यूपी इन दिनों भीषण लू की चपेट में है। हीट वेव ने जीना दूभर कर दिया है। मानसून भी लेट है। BHU के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया- यूपी में आमतौर पर 18 जून को मानसून आ जाता है, लेकिन इस बार 16 दिन से यूपी से 700 किमी. दूर मानसून बंगाल-बिहार के बॉर्डर पर अटका हुआ है। अगर मानसून एक-दो दिन में चलता भी है तो कम से 8 से 9 दिन लेट हो सकता है। यानी, 26 जून के बाद ही मानसून यूपी पहुंच पाएगा। प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं- कुछ इलाकों में प्री-मानसून एक्टिव हो गया है। इसलिए छिटपुट जगहों पर हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है। सोमवार शाम झांसी, अलीगढ़ और आगरा में प्री-मानसून के प्रभाव से ही बारिश हुई। पूर्वी यूपी में भी प्री-मानसून से कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। हालांकि, ये तय है कि पूरा प्रदेश अगले 5-10 दिन हीट वेव की चपेट में रहेगा। मौसम विभाग ने मंगलवार को पूरे प्रदेश यानी 75 जिलों में हीट वेव का अलर्ट जारी किया है। 5 जिलों में पारा 47 डिग्री के ऊपर रहा। प्रयागराज लगातार चौथे दिन सबसे गर्म रहा है। यहां तापमान सामान्य से 8.7 डिग्री ऊपर 47.6°C रिकॉर्ड किया गया है। प्रदेश में सबसे गर्म रात सोनभद्र की रही। पारा 35.1°C दर्ज किया गया। यूपी इन दिनों भीषण लू की चपेट में है। हीट वेव ने जीना दूभर कर दिया है। मानसून भी लेट है। BHU के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया- यूपी में आमतौर पर 18 जून को मानसून आ जाता है, लेकिन इस बार 16 दिन से यूपी से 700 किमी. दूर मानसून बंगाल-बिहार के बॉर्डर पर अटका हुआ है। अगर मानसून एक-दो दिन में चलता भी है तो कम से 8 से 9 दिन लेट हो सकता है। यानी, 26 जून के बाद ही मानसून यूपी पहुंच पाएगा। प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं- कुछ इलाकों में प्री-मानसून एक्टिव हो गया है। इसलिए छिटपुट जगहों पर हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है। सोमवार शाम झांसी, अलीगढ़ और आगरा में प्री-मानसून के प्रभाव से ही बारिश हुई। पूर्वी यूपी में भी प्री-मानसून से कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। हालांकि, ये तय है कि पूरा प्रदेश अगले 5-10 दिन हीट वेव की चपेट में रहेगा। मौसम विभाग ने मंगलवार को पूरे प्रदेश यानी 75 जिलों में हीट वेव का अलर्ट जारी किया है। 5 जिलों में पारा 47 डिग्री के ऊपर रहा। प्रयागराज लगातार चौथे दिन सबसे गर्म रहा है। यहां तापमान सामान्य से 8.7 डिग्री ऊपर 47.6°C रिकॉर्ड किया गया है। प्रदेश में सबसे गर्म रात सोनभद्र की रही। पारा 35.1°C दर्ज किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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जालंधर से मोहिंदर भगत AAP उम्मीदवार क्यों:पक्के वोट बैंक पर भरोसा जताया, मंत्री रहे पिता की विरासत का भी फायदा जालंधर में उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए मोहिंदर भगत को आम आदमी पार्टी (AAP) ने टिकट दी है। जालंधर वेस्ट सीट पर दावेदारों की आप के पास कमी नहीं थी। मगर फिर भी आप ने मोहिंदर भगत पर यकीन जताया। ऐसा इसलिए क्योंकि मोहिंदर भगत को पिता की विरासत का फायदा हो रहा है। जालंधर वेस्ट हलके से आप उम्मीदवार मोहिंदर भगत, अकाली बीजेपी-सरकार में मंत्री रहे भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। चुन्नी का वेस्ट हलके में अपना ही एक बड़ा वोट बैंक है, जोकि हमेशा भगत परिवार के साथ रहता है। जब भगत परिवार बीजेपी में था, तो उनके समर्थक बीजेपी को वोट देते थे। आज वह आम आदमी पार्टी में है, तो उनके समर्थक आप को वोट दे रहे हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने भगत परिवार के पक्के वोट बैंक