वाराणसी का उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) आज छावनी में तब्दील है। कॉलेज परिसर में मौजूद मजार के पास आज हिंदू छात्र हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे थे। छात्रों को रोकने के लिए पुलिस और PAC के करीब 300 जवान पहुंच गए। फोर्स ने छात्रों को हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका तो कैंपस में ही करीब 300 छात्रों ने जुलूस निकाल दिया। दरअसल, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए कॉलेज की जमीन को अपनी संपत्ति बताई थी। छात्रों ने इसका विरोध करते हुए सोमवार को वक्फ बोर्ड का पुतला फूंका। आज मंगलवार को कॉलेज परिसर में मौजूद मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था। छात्रों ने एंट्री गेट पर बैरिकेडिंग तोड़ी
छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में अचानक से बढ़ी धार्मिक गतिविधियों से यहां पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है। हम सब इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज कॉलेज के एंट्री गेट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। बैरिकेडिंग तोड़कर छात्र कॉलेज में घुस गए। जहां जुलूस निकालते हुए छात्र पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर दी। पहले 3 तस्वीरें देखिए, फिर कॉलेज और वक्फ बोर्ड के बारे में बताते हैं… जुमे के दिन 500 नमाजी पहुंच गए थे
यूपी कॉलेज में शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए 500 से ज्यादा नमाजी कॉलेज परिसर में इकट्ठा हो गए। अमूमन यहां जुमे पर 20 से 25 लोग ही नमाज अदा करने आते थे। दरअसल, 4 दिन पहले CM योगी इस कॉलेज के 115वें स्थापना समारोह में आए थे। उन्होंने कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की। अचानक नमाजियों की संख्या बढ़ने से पुलिस हरकत में आ गई। सोमवार को छात्रों ने फूंका वक्फ बोर्ड का पुतला यूपी कॉलेज में वक्फ बोर्ड और कॉलेज मैनेजमेंट के बीच चल रहे विवाद में सोमवार को छात्र भी कूद गए। छात्रों ने सोमवार को जुलूस निकाला। उसके बाद जय श्रीराम का नारा लगाते हुए वक्फ बोर्ड का प्रतीकात्मक पुतला फूंककर विरोध जताया। छात्रों का कहना है कि जब तक फैसला नहीं हो जाता है, किसी को कैंपस में दाखिल नहीं होने देंगे। छात्रों ने ऐलान किया है कि हर मंगलवार को मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। जानिए कॉलेज कैंपस में नमाज से संबंध… कॉलेज परिसर में 3 बिस्वा जमीन पर मस्जिद
100 एकड़ में फैले यूपी कॉलेज में नवाब टोंक की मस्जिद व कचनार शाह की मजार है। यह सब करीब 3 बिस्वा में फैला हुआ है। यहां मुस्लिम नमाज अदा करने आते हैं। डिग्री कॉलेज में लाइब्रेरी के पास मौजूद मस्जिद में हर रोज 4 से 5 नमाजी पहुंचते रहे हैं। 2008 में नोटिस, जवाब न देने पर वक्फ की होगी संपत्ति
वाराणसी के भोजूबीर इलाके में रहने वाले वसीम अहमद ने साल 2008 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में लेटर लिखकर दावा किया कि कॉलेज परिसर की भूमि वक्फ की संपत्ति है, जिस पर कॉलेज प्रशासन ने कब्जा कर रखा है। इसी परिसर में नवाब टोंक की मस्जिद है। इस शिकायत के बाद यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज को 6 दिसंबर, 2018 को नोटिस जारी किया। नोटिस सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक की तरफ से जारी हुआ। इसमें कहा गया कि जवाब नहीं देने पर इस कॉलेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर रजिस्टर कर लिया जाएगा। नोटिस आते ही हड़कंप मचा, वक्फ बोर्ड से मांगी डीड
सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस 14 दिसंबर, 2018 को कॉलेज पहुंची। नोटिस मिलते ही कॉलेज प्रशासन से लेकर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में भी आक्रोश फैल गया। उस वक्त यूपी कालेज शिक्षा समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया। बताया कि वक्फ बोर्ड में गलत शिकायत दर्ज कराई गई है। कॉलेज का शैक्षणिक माहौल खराब करने की साजिश हुई है। किसी मानसिक विकृत शख्स ने वक्फ बोर्ड को गलत जानकारी दी है। बोर्ड के पास अगर जमीन से संबंधित कोई डीड है, तो उपलब्ध कराए, ताकि कॉलेज प्रशासन उसका जवाब दे सके। ट्रस्ट का गठन किया, कॉलेज बनाया
