यूपी के प्रत्येक मंडल में स्थापित किए जाएं आयुष महाविद्यालय, CM योगी का अधिकारियों को निर्देश

यूपी के प्रत्येक मंडल में स्थापित किए जाएं आयुष महाविद्यालय, CM योगी का अधिकारियों को निर्देश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Ayush Medicine in UP:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश के हर मंडल में एक इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय स्थापित किया जाए, जहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी सभी आयुष विधाओं की पढ़ाई और इलाज की सुविधा एक ही कैंपस में मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने शनिवार को आयुष विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर आयुष संस्थान में योग और नेचुरोपैथी सेंटर भी अनिवार्य रूप से बनाए जाएं, ताकि लोग प्राकृतिक इलाज और स्वास्थ्य सुधार का लाभ उठा सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर जिले में हेल्थ और वेलनेस सेंटर की योजना</strong><br />मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, हर जिले में हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाए. यह केंद्र सरकारी या पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर खोले जा सकते हैं. इन केंद्रों में आयुष पद्धतियों से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य गुणवत्ता और समयसीमा के साथ पूरा किया जाए और पूरे प्रदेश में चल रही निर्माणाधीन परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को आयुष क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए. साथ ही निजी कॉलेजों और अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी और सुविधाओं की जांच कराई जाए ताकि शिक्षा और इलाज में कोई कमी न रहे. उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति गंभीर बीमारियों के इलाज में बहुत उपयोगी है, इसलिए इसे सभी संस्थानों में बढ़ावा दिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योग दिवस की तैयारी अभी से शुरू हो</strong><br />मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं. हर जिले, नगर निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर योग कार्यक्रम हों और इसके लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएं. <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने कहा कि डाबर, वैद्यनाथ और पतंजलि जैसी कंपनियों से एमओयू करके सभी आयुष चिकित्सालयों में दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. इससे मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में इस समय 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संस्थानों की निरंतर निगरानी की जाए और उनकी कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जाए. योगी सरकार का यह फैसला देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष न सिर्फ इलाज का माध्यम है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा को भी मजबूत करता है. उन्होंने प्रदेश को आयुष क्षेत्र में देश और दुनिया में अग्रणी बनाने की बात भी कही.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 2014 में अलग आयुष मंत्रालय बनाया था. इसका उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देना है. उत्तर प्रदेश में भी इस दिशा में लगातार कार्य हो रहा है और योगी सरकार की यह नई पहल स्वस्थ समाज और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-bjp-chief-bhupendra-chaudhary-said-our-fight-terrorism-not-pakistan-and-its-people-ann-2945490″>यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बोले- ‘हमारी लड़ाई पाकिस्तान और वहां की जनता से नहीं…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ayush Medicine in UP:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश के हर मंडल में एक इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय स्थापित किया जाए, जहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी सभी आयुष विधाओं की पढ़ाई और इलाज की सुविधा एक ही कैंपस में मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने शनिवार को आयुष विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर आयुष संस्थान में योग और नेचुरोपैथी सेंटर भी अनिवार्य रूप से बनाए जाएं, ताकि लोग प्राकृतिक इलाज और स्वास्थ्य सुधार का लाभ उठा सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर जिले में हेल्थ और वेलनेस सेंटर की योजना</strong><br />मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, हर जिले में हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाए. यह केंद्र सरकारी या पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर खोले जा सकते हैं. इन केंद्रों में आयुष पद्धतियों से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य गुणवत्ता और समयसीमा के साथ पूरा किया जाए और पूरे प्रदेश में चल रही निर्माणाधीन परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को आयुष क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए. साथ ही निजी कॉलेजों और अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी और सुविधाओं की जांच कराई जाए ताकि शिक्षा और इलाज में कोई कमी न रहे. उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति गंभीर बीमारियों के इलाज में बहुत उपयोगी है, इसलिए इसे सभी संस्थानों में बढ़ावा दिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योग दिवस की तैयारी अभी से शुरू हो</strong><br />मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं. हर जिले, नगर निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर योग कार्यक्रम हों और इसके लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएं. <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने कहा कि डाबर, वैद्यनाथ और पतंजलि जैसी कंपनियों से एमओयू करके सभी आयुष चिकित्सालयों में दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. इससे मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में इस समय 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संस्थानों की निरंतर निगरानी की जाए और उनकी कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जाए. योगी सरकार का यह फैसला देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष न सिर्फ इलाज का माध्यम है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा को भी मजबूत करता है. उन्होंने प्रदेश को आयुष क्षेत्र में देश और दुनिया में अग्रणी बनाने की बात भी कही.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 2014 में अलग आयुष मंत्रालय बनाया था. इसका उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देना है. उत्तर प्रदेश में भी इस दिशा में लगातार कार्य हो रहा है और योगी सरकार की यह नई पहल स्वस्थ समाज और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाएगी.</p>
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