यूपी के 6-पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री दिलाने वाले एनकाउंटर की कहानी:उमेश को मारकर 48 दिन से फरार थे असद-गुलाम; 30 मिनट में हुई 49 राउंड फायरिंग

यूपी के 6-पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री दिलाने वाले एनकाउंटर की कहानी:उमेश को मारकर 48 दिन से फरार थे असद-गुलाम; 30 मिनट में हुई 49 राउंड फायरिंग

तारीख- 13 अप्रैल, 2023। जगह- झांसी। सुबह के 11.30 बज रहे थे। पारीछा बांध के मोड़ से करीब 100 मीटर दूर एक बाइक का पीछा UP STF कर रही थी। सरेंडर कर दो…सरेंडर कर दो… कहते हुए चेतावनी बार-बार दी जा रही थी। लेकिन, बाइक की स्पीड बढ़ती जा रही थी। तभी कच्चे रास्ते पर बाइक स्लिप खाकर गिर पड़ती है। दोनों बदमाश आड़ लेकर फायरिंग शुरू कर देते हैं। 30 मिनट में 48 राउंड गोलियां चलती हैं। STF की गोली से दोनों बदमाश ढेर हो जाते हैं। मारे गए बदमाशों में एक माफिया अतीक अहमद का बेटा असद था, तो दूसरा शूटर गुलाम मोहम्मद। दोनों प्रयागराज के उमेश पाल मर्डर केस में वांटेड थे। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था। 1 साल 4 महीने पहले हुए इस एनकाउंटर को लीड करने वाले 6 पुलिसकर्मियों को आज गैलेंट्री अवॉर्ड दिया जा रहा है। इनमें यूपी STF के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार और विमल कुमार सिंह का नाम सबसे ऊपर है। पहले असद और गुलाम को एनकाउंटर करने वाले पुलिसवालों को जानिए… अब आपको सिलसिलेवार इस एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी पढ़वाते हैं…
24 फरवरी को उमेश पाल के मर्डर के बाद से ही असद और गुलाम मोहम्मद फरार थे। STF 48 दिन से लगातार इन्हें ट्रेस कर रही थी। यूपी पुलिस की टीमों ने 8 राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया। नेपाल और थाईलैंड में भी टीमें पहुंच गईं। अचानक STF डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल को टिप मिलती है। 12 अप्रैल की रात गुड्‌डू मुस्लिम के झांसी के पारीछा में छिपे होने की सूचना मिली। सोर्स ने बताया कि वह पारीछा में सतीश पांडेय नाम के शख्स के घर में छिपा है। पहले भी गुड्‌डू मुस्लिम यहां रह चुका था। STF की दबिश से पहले ही गुड्‌डू वहां से निकल गया। यह STF के लिए मायूस करने वाला मौका था, मगर अचानक एक और टिप मिलती है कि असद और मोहम्मद गुलाम झांसी के आस-पास मौजूद हैं। उस दिन अतीक को इसी इलाके से सटे झांसी हाईवे के जरिए अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। पुलिस के पास ये इनपुट था कि दोनों अतीक को छुड़ाने के फिराक में हैं। डिप्टी SP नवेंदु कुमार अपनी टीम के साथ 2 गाड़ियों में झांसी के आसपास एक्टिव हो गए। STF ने अपने सारे सोर्स एक्टिवेट कर दिए। STF के सोर्स ने असद और गुलाम की पहली लोकेशन चिरगांव के पास होने की जानकारी दी। कन्फर्म होने के बाद डिप्टी SP नवेंदु कुमार की टीम तुरंत चिरगांव पहुंच गई, लेकिन तब तक दोनों वहां से निकल गए। चिरगांव में मुखबिर ने बताया कि असद और गुलाम बाइक से पारीछा की तरफ गए हैं। बाइक की प्लेट पर नंबर नहीं लिखे थे। मुखबिर ने बताया कि असद सफेद रंग का पठानी सूट पहने हुए है और उसने काली टोपी लगाई है, जबकि गुलाम लोअर और डार्क ग्रीन हाफ टी शर्ट पहने है और सिर पर रूमाल बांधे है। इतनी इन्फॉर्मेशन से STF के पास इस बात की सूचना पुख्ता हो गई कि भागने वाले शख्स असद और गुलाम ही हैं। इसके बाद नवेंदु कुमार और विमल कुमार ने चिरगांव से पारीछा की तरफ जाने वाले हाईवे पर ट्रेसिंग शुरू की। सुबह करीब 11:30 बजे पारीछा बांध के मोड़ से करीब 100 मीटर पहले बाइक नजर आई। STF ने असद और गुलाम को स्कॉर्पियो SUV से ओवरटेक करने की कोशिश की। दोनों समझ गए कि उसमें पुलिस है और उन्होंने बाइक की स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद उन्होंने बाइक कच्चे रास्ते पर दौड़ा दी। STF के मुताबिक दोनों बदमाशों को बार-बार सरेंडर करने की चेतावनी दी गई, लेकिन दोनों कच्चे रास्ते पर करीब डेढ़-दो किमी तक बाइक दौड़ाते रहे। उसी समय विमल कुमार सिंह की टीम ने उन्हें सामने से घेर लिया। तभी असद और गुलाम की बाइक स्लिप होकर कच्चे रास्ते से नीचे गिर गई। इसके बाद दोनों ने उठकर जमीनी आड़ लेकर विदेशी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब 30 मिनट चली मुठभेड़, 49 राउंड फायरिंग हुई
असद और गुलाम की तरफ से गोलीबारी के बाद STF ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की। कुछ जवान गाड़ी से उतरकर पेड़ की ओट में छिप गए। करीब 30 मिनट तक दोनों तरफ से रुक-रुककर फायरिंग हुई। नवेंदु कुमार ने अपनी पिस्टल से 2 फायर और विमल कुमार सिंह समेत टीम ने अपनी-अपनी पिस्टल से एक-एक फायर किए। थोड़ी देर में बदमाशों की तरफ से फायरिंग बंद हो गई। कुछ देर इंतजार के बाद STF ने पास जाकर देखा तो असद और गुलाम दोनों पड़े थे। दोनों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 112 पर 12:52 बजे और एम्बुलेंस के लिए 12.55 पर फोन किया गया। दोनों को अस्पताल तक लेकर टीम पहुंची। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद एनकाउंटर स्पॉट के एरिया को सील किया गया। वहां फोरेंसिक टीम ने जांच की। असद के पास से ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर और गुलाम के पास वाल्थर पी-88 पिस्टल मिली। यह भी पढ़ें:- सुल्तानपुर में 2-2 बच्चों की मां की करा दी शादी:मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह….महिला दलाल फरार, गांव की औरतों को देती थी पैसे का लालच ​​​​​सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां 1, 2 नहीं, बल्कि 24 महिलाओं शादी हुई थीं। जिसमें से 10 शादीशुदा हैं और 2-2 बच्चों की मां हैं। फर्जीवाड़े की मास्टरमांइड एक महिला मनरेगा मेट है। वह गांव की महिलाओं को पैसे का लालच देकर फर्जी शादी करवाती थी। 35 हजार मिलने पर 10 हजार खुद रख लेती थी। मामला सामने आया तो अफसरों की नींद उड़ गई। पढ़ें पूरी खबर… तारीख- 13 अप्रैल, 2023। जगह- झांसी। सुबह के 11.30 बज रहे थे। पारीछा बांध के मोड़ से करीब 100 मीटर दूर एक बाइक का पीछा UP STF कर रही थी। सरेंडर कर दो…सरेंडर कर दो… कहते हुए चेतावनी बार-बार दी जा रही थी। लेकिन, बाइक की स्पीड बढ़ती जा रही थी। तभी कच्चे रास्ते पर बाइक स्लिप खाकर गिर पड़ती है। दोनों बदमाश आड़ लेकर फायरिंग शुरू कर देते हैं। 30 मिनट में 48 राउंड गोलियां चलती हैं। STF की गोली से दोनों बदमाश ढेर हो जाते हैं। मारे गए बदमाशों में एक माफिया अतीक अहमद का बेटा असद था, तो दूसरा शूटर गुलाम मोहम्मद। दोनों प्रयागराज के उमेश पाल मर्डर केस में वांटेड थे। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था। 1 साल 4 महीने पहले हुए इस एनकाउंटर को लीड करने वाले 6 पुलिसकर्मियों को आज गैलेंट्री अवॉर्ड दिया जा रहा है। इनमें यूपी STF के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार और विमल कुमार सिंह का नाम सबसे ऊपर है। पहले असद और गुलाम को एनकाउंटर करने वाले पुलिसवालों को जानिए… अब आपको सिलसिलेवार इस एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी पढ़वाते हैं…
24 फरवरी को उमेश पाल के मर्डर के बाद से ही असद और गुलाम मोहम्मद फरार थे। STF 48 दिन से लगातार इन्हें ट्रेस कर रही थी। यूपी पुलिस की टीमों ने 8 राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया। नेपाल और थाईलैंड में भी टीमें पहुंच गईं। अचानक STF डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल को टिप मिलती है। 12 अप्रैल की रात गुड्‌डू मुस्लिम के झांसी के पारीछा में छिपे होने की सूचना मिली। सोर्स ने बताया कि वह पारीछा में सतीश पांडेय नाम के शख्स के घर में छिपा है। पहले भी गुड्‌डू मुस्लिम यहां रह चुका था। STF की दबिश से पहले ही गुड्‌डू वहां से निकल गया। यह STF के लिए मायूस करने वाला मौका था, मगर अचानक एक और टिप मिलती है कि असद और मोहम्मद गुलाम झांसी के आस-पास मौजूद हैं। उस दिन अतीक को इसी इलाके से सटे झांसी हाईवे के जरिए अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। पुलिस के पास ये इनपुट था कि दोनों अतीक को छुड़ाने के फिराक में हैं। डिप्टी SP नवेंदु कुमार अपनी टीम के साथ 2 गाड़ियों में झांसी के आसपास एक्टिव हो गए। STF ने अपने सारे सोर्स एक्टिवेट कर दिए। STF के सोर्स ने असद और गुलाम की पहली लोकेशन चिरगांव के पास होने की जानकारी दी। कन्फर्म होने के बाद डिप्टी SP नवेंदु कुमार की टीम तुरंत चिरगांव पहुंच गई, लेकिन तब तक दोनों वहां से निकल गए। चिरगांव में मुखबिर ने बताया कि असद और गुलाम बाइक से पारीछा की तरफ गए हैं। बाइक की प्लेट पर नंबर नहीं लिखे थे। मुखबिर ने बताया कि असद सफेद रंग का पठानी सूट पहने हुए है और उसने काली टोपी लगाई है, जबकि गुलाम लोअर और डार्क ग्रीन हाफ टी शर्ट पहने है और सिर पर रूमाल बांधे है। इतनी इन्फॉर्मेशन से STF के पास इस बात की सूचना पुख्ता हो गई कि भागने वाले शख्स असद और गुलाम ही हैं। इसके बाद नवेंदु कुमार और विमल कुमार ने चिरगांव से पारीछा की तरफ जाने वाले हाईवे पर ट्रेसिंग शुरू की। सुबह करीब 11:30 बजे पारीछा बांध के मोड़ से करीब 100 मीटर पहले बाइक नजर आई। STF ने असद और गुलाम को स्कॉर्पियो SUV से ओवरटेक करने की कोशिश की। दोनों समझ गए कि उसमें पुलिस है और उन्होंने बाइक की स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद उन्होंने बाइक कच्चे रास्ते पर दौड़ा दी। STF के मुताबिक दोनों बदमाशों को बार-बार सरेंडर करने की चेतावनी दी गई, लेकिन दोनों कच्चे रास्ते पर करीब डेढ़-दो किमी तक बाइक दौड़ाते रहे। उसी समय विमल कुमार सिंह की टीम ने उन्हें सामने से घेर लिया। तभी असद और गुलाम की बाइक स्लिप होकर कच्चे रास्ते से नीचे गिर गई। इसके बाद दोनों ने उठकर जमीनी आड़ लेकर विदेशी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब 30 मिनट चली मुठभेड़, 49 राउंड फायरिंग हुई
असद और गुलाम की तरफ से गोलीबारी के बाद STF ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की। कुछ जवान गाड़ी से उतरकर पेड़ की ओट में छिप गए। करीब 30 मिनट तक दोनों तरफ से रुक-रुककर फायरिंग हुई। नवेंदु कुमार ने अपनी पिस्टल से 2 फायर और विमल कुमार सिंह समेत टीम ने अपनी-अपनी पिस्टल से एक-एक फायर किए। थोड़ी देर में बदमाशों की तरफ से फायरिंग बंद हो गई। कुछ देर इंतजार के बाद STF ने पास जाकर देखा तो असद और गुलाम दोनों पड़े थे। दोनों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 112 पर 12:52 बजे और एम्बुलेंस के लिए 12.55 पर फोन किया गया। दोनों को अस्पताल तक लेकर टीम पहुंची। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद एनकाउंटर स्पॉट के एरिया को सील किया गया। वहां फोरेंसिक टीम ने जांच की। असद के पास से ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर और गुलाम के पास वाल्थर पी-88 पिस्टल मिली। यह भी पढ़ें:- सुल्तानपुर में 2-2 बच्चों की मां की करा दी शादी:मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह….महिला दलाल फरार, गांव की औरतों को देती थी पैसे का लालच ​​​​​सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां 1, 2 नहीं, बल्कि 24 महिलाओं शादी हुई थीं। जिसमें से 10 शादीशुदा हैं और 2-2 बच्चों की मां हैं। फर्जीवाड़े की मास्टरमांइड एक महिला मनरेगा मेट है। वह गांव की महिलाओं को पैसे का लालच देकर फर्जी शादी करवाती थी। 35 हजार मिलने पर 10 हजार खुद रख लेती थी। मामला सामने आया तो अफसरों की नींद उड़ गई। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर