इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 जिला जजों और 2 एडीजे रैंक के न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं। बबिता रानी को सहारनपुर से शाहजहांपुर, ब्रह्मदेव शर्मा को शाहजहांपुर से मुरादाबाद, तरुण सक्सेना को रायबरेली से सहारनपुर, सुधीर कुमार पंचम को मैनपुरी से बरेली, रंजय कुमार वर्मा को फतेहपुर से अयोध्या, रामेश्वर को मऊ से कासगंज, पंकज कुमार अग्रवाल को बदायूं से मैनपुरी, मनोज कुमार तृतीय को सीतापुर से बदायूं, संजीव शुक्ला को आजमगढ़ से हरदोई, जयप्रकाश पांडेय को सुल्तानपुर से आजमगढ़ भेजा गया है। सैय्यद एसएमबी असिम को कासगंज से लखीमपुर खीरी, डॉ. अजय कुमार द्वितीय को मुरादाबाद से मुजफ्फरनगर, विनय कुमार द्विवेदी को मुजफ्फरनगर से बस्ती, अनमोल पाल को मिर्जापुर से फतेहपुर, सुनील कुमार चतुर्थ को चंदौली से मऊ, राजकुमार सिंह को हरदोई से रायबरेली भेजा गया है। दिनेश कुमार द्वितीय का एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट कुशीनगर पड़रौना का उसी जिले में उसी पद पर पॉक्सो कोर्ट में और ज्योत्सना सिंह प्रथम को कुशीनगर पड़रौना से एडीजे आगरा ट्रांसफर किया गया है। पढ़ें पूरी खबर… मुजफ्फरनगर देश का सबसे प्रदूषित शहर, 333 पहुंचा AQI; यूपी में बागपत दूसरे और हापुड़ तीसरे नंबर पर देश में शुक्रवार को सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर रहा। यहां का AQI 333 पहुंच गया। वेस्ट यूपी की बात करें तो सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर बागपत और तीसरे नंबर पर हापुड़ रहा। मेरठ में भी लगातार AQI बढ़ रहा है। प्रदूषण बढ़ने के चलते खराब एयर क्वालिटी प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे तक को नुकसान पहुंचा सकती है। प्रदूषण से नाक, गले, श्वास नली, फेफड़े, स्किन और आंखों में जलन जैसी शिकायतें हो रही हैं। सिटी पॉल्यूशन चार्ट देखिए- आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसा, 5 की मौत, टूरिस्ट बस डंपर में जा घुसी; 17 गंभीर फिरोजाबाद में टूरिस्ट बस सड़क किनारे खड़े डंपर में घुस गई। हादसे में महिला समेत 5 लोगों की मौत हो गई। 17 घायल हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस सवार मथुरा से मुंडन कराकर लखनऊ लौट रहे थे। हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर नसीरपुर के पास हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया। बस सवार यात्रियों का कहना है कि ड्रावर को झपकी लगने से बैलेंस बिगड़ा और हादसा हो गया। बस पीछे से ऊपर उठ गई। सभी एक-दूसरे पर गिर गए। पढ़ें पूरी खबर… इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 जिला जजों और 2 एडीजे रैंक के न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं। बबिता रानी को सहारनपुर से शाहजहांपुर, ब्रह्मदेव शर्मा को शाहजहांपुर से मुरादाबाद, तरुण सक्सेना को रायबरेली से सहारनपुर, सुधीर कुमार पंचम को मैनपुरी से बरेली, रंजय कुमार वर्मा को फतेहपुर से अयोध्या, रामेश्वर को मऊ से कासगंज, पंकज कुमार अग्रवाल को बदायूं से मैनपुरी, मनोज कुमार तृतीय को सीतापुर से बदायूं, संजीव शुक्ला को आजमगढ़ से हरदोई, जयप्रकाश पांडेय को सुल्तानपुर से आजमगढ़ भेजा गया है। सैय्यद एसएमबी असिम को कासगंज से लखीमपुर खीरी, डॉ. अजय कुमार द्वितीय को मुरादाबाद से मुजफ्फरनगर, विनय कुमार द्विवेदी को मुजफ्फरनगर से बस्ती, अनमोल पाल को मिर्जापुर से फतेहपुर, सुनील कुमार चतुर्थ को चंदौली से मऊ, राजकुमार सिंह को हरदोई से रायबरेली भेजा गया है। दिनेश कुमार द्वितीय का एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट कुशीनगर पड़रौना का उसी जिले में उसी पद पर पॉक्सो कोर्ट में और ज्योत्सना सिंह प्रथम को कुशीनगर पड़रौना से एडीजे आगरा ट्रांसफर किया गया है। पढ़ें पूरी खबर… मुजफ्फरनगर देश का सबसे प्रदूषित शहर, 333 पहुंचा AQI; यूपी में बागपत दूसरे और हापुड़ तीसरे नंबर पर देश में शुक्रवार को सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर रहा। यहां का AQI 333 पहुंच गया। वेस्ट यूपी की बात करें तो सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर बागपत और तीसरे नंबर पर हापुड़ रहा। मेरठ में भी लगातार AQI बढ़ रहा है। प्रदूषण बढ़ने के चलते खराब एयर क्वालिटी प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे तक को नुकसान पहुंचा सकती है। प्रदूषण से नाक, गले, श्वास नली, फेफड़े, स्किन और आंखों में जलन जैसी शिकायतें हो रही हैं। सिटी पॉल्यूशन चार्ट देखिए- आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसा, 5 की मौत, टूरिस्ट बस डंपर में जा घुसी; 17 गंभीर फिरोजाबाद में टूरिस्ट बस सड़क किनारे खड़े डंपर में घुस गई। हादसे में महिला समेत 5 लोगों की मौत हो गई। 17 घायल हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस सवार मथुरा से मुंडन कराकर लखनऊ लौट रहे थे। हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर नसीरपुर के पास हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया। बस सवार यात्रियों का कहना है कि ड्रावर को झपकी लगने से बैलेंस बिगड़ा और हादसा हो गया। बस पीछे से ऊपर उठ गई। सभी एक-दूसरे पर गिर गए। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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आंतकी ने PM के दौरे से पहले किसानों को भड़काया:पन्नू बोला- PEC आने पर मोदी को घेरो; 3 दिसंबर को चंडीगढ़ आएंगे मोदी अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने किसानों से आह्वान किया है कि वे 3 दिसंबर को पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर लें। पन्नू ने किसानों का सहारा लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन को भड़काने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री से एक दिन पहले यानी आज रात चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। पन्नू ने पंजाब के किसानों की समस्याओं को ‘करो या मरो’ की स्थिति बताते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और अन्य किसान संगठनों को यह समझना चाहिए कि 1980 के दशक से चल रहा यह आंदोलन अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने दावा किया कि अब पंजाब के किसानों के पास खालिस्तान की लड़ाई में शामिल होने का ही एकमात्र विकल्प बचा है। पढ़ें क्या बोला आतंकी पन्नू आतंकी पन्नू ने अपनी वीडियो में कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिसंबर को चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में आ रहे हैं। बॉर्डर से उठो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घेराव करो। इसी जगह से राजनीतिक सफर शुरू हुआ था और इसी जगह से उनके राजनीतिक सफर का अंत भी होगा। किल मोदी पॉलीटिक्स, नारा लेकर पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंच जाओ। हक लेने पड़ते हैं, मांगने से कुछ नहीं चाहिए। हाथों में ताकत चाहिए। किसानों का ये कदम नरेंद्र मोदी की राजनीतिक मौत का आगाज होगा। पंजाब की आजादी ही हल है। ना मोदी हिंदू, ना हिंदी, ना हिंदुस्तान, चंडीगढ़ बनेगा खालिस्तान। अमित शाह आज पहुंचेंगे पंजाब भवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर तकरीबन 11.30 बजे चंडीगढ़ पहुंच जाएंगे। लेकिन देश के गृहमंत्री अमित शाह एक दिन पहले ही आज चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। वे रात 9.30 बजे पंजाब राज भवन पहुंचेंगे। जहां वे पंजाब गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात भी करेंगे। मंगलवार सुबह 11.30 बजे पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। ये कार्यक्रम दोपहर 2 बजे तक चलेगा। जिसके बाद प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे, लेकिन शाह चंडीगढ़ में ही रुकेंगे और एक बार फिर पंजाब राज भवन पहुंचेंगे। यहां वे गवर्नर कटारिया के साथ चंडीगढ़ व पंजाब के मसलों पर बातचीत कर सकते हैं। चंडीगढ़ में बढ़ाई गई सुरक्षा 2 