पर भरोसा जताया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए नहीं बना पाए थे बढ़त आम आदमी पार्टी ने इसी के चलते मोहिंदर भगत को एक पुख्ता उम्मीदवार मानते हुए टिकट दी है। लोकसभा चुनाव में भी भगत को वेस्ट हलके का इंचार्ज बनाया गया था, तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि भगत को ही पार्टी टिकट देगी। हालांकि लोकसभा हलका इंचार्ज होने के बाद भी भगत अपने एरिया में आप को बढ़त नहीं दिला पाए थे। जहां शीतल की उम्मीदवारी में पार्टी पहले नंबर पर थी। वहीं, लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आ गई थी। BJP छोड़ AAP में शामिल हुए थे मोहिंदर भगत 2023 में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान मोहिंदर भगत BJP छोड़कर AAP में शामिल हुए थे। मोहिंदर भगत ने चंडीगढ़ में AAP का दामन थामा था। मोहिंदर के पिता चुन्नी लाल भगत पंजाब BJP का बड़ा चेहरा थे। वह राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने उन्हें मैदान में उतारा था, जहां उनकी करारी हार हुई। मोहिंदर भगत ने उपचुनाव के दौरान अचानक BJP छोड़ी और आप ज्वाइन कर ली। वेस्ट हलके की सीट के लिए BJP छोड़कर AAP में शामिल हुए रॉबिन सांपला और को-ऑर्डिनेटर स्टीवन क्लेयर और जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह के नाम पर भी चर्चा थी, लेकिन AAP ने भगत पर यकीन जताया।
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Beed Sarpanch Murder Case: क्या इस्तीफा देंगे मंत्री धनंजय मुंडे? अजित पवार ने दो टूक में दिया जवाब <p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला गरमाया हुआ है. इस मामले में विपक्ष दल एनसीपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इस बीच एनसीपी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि धनंजय मुंडे ने कहा है कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में उनकी कोई भूमिका नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हत्या के दोषी के खिलाफ कार्रवाई करें सीएम- अजित पवार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कहा है कि सरपंच की हत्या के दोषी के खिलाफ कार्रवाई करें, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. अदालत, एसआईटी, सीआईडी की ओर से सरपंच हत्या की जांच की जा रही. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि बर्बर हत्याकांड से जुड़े किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>डिप्टी सीएम ने बताया कि धनंजय मुंडे ने कहा है कि मामले की जांच कोई भी एजेंसी कर सकती है. आरोप लगाने वाले लोगों को अपने पास मौजूद सबूत जांच एजेंसियों को सौंपने होंगे.</p>
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कांकेर के नक्सल क्षेत्र में पहली बार पुलिस कैंप हटाने के खिलाफ सड़कों पर उतरे ग्रामीण, किया विरोध
कांकेर के नक्सल क्षेत्र में पहली बार पुलिस कैंप हटाने के खिलाफ सड़कों पर उतरे ग्रामीण, किया विरोध <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanker Protest</strong>: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक स्वर में ग्रामीणों ने उनके गांव से पुलिस कैंप नहीं हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में सुरक्षा बल का कैंप खुलने के बाद विकास पहुंचा है. सड़क, बिजली, पानी इसके अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैंप के शिफ्ट हो जाने से एक बार फिर इस क्षेत्र में बैकफुट में रहे नक्सली हावी हो जाएंगे और एक बार फिर से उन्हें डर के साए में जीना पड़ेगा. ऐसे में जाड़ेकुर्से के ग्रामीण पिछले 24 घंटे से कैंप को शिफ्ट नहीं करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्तर में अक्सर अंदरूनी इलाकों