यमुनानगर जिले की 4 विधानसभा सीटों पर आज मतगणना शुरू हो गई है। इसके लिए यमुनानगर ITI को मतगणना केंद्र बनाया गया है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हुई और अब EVM की गिनती शुरू हो चुकी है। जिले की 4 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था। जिसमें जिले में कुल 74.1% मतदान हुआ था। विधानसभा सीटों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा मतदान साढौरा सीट पर 78.5% हुआ जबकि सबसे कम मतदान यमुनानगर सीट पर 67.1% हुआ। मतगणना के लिए ITI केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतगणना से जुड़े अपडेट्स- यमुनानगर जिले की 4 विधानसभा सीटों पर आज मतगणना शुरू हो गई है। इसके लिए यमुनानगर ITI को मतगणना केंद्र बनाया गया है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हुई और अब EVM की गिनती शुरू हो चुकी है। जिले की 4 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था। जिसमें जिले में कुल 74.1% मतदान हुआ था। विधानसभा सीटों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा मतदान साढौरा सीट पर 78.5% हुआ जबकि सबसे कम मतदान यमुनानगर सीट पर 67.1% हुआ। मतगणना के लिए ITI केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतगणना से जुड़े अपडेट्स- हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बेटे की हार पर फूटा पूर्व कांग्रेस मंत्री का गुस्सा:अजय बोले-हमने अपने दम पर प्रचारक बुलाए, मैं फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सब बताऊंगा
बेटे की हार पर फूटा पूर्व कांग्रेस मंत्री का गुस्सा:अजय बोले-हमने अपने दम पर प्रचारक बुलाए, मैं फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सब बताऊंगा हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस OBC सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव लगातार पार्टी नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा- फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को आने दीजिए। हम जरूर बताएंगे कि चुनाव में क्या-क्या हुआ। कैप्टन ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के कई अलग-अलग कारण गिनाएं। इनमें EVM, फिरोजपुर-झिरका सीट से चुनाव जीते नूंह हिंसा के आरोपी मामन खान के अलावा सीनियर नेताओं द्वारा खुद को दरकिनार करने जैसे कारण गिनाएं। दरअसल, कैप्टन अजय यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। बेटे की हार के बाद कैप्टन अजय यादव का गुस्सा लगातार सीनियर नेताओं पर फूट रहा है। कैप्टन में कहीं 5 बड़ी बातें 1. कैंपेन कमेटी ने हमसे संपर्क नहीं किया
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी सदस्य ने संपर्क नहीं किया। किस तरीके से रणनीति बनाना है, किस तरह से लोगों के बीच पहुंचना है। हमें कुछ नहीं बताया गया। हमने तो अपने दम पर अपने हिसाब से प्रचार करने के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में बुलाया। 2. सीएम कौन, इसमें व्यस्त रहे नेता
हमारे नेता सीएम कौन, सीएम कौन में व्यस्त थे। पीसीसी प्रेसिडेंट खुद चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी बीमार हो गए थे। प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह सीनियर्स को कह कर किसी और को प्रभारी बनवाना चाहिए था। ताकि वह चुनावों के ठीक पहले तमाम जरूरत को पूरा कर पाते। हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध नहीं था। 3. मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल की बैठक में होता है
जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नही हैं। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा। इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है 4. मामन खान के बयान का असर पड़ा
मामन खान ने जो बयान दिया वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्हें जनता से इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए। उनकी जीत में कोई शंका नहीं थी, लेकिन उनके बयान का असर बाकी जगह पड़ा। ये बात मैं पहले भी कह सकता था, लेकिन चुनाव के बीच इस तरह की बात कहना मैंने ठीक नहीं समझा। 5. संगठन में बदलाव की जरूरत
संगठन में आज बदलाव की जरूरत है। आज तक हमारे जिला अध्यक्ष नहीं बन पाए ना ही ब्लॉक अध्यक्ष बन पाए। ये आत्मचिंतन की बात है। इस चुनाव में हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारा संगठन नहीं होना ही था। कैप्टन खुद और बेटे चिरंजीव रह चुके विधायक
बता दें कि रेवाड़ी विधानसभा सीट से कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार चुनाव जीते। कैप्टन ने 1991 में हुए उप चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह इस सीट पर 2014 तक विधायक रहे। हालांकि 2014 के चुनाव में हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने 2019 में अपने बेटे चिरंजीव राव को चुनाव लड़ाया। उस चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार चिरंजीव राव चुनाव हार गए।
हरियाणा में तहसीलदार-2 नायब तहसीलदार सस्पेंड:कैबिनेट मंत्री ने भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद कार्रवाई की; एक के खिलाफ FIR के आदेश
हरियाणा में तहसीलदार-2 नायब तहसीलदार सस्पेंड:कैबिनेट मंत्री ने भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद कार्रवाई की; एक के खिलाफ FIR के आदेश हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त एक तहसीलदार और 2 नायब तहसीलदारों को निलंबित कर दिया है। राजस्व एवं आपदा विभाग की ओर से इसे लेकर आदेश जारी किया गया। इस आदेश के अनुसार, फतेहाबाद में रतिया के तहसीलदार विजय कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है। वहीं, महेंद्रगढ़ में सतनाली के नायब तहसीलदार रघुबीर सिंह और गुरुग्राम में कादीपुर के नायब तहसीलदार अमित कुमार यादव को निलंबित किया गया है। तहसीलदार को लेकर विभाग के वित्त आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबित अवधि के दौरान उनकी ड्यूटी महेंद्रगढ़ के जिला उपायुक्त (DC) के ऑफिस में होगी। वहीं, दोनों नायब तहसीलदार भी अपने मुख्यालयों में रोजाना रिपोर्ट करेंगे। इनमें से अमित कुमार के खिलाफ FIR के भी आदेश हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश… तहसीलदार पर लगे थे रिश्वत लेने के आरोप
कुछ समय पहले भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को लेकर मुख्यमंत्री ऑफिस में शिकायत भेजी थी। उन्होंने आरोप लगाए गए थे कि तहसीलदार ऑफिस में काम करवाने आने वाले लोगों को परेशान करता था और बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करता। मुख्यमंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भी DC की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने DC को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। DC ने जिला राजस्व अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। जांच में तहसीलदार विजय कुमार और रजिस्ट्री क्लर्क मुकेश कुमार को दोषी पाया गया था। रजिस्ट्री क्लर्क मुकेश कुमार को कुछ दिन पहले सरकार ने सस्पेंड कर दिया था, और आज तहसीलदार को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इस बारे में जब तहसीलदार से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। नायब तहसीलदार के खिलाफ FIR के आदेश
वहीं, हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने सोमवार को सतनाल के नायब तहसीलदार रघुबीर सिंह और कादीपुर के नायब तहसीलदार अमित कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने यह कदम जनता की शिकायतों और आधिकारिक जांच रिपोर्ट के बाद उठाया। विपुल गोयल ने गुरुग्राम के उपायुक्त को अमित कुमार यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। निलंबन के दौरान रघुबीर सिंह को नारनौल और अमित कुमार यादव को चंडीगढ़ में रोजाना रिपोर्ट करना होगा। जांच के प्रथम 6 महीनों के दौरान दोनों को केवल गुजारा भत्ता मिलेगा। दोनों के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि जांच के दौरान किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऐसे मामलों में सम्मिलित किसी भी व्यक्ति को राहत नहीं मिलेगी। भविष्य में भी ऐसे कठोर निर्णय लेने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।
गुरूग्राम में स्वास्थ्य मंत्री ने किया एसएनसीयू का उद्घाटन:एक बार में होगा 14 बच्चों का उपचार, नवजात मृत्यु की रूकेगी दर
गुरूग्राम में स्वास्थ्य मंत्री ने किया एसएनसीयू का उद्घाटन:एक बार में होगा 14 बच्चों का उपचार, नवजात मृत्यु की रूकेगी दर हरियाणा के गुरूग्राम जिला में स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचागत तंत्र को मजबूती प्रदान करते हुए सोमवार को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने वर्चुअल माध्यम से उप-मंडल अस्पताल सोहना स्थित नागरिक अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया। 41 लाख की लागत से निर्मित इस इकाई में एक बार में 14 बच्चों का उपचार हो सकेगा। यह यूनिट उन्नत इनक्यूबेटर, व्यापक निगरानी प्रणाली, गंभीर देखभाल के लिए विशेष उपचार क्षेत्र, नवजात स्वास्थ्य पेशेवरों की एक समर्पित टीम सहित अन्य आधुनिक उपकरणों से लैस है। प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव मिले शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि यह इकाई नवजात मृत्यु दर को रोकने के लिए कारगर साबित होगी। यह इकाई समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, संक्रमण और जन्म के समय श्वास में अवरोध जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले नवजात शिशुओं को गहन देखभाल प्रदान करेगी। उन्होंने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल यह सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है कि राज्य में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत मिले। इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव से अस्पताल में मरीजों की संख्या, संस्थान की उपलब्धियों और अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नवजात को समय पर बेहतर इलाज के माध्यम से हर वर्ष बढ़ रही शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन ने बताई इकाई की विशेषता सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने स्वास्थ्य मंत्री को इकाई की अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एसएनसीयू गहन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के लिए विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। यह इकाई उन्नत चिकित्सा तकनीक से सुसज्जित है और इसमें अत्यधिक कुशल नवजात शिशु विशेषज्ञों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम है, जो सबसे कमजोर रोगियों के लिए देखभाल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करती है। देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना उद्देश्य उन्होंने कहा कि एसएनसीयू की स्थापना सोहना क्षेत्र में नवजात स्वास्थ्य सेवा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना और नवजात शिशुओं की देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इन सुविधाओं से लैस है, इकाई सिविल सर्जन ने बताया कि इकाई में 14 रेडिएंट वार्मर, एलईडी फोटोथेरेपी की 4 यूनिट, 6 पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध है। वहीं नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए एक बाल रोग विशेषज्ञ, 9 नर्सिंग अधिकारी 2 चिकित्सा अधिकारी 24-7 अपनो सेवाएं दे रहे हैं।