दिसंबर को (रात 8:15 बजे से रात 9:30 बजे तक) एयरपोर्ट लाइट प्वाइंट से पॉस्टी फॉर्म लाइट प्वाइंट, पॉस्टी फॉर्म लाइट प्वाइंट से हॉलिडे होम लाइट प्वाइंट, हॉलिडे होम लाइट प्वाइंट से सेक्टर 20/21 कट, सेक्टर 20/21 कट से 18/19 कट और सेक्टर 18/19 कट से 17/18 तक कट को बंद रख जाएगा। इसी तरह 3 दिसंबर को (सुबह 11 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक) दक्षिण मार्ग (साउथ रोड), सेक्टर 34/9/10 कट, सेक्टर 3/2 कट, और सेक्टर 10/11 कट को बंद रखा जाएगा। लगातार देश को तोड़ने की धमकियां दे रहा आतंकी पन्नू आतंकी पन्नू लगातार देश को तोड़ने की धमकियां दे रहा है। पन्नू ने बीते महीने पहले एयर इंडिया में सफर ना करने की बात कही। वहीं अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट को ब्लॉक करने के लिए भी पंजाब के युवाओं को उकसाने का प्रयास किया था। पन्नू ने कहा था- ”नवंबर में 1984 में हुए सिख दंगों की 40वीं बरसी है। 1984 में 13 हजार से अधिक सिख, महिलाओं और बच्चों को मार दिया गया। आज भी दिल्ली में विधवा कॉलोनी है। ये पूरी घटना भारतीय हुकूमत द्वारा की गई थी। विदेशों में यात्रा करने वाले लोग 1 से लेकर 19 नवंबर तक एअर इंडिया का बायकॉट करें।” पन्नू ने पायलट्स को धमकाया कि बोर्ड पर संदिग्ध बम हो सकता है।” 2019 में सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को SFJ (सिख फॉर जस्टिस) को उसकी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया। 1 जुलाई 2020 को पन्नू को भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया। NIA ने सितंबर 2019 में पन्नू के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया। 29 नवंबर 2022 को उसे PO घोषित किया गया। 2023 में, NIA ने अमृतसर और चंडीगढ़ में पन्नू के घर और जमीन को जब्त कर लिया। 3 फरवरी 2021 को NIA की विशेष अदालत द्वारा पन्नू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। पन्नू पर करीब 12 केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी
हिना की जगह जूली दे रही थी एग्जाम:NEET में बिहार के जिस सरगना का नाम है, वह यूपी में 2021 की धांधली में भी था शामिल
हिना की जगह जूली दे रही थी एग्जाम:NEET में बिहार के जिस सरगना का नाम है, वह यूपी में 2021 की धांधली में भी था शामिल NEET 2024 में धांधली का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। पटना में 13 गिरफ्तारी हो चुकी है। 11 कैंडिडेट्स के भी नाम सामने आए हैं, जिसमें एक यूपी का है। पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला नाम बिहार के नकल माफिया संजीव सिंह उर्फ मुखिया का है। इसका नाम यूपी में NEET 2021 की धांधली में भी आया था। तब गैंग ने कैंडिडेट्स की जगह सॉल्वर बैठाए थे। तब उस पर FIR दर्ज नहीं हुई थी। मुखिया ने उत्तराखंड में नीट 2016 में भी पेपर लीक कराने की कोशिश की थी। उत्तराखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। जमानत के बाद से ही वह फरार है। यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में भी इसका नाम आया था। दैनिक भास्कर पड़ताल में हम बता रहे हैं कि 2021 की NEET परीक्षा में कैसे गड़बड़ी हुई थी, सॉल्वर गिरोह का नेक्सस कैसे काम कर रहा था? कैसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तमाम सख्ती के बाद भी नकल माफिया पूरे सिक्योरिटी सिस्टम को क्रैक कर गया… हिना की जगह जूली…यहां से धांधली का खुलासा होने लगा 12 सितंबर, 2021 को यूपी के कई जिलों में NEET की परीक्षा हुई। वाराणसी के सारनाथ थाना पुलिस को सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना मिली। पुलिस ने परीक्षा खत्म होते ही त्रिपुरा की रहने वाली हिना विश्वास नाम की एक लड़की को पकड़ा। पुलिस पूछताछ में मामले का खुलासा हुआ। दरअसल, हिना विश्वास नाम से पेपर दे रही लड़की BHU में बीडीएस की पढ़ाई कर रही पटना निवासी जूली महतो थी। जूली ने बताया कि उसकी मां और भाई ने उसे हिना के नाम पर पेपर देने को कहा था। वह तो हिना को जानती भी नहीं थी। पुलिस ने जूली की मां बबीता और उसके भाई विकास महतो को पकड़ा, तो बबीता ने बताया कि 5 लाख के लालच में उसने अपनी बेटी को नकल माफिया के कहने पर इस अपराध के लिए प्रेरित किया था। अब पुलिस के सामने सवाल था कि आखिरकार ये कौन लोग हैं, जो मेधावी छात्रों को इस दल-दल में धकेल रहे थे। पुलिस ने इसकी तहकीकात की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ। पटना का मास्टरमाइंड अपनी डॉक्टर बहन के साथ चला रहा था गिरोह
यूपी पुलिस के एक ऑफिसर ने बताया- जांच में पटना के रहने वाले पीके का नाम सामने आया। पीके का पूरा नाम नीलेश कुमार सिंह है। वह अपनी बहन डॉक्टर प्रिया की मदद से इस पूरे रैकेट को चला रहा था। उसकी बहन पटना के कैंसर हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर थी। इस रैकेट में पटना सचिवालय में तैनात डॉ. प्रिया का पति रितेश सिंह भी शामिल था। पुलिस ने प्रिया और रितेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कड़ियां जुड़नी शुरू हुईं। डॉ. प्रिया की निशानदेही पर पुलिस लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) और वाराणसी के BHU पहुंची। MBBS के कई सीनियर छात्र और डॉक्टर भी शामिल
पुलिस को जांच में पता चला कि KGMU में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कई सीनियर छात्र इस रैकेट में शामिल हैं। सबसे पहले पुलिस को डॉ. अफरोज के बारे में पता चला। वह MBBS की पढ़ाई पूरी कर लखनऊ के एक सरकारी अस्पताल में पोस्टिंग पर था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अफरोज बलरामपुर के एक विधायक का भतीजा है। पुलिस ने उसे पकड़ा तो डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. ओसाम शाहिद, डॉ. शरद सिंह पटेल और डॉ. गुरु प्रसाद के नाम सामने आए। डॉ. शरद सिंह पटेल देश की कई परीक्षाओं में पेपर लीक कराने वाले राजीव नयन मिश्रा का साथी था। ये सभी NEET के पेपर में फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड पटना के पीके उर्फ नीलेश कुमार सिंह से जुड़े थे। पीके के जेल जाने के बाद और एक्टिव हो गया संजीव
पुलिस के मुताबिक, 2021 में यूपी में पकड़े गए नीट सॉल्वर गिरोह के सरगना पटना निवासी नीलेश सिंह उर्फ पीके का बिहार में मजबूत नेटवर्क था। उस समय नालंदा निवासी संजीव सिंह उर्फ मुखिया पीके के गिरोह के साथ काम करता था। संजीव और पीके एक दूसरे से जुड़े थे। संजीव पीके को परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाकर देता था। अभ्यर्थी से पैसा वसूलने से लेकर उनकी जगह पर सॉल्वर पहुंचाने तक का काम संजीव ही करता था। इससे उसने बेशुमार दौलत कमाई थी। अक्टूबर, 2021 में पीके के जेल जाने के बाद संजीव और एक्टिव हो गया। वह अपने डॉक्टर बेटे शिवकुमार और साले के साथ मिलकर पूरा गिरोह चलाने लगा। इसके पहले 2020 में उसने पत्नी ममता को लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया। हालांकि, ममता को JDU के हरिनारायण सिंह ने 27 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था। उस चुनाव में संजीव ने पानी की तरह पैसा बहाया था। साॅल्वर तैयार करने से लेकर उन्हें एग्जाम सेंटर तक पहुंचाने के लिए गिरोह तीन प्लान पर काम करता था… प्लान 1- गरीब छात्रों को फंसा कर बनाते थे सॉल्वर गिरोह का मेंबर नकल माफिया ने सबसे पहले मोटी रकम का लालच देकर डॉक्टरों को अपनी गैंग में शामिल किया। यही डॉक्टर NEET की परीक्षा के लिए सॉल्वर का इंतजाम करते थे। इसके लिए वे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को टारगेट करते थे। मेडिकल स्टूडेंट्स को अपने जाल में फंसाने के लिए इनकी आर्थिक मदद करते थे। इन्हें अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खिलाना, महंगे कपड़े और गिफ्ट दिलाना, किताबें खरीदने में मदद करना और 50 हजार लिमिट तक का क्रेडिट कार्ड तक देते थे। इस तरह की मदद से छात्र इनके भरोसे में आ जाते थे। प्लान 2- कैंडिडेट से मिलते-जुलते चेहरों को करते थे सिलेक्ट पैसे के लालच में काम करने वाले डॉक्टर 15-20 छात्रों को जाल में फंसाने के बाद इनकी फोटो गिरोह के सरगना पीके उर्फ नीलेश को भेजते थे। फिर वह अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे अपने हैंडलर्स तक इनकी तस्वीरें भेजता था। यहां से इन हैंडलर्स का काम शुरू होता था। ये सबसे पहले कैंडिडेट ढूंढते थे, जो NEET एग्जाम में पास होने के लिए मोटी रकम देने को तैयार हो जाएं। फिर इन कैंडिडेट्स से मिलती-जुलती शक्ल और कद काठी वाले सॉल्वर के फोटो से मिला करके गिरोह के सरगना पीके को बताते थे। गिरोह के लोग कैंडिडेट से एडवांस में बड़ी रकम लेकर उनका फॉर्म भरवाते थे। फॉर्म में आधार कार्ड और दूसरे डॉक्यूमेंट असली कैंडिडेट के होते थे। जबकि फोटो पहले से ही एडिट कर कैंडिडेट से मिलते-जुलते चेहरे वाले सॉल्वर की होती थी। एडमिट कार्ड आने के बाद सॉल्वर तैयार करने वाले डॉक्टरों को बताया जाता था कि कौन सा सॉल्वर किस कैंडिडेट के नाम पर कहां परीक्षा देने जाएगा। प्लान-3 मेडिकल कालेज के छात्रों को सॉल्वर बनने के लिए तैयार करना
पीके का आदेश मिलते ही गिरोह में शामिल डॉक्टर प्लान पर काम करना शुरू करते थे। ये जाल में फंसाए गए छात्रों को बताते थे कि मेरे करीबी रिश्तेदार का पेपर देना है। केंद्र तक पहुंचाने और एग्जाम हाल में पहुंचाने की जिम्मेदारी मेरी होगी। किसी को पता नहीं चलेगा। पकड़े जाने पर तुरंत छुड़ा लिया जाएगा। छात्र पहले से उनके एहसान के बोझ से दबे होने के कारण मना नहीं कर पाता और परीक्षा देने के लिए राजी हो जाता था। इसके अलावा जो नहीं मानता, उन्हें पैसे का लालच देकर जाल में फंसा लेते। 20 से 30 लाख में पास कराने का ठेका
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए लोगों ने बताया कि गिरोह के लोग कैंडिडेट से NEET पास करवाने के 20 से 30 लाख रुपए लेते थे। इसमें सभी का हिस्सा होता था। 40 फीसदी रकम पीके उर्फ नीलेश लेता था। बाकि सभी को उनके रोल के हिसाब से पैसा बांट दिया जाता था। डॉक्टरों को एक सॉल्वर तैयार करने के लिए 5 लाख रुपए मिलते थे। इसके अलावा और खर्च गिरोह की ओर से मिलता था। गिरोह के हर राज्य में अलग हैंडलर
इस गिरोह के हैंडलर देश के कई राज्यों में फैले हुए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक त्रिपुरा में दिव्यजोति नाग और मृत्युंजय देवनाथ, पटना में विकास महतो, बबीता महतो, नीलेश उर्फ पीके और संजीव सिंह, पश्चिम बंगाल में प्रदीप्तो भौमिक, कर्नाटक में आशुतोष सिंह, यूपी में डॉ. अफरोज, विकास कुमार, ओसाम शाहिद, डॉ. शरद पटेल, कन्हैया लाल और राजस्थान में हामिद रजा। पुलिस के मुताबिक इस गैंग में कई अन्य लोग भी शामिल थे। इस मामले में पुलिस 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। कुछ अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। गिरोह में दो नाम ऐसे, जो कई पेपर लीक में शामिल
पुलिस की जांच में दो नाम ऐसे सामने आए, जो देश के कई दूसरे पेपर लीक मामले में शामिल रहे हैं। पहला नाम डॉ. शरद सिंह पटेल और दूसरा नाम कन्हैया लाल सिंह का है। दोनों मिर्जापुर के रहने वाले हैं। कन्हैया लाल सिंचाई विभाग मे बोरिंग टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था। उसी ने डॉ. शरद और नीलेश उर्फ पीके को मिलवाया था। डॉ. शरद के साथ कन्हैया लाल कई अन्य परीक्षाओं में नकल माफिया के साथ शामिल रहा है। नकल माफिया जब अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाते थे, तो कन्हैया लाल परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों को पैसे का लालच देकर मिलाता था और गिरोह की मदद करता था। इसके एवज में उसे भी मोटी रकम मिलती थी। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में योगी का पेपर लीक कानून कैसा होगा?:उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने जैसी सख्ती, गैंगस्टर एक्ट लगा तो चलेगा बुलडोजर पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया। पूरा एक्सप्लेनर पढ़ें..
