तेदारों से उधार लेकर 45 लाख रुपए जुटाए थे। महज 6 महीने पहले बेटे को विदेश भेजा था। गुरप्रीत 22 दिन पहले ही अमेरिका के बेस कैंप में पहुंचा था। बेटे के डिपोर्ट होने की खबर मिलने के बाद से परिवार टूट चुका है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ये खबरें भी पढ़ें… अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट होने पर 4 ट्विस्ट रहे:लिस्ट-विमान लैंडिंग की टाइमिंग बदली; परिवार रोके, एयरबेस का इस्तेमाल अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान बुधवार (5 फरवरी) को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इनमें हरियाणा और गुजरात के 33-33, पंजाब के 30 लोग भी शामिल थे। दोपहर 2 बजे अमेरिकी एयरफोर्स का C-17 ग्लोबमास्टर विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। पूरी खबर पढ़ें… अमेरिका से डिपोर्ट हरियाणा के लोगों की कहानी:परिवारों ने जमीनें बेचीं, कर्ज लिया; एक के परिजनों को पता नहीं बेटा कैसे विदेश पहुंचा हरियाणा के 33 लोगों की अमेरिका से वतन वापसी हुई। आरोप है कि ये सभी अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे। बुधवार (5 फरवरी) को अमेरिका एयरफोर्स का विमान इन्हें लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। पूरी खबर पढ़ें…

हाईकोर्ट में वीडियो कॉल पर गवाही की अनुमति:अमेरिका से महिला ने कोर्ट में लगाई गुहार, संपत्ति पर कब्जे से जुड़ा है मामला
हाईकोर्ट में वीडियो कॉल पर गवाही की अनुमति:अमेरिका से महिला ने कोर्ट में लगाई गुहार, संपत्ति पर कब्जे से जुड़ा है मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक आपराधिक मामले में गवाह को अमेरिका से व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए अपना बयान दर्ज कराने की इजाजत दे दी है। यह मामला ट्रायल कोर्ट से होते हुए हाईकोर्ट पहुंचा था, जहां आरोपी ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। आरोपी ने दलील दी थी कि गवाह का बयान दूतावास जाकर ही दर्ज कराया जाना चाहिए, ताकि गवाही में किसी तरह के बाहरी प्रभाव या शिक्षण की संभावना न रहे। हालांकि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को कुछ शर्तों के साथ बरकरार रखा और कहा कि अगर गवाह व्हाट्सएप या किसी अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बयान दर्ज कराना चाहता है तो उसे इजाजत दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि गवाही दर्ज कराने के लिए बार-बार दूतावास जाना न सिर्फ समय और पैसे की बर्बादी होगी, बल्कि इससे कई अन्य समस्याएं भी पैदा होंगी। सावधानियों के साथ गवाही की अनुमति हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गवाह का बयान उसके निजी स्थान से भी दर्ज किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ सावधानियों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिस कमरे से गवाह गवाही दे रहा है, वह पूरा कमरा वीडियो में दिखाई देना चाहिए, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता से बचा जा सके। इसके अलावा गवाह के मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल की भी जांच की जानी चाहिए, ताकि गवाही की सत्यता पर कोई सवाल न उठे। यह मामला एक महिला गवाह से जुड़ा है, जिसने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए बयान दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। मामला जबरन संपत्ति में घुसने और कब्जा करने के प्रयास से जुड़ा था। हाईकोर्ट का यह आदेश वीडियो कॉल के जरिए गवाही देने के मामलों में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करेगा, खासकर ऐसे मामलों में जहां गवाह विदेश में रहते हैं और उन्हें बार-बार दूतावास जाने में दिक्कत होती है।

कप्तान रोहित शर्मा के पक्ष में आए पूर्व क्रिकेटर हरभजन:कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा के बयान की निंदा; कहा-रोहित बेहतरीन खिलाड़ी
कप्तान रोहित शर्मा के पक्ष में आए पूर्व क्रिकेटर हरभजन:कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा के बयान की निंदा; कहा-रोहित बेहतरीन खिलाड़ी क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की शानदार जीत के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर सवाल उठाए थे। अब इसे लेकर हरभजन सिंह ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। हरभजन सिंह द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि, रोहित शर्मा की फिटनेस पर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण और अनावश्यक था। वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में बहुत बड़ा योगदान दिया है। खिलाड़ी भी इंसान होते हैं और उनमें भावनाएं और संवेदनाएं होती हैं। जब खेल के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं रखने वाले लोग उपदेश देते हैं तो यह वाकई दुखद होता है। खेल का सम्मान करें और खिलाड़ियों का सम्मान करें। हरभजन सिंह ने कहा कि, अगर ऐसा बयान देना था तो मुझे लगता है कि आप कोई फिटनेस कोच हैं। दूसरी बात अगर भारतीय टीम में किसी को सलेक्ट होना हो तो उसे बहुत तरह के फिटनेस चैलेंज पास करने होते हैं। रोहित शर्मा तो उस टीम के कप्तान हैं। ऐसे में उन पर ऐसी टिप्पणी करना गलत है। किसी पर कुछ बोलने से पहले सोचना जरूर चाहिए। कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा ने रोहित शर्मा की फिटनेस पर सवाल उठाए थे कांग्रेसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि एक खिलाड़ी के तौर पर रोहित शर्मा मोटे हैं, उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए। शमा मोहम्मद ने यह भी कहा कि रोहित भारत के सबसे निराश करने वाले कप्तान हैं। कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को भाजपा ने एक सेल्फमेड चैंपियन (रोहित) का अपमान और बॉडी शेमिंग बताया। हालांकि बाद में कांग्रेस ने कहा कि हमारी पार्टी खेल हस्तियों का सम्मान करती है। पार्टी ने शमा से सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने को कहा। इसके बाद शमा ने पोस्ट हटा लीं। रोहित पर शमा की 2 पोस्ट, इन्हें डिलीट कर दिया गया खेल मंत्री बोले- खिलाड़ी खुद को संभालने में सक्षम खेल मंत्री मनसुख मंडविया ने कहा था कि कांग्रेस और टीएमसी को खिलाड़ियों को अकेला छोड़ देना चाहिए। खिलाड़ी अपनी प्रोफेशनल लाइफ को अच्छी तरह से संभालने में सक्षम हैं। इन पार्टियों के नेताओं द्वारा खिलाड़ियों पर टिप्पणी करना और टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाना शर्मनाक और निराशाजनक है। हमारे खिलाड़ी देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए अपनी जान झोंक देते हैं। इस तरह के बयान उनकी मेहनत और योगदान को कम करते हैं।