यूएन सिन्हा ने आगे बताया कि कॉलेज के संस्थापक राजर्षि जू देव ने 1909 में उदय प्रताप कालेज एंड हीवेट क्षत्रिय स्कूल इनडाउमेंट ट्रस्ट का गठन किया और यह कॉलेज बनाया। चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत ट्रस्ट का गठन किया गया। इसके एक साल बाद अन्य किसी का मालिकाना हक खुद ब खुद खत्म हो जाता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का कालेज की जमीन पर अपना दावा करना कानूनी रूप से गलत है। अब पढ़िए, अचानक 500 नमाजी कॉलेज कैंपस में क्यों पहुंचे… अचानक 6 साल पुराना लेटर वायरल हुआ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर, 2024 को वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के 115वें संस्थापना समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए थे। योगी ने कहा- उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा का द्वार खोलने वाले यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया जाएगा। कॉलेज प्रशासन एक सादे पेपर पर आवेदन कर दे, सरकार मान्यता दे देगी। उनके यहां से वापस जाने के बाद से ही अचानक वक्फ बोर्ड का वो लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यूपी कॉलेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था। इसके बाद जुमे की नमाज पढ़ने के लिए यहां 500 से ज्यादा लोग पहुंच गए। अमूमन जुमे पर 20 से 25 लोग ही पहुंचते थे। अब सिक्योरिटी एजेंसियों की नजर इस मामले में बनी है। 100 एकड़ में फैला है कॉलेज परिसर
वाराणसी के भोजूबीर इलाके में 100 एकड़ में उदय प्रताप कॉलेज का कैंपस है। इंटर तक छात्र-छात्राओं की यूपी इंटर कॉलेज और रानी मुरार बालिका इंटर कॉलेज में पढ़ाई अलग-अलग होती है। डिग्री कालेज के साथ ही पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर समेत अन्य शैक्षणिक कोर्स चलते हैं। करीब 15 हजार छात्र यहां पढ़ते हैं। कॉलेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड ने देश को कई ओलंपियन दिए हैं। हॉकी और बास्केट बॉल के साथ ही यूपी कॉलेज का कृषि विभाग अग्रणी भूमिका निभाता है। वाराणसी का उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) आज छावनी में तब्दील है। कॉलेज परिसर में मौजूद मजार के पास आज हिंदू छात्र हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे थे। छात्रों को रोकने के लिए पुलिस और PAC के करीब 300 जवान पहुंच गए। फोर्स ने छात्रों को हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका तो कैंपस में ही करीब 300 छात्रों ने जुलूस निकाल दिया। दरअसल, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए कॉलेज की जमीन को अपनी संपत्ति बताई थी। छात्रों ने इसका विरोध करते हुए सोमवार को वक्फ बोर्ड का पुतला फूंका। आज मंगलवार को कॉलेज परिसर में मौजूद मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था। छात्रों ने एंट्री गेट पर बैरिकेडिंग तोड़ी
छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में अचानक से बढ़ी धार्मिक गतिविधियों से यहां पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है। हम सब इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज कॉलेज के एंट्री गेट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। बैरिकेडिंग तोड़कर छात्र कॉलेज में घुस गए। जहां जुलूस निकालते हुए छात्र पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर दी। पहले 3 तस्वीरें देखिए, फिर कॉलेज और वक्फ बोर्ड के बारे में बताते हैं… जुमे के दिन 500 नमाजी पहुंच गए थे
यूपी कॉलेज में शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए 500 से ज्यादा नमाजी कॉलेज परिसर में इकट्ठा हो गए। अमूमन यहां जुमे पर 20 से 25 लोग ही नमाज अदा करने आते थे। दरअसल, 4 दिन पहले CM योगी इस कॉलेज के 115वें स्थापना समारोह में आए थे। उन्होंने कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की। अचानक नमाजियों की संख्या बढ़ने से पुलिस हरकत में आ गई। सोमवार को छात्रों ने फूंका वक्फ बोर्ड का पुतला यूपी कॉलेज में वक्फ बोर्ड और कॉलेज मैनेजमेंट के बीच चल रहे विवाद में सोमवार को छात्र भी कूद गए। छात्रों ने सोमवार को जुलूस निकाला। उसके बाद जय श्रीराम का नारा लगाते हुए वक्फ बोर्ड का प्रतीकात्मक पुतला फूंककर विरोध जताया। छात्रों का कहना है कि जब तक फैसला नहीं हो जाता है, किसी को कैंपस में दाखिल नहीं होने देंगे। छात्रों ने ऐलान किया है कि हर मंगलवार को मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। जानिए कॉलेज कैंपस में नमाज से संबंध… कॉलेज परिसर में 3 बिस्वा जमीन पर मस्जिद