पटना में BPSC परीक्षा केंद्र पर हुई थी अधिकारी की मौत, अब परिवार ने सरकार से की ये बड़ी मांग
पटना में BPSC परीक्षा केंद्र पर हुई थी अधिकारी की मौत, अब परिवार ने सरकार से की ये बड़ी मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>70th BPSC: </strong>बिहार में 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा हुई थी. इस दौरान पटना के एक परीक्षा केंद्र पर दिल का दौरा पड़ने से एक अधिकारी की मौत हो गई थी. अब मृत अधिकारी के परिवार के सदस्यों ने मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी भी देने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंगलवार (17 दिसंबर) को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मृतक अधिकारी राम इकबाल सिंह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा नियुक्त संविदा कर्मचारी थे. बापू परीक्षा केंद्र पर अपर परीक्षा अधीक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त की गई थी. परिवार के सदस्यों की ओर से दिए गए आवेदन को आगे भेज दिया गया है ताकि उन्हें आवश्यक और पर्याप्त मुआवजा मिल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिलाधिकारी ने बताया, “राम इकबाल सिंह के परिवार के सदस्यों ने कल मुझसे मुलाकात की और इस संबंध में एक आवेदन सौंपा. मैंने आवश्यक और पर्याप्त मुआवजे के लिए उनके आवेदन को बीएसईबी को भेज दिया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हार्ट अटैक से गई थी जान राम इकबाल की जान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि राम इकबाल सिंह को 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर उस समय हार्ट अटैक आया था जब कुछ अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. अधिकारियों ने राम इकबाल सिंह की मौत के लिए विरोध प्रदर्शनों के कारण उन्हें अस्पताल ले जाने में हुई देरी को जिम्मेदार ठहराया. जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में राम इकबाल सिंह के भतीजे सनी कुमार ने कहा, “वे (राम इकाबल) परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे. जब मुझे पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है तो मैं तुरंत मौके पर पहुंचा. मैं उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले गया. बाद में पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गया जहां उनकी मौत हो गई. 13 दिसंबर की ही रात्रि में पटना में उनका अंतिम संस्कार किया गया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन की ओर से नहीं मिली कोई मदद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सनी का कहना है कि शव को श्मशान घाट ले जाकर उन लोगों ने खुद ही अंतिम संस्कार किया. खर्च भी खुद उठाया. जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की गई. उन्हें (राम इकबाल सिंह) पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. कहा कि बस चाची (इकबाल सिंह की पत्नी) के लिए सरकारी नौकरी और अन्य मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बताया कि वे सोमवार को डीएम से मिले थे. उन्होंने (जिलाधिकारी) मुझे आश्वासन दिया कि परिवार को आवश्यक और पर्याप्त मुआवजा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया गया कि राम इकबाल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है जो नौवीं कक्षा में पढ़ता है. राम इकबाल सिंह की छोटी बहन प्रेम लता ने कहा कि वे सरकार से परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए आग्रह करती हैं. उन्होंने कहा, “भाभी (इकबाल सिंह की पत्नी) को मुआवजे के तौर पर कोई सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-jamin-survey-application-should-canceled-in-60-days-jamabandi-e-maapi-online-challan-mutation-ann-2844509″>Bihar Jamin Survey: 60 दिन में आवेदन निरस्त, बिना जमाबंदी संख्या के भी नापी, जमीन सर्वे से जुड़ी बड़ी खबर</a></strong></p>