में ग्रामीणों द्वारा पुलिस कैंप नहीं खोलने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं वही यह पहला मामला है जब नक्सल प्रभावित गांव के ग्रामीण पुलिस कैंप को शिफ्ट नहीं किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस कैंप को शिफ्ट नहीं करने की मांग को लेकर धरना </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल मामला कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र जाड़ेकुर्से गांव का है. लोहत्तर थाना क्षेत्र के इस जाड़ेकुर्से गांव में नक्सली दहशत की वजह से CAF का कैंप साल 2008 में स्थापित किया गया था. लंबे समय तक इलाके में जवानों की मौजूदगी और लगातार सर्च ऑपरेशन से नक्सली इस इलाके में बैकफुट पर चले गए और लगभग इस इलाके से नक्सलियों की मौजूदगी खत्म हो गई. लंबे समय से इलाके में कोई नक्सल गतिविधि नहीं देखी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके कारण अब कैंप को यहां से हटाने पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी ताकि दूसरे नक्सल इलाके में कैंप को शिफ्ट किया जा सके, लेकिन ग्रामीणों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली ग्रामीण आक्रोशित हो गए और ग्रामीणों ने एक स्वर में कैंप नहीं हटाने की मांग करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जाड़ेकुर्से गांव के ग्रामीणों का कहना है कि कैंप लगने की वजह से उनके गांव में सड़क बनी है. स्कूल खुली है, जहां गांव के बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं. साथ ही यहां के युवा पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य की सुविधा मिल रही है. उन्होंने साल 2008 से पहले नक्सलियों की वजह से अपने दिन दहशत में गुजारा है और अब गांव में कैंप खुलने से जो खुशहाली आयी है. वह इस कैंप के शिफ्ट होने से कहीं फिर उनसे छीन ना जाये.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर ग्रामीणों ने कांकेर लोकसभा के सांसद भोजराज नाग से भी कैंप नहीं हटाने की मांग की है. वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि कैंप लगने के बाद से यहां के रहवासी सुख शांति से रह रहे हैं और बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे है. महिलाओं का भी कहना है कि कैंप न हटाया जाए कैंप हटेगा तो नक्सली यहां आकर हमें गोली मार देंगे और एक बार फिर से उन्हें डर के साए में जीना पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैंप खुलने के बाद से सुरक्षित महसूस कर रहे ग्रामीण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि 2008 के बाद से इस इलाके में हर 10 किलोमीटर की दूरी पर एक पुलिस कैंप खुला जिस वजह से अब गांव के लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कैंप के जवान सुबह और शाम पूरे गांव के आसपास सर्चिंग करते हैं, जिससे ग्रामीणों को सुरक्षित महसूस होता है, अगर कैंप हटेगा तो फिर से नक्सली इस इलाके में हावी हो जाएंगे. इधर ग्रामीण अपनी मांग को लेकर पिछले 24 घंटे से गांव के मुख्य सड़क में बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीणों ने कैंप यथावत रखने को लेकर यह आंदोलन शुरू किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गांव में पुलिस कैंप यथावत रहने की बन रही सहमति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस मामले में भानुप्रतापपुर के एएसपी संदीप पटेल का कहना है कि यह शासन की एक प्रक्रिया है, जिसके तहत इस गांव से कैंप को बस्तर के अन्य नक्सली इलाकों में शिफ्ट किया जाता है, लेकिन ग्रामीणों के कैंप नहीं हटाने की मांग पर विचार किया जा रहा है,और कैंप उसी जगह पर स्थापित रखने पर भी सहमति बन रही है. फिलहाल सोमवार को बैठक के बाद कैंप के यथावत रहने पर निर्णय लिया जाएगा.</p>