ग्रीन वेजिटेबल्स, नट्स, फ्रेश फ्रूट्स और हेल्दी फैट्स से भरपूर डाइट लें। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (अखरोट, अलसी, चिया सीड्स) स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और स्किन हेल्दी बनी रहती है। योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज से स्ट्रेस लेवल कंट्रोल में रहता है, जिससे हार्मोन बैलेंस होते हैं। स्किन टाइप के अनुसार क्लींजिंग, मॉइश्चराइजिंग और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। हार्ड केमिकल वाले प्रोडक्ट्स से बचें। अगर हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं, तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। अगर सही लाइफस्टाइल और स्किन केयर फॉलो किया जाए, तो हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होने वाली स्किन समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है। भास्कर न्यूज| लुधियाना। हार्मोनल इम्बैलेंस सिर्फ हेल्थ को ही नहीं, बल्कि आपकी स्किन को भी प्रभावित करता है। हार्मोन्स में बदलाव के कारण चेहरे पर एक्ने, पिगमेंटेशन, ड्राइनेस, ऑयली स्किन और प्रीमेच्योर एजिंग जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। खासतौर पर युवाओं, महिलाओं और मिडिल एज ग्रुप के लोगों में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। पीसीओएस, थायरॉइड, स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल इसके मुख्य कारण हैं। शहर के एक प्रमुख स्किन एक्सपर्ट के मुताबिक जब शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन या कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन्स असंतुलित होते हैं, तो स्किन की ऑयल प्रोडक्शन, इलास्टिसिटी और टेक्सचर पर असर पड़ता है। कुछ लोगों को अचानक से चेहरे पर पिंपल्स की समस्या होती है, तो कुछ को त्वचा का रूखापन या रेडनेस झेलनी पड़ती है। वहीं, कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान स्किन टोन और टेक्सचर में बड़े बदलाव नजर आते हैं। अगर सही खानपान, स्किन केयर और लाइफस्टाइल में बैलेंस रखा जाए, तो हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स से राहत पाई जा सकती है। हार्मोनल बदलावों से स्किन सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से ऑयली स्किन और एक्ने की समस्या होती है, जबकि एस्ट्रोजन लेवल घटने से ड्राइनेस और एजिंग साइन्स दिखते हैं। सही स्किन केयर रूटीन अपनाना बेहद जरूरी है। ऑयली स्किन वालों को सैलिसिलिक एसिड बेस्ड क्लींजर इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि ड्राई स्किन के लिए हाइलूरोनिक एसिड और सेरामाइड्स युक्त मॉइश्चराइजर फायदेमंद रहेगा। साथ ही, हार्मोन बैलेंस करने के लिए पर्याप्त नींद, हाइड्रेशन और सही डाइट लेना जरूरी है। हार्मोनल इम्बैलेंस का स्किन पर असर तभी कम होगा जब हम अंदरूनी कारणों को भी समझें। पीसीओएस, थायरॉइड, स्ट्रेस और इंसुलिन रेजिस्टेंस स्किन प्रॉब्लम्स को बढ़ाते हैं। खाने में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स शामिल करें। अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, कैफीन और शुगर से बचें, क्योंकि ये हार्मोन को और असंतुलित कर सकते हैं। ग्रीन वेजिटेबल्स, नट्स, फ्रेश फ्रूट्स और हेल्दी फैट्स से भरपूर डाइट लें। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (अखरोट, अलसी, चिया सीड्स) स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और स्किन हेल्दी बनी रहती है। योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज से स्ट्रेस लेवल कंट्रोल में रहता है, जिससे हार्मोन बैलेंस होते हैं। स्किन टाइप के अनुसार क्लींजिंग, मॉइश्चराइजिंग और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। हार्ड केमिकल वाले प्रोडक्ट्स से बचें। अगर हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं, तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। अगर सही लाइफस्टाइल और स्किन केयर फॉलो किया जाए, तो हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होने वाली स्किन समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है। भास्कर न्यूज| लुधियाना। हार्मोनल इम्बैलेंस सिर्फ हेल्थ को ही नहीं, बल्कि आपकी स्किन को भी प्रभावित करता है। हार्मोन्स में बदलाव के कारण चेहरे पर एक्ने, पिगमेंटेशन, ड्राइनेस, ऑयली स्किन और प्रीमेच्योर एजिंग जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। खासतौर पर युवाओं, महिलाओं और मिडिल एज ग्रुप के लोगों में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। पीसीओएस, थायरॉइड, स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल इसके मुख्य कारण हैं। शहर के एक प्रमुख स्किन एक्सपर्ट के मुताबिक जब शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन या कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन्स असंतुलित होते हैं, तो स्किन की ऑयल प्रोडक्शन, इलास्टिसिटी और टेक्सचर पर असर पड़ता है। कुछ लोगों को अचानक से चेहरे पर पिंपल्स की समस्या होती है, तो कुछ को त्वचा का रूखापन या रेडनेस झेलनी पड़ती है। वहीं, कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान स्किन टोन और टेक्सचर में बड़े बदलाव नजर आते हैं। अगर सही खानपान, स्किन केयर और लाइफस्टाइल में बैलेंस रखा जाए, तो हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स से राहत पाई जा सकती है। हार्मोनल बदलावों से स्किन सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से ऑयली स्किन और एक्ने की समस्या होती है, जबकि एस्ट्रोजन लेवल घटने से ड्राइनेस और एजिंग साइन्स दिखते हैं। सही स्किन केयर रूटीन अपनाना बेहद जरूरी है। ऑयली स्किन वालों को सैलिसिलिक एसिड बेस्ड क्लींजर इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि ड्राई स्किन के लिए हाइलूरोनिक एसिड और सेरामाइड्स युक्त मॉइश्चराइजर फायदेमंद रहेगा। साथ ही, हार्मोन बैलेंस करने के लिए पर्याप्त नींद, हाइड्रेशन और सही डाइट लेना जरूरी है। हार्मोनल इम्बैलेंस का स्किन पर असर तभी कम होगा जब हम अंदरूनी कारणों को भी समझें। पीसीओएस, थायरॉइड, स्ट्रेस और इंसुलिन रेजिस्टेंस स्किन प्रॉब्लम्स को बढ़ाते हैं। खाने में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स शामिल करें। अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, कैफीन और शुगर से बचें, क्योंकि ये हार्मोन को और असंतुलित कर सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुखबीर बादल आज पहुंच रहे अमृतसर:श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के बाद सजा होगी पूरी; इसके बाद इस्तीफे पर होगा विचार
सुखबीर बादल आज पहुंच रहे अमृतसर:श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के बाद सजा होगी पूरी; इसके बाद इस्तीफे पर होगा विचार श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा के तौर पर दी गई सेवादारी का आखिरी दिन है। आज सजा पूरी करने के बाद सुखबीर बादल कल (शुक्रवार को) श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचेंगे। जहां सुखबीर बादल अन्य नेताओं के साथ नतमस्तक होकर अपनी सजा पूरी कर लेंगे। इस सजा के पूरे होने के बाद पंजाब में अकाली दल को दोबारा से खड़े करने के प्रयास शुरू हो जाएंगे। सुखबीर बादल आज अमृतसर पहुंच रहे हैं। बीते दिन श्री मुक्तसर साहिब में आखिरी सजा का दिन पूरा होने के आज वे श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के लिए पहुंच रहे हैं। बीते 10 दिन सुखबीर बादल ने श्री मुक्तसर साहिब के अलावा गोल्डन टेंपल, श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब में 2-2 दिन सजा पूरी की है। आज सुखबीर बादल अमृतसर पहुंचेंगे और आदेशों के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में अपनी सजा के पूरे किए जाने की जानकारी देंगे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास करवाकर वे अपनी सजा को पूरा करेंगे। आज के बाद कभी भी इस्तीफा हो सकता है मंजूर श्री अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाते समय स्पष्ट किया था कि अब शिरोमणि अकाली दल का दोबारा से गठन किया जाए। इन आदेशों के अनुसार, एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की देखरेख में कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जिम्मेदारी नई भर्ती कर 6 महीने में अकाली दल का नया ढांचा तैयार करने की है। इसके साथ ही अकाली दल कोर कमेटी को आदेश है कि सुखबीर बादल सहित अन्य लोगों के आए इस्तीफों को मंजूर कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। अब जब सुखबीर बादल की सजा पूरी हो रही है तो उनका इस्तीफा कभी भी मंजूर हो सकता है और अकाली दल के नए ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 दिसंबर को सजा पूरी करते समय हुआ था हमला 4 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने गोली चलाई थी। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर सजा पूरी कर रहे थे। चौड़ा ने जैसे ही बादल पर गोली चलाई, तो सिविल वर्दी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर कर दिया। गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इस हमले में बादल बाल-बाल बच गए। तीसरी बार बढ़ा चौड़ा का पुलिस रिमांड सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा अभी भी पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने 5 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश किया था और तीन दिन का रिमांड मिला। तब से लेकर अभी तक चौड़ा दो और बार अमृतसर कोर्ट में पेश हो चुका है और कोर्ट 3-3 दिन का रिमांड पुलिस को दे रही है। मजीठिया बार-बार उठा रहे पुलिस जांच पर सवाल पंजाब अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया बार-बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब पुलिस की एफआईआर और इंक्वायरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बिक्रम मजीठिया 10 के करीब वीडियो मीडिया के सामने रख चुके हैं। जिनमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नारायण सिंह चौड़ा अकेला नहीं था। उनके साथ देखने वाला एक अन्य व्यक्ति बाबा धर्मा था, जो खुद आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, वहीं एक अन्य भी इस मामले में साथ है। मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग रखी है कि चीफ सुखबीर बादल पर हुए हमले की जांच डीजीपी रैंक के अधिकारी को दी जाए। बिक्रम मजीठिया ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को 13 पन्नों का पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एसपी हरपाल सिंह रंधावा के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी गुहार लगाई है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर की इंक्वायरी को खारिज कर दिया है।

लुधियाना में आज नहीं चलेंगी सरकारी बसें:244 बसें 3 दिन रहेंगी बंद,1 लाख यात्री होंगे प्रभावित; ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग
लुधियाना में आज नहीं चलेंगी सरकारी बसें:244 बसें 3 दिन रहेंगी बंद,1 लाख यात्री होंगे प्रभावित; ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग पंजाब के लुधियाना में पनबस, पीआरटीसी और पंजाब रोडवेज की कुल 244 बसें 6 से 8 जनवरी तक बंद रहेंगी। बस हड़ताल के कारण 1 लाख से ज्यादा यात्री प्रभावित होंगे। तीन दिन तक सरकारी बसें बंद रहने के कारण लोगों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ेगा। बस स्टैंड के बाहर से ही यात्रियों को प्राइवेट बसों में बैठाया जाएगा। इससे बस स्टैंड के बाहर भी बसों में भीड़ लगने की संभावना है। ऐसे में सरकार को भी करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। सरकारी बसें बंद होने से मुफ्त में सफर करने वाली महिलाएं और सरकारी बसों के पास रखने वाले कामकाजी पेशेवर और विद्यार्थी भी परेशान होंगे। पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने बताया कि 6 जनवरी से 8 जनवरी तक पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस की हड़ताल रहेगी। कल मुख्यमंत्री आवास के बाहर होगा प्रदर्शन कल 7 जनवरी को सुबह 10 बजे चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया है। मुख्य मांग ठेका प्रथा समाप्त करने की रेशम ने बताया कि 1 जुलाई 2024 को पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी, पनबस कर्मचारियों की पंजाब सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें हमारी मुख्य मांग अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की थी। ठेका प्रथा समाप्त करने, विभाग में नई बसें व किलोमीटर स्कीम की बसें बंद करने, ट्रांसपोर्ट माफिया पर रोक लगाने, शर्तों के साथ निकाले गए कर्मचारियों को बहाल करने के साथ ही विभाग को सही ढंग से चलाने व वेतन बढ़ाने की मांग की गई।

दिल्ली गंवाई, पंजाब की टेंशन, AAP मीटिंग की इनसाइड स्टोरी:केजरीवाल की फेस पॉलिटिक्स से तौबा, काम पर फोकस, इसकी 3 वजहें, 4 चुनौतियां
दिल्ली गंवाई, पंजाब की टेंशन, AAP मीटिंग की इनसाइड स्टोरी:केजरीवाल की फेस पॉलिटिक्स से तौबा, काम पर फोकस, इसकी 3 वजहें, 4 चुनौतियां तारीख: 24 दिसंबर 2024 शराब पॉलिसी से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर आए AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा- अगर जनता कहती है कि केजरीवाल ईमानदार है, तो मुझे वोट देना, वोट देकर दोबारा जिताना, तो मैं सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के नतीजे आए। 10 साल से सत्ता में बैठी AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। 48 सीटें जीतकर BJP ने 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बना ली। ठीक 3 दिन बाद 11 फरवरी को अचानक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के 93 विधायकों को मीटिंग के लिए दिल्ली बुला लिया। दोपहर साढ़े 11 बजे मीटिंग शुरू हुई। इस मीटिंग में केजरीवाल सिर्फ 2 मिनट बोले लेकिन उन्होंने जो कहा, उससे ये साफ हो गया कि पंजाब में AAP किसी एक चेहरे पर निर्भर नहीं रहेगी। बल्कि दो साल बाद 2027 में सरकार के रिपीट होने का पूरा दारोमदार विधायकों के कामकाज पर रहेगा। जिस कमी की वजह से 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद दिल्ली में वह चूक गए। इसकी बड़ी वजह ये है कि दिल्ली के बाद सिर्फ पंजाब में ही AAP की सरकार बनी। अगर यहां से भी सत्ता गंवा दी तो पार्टी के हाथ खाली हो जाएंगे। मगर, पंजाब जीतने में भी AAP के आगे अधूरे चुनावी वादे, नशा-माइनिंग पर चुनाव से पूर्व किए दावे जैसी कई चुनौतियां भी खड़ी हैं। कपूरथला हाउस, दिल्ली में बुलाई मीटिंग में क्या हुआ, इनसाइड स्टोरी पढ़ें… दैनिक भास्कर ने इसको लेकर पंजाब के अलग–अलग जिलों से 5 AAP विधायकों से बात की। उन्होंने बताया कि एक तरफ पंजाब के 80 विधायक बैठे थे। उनके सामने 5 कुर्सियां लगीं थी। इन पर अरविंद केजरीवाल, CM भगवंत मान, विधानसभा स्पीकर कुलतार संधवां, पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा और संगठन महासचिव संदीप पाठक बैठे थे। संदीप पाठक ने सबसे पहले मीटिंग को संबोधित किया
पाठक ने कहा- पंजाबियों ने दिल्ली में आकर बहुत ज्यादा मेहनत की है। बाकी राज्यों से जब कोई भी प्रचार करने आता है तो वह सबसे पहले रहने और खाने की बात करते हैं। पंजाब एक ऐसा स्टेट है जिसके वालंटियरों ने कहा कि आप हमें काम दीजिए, हम करते हैं। किसी पंजाबी ने हमें रहने या खाने को नहीं कहा। सभी ने अपनी व्यवस्था खुद की है। नतीजों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। दिल्ली में वोट मार्जिन 3.6% है। जो विधायक हारे हैं वह कुछ ज्यादा अंतर से नहीं हारे। 5 साल में हमारी सरकार को केंद्र ने तंग करके रखा, लेकिन हमारे हौंसले टूटने वाले नहीं हैं। दूसरे नंबर पर CM भगवंत मान ने कहा
मैं विधायकों की पूरी टीम का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने दिल्ली में आकर चुनाव में काम किया है। पंजाब में अब हमें डबल एनर्जी से काम करना है। विधायकों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लोगों के बीच जाना है। दिल्ली में धक्केशाही हुई है, जिस कारण पार्टी रह गई लेकिन हमने प्रयास जारी रखने हैं। पार्टी के आदर्शों और सुप्रीमो केजरीवाल के दिखाए रास्ते पर चल कर काम करना है। ये पॉजिटिव मीटिंग है। इसके बाद अरविंद केजरीवाल का संबोधन शुरू हुआ
अरविंद केजरीवाल ने कहा- सभी खुश रहो। किसी को सैड (उदास) होने की जरूरत नहीं है। पहले से अधिक एनर्जी से सभी काम करो। सब एक्टिव हो जाओ। 2 साल का समय अभी बचा हुआ है। हमें पंजाब में सरकार रिपीट करनी है। दोगुनी रफ्तार से काम करो। लोगों से प्यार से बात करें। हम प्यार से दिल जीत सकते हैं। अगर कोई दफ्तर आता है तो उसे प्यार से डील करो। लोगों के बीच जाकर सभी तरह के उनके प्रोग्राम अटेंड करो। जब पहले मेरी सरकार बनी थी तो एक ही बात कही थी कि यदि मैंने काम किए है तो मुझे वोट डालना, अन्यथा न डालना। इसी तरीके से पंजाब में भी यही कहना है। संगठन में जिन वालंटियरों को पद नहीं मिले या जो नाराज हैं, उन्हें मनाओ। सभी वालंटियरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। यदि किसी विधायक का काम नहीं होता तो वे मुझसे सीधा फोन पर संपर्क करें। अब हम फ्री ही हैं, पंजाब पर ध्यान देंगे। विधायकों की पावर भी बढ़ाई गई है। मीटिंग से जुड़े 4 अहम सवाल–जवाब पढ़िए… सवाल: मीटिंग में 93 में से 80 विधायक थे, बाकी 13 विधायक क्यों नहीं आए?
जवाब: इस पर एक AAP विधायक ने बताया कि अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप काफी समय से नाराज चल रहे हैं। बाकी ज्यादातर विधायक विधानसभा कमेटियों की मीटिंग को लेकर टूर पर थे। चूंकि मीटिंग का मैसेज एक दिन पहले आया, इसलिए बाकी हाजिर नहीं हो सके। सवाल: कांग्रेस ने कहा था, AAP विधायक टूटेंगे, इस पर क्या चर्चा हुई?
जवाब: मीटिंग में मौजूद आप MLA ने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। केजरीवाल ने विधायकों को काम करने के लिए कहा। सवाल: केजरीवाल ने विधायकों से कोई वन टु वन बात भी की?
जवाब: आप MLA बताते हैं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। अंदर की मीटिंग सिर्फ 5 मिनट ही चली। जब हम पहुंचे तो सारे विधायक पहले CM भगवंत मान से मिले। इसके बाद मीटिंग हॉल में आए। 1 मिनट संदीप पाठक और 2–2 मिनट CM मान और केजरीवाल ने संबोधित किया। इसके बाद वे निकल गए। मंत्री और विधायक लंच कर लौट आए। सवाल: क्या CM भगवंत मान को बदलने को लेकर कोई बात हुई?
जवाब: ये ठीक है कि भगवंत मान CM पद के लिए कभी केजरीवाल की पसंद नहीं थे। 2022 के चुनाव के बीच भी वह सब कुछ छोड़कर घर बैठ गए थे। हालांकि बाद में उन्हें ही CM बनाया गया। ऐसा लग रहा है कि इस बार केजरीवाल मान के सिर पर सब कुछ नहीं छोड़ना चाहते। हालांकि AAP MLA कहते हैं कि मीटिंग में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई। पंजाब को लेकर टेंशन क्यों, पॉलिटिकल एक्सपर्ट से समझें इसकी 3 वजहें… 1. यहां हारे तो 3 साल सत्ता वापसी का मौका नहीं
पंजाब में 2022 में चुनाव हुए थे। तब AAP ने 117 में से 92 सीटें जीती थीं। अब यहां 2027 में चुनाव होने हैं। ये चुनाव हारे तो 3 साल तक सत्ता में वापसी का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि AAP ने 2025 में दिल्ली में सत्ता गंवाई है, यहां अगला चुनाव 2030 में होगा। 2. पार्टी के कामकाज के लिए भी जरूरी सरकार
किसी पॉलिटिकल पार्टी को चलाने के लिए सिर्फ संगठन ही जरूरी नहीं होता, बल्कि उसके लिए रिसोर्स भी चाहिए। ज्यादातर पार्टियां फंडिंग पर चलती हैं। हालांकि, अगर सत्ता ही नहीं हुई तो फिर इसके लिए फंड मिलना उतना आसान नहीं होगा। इसके अलावा पार्टी का रसूख भी कमजोर होगा। ऐसे में सरकार होनी जरूरी है। 3. पंजाब जीते तो दिल्ली में आगे की राह आसान
AAP भले ही ये चुनाव हार गई, लेकिन अपना गढ़ वापस पाने का मौका नहीं छोड़ेगी। क्योंकि, दिल्ली में BJP को AAP से महज 3.6% वोट ही ज्यादा मिले हैं। हालांकि, वे सीटें 26 ज्यादा ले गए। इससे साफ है कि दिल्ली में आप का जनाधार बरकरार है। पंजाब जीते तो अगली बार वापसी आसान रहेगी। पंजाब हारे तो ये प्रभाव बनेगा कि AAP को अब लोग नकार रहे हैं। पंजाब जीतना AAP के लिए आसान नहीं, उनके आगे 4 बड़ी चुनौतियां… 1. जिस दिल्ली मॉडल पर सरकार बनी, वही फेल हुआ
2022 में AAP ने दिल्ली मॉडल बताकर सरकार बनाई थी, जिसमें अच्छे सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक, सरकारी अस्पताल, मुफ्त बिजली जैसे वादे थे। हालांकि, अब दिल्ली में हारने के बाद यह मॉडल सियासी तौर पर फेल हो गया। सीनियर पत्रकार एस. पुरषोतम कहते हैं कि AAP को अब पंजाब मॉडल पेश करना होगा। 2. महिलाओं को 1 हजार रुपए महीने की गारंटी अधूरी
पंजाब में AAP की सरकार को 3 साल होने वाले हैं। केजरीवाल ने चुनाव के वक्त यह गारंटी दी थी कि 18 साल से बड़ी उम्र की हर लेडी को 1 हजार रुपया महीना देंगे। मगर, अब तक यह वादा पूरा नहीं हुआ। इसी वजह से दिल्ली चुनाव में AAP का 2100 रुपए देने का दांव फेल हुआ। अब पंजाब में AAP को इसे जल्दी पूरा करना होगा। 3. बेअदबी इंसाफ, माइनिंग से कमाई जैसे दावे फेल हुए
2022 में पंजाब में चुनाव के वक्त अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को एक महीने में सजा देंगे। इसी वजह से अकाली दल का कोर पंथक वोट बैंक AAP में शिफ्ट हुआ। मगर, करीब 3 साल हो चुके, लेकिन यह मामले कानूनी गति से ही चल रहे हैं। केजरीवाल ने कहा था कि माइनिंग में 20 हजार करोड़ की रेत चोरी हो रही, इसे रोककर महिलाओं को एक हजार महीना देंगे। कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप बाजवा ने कहा कि इन्होंने टारगेट ही 800 करोड़ का रखा है। 4. राज्य पर लगातार कर्ज बढ़ रहा
पंजाब पर इस समय 3.75 लाख करोड़ का कर्ज है। पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि पंजाब की कुल कमाई का 22 फीसदी हिस्सा केवल ब्याज के भुगतान में जा रहा है। सरकार को हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को फ्री बस सर्विस जैसी स्कीमों का बोझ भी उठाना पड़ रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष में भी सरकार को 28 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है।