100 एकड़ में फैले यूपी कॉलेज में नवाब टोंक की मस्जिद व कचनार शाह की मजार है। यह सब करीब 3 बिस्वा में फैला हुआ है। यहां मुस्लिम नमाज अदा करने आते हैं। डिग्री कॉलेज में लाइब्रेरी के पास मौजूद मस्जिद में हर रोज 4 से 5 नमाजी पहुंचते रहे हैं। 2008 में नोटिस, जवाब न देने पर वक्फ की होगी संपत्ति
वाराणसी के भोजूबीर इलाके में रहने वाले वसीम अहमद ने साल 2008 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में लेटर लिखकर दावा किया कि कॉलेज परिसर की भूमि वक्फ की संपत्ति है, जिस पर कॉलेज प्रशासन ने कब्जा कर रखा है। इसी परिसर में नवाब टोंक की मस्जिद है। इस शिकायत के बाद यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज को 6 दिसंबर, 2018 को नोटिस जारी किया। नोटिस सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक की तरफ से जारी हुआ। इसमें कहा गया कि जवाब नहीं देने पर इस कॉलेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर रजिस्टर कर लिया जाएगा। नोटिस आते ही हड़कंप मचा, वक्फ बोर्ड से मांगी डीड
सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस 14 दिसंबर, 2018 को कॉलेज पहुंची। नोटिस मिलते ही कॉलेज प्रशासन से लेकर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में भी आक्रोश फैल गया। उस वक्त यूपी कालेज शिक्षा समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया। बताया कि वक्फ बोर्ड में गलत शिकायत दर्ज कराई गई है। कॉलेज का शैक्षणिक माहौल खराब करने की साजिश हुई है। किसी मानसिक विकृत शख्स ने वक्फ बोर्ड को गलत जानकारी दी है। बोर्ड के पास अगर जमीन से संबंधित कोई डीड है, तो उपलब्ध कराए, ताकि कॉलेज प्रशासन उसका जवाब दे सके। ट्रस्ट का गठन किया, कॉलेज बनाया
यूएन सिन्हा ने आगे बताया कि कॉलेज के संस्थापक राजर्षि जू देव ने 1909 में उदय प्रताप कालेज एंड हीवेट क्षत्रिय स्कूल इनडाउमेंट ट्रस्ट का गठन किया और यह कॉलेज बनाया। चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत ट्रस्ट का गठन किया गया। इसके एक साल बाद अन्य किसी का मालिकाना हक खुद ब खुद खत्म हो जाता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का कालेज की जमीन पर अपना दावा करना कानूनी रूप से गलत है। अब पढ़िए, अचानक 500 नमाजी कॉलेज कैंपस में क्यों पहुंचे… अचानक 6 साल पुराना लेटर वायरल हुआ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर, 2024 को वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के 115वें संस्थापना समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए थे। योगी ने कहा- उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा का द्वार खोलने वाले यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया जाएगा। कॉलेज प्रशासन एक सादे पेपर पर आवेदन कर दे, सरकार मान्यता दे देगी। उनके यहां से वापस जाने के बाद से ही अचानक वक्फ बोर्ड का वो लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यूपी कॉलेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था। इसके बाद जुमे की नमाज पढ़ने के लिए यहां 500 से ज्यादा लोग पहुंच गए। अमूमन जुमे पर 20 से 25 लोग ही पहुंचते थे। अब सिक्योरिटी एजेंसियों की नजर इस मामले में बनी है। 100 एकड़ में फैला है कॉलेज परिसर
वाराणसी के भोजूबीर इलाके में 100 एकड़ में उदय प्रताप कॉलेज का कैंपस है। इंटर तक छात्र-छात्राओं की यूपी इंटर कॉलेज और रानी मुरार बालिका इंटर कॉलेज में पढ़ाई अलग-अलग होती है। डिग्री कालेज के साथ ही पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर समेत अन्य शैक्षणिक कोर्स चलते हैं। करीब 15 हजार छात्र यहां पढ़ते हैं। कॉलेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड ने देश को कई ओलंपियन दिए हैं। हॉकी और बास्केट बॉल के साथ ही यूपी कॉलेज का कृषि विभाग अग्रणी भूमिका निभाता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर