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MGUG के नए कुलपति होंगे डॉ सुरिंदर सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की नियुक्ति
MGUG के नए कुलपति होंगे डॉ सुरिंदर सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की नियुक्ति <p style=”text-align: justify;”><strong>Gorakhpur News Today:</strong> डॉ. सुरिंदर सिंह को गोरखपुर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है. उनका चयन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिये किया गया है. इससे पहले डॉ. सुरिंदर सिंह, जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (JSS AHER) मैसूर में कुलपति के पद पर थे. वे विश्विद्यालय में वर्तमान कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 14 नवंबर को पूरा हो रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च में डॉ. सुरिंदर सिंह का कार्यकाल 4 नवंबर को पूरा हो चुका है. इसके अलावा वह भारत सरकार के औषधि महानियंत्रक भी रह चुके हैं. शैक्षणिक क्षेत्र में उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. डॉ. सुरिंदर सिंह ने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/14/6dede8de3cba6b94cd67b10bd30f41bc1731602990464129_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन पदों पर दे चुके हैं सेवा</strong><br />इसी तरह डॉ. सुरिंदर सिंह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉयोलॉजिकल में निदेशक, रीजनल ड्रग टेस्टिंग लैब के निदेशक, सेंट्रल ड्रग लैब में अपर निदेशक और सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट में माइक्रोबायोलॉजी के सहायक निदेशक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सरदार पटेल राजकीय मेडिकल कॉलेज बीकानेर में माइक्रोबायोलॉजी के सहायक प्रोफेसर के रुप में भी डॉ. सुरिंदर सिंह अपने सेवाएं दे चुके हैं और एम्स नई दिल्ली में माइक्रोबायोलॉजी के सीनियर डेमोंस्ट्रेटर के रूप में भी काम कर चुके हैं. उनके नेतृत्व में जेएसएस एएचईआर मैसूर ने देश के 25 टॉप यूनिवर्सिटी में अपना स्थान बनाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>MGUG के नए कुलपति की उपलब्धि</strong><br />डॉ. सुरिंदर सिंह के कार्यकाल में जेएसएस एएचईआर मैसूर ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. उन्होंने जेएसएस एएचईआर मैसूर को पांच सालों में 55 करोड़ रुपये का शोध अनुदान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. डॉ. सुरिंदर सिंह की सेवाओं को देखते हुए ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री के क्षेत्र में लगातार तीन साल विश्व के’मोस्ट इंफ्लुएंशियल पीपल’ लोगों में शामिल किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. सुरिंदर सिंह को उनके महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए कई प्रमुख पुरस्कारों से भी नवाजा गया है. फार्मा बायो वर्ल्ड अवार्ड (2011), डॉ. बीसी राय मेमोरियल अवार्ड (2014), इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड और 2022 में ‘टॉप 20 वाइस चांसलर ऑफ इंडिया’ जैसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सफल आयोजन हो चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम योगी का जताया आभार</strong><br />महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने डॉ. सुरिंदर सिंह के चयन के लिए कुलाधिपति <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने डॉ. सुरिंदर सिंह को बधाई देते हुए कहा कि उनके शानदार अनुभव से विश्विद्यालय नई ऊंचाईयों को छुयेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने प्रथम कुलपति के रुप में मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी के कार्यकाल में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने बीएएमएस, एमबीबीएस समेत रोजगारपरक अनेक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की. इसी तरह विश्विद्यालय ने उनके कार्यकाल में करीब तीन दर्जन विश्व प्रसिद्ध संस्थाओं से एमओयू साइन किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘पूरा न्याय चाहिए’, UPPSC के फैसले से छात्र नाखुश, आंदोलन जारी रखने का ऐलान” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uppsc-aspirants-protest-continue-after-uppsc-conduct-pcs-preliminary-examination-in-one-day-on-shift-know-full-demand-2823327″ target=”_blank” rel=”noopener”>’पूरा न्याय चाहिए’, UPPSC के फैसले से छात्र नाखुश, आंदोलन जारी रखने का ऐलान</a></strong></p>
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, रांची पुलिस ने इस मामले में दर्ज की FIR
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, रांची पुलिस ने इस मामले में दर्ज की FIR <p style=”text-align: justify;”><strong>FIR Against Saryu Roy:</strong> झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. रांची पुलिस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने पूर्व खाद्य और सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री सरयू राय, उनके तत्कालीन निजी सचिव आनंद और तीन अन्य के खिलाफ उनके मंत्री रहने के दौरान आहार पत्रिका के प्रकाशन में कथित भ्रष्टाचार के लिए FIR दर्ज की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रांची निवासी मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि सरयू राय 3,38,26,473 रुपये की अनियमितताओं में शामिल हैं. उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.</p>
ऋषि के श्राप के डर बदला क्रूज का नाम:मथुरा में गरुड़ की जगह अब होगा बृज रथ, 6 महीने से संचालन में आ रही है परेशानी
ऋषि के श्राप के डर बदला क्रूज का नाम:मथुरा में गरुड़ की जगह अब होगा बृज रथ, 6 महीने से संचालन में आ रही है परेशानी मथुरा के वृंदावन में क्रूज का संचालन नहीं हो पा रहा है। 6 महीने से कोई न कोई समस्या आ जा रही है। अब ऋषि के श्राप के डर से कंपनी ने क्रूज का नाम बदल दिया है। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यमुना में वृंदावन में क्रूज चलाने की योजना बनाई। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इसकी रूपरेखा तैयार की। मथुरा क्रूज लाइन्स प्राइवेट लिमिटेड को इसके संचालन की हरी झंडी दे दी। 6 महीने पहले कंपनी एक क्रूज को लेकर आई और उसका नाम गरुड़ रखा। आने के साथ ही शुरू हो गई समस्या
गरुड़ क्रूज के आने के साथ ही इसके संचालन में समस्याएं शुरू हो गई। क्रूज के संचालन का यमुना में नाव चलाने वाले नाविकों ने विरोध किया। दो महीने तक चले नाविकों के विरोध के बीच किसी तरह कंपनी के इसका ट्रायल शुरू किया। लेकिन कभी पानी कम और कभी तकनीकी कमी से इसके संचालन में बाधा आती रही। इसी दौरान श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा आए मुख्यमंत्री ने ब्रज को 1037 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी। जिसमें क्रूज भी था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बाद भी नहीं चल पाया क्रूज
CM ने क्रूज के संचालन का उद्घाटन किया गया। लेकिन किसी न किसी वजह से गरुड़ क्रूज चल नहीं पाया। कभी यमुना में ज्यादा पानी तो कभी कम पानी इसके संचालन में दिक्कतें पैदा करता रहा। क्रूज के संचालन न हो पाने से कंपनी और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारी भी परेशान रहने लगे। संचालन में आई दिक्कत तो नाम बदलने की बनाई योजना
मथुरा-वृंदावन के बीच क्रूज़ सेवा प्रदान करने वाली मथुरा क्रूज़ लाइन्स प्राइवेट लिमिटेड को जब क्रूज के संचालन में लगातार दिक्कत आई तो कंपनी के अधिकारियों ने इसके कारणों पर मंथन किया। इसी बीच किसी ने क्रूज के नाम बदलने की सलाह दी। जिसके बाद कंपनी ने इसका नाम गरुड़ से बदलकर बृज रथ रख दिया। नाम बदलने का कंपनी ने बताया कारण
कंपनी ने रिलीज जारी करके बताया- क्रूज़ का नाम बदलकर “बृज रथ” रख दिया है। पहले इस क्रूज़ का नाम “गरुड़” था। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, गरुड़ को एक श्राप का सामना करना पड़ा था। इसी धार्मिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने निर्णय लिया है। कंपनी ने यह भी खुलासा भी किया कि हाल के दिनों में क्रूज़ गरुड़ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। इन्हें दूर करने के लिए अब पौराणिक कथाओं में वर्णित गरुड़ के श्राप से जोड़ा जा रहा है। कंपनी का मानना है कि नाम बदलने के बाद इन बाधाओं को दूर किया जा सकेगा और नई शुरुआत की जा सकेगी। नए नाम के साथ DM ने की क्रूज की सवारी
गरुड़ से बृज रथ हुए क्रूज में पहली यात्रा मथुरा के जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने अपने परिवार के साथ की। क्रूज़ का आनंद लिया और औपचारिक रूप से क्रूज़ का नया नाम बृज रथ घोषित किया। उन्होंने न केवल इस पहल की सराहना की बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए उठाए गए इस कदम को अनुकरणीय बताया। यमुना में बढ़ाना है पर्यटन
कंपनी के निदेशक राहुल शर्मा ने बताया- बृज रथ क्रूज़ सेवा का उद्देश्य स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटकों को यमुना नदी के शांत वातावरण में भगवान कृष्ण की पवित्र भूमि का अनुभव कराना है। क्रूज़ पर यात्रा करते हुए पर्यटक न केवल मनोरम दृश्य देख सकते हैं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का भी अनुभव कर सकते हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया – हमारा उद्देश्य मथुरा और वृंदावन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को सशक्त करना है। क्रूज़ का नाम बदलने का निर्णय हमने अपने यात्रियों की भावनाओं और धर्म के प्रति आदर को ध्यान में रखते हुए लिया है। बृज रथ जल्द ही एक अनोखे आकर्षण के रूप में स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होगा। यह कदम मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक महत्व को और मजबूती प्रदान करेगा। यह था गरुड़ को श्राप
पौराणिक कथाओं के अनुसार वृंदावन के सुनरख गांव में सौभरी ऋषि रहा करते थे। यह उनकी तपोस्थली थी। यहां यमुना किनारे कुटिया बनाकर वह भगवान का भजन करते थे। यमुना नदी में रहने वाले सांप और अन्य जलचरों ने उनसे एक एक दिन विनती की कि उनको गरुड़ से बचाया जाए। इसके बाद सौभरी ऋषि ने गरुड़ को श्राप दिया कि वह वृंदावन की सीमा से बाहर रहे। तभी से वृंदावन से कुछ किलोमीटर दूर गरुड़ जी का मंदिर है। ……………… ये खबर भी पढ़िए… पुलिस विभाग में 100 से ज्यादा अफसरों के होंगे तबादले:लक्ष्मी सिंह को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी; प्रमोटी IPS को नई तैनाती का इंतजार यूपी में 100 से अधिक पुलिस अफसरों के तबादले की तैयारी है। डीजीपी मुख्यालय का कार्मिक विभाग और गृह विभाग मिलकर इसकी तैयारी कर रहा है। जिन अफसरों के तबादले होने हैं, उनमें सहायक पुलिस अधीक्षक से लेकर डीजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं। पढ़िए पूरी खबर