इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले को लेकर साधु-संतों और मौलानाओं की प्रतिक्रियाएं आईं हैं। बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- हमें मायूसी जरूर हुई है, लेकिन ये वक्त ना खुशी का है, ना गम का है। संभल की जामा मस्जिद कल भी मस्जिद थी, आज भी मस्जिद है और भविष्य में भी मस्जिद ही रहेगी। वहीं प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने इसे सनातन धर्म की जीत बताया। कहा- हाईकोर्ट के आदेश से यदि शाही जामा मस्जिद का सर्वे हुआ तो निश्चित तौर पर एक बार फिर से हरिहर मंदिर पुनर्जीवित हो उठेगा। दरअसल 19 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस सिविल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने दिया। पहले पढ़िए मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन का बयान मुसलमान मायूस, फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे
मंगलवार को मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक वीडियो जारी किया। वीडियो में मौलाना ने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है। उससे मुसलमानों में मायूसी जरूर हुई है। मगर मुस्लिम पक्ष के लोग कानूनी सलाह और मशवरा करने के बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। कहा- दूसरी तरफ हिंदू पक्ष को इसमें बहुत अधिक जश्न मनाने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से जश्न का इजहार किया जा रहा है। मिठाइयां बांटी जा रहीं हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि यह जश्न मनाने का वक्त नहीं है, बल्कि कोर्ट का यह एक सिस्टम है। कभी किसी के पक्ष में फैसला आता है तो कभी दूसरे के पक्ष में। न गम मनाने की जरूरत है और न ही जश्न मनाने की। देश का करोड़ों मुसलमान संभल की जामा मिस्जद को मस्जिद मानता है। अब पढ़िए शांडिल्य महराज का बयान सच के सामने आने से डर रहा मुस्लिम पक्ष
प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने इसे सनातन धर्म की जीत कहा। कहा- मुगल आक्रांताओं ने देश में कई प्राचीन और पौराणिक महत्व के मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण कराया था। संभल में भी हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण किया गया है। मुस्लिम पक्ष को इस बात का आभास है कि सर्वे के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी, इसलिए मुस्लिम पक्ष सर्वे का विरोध कर रहा था। कहा- हरिहर मंदिर मुगल आक्रांताओं से मुक्त करने का यह उचित समय है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि संभल में कल्कि भगवान का अवतार होगा। सपा विधायक बोले- मंजूर नहीं हाईकोर्ट का निर्णय, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने इस फैसले को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। विधायक महमूद ने कहा कि देश में वर्शिप एक्ट लागू है। इस एक्ट के अनुसार बाबरी को छोड़कर ऐसे मामलों को कोई अदालत स्वीकार नहीं कर सकती। विधायक ने निचली अदालत की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक ही दिन में याचिका स्वीकार की गई। उसी दिन सर्वे के लिए कमीशन भेजा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जल्दबाजी किसी दबाव में की गई। विधायक ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला मंजूर नहीं है। ………………….. ये खबर भी पढ़िए- संभल जामा मस्जिद केस-कहां फेल हुईं मुस्लिम पक्ष की दलीलें, मस्जिद कमेटी ने 1904 और 1958 के कानून का सहारा लिया इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस सिविल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने सोमवार को यह आदेश दिया। संभल में हिंदू पक्ष के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर फैसले का स्वागत किया। पढ़ें पूरी खबर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले को लेकर साधु-संतों और मौलानाओं की प्रतिक्रियाएं आईं हैं। बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- हमें मायूसी जरूर हुई है, लेकिन ये वक्त ना खुशी का है, ना गम का है। संभल की जामा मस्जिद कल भी मस्जिद थी, आज भी मस्जिद है और भविष्य में भी मस्जिद ही रहेगी। वहीं प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने इसे सनातन धर्म की जीत बताया। कहा- हाईकोर्ट के आदेश से यदि शाही जामा मस्जिद का सर्वे हुआ तो निश्चित तौर पर एक बार फिर से हरिहर मंदिर पुनर्जीवित हो उठेगा। दरअसल 19 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस सिविल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने दिया। पहले पढ़िए मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन का बयान मुसलमान मायूस, फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे
मंगलवार को मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक वीडियो जारी किया। वीडियो में मौलाना ने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है। उससे मुसलमानों में मायूसी जरूर हुई है। मगर मुस्लिम पक्ष के लोग कानूनी सलाह और मशवरा करने के बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। कहा- दूसरी तरफ हिंदू पक्ष को इसमें बहुत अधिक जश्न मनाने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से जश्न का इजहार किया जा रहा है। मिठाइयां बांटी जा रहीं हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि यह जश्न मनाने का वक्त नहीं है, बल्कि कोर्ट का यह एक सिस्टम है। कभी किसी के पक्ष में फैसला आता है तो कभी दूसरे के पक्ष में। न गम मनाने की जरूरत है और न ही जश्न मनाने की। देश का करोड़ों मुसलमान संभल की जामा मिस्जद को मस्जिद मानता है। अब पढ़िए शांडिल्य महराज का बयान सच के सामने आने से डर रहा मुस्लिम पक्ष
प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने इसे सनातन धर्म की जीत कहा। कहा- मुगल आक्रांताओं ने देश में कई प्राचीन और पौराणिक महत्व के मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण कराया था। संभल में भी हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण किया गया है। मुस्लिम पक्ष को इस बात का आभास है कि सर्वे के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी, इसलिए मुस्लिम पक्ष सर्वे का विरोध कर रहा था। कहा- हरिहर मंदिर मुगल आक्रांताओं से मुक्त करने का यह उचित समय है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि संभल में कल्कि भगवान का अवतार होगा। सपा विधायक बोले- मंजूर नहीं हाईकोर्ट का निर्णय, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने इस फैसले को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। विधायक महमूद ने कहा कि देश में वर्शिप एक्ट लागू है। इस एक्ट के अनुसार बाबरी को छोड़कर ऐसे मामलों को कोई अदालत स्वीकार नहीं कर सकती। विधायक ने निचली अदालत की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक ही दिन में याचिका स्वीकार की गई। उसी दिन सर्वे के लिए कमीशन भेजा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जल्दबाजी किसी दबाव में की गई। विधायक ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला मंजूर नहीं है। ………………….. ये खबर भी पढ़िए- संभल जामा मस्जिद केस-कहां फेल हुईं मुस्लिम पक्ष की दलीलें, मस्जिद कमेटी ने 1904 और 1958 के कानून का सहारा लिया इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस सिविल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने सोमवार को यह आदेश दिया। संभल में हिंदू पक्ष के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर फैसले का स्वागत किया। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मौलाना शहाबुद्दीन बोले- संभल जामा मस्जिद थी और रहेगी:अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, पीठाधीश्वर शांडिल्य महाराज बोले- सर्वे से सच पता चलेगा
