शाहजहांपुर में 103 साल के बुजुर्ग को 16 महीने बाद जमानत मिली। वह बुधवार को जेल से बाहर आए। बुजुर्ग ने कहा- कोई भी बेटे अपने मां-बाप के साथ ऐसा व्यवहार न करें। मेरे बेटों ने मेरे साथ गलत किया। भगवान ऐसे बेटे किसी को न दें। दरअसल, 2018 से बुजुर्ग की 5 एकड़ जमीन पर मुकदमा चल रहा है। उन्होंने वह जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी। इस बात से बेटे नाराज हो गए। जमीन के मुकदमे को लेकर बेटों ने पिता को गुमराह किया। उनसे कहा कि मामला खत्म हो गया और खुद पेशी पर जाते हैं। कोर्ट से पिता के नाम वारंट कटा और उन्हें जेल जाना पड़ा। सहयोग संस्था के अधिकारी 4 महीने से बुजुर्ग की जमानत की पैरवी कर रहे थे। लेकिन बेटे जमानत में अड़चन लगा देते हैं। बुधवार को उन्हें कोर्ट से जमानत मिली। अब बुजुर्ग के रहने और खाने पीने की व्यवस्था भी सहयोग संस्था की ओर से किया जाएगा। पहले देखिए 2 तस्वीरें… अब पढ़िए पूरा मामला… जमीन को लेकर पुवायां थाने में 2018 में एक FIR दर्ज हुई। जिसमे थाना बंडा क्षेत्र के बसंतपुर निवासी 103 साल के गुरमीत सिंह और उनके दो बेटे कमलजीत और हरप्रीत सिंह के आरोपी थे। यह FIR 452, 307, 323, 324,504,506 में दर्ज हुई थी। गुरमीत के पास कुल 10 एकड़ जमीन थी। उन्होंने अपनी 5 एकड़ जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी। दोनों बेटों ने पिता के खिलाफ षडयंत्र रचा। उन्हें बताया कि जमीन को लेकर चल रहा मुकदमा खत्म हो गया है। दोनों खुद पेशी पर जाते रहे। इसके बाद कोर्ट से गुरमीत के खिलाफ वारंट जारी हुआ। पुलिस ने 103 साल के बुजुर्ग को जेल भेज दिया। दोनों बेटे उनसे मिलने के लिए जेल भी नहीं आए। करीब 4 महीने पहले सहयोग संस्था के संरक्षक शाहनवाज खां जेल में कंबल बांटने गए थे। उनकी नजर बुजुर्ग कैदी पर पड़ी। तब उन्हें बुजुर्ग की कहानी के बारे में पता चला। तब शाहनवाज ने बुजुर्ग की जमानत कराने से लेकर जीवनयापन तक की जिम्मेदारी उठाई। पहली तारीख पर ही मिल गई थी जमानत
बुजुर्ग के वकील जीतेंद्र सिंह ने बताया- उन्होंने जब जमानत के लिए अर्जी लगाई तो बुजुर्ग के बेटों ने कई अड़चनें लगाईं। पहली तारीख पर जमानत हो गई थी, लेकिन बेटों के अड़चन के कारण 4 महीने से ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा। अब आखिरकार कोर्ट से जमानत मिली और बुजुर्ग को रिहा किया गया। जेल भेजने में बेटों की अहम भूमिका रही है। जेल में बुजुर्ग कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट
बुजुर्ग गुरमीत सिंह ने बताया- मुझे कुछ नहीं पता था। एक दिन वारंट आया और पुलिस ने मुझे जेल भेज दिया। बेटे कुछ गलत करते थे, हम उनको रोकते थे। इसलिए हमें जेल भेजवा दिया। उन्होंने सहयोग संस्था का आभार जताया। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने कहा- कैदी अगर बुजुर्ग है तो जेल में उसका खास ध्यान रखा जाता है। सहयोग संस्था ने जमानत में अहम भूमिका निभाई है। एक साल चार महीने के बाद उनको जमानत मिली है। उनके बेटे नशा करते हैं और गलत लोगों के साथ उनका उठना-बैठना है। ————————– ये खबर भी पढ़ें…. यूपी में होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंका:10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदला, संभल-शाहजहांपुर में हाई अलर्ट इस बार होली 64 साल बाद रमजान के जुमे के दिन है। इससे पहले 1961 में 4 मार्च को होली और रमजान का शुक्रवार (जुमा) साथ-साथ था। रंग में भंग न पड़ जाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन अलर्ट है। प्रदेश के 10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदल दिया गया है। पढे़ं पूरी खबर… शाहजहांपुर में 103 साल के बुजुर्ग को 16 महीने बाद जमानत मिली। वह बुधवार को जेल से बाहर आए। बुजुर्ग ने कहा- कोई भी बेटे अपने मां-बाप के साथ ऐसा व्यवहार न करें। मेरे बेटों ने मेरे साथ गलत किया। भगवान ऐसे बेटे किसी को न दें। दरअसल, 2018 से बुजुर्ग की 5 एकड़ जमीन पर मुकदमा चल रहा है। उन्होंने वह जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी। इस बात से बेटे नाराज हो गए। जमीन के मुकदमे को लेकर बेटों ने पिता को गुमराह किया। उनसे कहा कि मामला खत्म हो गया और खुद पेशी पर जाते हैं। कोर्ट से पिता के नाम वारंट कटा और उन्हें जेल जाना पड़ा। सहयोग संस्था के अधिकारी 4 महीने से बुजुर्ग की जमानत की पैरवी कर रहे थे। लेकिन बेटे जमानत में अड़चन लगा देते हैं। बुधवार को उन्हें कोर्ट से जमानत मिली। अब बुजुर्ग के रहने और खाने पीने की व्यवस्था भी सहयोग संस्था की ओर से किया जाएगा। पहले देखिए 2 तस्वीरें… अब पढ़िए पूरा मामला… जमीन को लेकर पुवायां थाने में 2018 में एक FIR दर्ज हुई। जिसमे थाना बंडा क्षेत्र के बसंतपुर निवासी 103 साल के गुरमीत सिंह और उनके दो बेटे कमलजीत और हरप्रीत सिंह के आरोपी थे। यह FIR 452, 307, 323, 324,504,506 में दर्ज हुई थी। गुरमीत के पास कुल 10 एकड़ जमीन थी। उन्होंने अपनी 5 एकड़ जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी। दोनों बेटों ने पिता के खिलाफ षडयंत्र रचा। उन्हें बताया कि जमीन को लेकर चल रहा मुकदमा खत्म हो गया है। दोनों खुद पेशी पर जाते रहे। इसके बाद कोर्ट से गुरमीत के खिलाफ वारंट जारी हुआ। पुलिस ने 103 साल के बुजुर्ग को जेल भेज दिया। दोनों बेटे उनसे मिलने के लिए जेल भी नहीं आए। करीब 4 महीने पहले सहयोग संस्था के संरक्षक शाहनवाज खां जेल में कंबल बांटने गए थे। उनकी नजर बुजुर्ग कैदी पर पड़ी। तब उन्हें बुजुर्ग की कहानी के बारे में पता चला। तब शाहनवाज ने बुजुर्ग की जमानत कराने से लेकर जीवनयापन तक की जिम्मेदारी उठाई। पहली तारीख पर ही मिल गई थी जमानत
बुजुर्ग के वकील जीतेंद्र सिंह ने बताया- उन्होंने जब जमानत के लिए अर्जी लगाई तो बुजुर्ग के बेटों ने कई अड़चनें लगाईं। पहली तारीख पर जमानत हो गई थी, लेकिन बेटों के अड़चन के कारण 4 महीने से ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा। अब आखिरकार कोर्ट से जमानत मिली और बुजुर्ग को रिहा किया गया। जेल भेजने में बेटों की अहम भूमिका रही है। जेल में बुजुर्ग कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट
बुजुर्ग गुरमीत सिंह ने बताया- मुझे कुछ नहीं पता था। एक दिन वारंट आया और पुलिस ने मुझे जेल भेज दिया। बेटे कुछ गलत करते थे, हम उनको रोकते थे। इसलिए हमें जेल भेजवा दिया। उन्होंने सहयोग संस्था का आभार जताया। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने कहा- कैदी अगर बुजुर्ग है तो जेल में उसका खास ध्यान रखा जाता है। सहयोग संस्था ने जमानत में अहम भूमिका निभाई है। एक साल चार महीने के बाद उनको जमानत मिली है। उनके बेटे नशा करते हैं और गलत लोगों के साथ उनका उठना-बैठना है। ————————– ये खबर भी पढ़ें…. यूपी में होली से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढंका:10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदला, संभल-शाहजहांपुर में हाई अलर्ट इस बार होली 64 साल बाद रमजान के जुमे के दिन है। इससे पहले 1961 में 4 मार्च को होली और रमजान का शुक्रवार (जुमा) साथ-साथ था। रंग में भंग न पड़ जाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन अलर्ट है। प्रदेश के 10 जिलों में जुमे की नमाज का वक्त बदल दिया गया है। पढे़ं पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
16 महीने बाद 103 साल के बुजुर्ग की रिहाई:शाहजहांपुर में गुरुद्वारे को 5 एकड़ जमीन दी, बेटों ने जेल भेजवाया
