हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी होगा। इस सीट के लिए बीजेपी में कई नेता अपना दावा ठोक चुके हैं। इन सबके बीच अब एक और नया दावेदार जुड़ गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले डॉ बनवारी लाल भी इस सीट के लिए दावा ठोंकने लगे हैं। इसकी एक वजह यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी वाबल सीट से टिकट काट दी गई थी। पार्टी उन्हें राज्यसभा से टिकट देकर उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेगी। राज्यसभा की यह सीट SC कोटे से खाली हुई है। हालांकि इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कृष्ण लाल पंवार SC कोटे से राज्यसभा गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि SC कोटे से ही नेता राज्यसभा में भेजा जाएगा। हालांकि, भाजपा अभी चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव घोषणा की तारीख का इंतजार कर रही है। चुनाव का ये है शेड्यूल हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। 3 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 10 दिसंबर को नामांकन की लास्ट डेट है। वोटिंग उसी सूरत में होगी, जब दूसरा नामांकन आएगा। भाजपा की संख्या बल के हिसाब से जीत तय मानी जा रही है, कांग्रेस पिछले राज्यसभा उपचुनाव की तरह इस चुनाव से भी किनारा कर सकती है। यहां पढ़िए कौन नेता क्यों दावेदार… डॉ बनवारी लाल, पार्टी का बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा उपचुनाव के लिए डॉ बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माने जाने की तीन बड़ी वजहें हैं। पहली विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काट कर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। दूसरी पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। तीसरी वजह यह है कि वह पार्टी के दो केंद्रीय मंत्रियों के करीबी हैं। पहला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। ये दोनों नेता बनवारी लाल की पैरवी कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई, हरियाणा-राजस्थान के वोटरों में पकड़ पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे हैं। 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। 3 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों पर पकड़ है। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में पद है। ऐसे में इनके चेहरे पर पार्टी में विचार चल रहा है। सुनीता दुग्गल: पार्टी का बड़ा दलित चेहरा, टिकट कटी थी पार्टी का बड़ा दलित चेहरा है। सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दी। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मोहन लाल बड़ौली: खुद नहीं लड़े, पार्टी को जितवाया हरियाणा में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान है। इसके अलावा लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार को साथ लेकर अच्छा काम किया। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम करेंगे। बड़ौली कह चुके हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी वह उसे बखूबी निभाएंगे। संजय भाटिया: खट्टर के लिए सीट छोड़ी, संगठन में एक्टिव पंजाबी समुदाय से आते हैं। करनाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, वह दोनों चुनावों में संगठन के लिए काम करते रहे।हाल ही में नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले कार्यक्रम के मुख्य संयोजक की भूमिका भी निभा चुके हैं। लगातार उपेक्षा के बाद भी भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। सुदेश कटारिया: विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को एकजुट किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में दलित वोट के छिटकने के कारण पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी टीम के दलित फेस कटारिया को फील्ड में उतारा था। जिसके बाद उन्होंने सूबे की सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।चुनाव में परिणाम में अच्छे परिणाम भी रहे। इसके बाद यह पूरी संभावना है दलित चेहरे के रूप में कटारिया को राज्यसभा सीट का बीजेपी चेहरा बना दे। ये 2 जाट चेहरे भी ठोक रहे दावा इन 5 नाम के अलावा, 2 बड़े जाट चेहरे भी अपना दावा राज्यसभा के लिए ठोक रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल हैं। हालांकि ये दोनों बड़े जाट चेहरे विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों की दावेदारी में सबसे बड़ा पेंच यह है कि इसी साल खाली हुई एक राज्यसभा सीट से सुभाष बराला को पार्टी सांसद बना चुकी है। बराला भी जाट कम्युनिटी से आते हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी होगा। इस सीट के लिए बीजेपी में कई नेता अपना दावा ठोक चुके हैं। इन सबके बीच अब एक और नया दावेदार जुड़ गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले डॉ बनवारी लाल भी इस सीट के लिए दावा ठोंकने लगे हैं। इसकी एक वजह यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी वाबल सीट से टिकट काट दी गई थी। पार्टी उन्हें राज्यसभा से टिकट देकर उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेगी। राज्यसभा की यह सीट SC कोटे से खाली हुई है। हालांकि इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कृष्ण लाल पंवार SC कोटे से राज्यसभा गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि SC कोटे से ही नेता राज्यसभा में भेजा जाएगा। हालांकि, भाजपा अभी चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव घोषणा की तारीख का इंतजार कर रही है। चुनाव का ये है शेड्यूल हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। 3 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 10 दिसंबर को नामांकन की लास्ट डेट है। वोटिंग उसी सूरत में होगी, जब दूसरा नामांकन आएगा। भाजपा की संख्या बल के हिसाब से जीत तय मानी जा रही है, कांग्रेस पिछले राज्यसभा उपचुनाव की तरह इस चुनाव से भी किनारा कर सकती है। यहां पढ़िए कौन नेता क्यों दावेदार… डॉ बनवारी लाल, पार्टी का बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा उपचुनाव के लिए डॉ बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माने जाने की तीन बड़ी वजहें हैं। पहली विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काट कर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। दूसरी पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। तीसरी वजह यह है कि वह पार्टी के दो केंद्रीय मंत्रियों के करीबी हैं। पहला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। ये दोनों नेता बनवारी लाल की पैरवी कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई, हरियाणा-राजस्थान के वोटरों में पकड़ पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे हैं। 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। 3 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों पर पकड़ है। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में पद है। ऐसे में इनके चेहरे पर पार्टी में विचार चल रहा है। सुनीता दुग्गल: पार्टी का बड़ा दलित चेहरा, टिकट कटी थी पार्टी का बड़ा दलित चेहरा है। सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दी। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मोहन लाल बड़ौली: खुद नहीं लड़े, पार्टी को जितवाया हरियाणा में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान है। इसके अलावा लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार को साथ लेकर अच्छा काम किया। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम करेंगे। बड़ौली कह चुके हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी वह उसे बखूबी निभाएंगे। संजय भाटिया: खट्टर के लिए सीट छोड़ी, संगठन में एक्टिव पंजाबी समुदाय से आते हैं। करनाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, वह दोनों चुनावों में संगठन के लिए काम करते रहे।हाल ही में नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले कार्यक्रम के मुख्य संयोजक की भूमिका भी निभा चुके हैं। लगातार उपेक्षा के बाद भी भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। सुदेश कटारिया: विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को एकजुट किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में दलित वोट के छिटकने के कारण पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी टीम के दलित फेस कटारिया को फील्ड में उतारा था। जिसके बाद उन्होंने सूबे की सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।चुनाव में परिणाम में अच्छे परिणाम भी रहे। इसके बाद यह पूरी संभावना है दलित चेहरे के रूप में कटारिया को राज्यसभा सीट का बीजेपी चेहरा बना दे। ये 2 जाट चेहरे भी ठोक रहे दावा इन 5 नाम के अलावा, 2 बड़े जाट चेहरे भी अपना दावा राज्यसभा के लिए ठोक रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल हैं। हालांकि ये दोनों बड़े जाट चेहरे विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों की दावेदारी में सबसे बड़ा पेंच यह है कि इसी साल खाली हुई एक राज्यसभा सीट से सुभाष बराला को पार्टी सांसद बना चुकी है। बराला भी जाट कम्युनिटी से आते हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के पूर्व CM ओपी चौटाला का निधन:दिल का दौरा पड़ा, 89 साल की उम्र में गुरुग्राम के अस्पताल में ली अंतिम सांस
हरियाणा के पूर्व CM ओपी चौटाला का निधन:दिल का दौरा पड़ा, 89 साल की उम्र में गुरुग्राम के अस्पताल में ली अंतिम सांस हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। वे 89 साल के थे। शुक्रवार को वे गुरुग्राम में अपने घर पर थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद साढ़े 11 बजे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया। करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। आज शुक्रवार (20 दिसंबर) शाम तक उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा। जहां उसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं….
विनेश फोगाट ने पब्लिक हेल्थ SE को फोन लगाया:बोलीं- घरों में दरारें आ चुकीं, मकान गिर गए तो कहोगे बताया नहीं
विनेश फोगाट ने पब्लिक हेल्थ SE को फोन लगाया:बोलीं- घरों में दरारें आ चुकीं, मकान गिर गए तो कहोगे बताया नहीं हरियाणा में जुलाना से कांग्रेस MLA रेसलर विनेश फोगाट रविवार को जुलाना पहुंचीं। यहां वार्ड 5 में लोगों ने उन्हें बताया कि यहां वाटर सप्लाई की लाइन टूटी हुई है। लोगों के घरों की नींव में पानी जा रहा है। मकानों में दरारें आ गई हैं। यह सुनकर विनेश फोगाट ने पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (SE) को फोन लगा दिया। विनेश ने SE को कहा कि यहां आज ही किसी को भेजो। लोगों के घरों में दरारें आ गईं हैं। घर गिर जाएंगे तो बाद में कहोगे- बताया नहीं। विनेश फोगाट ने अधिकारी को कॉल कर क्या-क्या कहा…
