यूपी के रीलबाज पुलिस अफसर-जवान:फेमस होने के लिए डीजीपी का आदेश नहीं मानते, अब होगी सख्त कार्रवाई

यूपी के रीलबाज पुलिस अफसर-जवान:फेमस होने के लिए डीजीपी का आदेश नहीं मानते, अब होगी सख्त कार्रवाई

यूपी में पुलिस वालों को अपने अफसरों के आदेश की कोई परवाह नहीं है। न वर्दी का लिहाज और न ही कार्रवाई का डर। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर रीलबाजी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ के आईपीएस अभिषेक पल्लव और पंजाब पुलिस की सिपाही अमनदीप कौर का मामला सामने आया। इसके बाद यूपी पुलिस भी ऐसे पुलिसकर्मियों की कुंडली खंगाल रही है, जो ड्यूटी से ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वैसे तो यूपी में वर्दी पहनकर रील बनाने और वीडियो शूटिंग में हिस्सा लेने पर रोक है। इसके बावजूद यूपी पुलिस के कई जवानों पर रीलबाजी का शौक सिर चढ़कर बोल रहा है। कई पुलिसकर्मी खुलेआम फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर अपने वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह स्थिति पुलिस विभाग की अनुशासनहीनता को उजागर करती है। साथ ही सवाल उठाती है कि क्या इन पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया की लोकप्रियता उनकी ड्यूटी से ऊपर हो गई है। पहले जानते हैं पंजाब की अमनदीप कौर का मामला
हाल ही में पंजाब पुलिस की एक महिला सिपाही अमनदीप कौर को हेरोइन तस्करी के आरोप में भटिंडा से गिरफ्तार किया गया। अमनदीप सोशल मीडिया पर अपनी रील और पोस्ट को लेकर चर्चा में रहती थी। गिरफ्तारी के समय अमनदीप के पास से 17.71 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। वह मूल रूप से मानसा पुलिस के साथ तैनात थी और गिरफ्तारी के समय भटिंडा पुलिस लाइंस में कार्यरत थी। उसे गिरफ्तारी के अगले दिन सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। उसकी संपत्तियों की जांच भी शुरू हो गई है। सीबीआई की जद में आए सोशल मीडिया के हीरो IPS अभिषेक पल्लव
26 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ कॉडर के आईपीएस अभिषेक पल्लव के घर छापा मारा। मामला महादेव बेटिंग ऐप घोटाले से जुड़ा था। यह घोटाला 6000 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है। अभिषेक पल्लव 2013 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह सोशल मीडिया पर अपनी रील्स के लिए भी चर्चित रहे हैं। अब जानिए यूपी में क्या नियम है
पूर्व कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने 8 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी-2023 लागू की थी। इसमें साफ निर्देश दिया गया था कि कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान या वर्दी में सोशल मीडिया गतिविधियों में शामिल नहीं होगा। इस नीति का उद्देश्य पुलिस की इमेज को बनाए रखना और जनता के बीच विश्वास कायम करना था। डीजीपी ने यह भी कहा था कि वर्दी में रील या वीडियो बनाना न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि यह पुलिस की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। लेकिन, उनके ये निर्देश जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पा रहे। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मी न सिर्फ वर्दी में रील बना रहे हैं, बल्कि इन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ाने में जुटे हैं। क्यों आदेश नहीं मानते पुलिसकर्मी?
