कानपुर में हुंडई कम्पनी के CEO और कानपुर एजेंसी के निदेशक समेत 27 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। वकील की कार यमुना एक्सप्रेस-वे पर खराब हो गई थी। उनका कहना है कि गाड़ी की सर्विस और रोड साइड असिस्टेंस के नाम पर वसूली की जाती है। एडवोकेट शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया- खन्ना ऑटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के सर्विस सेंटर से कार की सर्विस कराते थे। इस दौरान खन्ना हुंडई के निदेशकों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपने नियुक्त कर्मचारियों के माध्यम से लाखों रुपए प्राप्त किए गए है। पढ़ें पूरी खबर डीएम, एसडीएम एटा पर लगा एक-एक हजार का जुर्माना; हाईकोर्ट ने जानकारी न देने पर जताई नाराजगी इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मांगी गई जानकारी न देने पर एटा के जिलाधिकारी व एसडीएम को अपने वेतन से एक- एक हजार रुपए हर्जाना लगाया गया है। यह राशि जिले की विधिक सेवा प्राधिकरण में 2 हफ्ते में जमा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मनोज कुमार की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। पढ़ें पूरी खबर आजमगढ़ के तमसा नदी में डूबा छात्र; देर रात तक पुलिस और गोताखोर टीम ने चलाया सर्च ऑपरेशन आजमगढ़ जिले में कक्षा सात में पढ़ने वाला छात्र गिरिराज मौर्या (12) पुत्र राजदेव मौर्या तमसा नदी में नहाने गया था। इस दौरान नहाते-नहाते गहरे पानी में डूब गया। सूचना पर कोतवाली प्रभारी शशिमौलि पांडेय पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। देर रात तक बच्चे की तलाश में पुलिस टीम और गोताखोर जुटे रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला। पढ़ें पूरी खबर कानपुर में हुंडई कम्पनी के CEO और कानपुर एजेंसी के निदेशक समेत 27 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। वकील की कार यमुना एक्सप्रेस-वे पर खराब हो गई थी। उनका कहना है कि गाड़ी की सर्विस और रोड साइड असिस्टेंस के नाम पर वसूली की जाती है। एडवोकेट शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया- खन्ना ऑटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के सर्विस सेंटर से कार की सर्विस कराते थे। इस दौरान खन्ना हुंडई के निदेशकों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपने नियुक्त कर्मचारियों के माध्यम से लाखों रुपए प्राप्त किए गए है। पढ़ें पूरी खबर डीएम, एसडीएम एटा पर लगा एक-एक हजार का जुर्माना; हाईकोर्ट ने जानकारी न देने पर जताई नाराजगी इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मांगी गई जानकारी न देने पर एटा के जिलाधिकारी व एसडीएम को अपने वेतन से एक- एक हजार रुपए हर्जाना लगाया गया है। यह राशि जिले की विधिक सेवा प्राधिकरण में 2 हफ्ते में जमा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मनोज कुमार की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। पढ़ें पूरी खबर आजमगढ़ के तमसा नदी में डूबा छात्र; देर रात तक पुलिस और गोताखोर टीम ने चलाया सर्च ऑपरेशन आजमगढ़ जिले में कक्षा सात में पढ़ने वाला छात्र गिरिराज मौर्या (12) पुत्र राजदेव मौर्या तमसा नदी में नहाने गया था। इस दौरान नहाते-नहाते गहरे पानी में डूब गया। सूचना पर कोतवाली प्रभारी शशिमौलि पांडेय पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। देर रात तक बच्चे की तलाश में पुलिस टीम और गोताखोर जुटे रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar News: बिहार के सिंहेश्वर और बाबा विशु राउत धाम को राजकीय मेले का मिला दर्जा, नीतीश सरकार का ऐलान
Bihar News: बिहार के सिंहेश्वर और बाबा विशु राउत धाम को राजकीय मेले का मिला दर्जा, नीतीश सरकार का ऐलान <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर धाम एवं बाबा विशु राउत मेले को ‘राजकीय मेला’ का दर्जा मिल गया है. इसकी घोषणा राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने गुरुवार को सिंहेश्वर धाम पहुंचने पर की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिलीप जायसवाल सिंहेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना में शामिल हुए. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सिंहेश्वर मेला एवं बाबा विशु राउत मेला को ‘राजकीय मेला’ का दर्जा दे दिया गया है. राजस्व विभाग ने राजकीय मेला घोषित कर कुल 19.50 लाख रुपये का आवंटन किया है. सिंहेश्वर स्थान में श्रावणी मेला के लिए 15 लाख और बाबा विशु राउत धाम चौसा के लिए 4.50 लाख रुपए राशि का आवंटन किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंहेश्वर धाम पहुंचे थे मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद सिंहेश्वर धाम मंदिर का अपना अलग महत्व है. बिहार के लिए सिंहेश्वर दूसरा बैद्यनाथ धाम मंदिर माना जाता है. राजस्व विभाग ने श्रावणी मेले को लेकर बिहार के कुछ बाबा के धाम के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की थी, जो सरकार की सूची में दर्ज है. इसके बाद उन्हें मालूम हुआ कि इसमें सिंहेश्वर स्थान का नाम नहीं है. इसके लिए कई लोगों ने मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंहेश्वर धाम को लेकर है प्राचीन मान्यता </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मधेपुरा जिला अंतर्गत सिंहेश्वर में महादेव का एक अति प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि सिंहेश्वर को स्वयं भगवान विष्णु ने स्थापित किया था.वहीं, इससे पहले राज्य में 14 जगहों पर लगाए जाने वाले श्रावणी मेले की सूची जारी की गई थी, जिसमें सिंहेश्वर धाम का नाम नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/muzaffarpur-flood-due-to-increased-water-level-of-gandak-and-bagmati-rivers-due-to-rain-in-nepal-ann-2735358″>Bihar Flood: नेपाल में हुई बारिश से कई नदियों में बढ़ा जलस्तर, मुजफ्फरपुर में लोग कर रहे हैं पलायन की तैयारी</a></strong></p>
होशियारपुर सेंट्रल जेल का जिला जज ने किया निरीक्षण:कैदियों की समस्याओं पर चर्चा, कैंटीन का उद्घाटन; समय-समय पर मेडिकल जांच के आदेश
होशियारपुर सेंट्रल जेल का जिला जज ने किया निरीक्षण:कैदियों की समस्याओं पर चर्चा, कैंटीन का उद्घाटन; समय-समय पर मेडिकल जांच के आदेश जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी, होशियारपुर दिलबाग सिंह जौहल ने आज केंद्रीय जेल होशियारपुर का दौरा किया। इस अवसर पर सीजेएम-सह-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी राज पाल रावल भी उपस्थित थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जेल में बंद कैदियों और विचाराधीन कैदियों की समस्याओं को सुना और केंद्रीय जेल अधीक्षक को उनकी समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कैदियों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी प्राप्त की और केंद्रीय जेल के डॉक्टर पुनीत को मरीजों की नियमित मेडिकल जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने जेल के अंदर कैदियों को दिए जाने वाले भोजन के लिए रसोई का भी निरीक्षण किया और केंद्रीय जेल अधीक्षक को जेल में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। हर बैरक के बाहर विधिक सहायता बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के नाम उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार गरीब बंदियों की सहायता के लिए क्रियान्वित योजना के तहत केन्द्रीय जेल अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि जिन मामलों में विचाराधीन बंदियों व सजायाफ्ता कैदियों को जमानत आदेश दिए सात दिन बीत चुके हैं, उनकी सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को भेजी जाए। साथ ही उन्होंने हर बैरक के बाहर नोटिस बोर्ड पर पैनल अधिवक्ताओं व विधिक सहायता बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के नामों की सूची चस्पा करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा केन्द्रीय जेल में कैंटीन का भी उद्घाटन किया गया, ताकि बंदियों व विचाराधीन बंदियों से मिलने आने वाले परिजनों को चाय-पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। लीगल एड क्लीनिक के कार्यों का भी निरीक्षण किया सीजेएम-कम-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राज पाल रावल ने महिलाओं को मुफ्त कानूनी सेवाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सेंट्रल जेल में लीगल एड क्लीनिक के कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर सेंट्रल जेल के अधीक्षक बलजीत सिंह घुम्मन, उप अधीक्षक हरभजन सिंह और लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम होशियारपुर के प्रमुख विशाल कुमार भी मौजूद थे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह में रिकॉल अर्जी पर आज फैसला:इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच सुनाएगी निर्णय, कोर्ट पर सबकी निगाहें
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह में रिकॉल अर्जी पर आज फैसला:इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच सुनाएगी निर्णय, कोर्ट पर सबकी निगाहें मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्ज़ी अपना फैसला सुनाएगा। हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर इस अहम मामले पर फैसला देगी। 16 अक्टूबर को सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल 18 वादों की एक साथ सुनवाई (Consolidation of Cases) करने के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग में मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दाखिल की थी। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापिस लेने की मांग करते हुए रिकॉल अर्ज़ी (A-29) दाखिल की थी। जानिये 16 अक्टूबर की सुनवाई में क्या हुआ था मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों को सुना था। मुस्लिम पक्ष के रिकॉल एप्लिकेशन पर कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। मुस्लिम पक्ष ने कहा- ये वाद सुनवाई योग्य नहीं हैं। इस पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्ष की तरफ से कहा गया कि मामला उलझाया जा रहा है। रिकॉल एप्लिकेशन मामले को उलझाए रखने के लिए दाखिल की गई है। रिकॉल एप्लिकेशन किसी आदेश को वापस लेने के लिए दी जाती है। हाईकोर्ट में डेढ़ घंटे चली सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की पीठ के सामने मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई। दोपहर 2 बजे से हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु हुई जो 3.30 बजे तक चली। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सभी वाद को एक साथ सुनने का फैसला कोर्ट ने दिया। मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसका विरोध किया गया। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने सभी मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई करने की मांग की। आज बुधवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। 1 अगस्त को हाईकोर्ट का आदेश- याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिकाओं में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह का ढाई एकड़ का एरिया मस्जिद नहीं है। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि का गर्भगृह है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1968 में हुए समझौते के तहत मस्जिद के लिए जगह दी गई थी। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं। हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई लायक नहीं है। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुस्लिम पक्ष की इस दलील को स्वीकार नहीं किया। 2020 में रंजना अग्निहोत्री ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर याचिका डाली25 सितंबर 2020 को लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर सिविल कोर्ट में एक याचिका डाली थी। इसमें शाही ईदगाह मस्जिद को मंदिर परिसर से हटाने की मांग की गई थी। रंजना ने श्रीराम जन्मभूमि पर भी एक किताब लिखी है। उन्होंने श्रीकृष्ण विराजमान के परिजन की ओर से यह मुकदमा करने का दावा किया था। याचिकाकर्ताओं में से एक महेंद्र सिंह ने अपने तर्क में कहा कि जिस मूल कारागार, यानी जेल में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, वह ईदगाह मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी की ओर से बनाए गए कंस्ट्रक्शन के नीचे है। उनका कहना है कि खुदाई के बाद कोर्ट के सामने सही तथ्य आ सकेंगे। 5 दिन बाद ही याचिका खारिज हुई30 सितंबर 2020 को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज छाया शर्मा ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण के पूरी दुनिया में असंख्य भक्त हैं। अगर हर भक्त की याचिका पर सुनवाई की इजाजत देंगे तो न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न तो पक्षकार है और न ही ट्रस्टी, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। बिना देर किए 30 सितंबर को ही इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने सभी मामले अपने पास ट्रांसफर करा लिए अभी लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि 26 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा विवाद से जुड़े सभी मामले अपने पास ट्रांसफर करा लिए। 4 महीने तक अलग-अलग मौकों पर हुई सुनवाई के बाद 16 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया गया। 14 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने ईदगाह का सर्वे कराने की अनुमति दी। अगले ही दिन 15 दिसंबर को मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे की इजाजत दे दी।