विनेश फोगाट ने अधिकारी को कहा- मैं जुलाना में खड़ी हूं। यहां पर वाटर सप्लाई वाला पानी खोद रखा है। आपसे बात हुई, बता रहे हैं। आप बोल रहे हैं कि छुट्टी पर हैं। इस पर लोगों ने विनेश को बताया कि उनकी बात JE से हुई थी। विनेश ने अधिकारी को आगे कहा- यहां पर पानी घरों में जा रहा है। नीचे-नीचे जाकर अपनी जगह बना रहा है। अधिकारी ने किसी को भेजकर चेक कराने की बात कही। इस पर विनेश ने कहा- अभी भिजवा दो, घरों में दरारें आने लगी हैं। घर गिर जाएंगे, उसके बाद आप कहोगे कि बताया नहीं। लोग परेशान हो रहे हैं। विनेश ने कहा- CM को जनता ने वोट देकर बनाया, भेदभाव न करें विनेश फोगाट ने लोगों की समस्या सुनने के बाद कहा कि जुलाना कस्बे की गलियों की हालत गांवों से भी बदतर है। इस सरकार को लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। विनेश फोगाट ने कहा कि मुख्यमंत्री को भी जनता ने वोट देकर बनाया है। उन्हें निष्पक्ष जनता के काम करवाने चाहिए। विकास कार्य किसी के भी नाम पर हो, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जनता के काम होने चाहिए। समस्या का समाधान नहीं कर रहा
वार्ड के सुरेंद्र कुमार ने विधायक को बताया कि वे कई बार जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय गए। शनिवार और रविवार का हवाला देकर खाली हाथ लौटे लेकिन कोई समस्या का समाधान नहीं कर रहा। लाइन टूटी हुई है, इसलिए घरों में पानी घुस रहा है। जुलाना कस्बे के वार्ड 5 के निवासियों ने बताया कि करीब 2 साल से पेयजल किल्लत चल रही है। समस्या को लेकर उन्होंने अधिकारियों और विधायक तक से गुहार लगाई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब वार्ड के लोगों ने विधायक विनेश फोगाट से गुहार लगाई है। विनेश के गुमशुदा पोस्टर को लेकर हुआ था विवाद
एक महीने पहले विनेश फोगाट के गुमशुदा के पोस्टर वॉट्सऐप ग्रुपों में वायरल किए गए थे। इसमें लिखा था कि लापता विधायक की तलाश है। किसी को दिखे तो सूचना दें। दरअसल, हरियाणा विधानसभा का 4 दिवसीय सत्र 19 नवंबर तक चला। इस सेशन में पहली बार MLA बनीं विनेश फोगाट गैरहाजिर रहीं थीं। वह पहले वायनाड में प्रियंका गांधी का प्रचार करने गईं। फिर महाराष्ट्र में कांग्रेस का प्रचार किया। पोस्टर में कोई नाम-नंबर नहीं था, लेकिन कांग्रेस का आरोप था कि इसके पीछे भाजपा है। विनेश ने कहा था- मैं जिंदा हूं, इनको जीत हजम नहीं हो रही
गुमशुदगी के पोस्टर पर विनेश ने कहा था कि ये बहुत छोटी सोच है। अभी विधायक बने एक महीना हुआ। इतने में ही ये लोग गुमशुदा की तलाश करने लगे। इनको हजम नहीं हो रहा कि कोई लड़की जुलाना विधानसभा से पहली बार टिकट लेकर चुनाव जीत गई। मैं सबको बताना चाहती हूं कि मैं जुलाना में ही हूं। जिंदा हूं और कहीं गुमशुदा नहीं हूं। मैं अपनों के बीच रही हूं और अपनों के बीच ही रहेंगे।
भूपेंद्र हुड्डा बोले-BJP बौखलाहट में अपनों को बना रही निशाना:एग्जिट पोल छलावा; कांग्रेस जीत सकती है 10 सीटें, जल्द आएगी जिलाध्यक्षों की लिस्ट
भूपेंद्र हुड्डा बोले-BJP बौखलाहट में अपनों को बना रही निशाना:एग्जिट पोल छलावा; कांग्रेस जीत सकती है 10 सीटें, जल्द आएगी जिलाध्यक्षों की लिस्ट हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान का रुझान देखकर भाजपा बौखला गई है। भाजपा अब अपने ही लोगों को निशाना बना रही है। कांग्रेस में कहीं किसी ने कोई भितरघात नहीं किया, सभी ने मिल कर चुनाव लड़ा है। कांग्रेस का चुनाव तो जनता ही लड़ रही थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार को जींद के कंडेला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर चल रही थी। कांग्रेस सभी दस सीटें भी जीत सकती है। एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनने के सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सब छलावा है, वह जनता पर विश्वास करते हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्षों की लिस्ट जल्द कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं होने के सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि संगठन की तरफ से सूची पूरी तरह से तैयार है। लोकसभा चुनाव से पहले ही घोषणा होनी थी, लेकिन चुनाव में पूरा अमला व्यस्त हो गया। जल्द ही जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का मजबूत संगठन सबके सामने होगा। किसानों को नहीं पड़ेगी आंदोलन की जरूरत शनिवार को राकेश टिकैत द्वारा आंदोलन के लिए किसानों को तैयार करने के सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ेगा। एक ही झटके में किसानों की सभी मांग पूरी कर दी जाएगी। एमएसपी के लिए गारंटी कानून से लेकर किसानों के कर्जे माफ किए जाएंगे। दुष्यंत ने अपने स्वार्थ में परिवार को बांटा इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा उचाना हलके के गांव अलेवा में पहुंचे। यहां दुष्यंत चौटाला द्वारा दीपेंद्र हुड्डा को जितवाने के लिए कांग्रेस के दूसरे नेताओं की टिकट कटवाने के बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वे अपनी पार्टी को पहले देख ले। अपने स्वार्थ के लिए दुष्यंत चौटाला ने खुद के परिवार को ही कटवा (बांट) दिया। चुनाव में मुद्दों के लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि ये विफल सरकार है।