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार कहते हैं- डीजीपी के आदेशों की अवहेलना के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है, सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रील्स बनाकर लोग फेमस हो रहे हैं। दूसरा कारण अनुशासन की कमी और निगरानी का अभाव है। जमीनी स्तर पर इन नियमों को लागू करने के लिए कोई ठोस तंत्र नहीं बनाया गया है। थानों में तैनात अधिकारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस कप्तानों की है। लेकिन, कई बार वे भी इस मामले में ढिलाई बरतते हैं। तीसरा कारण यह भी है कि कुछ पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते। क्योंकि, उन्हें लगता है कि ऐसी छोटी-मोटी बातों पर कार्रवाई नहीं होगी। रील बनाने में सस्पेंड हो चुके हैं कई पुलिस वाले
ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की। फिरोजाबाद में सिपाही सचिन गौतम को वर्दी में रील बनाने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। इसी तरह औरैया जिले में तैनात एक सिपाही का वर्दी में सरकारी बाइक के साथ रील बनाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में सिपाही कभी थाने के अंदर बुलेट चलाते हुए, तो कभी वर्दी पहनकर मॉडल की तरह रील बना रहा था। सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। एक अन्य मामला गाजियाबाद के अंकुर विहार थाने का है। यहां तैनात दो ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर ने एक युवक के साथ रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया और युवक काे गिरफ्तार कर लिया गया था। सोनभद्र में ड्यूटी के दौरान वर्दी में 5 महिला पुलिसकर्मियों ने रील बनाई। इसके बाद पुलिस कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत विभागीय जांच शुरू की गई। इसी तरह का एक वीडियो गोरखपुर का है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा। थाना बुदहट में तैनात सब-इंस्पेक्टर सौरभ शर्मा ने वर्दी में अपनी पत्नी के साथ रोमांस की रील इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। सोशल मीडिया से कमाई पर भी है रोक
सोशल मीडिया पर कई पुलिसकर्मियों के फॉलोअर और फैन फॉलोइंग लाखों में है। लेकिन, पुलिस आचरण नियमावली के तहत पुलिसकर्मी किसी अन्य सोर्स से कमाई नहीं कर सकते। ऐसे में रील और सोशल मीडिया पर एक्टिविटी के जरिए ये पुलिसकर्मी अपने खाते में पैसा नहीं ले सकते। किसी और तरीके से ले भी रहे होंगे, तो भी वे शो नहीं करेंगे। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डॉ. त्रिवेणी सिंह कहते हैं- यह अनुशासनहीनता का मामला है। अगर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों से ज्यादा सोशल मीडिया को तरजीह देंगे, तो कानून-व्यवस्था कैसे बनी रहेगी? जो सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई थी। उसमें साफ लिखा है कि सोशल मीडिया पर रील बनाते समय सरकारी कार्यालय, गाड़ी, वर्दी का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके बावजूद इन चीजों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। ————————— ये खबर भी पढ़ें… कानपुर में CM योगी का हेलिकॉप्टर डगमगाया, जमीन से 15-20 फीट ऊपर हवा में डायरेक्शन बदला, नीचे उतारकर दोबारा भरी उड़ान सीएम योगी का हेलिकॉप्टर कानपुर में डगमगा गया। हवा में हेलिकॉप्टर का अचानक डायरेक्शन बदला। पायलट ने हालात को भांपते हुए तुरंत हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई। फिर से टेकऑफ किया। पीएम मोदी 24 अप्रैल को कानपुर आ रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ग्राउंड में हेलीपैड बनाया गया है। रविवार को सीएम योगी ने मेट्रो प्रोजेक्ट और पावर प्लांट का जायजा लिया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में पुलिस वालों को अपने अफसरों के आदेश की कोई परवाह नहीं है। न वर्दी का लिहाज और न ही कार्रवाई का डर। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर रीलबाजी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ के आईपीएस अभिषेक पल्लव और पंजाब पुलिस की सिपाही अमनदीप कौर का मामला सामने आया। इसके बाद यूपी पुलिस भी ऐसे पुलिसकर्मियों की कुंडली खंगाल रही है, जो ड्यूटी से ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वैसे तो यूपी में वर्दी पहनकर रील बनाने और वीडियो शूटिंग में हिस्सा लेने पर रोक है। इसके बावजूद यूपी पुलिस के कई जवानों पर रीलबाजी का शौक सिर चढ़कर बोल रहा है। कई पुलिसकर्मी खुलेआम फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर अपने वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह स्थिति पुलिस विभाग की अनुशासनहीनता को उजागर करती है। साथ ही सवाल उठाती है कि क्या इन पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया की लोकप्रियता उनकी ड्यूटी से ऊपर हो गई है। पहले जानते हैं पंजाब की अमनदीप कौर का मामला
हाल ही में पंजाब पुलिस की एक महिला सिपाही अमनदीप कौर को हेरोइन तस्करी के आरोप में भटिंडा से गिरफ्तार किया गया। अमनदीप सोशल मीडिया पर अपनी रील और पोस्ट को लेकर चर्चा में रहती थी। गिरफ्तारी के समय अमनदीप के पास से 17.71 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। वह मूल रूप से मानसा पुलिस के साथ तैनात थी और गिरफ्तारी के समय भटिंडा पुलिस लाइंस में कार्यरत थी। उसे गिरफ्तारी के अगले दिन सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। उसकी संपत्तियों की जांच भी शुरू हो गई है। सीबीआई की जद में आए सोशल मीडिया के हीरो IPS अभिषेक पल्लव
26 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ कॉडर के आईपीएस अभिषेक पल्लव के घर छापा मारा। मामला महादेव बेटिंग ऐप घोटाले से जुड़ा था। यह घोटाला 6000 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है। अभिषेक पल्लव 2013 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह सोशल मीडिया पर अपनी रील्स के लिए भी चर्चित रहे हैं। अब जानिए यूपी में क्या नियम है
पूर्व कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने 8 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी-2023 लागू की थी। इसमें साफ निर्देश दिया गया था कि कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान या वर्दी में सोशल मीडिया गतिविधियों में शामिल नहीं होगा। इस नीति का उद्देश्य पुलिस की इमेज को बनाए रखना और जनता के बीच विश्वास कायम करना था। डीजीपी ने यह भी कहा था कि वर्दी में रील या वीडियो बनाना न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि यह पुलिस की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। लेकिन, उनके ये निर्देश जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पा रहे। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मी न सिर्फ वर्दी में रील बना रहे हैं, बल्कि इन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ाने में जुटे हैं। क्यों आदेश नहीं मानते पुलिसकर्मी?
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार कहते हैं- डीजीपी के आदेशों की अवहेलना के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है, सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रील्स बनाकर लोग फेमस हो रहे हैं। दूसरा कारण अनुशासन की कमी और निगरानी का अभाव है। जमीनी स्तर पर इन नियमों को लागू करने के लिए कोई ठोस तंत्र नहीं बनाया गया है। थानों में तैनात अधिकारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस कप्तानों की है। लेकिन, कई बार वे भी इस मामले में ढिलाई बरतते हैं। तीसरा कारण यह भी है कि कुछ पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते। क्योंकि, उन्हें लगता है कि ऐसी छोटी-मोटी बातों पर कार्रवाई नहीं होगी। रील बनाने में सस्पेंड हो चुके हैं कई पुलिस वाले
ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की। फिरोजाबाद में सिपाही सचिन गौतम को वर्दी में रील बनाने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। इसी तरह औरैया जिले में तैनात एक सिपाही का वर्दी में सरकारी बाइक के साथ रील बनाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में सिपाही कभी थाने के अंदर बुलेट चलाते हुए, तो कभी वर्दी पहनकर मॉडल की तरह रील बना रहा था। सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। एक अन्य मामला गाजियाबाद के अंकुर विहार थाने का है। यहां तैनात दो ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर ने एक युवक के साथ रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया और युवक काे गिरफ्तार कर लिया गया था। सोनभद्र में ड्यूटी के दौरान वर्दी में 5 महिला पुलिसकर्मियों ने रील बनाई। इसके बाद पुलिस कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत विभागीय जांच शुरू की गई। इसी तरह का एक वीडियो गोरखपुर का है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा। थाना बुदहट में तैनात सब-इंस्पेक्टर सौरभ शर्मा ने वर्दी में अपनी पत्नी के साथ रोमांस की रील इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। सोशल मीडिया से कमाई पर भी है रोक
सोशल मीडिया पर कई पुलिसकर्मियों के फॉलोअर और फैन फॉलोइंग लाखों में है। लेकिन, पुलिस आचरण नियमावली के तहत पुलिसकर्मी किसी अन्य सोर्स से कमाई नहीं कर सकते। ऐसे में रील और सोशल मीडिया पर एक्टिविटी के जरिए ये पुलिसकर्मी अपने खाते में पैसा नहीं ले सकते। किसी और तरीके से ले भी रहे होंगे, तो भी वे शो नहीं करेंगे। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डॉ. त्रिवेणी सिंह कहते हैं- यह अनुशासनहीनता का मामला है। अगर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों से ज्यादा सोशल मीडिया को तरजीह देंगे, तो कानून-व्यवस्था कैसे बनी रहेगी? जो सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई थी। उसमें साफ लिखा है कि सोशल मीडिया पर रील बनाते समय सरकारी कार्यालय, गाड़ी, वर्दी का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके बावजूद इन चीजों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। ————————— ये खबर भी पढ़ें… कानपुर में CM योगी का हेलिकॉप्टर डगमगाया, जमीन से 15-20 फीट ऊपर हवा में डायरेक्शन बदला, नीचे उतारकर दोबारा भरी उड़ान सीएम योगी का हेलिकॉप्टर कानपुर में डगमगा गया। हवा में हेलिकॉप्टर का अचानक डायरेक्शन बदला। पायलट ने हालात को भांपते हुए तुरंत हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई। फिर से टेकऑफ किया। पीएम मोदी 24 अप्रैल को कानपुर आ रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ग्राउंड में हेलीपैड बनाया गया है। रविवार को सीएम योगी ने मेट्रो प्रोजेक्ट और पावर प्लांट का जायजा लिया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर