यूपी के लेखपाल सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे:डेस्क बनेगी, अलमारी मिलेगी; कम्प्यूटर-लैपटॉप पर करेंगे स्मार्ट वर्क

यूपी के लेखपाल सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे:डेस्क बनेगी, अलमारी मिलेगी; कम्प्यूटर-लैपटॉप पर करेंगे स्मार्ट वर्क

यूपी में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन विवाद को लेकर होती हैं। इसको कम करने की सबसे अहम कड़ी लेखपाल हैं। लेकिन, प्रदेश में लेखपाल के बैठने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। इससे आम लोग उनसे नहीं मिल पाते। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार अब लेखपालों के बैठने की स्थायी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कामकाज को स्मार्ट बनाने की तैयारी भी कर रही है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। पहले चरण में यूपी की 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क बनाई जाएगी। डेस्क पर रोज 50-60 लेखपालों के बैठने की व्यवस्था होगी। एक तहसील में 300-400 लेखपाल तैनात हैं। ऐसे में हर लेखपाल को सप्ताह में 2 दिन डेस्क पर बैठने का मौका मिलेगा। उस दिन वह अपनी रिपोर्ट तैयार करने, सत्यापन करने समेत अन्य जरूरी काम पूरे करेंगे। डेस्क पर उनके लिए अलग से छोटी अलमारी (लॉकर) की व्यवस्था रहेगी। उसमें वे अपना बैग, चार्जर सहित अन्य सामान रख सकेंगे। लेखपालों की डेस्क पर कम्प्यूटर या लैपटॉप की व्यवस्था भी रहेगी। अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड से वो कम्प्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। अभी प्लास्टिक की कुर्सियां भी नहीं
लेखपाल संघ के महामंत्री विनोद कुमार कश्यप ने बताया- तहसील ऑफिस के हॉल में लेखपाल प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। पहले तो जमीन पर दरी बिछाते थे फिर उसी पर बैठकर काम करना पड़ता था। कुछ तहसीलों में तो अभी भी पर्याप्त संख्या में कुर्सियां नहीं हैं। वर्क कल्चर में होगा सुधार
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है- करीब 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क (फ्लोटिंग वर्क स्टेशन) बना रहे हैं। जिससे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन समय पर हो। जमाबंदी से राजस्व रिकॉर्ड से जुड़े काम भी समय पर पूरे करें। अभी करीब 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। लोगों को भी पता रहेगा कि लेखपाल कब तहसील ऑफिस में बैठते हैं? तभी वो संबंधित कार्य दिवस पर जाकर उनसे संपर्क कर सकेंगे। मूल काम को छोड़ सारे काम करते हैं लेखपाल
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ का आरोप है कि सरकार उनसे लेखपाल के मूल काम को छोड़कर सभी काम करा रही है। लेखपालों को ज्यादातर समय दूसरे विभागों के काम में ही व्यस्त रखा जाता है। किसान सम्मान निधि के सत्यापन, किसान की रजिस्ट्री के सत्यापन, केवाईसी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की जांच, सीएम जनता दर्शन, जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य स्थानों से आने वाली शिकायतें भी लेखपाल के पास ही भेजी जाती हैं। बिना डिवाइस कैसे करें ऑनलाइन काम सरकार ने लेखपालों से जुड़े ज्यादातर काम ऑनलाइन कर दिए हैं। लेकिन, उन्हें न तो स्मार्टफोन दिया गया है और न ही टैबलेट या लेपटॉप ही दिया गया है। 2019 में जो स्मार्टफोन दिए गए थे, वो खराब हो गए हैं। लेखपालों ने उन्हें वापस तहसील में जमा करा दिया है। जरूरत 58 हजार की, काम कर रहे 22 हजार
राजस्व परिषद की ओर से बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें प्रदेश में लेखपाल के 58 हजार पदों की जरूरत बताई। वर्तमान में 30,837 लेखपाल के पद हैं। इनमें से 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। 22 हजार में से 8500 लेखपाल फिलहाल ट्रेनिंग ले रहे हैं। 4500 लेखपाल तहसील और राजस्व विभाग के विभिन्न दफ्तरों में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस तरह वर्तमान में केवल 9 हजार लेखपाल ही कार्यरत हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… बृजभूषण अब क्या करेंगे, क्या BJP से अलग राह चुनेंगे?, सबसे बड़े संकट से बाहर आए, कहा- जो मेरा था, वो मुझसे कोई छीन नहीं सका भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया गया। यह फैसला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 मई को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में दिया। बृजभूषण के खिलाफ दर्ज 5 महिला पहलवानों का प्रकरण अभी लंबित है। पॉस्को एक्ट में बरी होने के बाद बृजभूषण का अयोध्या और नंदिनी नगर में उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन विवाद को लेकर होती हैं। इसको कम करने की सबसे अहम कड़ी लेखपाल हैं। लेकिन, प्रदेश में लेखपाल के बैठने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। इससे आम लोग उनसे नहीं मिल पाते। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार अब लेखपालों के बैठने की स्थायी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कामकाज को स्मार्ट बनाने की तैयारी भी कर रही है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। पहले चरण में यूपी की 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क बनाई जाएगी। डेस्क पर रोज 50-60 लेखपालों के बैठने की व्यवस्था होगी। एक तहसील में 300-400 लेखपाल तैनात हैं। ऐसे में हर लेखपाल को सप्ताह में 2 दिन डेस्क पर बैठने का मौका मिलेगा। उस दिन वह अपनी रिपोर्ट तैयार करने, सत्यापन करने समेत अन्य जरूरी काम पूरे करेंगे। डेस्क पर उनके लिए अलग से छोटी अलमारी (लॉकर) की व्यवस्था रहेगी। उसमें वे अपना बैग, चार्जर सहित अन्य सामान रख सकेंगे। लेखपालों की डेस्क पर कम्प्यूटर या लैपटॉप की व्यवस्था भी रहेगी। अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड से वो कम्प्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। अभी प्लास्टिक की कुर्सियां भी नहीं
लेखपाल संघ के महामंत्री विनोद कुमार कश्यप ने बताया- तहसील ऑफिस के हॉल में लेखपाल प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। पहले तो जमीन पर दरी बिछाते थे फिर उसी पर बैठकर काम करना पड़ता था। कुछ तहसीलों में तो अभी भी पर्याप्त संख्या में कुर्सियां नहीं हैं। वर्क कल्चर में होगा सुधार
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है- करीब 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क (फ्लोटिंग वर्क स्टेशन) बना रहे हैं। जिससे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन समय पर हो। जमाबंदी से राजस्व रिकॉर्ड से जुड़े काम भी समय पर पूरे करें। अभी करीब 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। लोगों को भी पता रहेगा कि लेखपाल कब तहसील ऑफिस में बैठते हैं? तभी वो संबंधित कार्य दिवस पर जाकर उनसे संपर्क कर सकेंगे। मूल काम को छोड़ सारे काम करते हैं लेखपाल
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ का आरोप है कि सरकार उनसे लेखपाल के मूल काम को छोड़कर सभी काम करा रही है। लेखपालों को ज्यादातर समय दूसरे विभागों के काम में ही व्यस्त रखा जाता है। किसान सम्मान निधि के सत्यापन, किसान की रजिस्ट्री के सत्यापन, केवाईसी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन की जांच, सीएम जनता दर्शन, जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य स्थानों से आने वाली शिकायतें भी लेखपाल के पास ही भेजी जाती हैं। बिना डिवाइस कैसे करें ऑनलाइन काम सरकार ने लेखपालों से जुड़े ज्यादातर काम ऑनलाइन कर दिए हैं। लेकिन, उन्हें न तो स्मार्टफोन दिया गया है और न ही टैबलेट या लेपटॉप ही दिया गया है। 2019 में जो स्मार्टफोन दिए गए थे, वो खराब हो गए हैं। लेखपालों ने उन्हें वापस तहसील में जमा करा दिया है। जरूरत 58 हजार की, काम कर रहे 22 हजार
राजस्व परिषद की ओर से बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें प्रदेश में लेखपाल के 58 हजार पदों की जरूरत बताई। वर्तमान में 30,837 लेखपाल के पद हैं। इनमें से 22 हजार लेखपाल कार्यरत हैं। 22 हजार में से 8500 लेखपाल फिलहाल ट्रेनिंग ले रहे हैं। 4500 लेखपाल तहसील और राजस्व विभाग के विभिन्न दफ्तरों में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस तरह वर्तमान में केवल 9 हजार लेखपाल ही कार्यरत हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… बृजभूषण अब क्या करेंगे, क्या BJP से अलग राह चुनेंगे?, सबसे बड़े संकट से बाहर आए, कहा- जो मेरा था, वो मुझसे कोई छीन नहीं सका भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया गया। यह फैसला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 मई को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में दिया। बृजभूषण के खिलाफ दर्ज 5 महिला पहलवानों का प्रकरण अभी लंबित है। पॉस्को एक्ट में बरी होने के बाद बृजभूषण का अयोध्या और नंदिनी नगर में उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर