जमीयत उलमा-ए-हिंद ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रविवार को संगठन ने ऑनलाइन याचिका दाखिल की है। अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, हमने पहले ही कहा था कि अगर यह वक्फ बिल कानून बना तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इसीलिए हमने याचिका दायर की है। मदनी ने सवाल उठाया कि हमारे वक्फ बोर्ड में आप हिंदुओं को क्यों रख रहे हैं। यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की साजिश है, जो पूरी तरह संविधान के खिलाफ है। वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में यह चौथी याचिका है। शनिवार को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गईं थीं। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाईं। बिल पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा हुई। इसके बाद पास हुआ था। इसे अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है। खून की आखिरी बूंद तक काले कानून के खिलाफ करेंगे संघर्ष
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयां भी इस कानून के खिलाफ संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल करेंगी। उन्होंने कहा, ये कानून भारतीय संविधान पर सीधा हमला है। संविधान के विरुद्ध है। संविधान की सर्वोच्चता, सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र और वक्फ की रक्षा के लिए आखिरी खून की बूंद तक कानूनी और लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा। न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा, इस असंवैधानिक कानून पर भी न्याय मिलेगा। सत्ता के लालच में संविधान की मूल आत्मा को भुला दिया
मौलाना मदनी ने कहा, हमने इस कानून को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए, संविधान रक्षा सम्मेलनों का आयोजन किया। लेकिन सेक्युलर कहे जाने वाले दलों ने सत्ता के लालच में संविधान की मूल आत्मा को भुला दिया। सेक्युलर जनता और खासकर मुसलमान इन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग
जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से दायर की गई याचिका का डायरी नंबर 18261/2025 है। इस सिविल याचिका के साथ एक अंतरिम अर्जी भी दाखिल की गई है, जिसमें केंद्र सरकार को इस कानून के नोटिफिकेशन जारी करने से रोकने की मांग की गई है। याचिका में वक्फ बाय यूजर की प्रक्रिया को समाप्त करने पर आपत्ति जताई गई है। इसमें कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि केस में वक्फ बाय यूजर की अवधारणा को मान्यता दी थी। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड में मुस्लिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अनिवार्यता को हटाए जाने को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इन असंवैधानिक संशोधनों से वक्फ अधिनियम 1955 की मूल आत्मा को क्षति पहुंची है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 25, 26 और 300 ए का स्पष्ट उल्लंघन है। वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आंदोलन करेगा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग के साथ पूरे देश में आंदोलन करेगा। शनिवार शाम को AIMPLB मे दो पेज का लेटर जारी किया। AIMPLB ने कहा- हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। भाजपा सांसद बोले- ये लोग आंदोलन के लिए क्यों भड़का रहे हैं
सिद्धार्थनगर में भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ‘ये लोग आंदोलन के लिए क्यों भड़का रहे हैं? अगर ये लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो उन्हें पता चलेगा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाया गया 2013 और 1995 का वक्फ कानून असंवैधानिक था।’ वक्फ (संशोधन) विधेयक की जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, ये कानून बहुत विस्तृत चर्चा के बाद बनाया गया था। मैं लगातार 6 महीने में देश के सभी राज्यों में गया और 284 प्रतिनिधिमंडलों से मिला, हजारों लोगों से मिला हूं। ये विस्तृत चर्चा के बाद कानून बना है और यह देश के बेहतर के लिए बना है। ——— यह जरूरी खबर भी पढ़िए अयोध्या सांसद बोले- अखिलेश जल्द राममंदिर आएंगे:प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार पहुंचे, देर से आने पर कहा- छोड़िए ये सब बातें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल बाद अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद राम मंदिर पहुंचे। रामनवमी पर परिवार के साथ दर्शन किए। सांसद ने कहा- रामलला से हमने देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। अयोध्या की जनता ने जो भरोसा कर मुझे जिताया, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूं। अवधेश प्रसाद ने कहा- राम मंदिर का निर्माण अभी अधूरा है। इसे पूरा होने में अभी करीब दो साल लगेंगे। सांसद से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। राम मंदिर नहीं आने के आरोप के सवाल पर अवधेश प्रसाद ने कहा- छोड़िए, ये सब बातें। राम तो हमारे रोम-रोम में बसे हैं। पूरी खबर पढ़िए- जमीयत उलमा-ए-हिंद ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रविवार को संगठन ने ऑनलाइन याचिका दाखिल की है। अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, हमने पहले ही कहा था कि अगर यह वक्फ बिल कानून बना तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इसीलिए हमने याचिका दायर की है। मदनी ने सवाल उठाया कि हमारे वक्फ बोर्ड में आप हिंदुओं को क्यों रख रहे हैं। यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की साजिश है, जो पूरी तरह संविधान के खिलाफ है। वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में यह चौथी याचिका है। शनिवार को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गईं थीं। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाईं। बिल पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा हुई। इसके बाद पास हुआ था। इसे अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है। खून की आखिरी बूंद तक काले कानून के खिलाफ करेंगे संघर्ष
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयां भी इस कानून के खिलाफ संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल करेंगी। उन्होंने कहा, ये कानून भारतीय संविधान पर सीधा हमला है। संविधान के विरुद्ध है। संविधान की सर्वोच्चता, सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र और वक्फ की रक्षा के लिए आखिरी खून की बूंद तक कानूनी और लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा। न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा, इस असंवैधानिक कानून पर भी न्याय मिलेगा। सत्ता के लालच में संविधान की मूल आत्मा को भुला दिया
मौलाना मदनी ने कहा, हमने इस कानून को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए, संविधान रक्षा सम्मेलनों का आयोजन किया। लेकिन सेक्युलर कहे जाने वाले दलों ने सत्ता के लालच में संविधान की मूल आत्मा को भुला दिया। सेक्युलर जनता और खासकर मुसलमान इन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग
जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से दायर की गई याचिका का डायरी नंबर 18261/2025 है। इस सिविल याचिका के साथ एक अंतरिम अर्जी भी दाखिल की गई है, जिसमें केंद्र सरकार को इस कानून के नोटिफिकेशन जारी करने से रोकने की मांग की गई है। याचिका में वक्फ बाय यूजर की प्रक्रिया को समाप्त करने पर आपत्ति जताई गई है। इसमें कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि केस में वक्फ बाय यूजर की अवधारणा को मान्यता दी थी। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड में मुस्लिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अनिवार्यता को हटाए जाने को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इन असंवैधानिक संशोधनों से वक्फ अधिनियम 1955 की मूल आत्मा को क्षति पहुंची है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 25, 26 और 300 ए का स्पष्ट उल्लंघन है। वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आंदोलन करेगा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग के साथ पूरे देश में आंदोलन करेगा। शनिवार शाम को AIMPLB मे दो पेज का लेटर जारी किया। AIMPLB ने कहा- हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। भाजपा सांसद बोले- ये लोग आंदोलन के लिए क्यों भड़का रहे हैं
सिद्धार्थनगर में भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ‘ये लोग आंदोलन के लिए क्यों भड़का रहे हैं? अगर ये लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो उन्हें पता चलेगा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाया गया 2013 और 1995 का वक्फ कानून असंवैधानिक था।’ वक्फ (संशोधन) विधेयक की जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, ये कानून बहुत विस्तृत चर्चा के बाद बनाया गया था। मैं लगातार 6 महीने में देश के सभी राज्यों में गया और 284 प्रतिनिधिमंडलों से मिला, हजारों लोगों से मिला हूं। ये विस्तृत चर्चा के बाद कानून बना है और यह देश के बेहतर के लिए बना है। ——— यह जरूरी खबर भी पढ़िए अयोध्या सांसद बोले- अखिलेश जल्द राममंदिर आएंगे:प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार पहुंचे, देर से आने पर कहा- छोड़िए ये सब बातें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल बाद अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद राम मंदिर पहुंचे। रामनवमी पर परिवार के साथ दर्शन किए। सांसद ने कहा- रामलला से हमने देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। अयोध्या की जनता ने जो भरोसा कर मुझे जिताया, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूं। अवधेश प्रसाद ने कहा- राम मंदिर का निर्माण अभी अधूरा है। इसे पूरा होने में अभी करीब दो साल लगेंगे। सांसद से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। राम मंदिर नहीं आने के आरोप के सवाल पर अवधेश प्रसाद ने कहा- छोड़िए, ये सब बातें। राम तो हमारे रोम-रोम में बसे हैं। पूरी खबर पढ़िए- उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मौलाना मदनी बोले- वक्फ बोर्ड में हिंदू क्यों रख रहे:जमीयत उलेमा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई; कहा- खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे
