यूपी दिनभर में देखिए आज की 20 बड़ी खबरें। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें… यूपी दिनभर में देखिए आज की 20 बड़ी खबरें। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
स्टैनफोर्ड की ग्लोबल लिस्ट में लखनऊ के दिग्गजों का जलवा:KGMU के 11,IIM के 3 प्रोफेसर ने बनाई जगह; दुनिया में 33वें नंबर पर डॉ.एसजेएस फ्लोरा
स्टैनफोर्ड की ग्लोबल लिस्ट में लखनऊ के दिग्गजों का जलवा:KGMU के 11,IIM के 3 प्रोफेसर ने बनाई जगह; दुनिया में 33वें नंबर पर डॉ.एसजेएस फ्लोरा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की दुनिया के टॉप-2% साइंटिस्ट की लिस्ट में लखनऊ के कई नामी साइंटिस्ट, प्रोफेसर और डॉक्टरों के नाम हैं। राजधानी के बड़े वैज्ञानिक और नाइपर के पूर्व निदेशक डॉ.स्वर्णजीत सिंह फ्लोरा का भी नाम है। खास बात ये है कि टॉक्सिकोलॉजी के क्षेत्र में उन्हें देशभर में पहली रैंक हासिल हुई हैं। वहीं, दुनिया भर में वे 33वें स्थान पर हैं। KGMU से जुड़े 11 फैकल्टी मेंबर्स का लिस्ट में नाम है। इनमें न्यूरोलॉजी के डॉ. आरके गर्ग, डॉ. राजेश वर्मा, माइक्रोबायोलॉजी की डॉ.अमिता जैन, साइकोलॉजी के डॉ.सुजीत कर, डॉ.सूर्यकांत का नाम भी शामिल है। इसके अलावा IIM लखनऊ के प्रो.सुरेश जाखड़ समेत कुल 3 प्रोफेसर का नाम भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस लिस्ट में शामिल है। लगातार 4 साल से नाम, टॉक्सिकोलॉजी की दुनिया में दबदबा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) के पूर्व डायरेक्टर प्रो. स्वर्णजीत सिंह फ्लोरा ने टॉक्सिकोलॉजी के क्षेत्र में दुनियाभर में डंका बजाया है। लगातार 4 साल से उनका नाम दुनिया के टॉप 2% साइंटिस्ट की लिस्ट में है। इस बार भी उन्हें भारत में पहली रैंक मिली हैं। दुनिया भर में वे 33वें स्थान पर हैं। उन्होंने हेवी मेटल इंड्यूस्ड ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पर काम किया है। पिछले साल उन्हें दुनिया में 44वीं रैंक मिली थी। एक साल में 9 रैंक ऊपर पहुंच गए हैं। प्रो.फ्लोरा नाइपर मोहाली और रायबरेली के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उससे पहले कई सालों तक उन्होंने DRDO में रिसर्च की कमान संभाली थी। डॉ.आरके गर्ग लगातार 6 साल से टॉप पर
न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ.आरके गर्ग छठी बार इस सूची में शामिल हुए हैं। वो KGMU सहित लखनऊ के सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के बीच टॉप पर हैं। उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 28,178 हैं। सालभर में उन्हें 13 हजार से ज्यादा साइटेशन्स मिले हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में KGMU में शोध करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। नई तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शोध को बढ़ावा मिला है, यही कारण है कि अब क्वालिटी रिसर्च वर्क पर ज्यादा फोकस है।इससे संस्थान की पहचान दुनिया भर में और मजबूत हुई है। 4 साल से लिस्ट में डॉ.सुजीत कर का नाम
दुनिया के करीब साढ़े 3 लाख विशेषज्ञ साइंटिस्ट के बीच, KGMU के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. सुजीत कर का भी नाम है। उन्हें चौथी बार स्टैनफोर्ड की रैंकिंग में शामिल किया गया है। उन्होंने भी KGMU में रिसर्च को लेकर आए बदलाव को बेहद अहम बताया। ब्रेन स्ट्रोक के एक्सपर्ट डॉ.राजेश वर्मा भी शामिल
KGMU के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश वर्मा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। वो लगातार चौथे साल इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे। उनके रिसर्च पेपर्स को करीब 5 हजार से ज्यादा साइटेशन्स मिले हैं। डॉ.राजेश वर्मा डेंगू के कारण होने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के एक्सपर्ट हैं। उन्हें GB सिंड्रोम और ब्रेन स्ट्रोक के क्षेत्र में भी महारथ हासिल है। KGMU के इन दिग्गजों ने भी बनाई जगह
उनके साथ ही बाल रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी, पैथोलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त डॉ.यूसी चतुर्वेदी, डॉ.रश्मि कुमार व न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ.राजेश वर्मा का नाम शामिल है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो.सूर्यकांत भी सूची में शामिल है। सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के डॉ.शैलेंद्र सक्सेना, KGMU बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष रह चुके एरा मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अब्बास अली मेहंदी, डॉ.रमेश चन्द्र, डॉ.एके सिंह, दंत संकाय की स्व.डॉ दिव्या मेहरोत्रा भी सूची में शामिल हैं। दुनिया ने माना IIM लखनऊ के इन प्रोफेसर का लोहा
सप्लाई चेन मैनेजमेंट में महारथ हासिल करने वाले IIM लखनऊ के प्रोफेसर डॉ.सुरेश जाखड़ का नाम भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस लिस्ट में हैं। वो लगातार 4 साल से दुनिया में टॉप 2% रैंक हासिल करने में सफल रहे। डॉ. सुरेश जाखड़ को सप्लाई चेन मैनेजमेंट के क्षेत्र में महारथ हासिल है। दुनिया के अल्गोरिथम डिजाइनर और प्राइसिंग एक्सपर्ट उनकी मेधा का लोहा मानते हैं। इसके अलावा IIM लखनऊ के प्रो.समीर श्रीवास्तव और डॉ.चंदन शर्मा का भी इसमें नाम हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में माइक्रोबायोलॉजी की प्रो.अमिता जैन का नाम हैं। प्रो.जैन का नाम इस लिस्ट में चौथी बार आया हैं। उनके नाम माइक्रोबायोलॉजी के कई रिसर्च हैं। उनके अब तक 394 रिसर्च पेपर पब्लिश हैं। पिछले एक साल में 20 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हैं। लगातार 6 साल से स्टैनफोर्ड की लिस्ट में डॉ.शैली अवस्थी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्टिंग में KGMU के रिटायर्ड पीडियाट्रिक विशेषज्ञ डॉ.शैली अवस्थी का इस बार भी नाम रहा। उनके शोध के 18994 साइटेशन्स हुए हैं। डॉ. शैली अवस्थी ने बच्चों में होने वाले इंसेफेलाइटिस और ब्रेन फीवर के इलाज में महारथ हासिल की हैं। BBAU के 13 फैकल्टी का भी नाम
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 13 फैकल्टी का नाम स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में हैं। इनमें क्लीनिकल मेडिसिन के क्षेत्र में गौरव कैथवास, केमिस्ट्री के देवेश कुमार, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन के अभिषेक वर्मा, इंजीनियरिंग के मुकेश कुमार अवस्थी, इंजीनियरिंग के बीएस भदौरिया, इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन के दिलीप कुमार, एनबलिंग एंड स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी में बालचंद्र यादव और राजेश कुमार का नाम हैं। इसके अलावा प्रो.रामचंद्र और राम नरेश भार्गव को अर्थ साइंसेज के क्षेत्र में नाम हैं। आदित्य खाम्परिया और जय शंकर सिंह,नवीन अरोड़ा भी शामिल हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट क्यों हैं बेहद खास?
साल 2019 से हर साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया के टॉप 2% साइंटिस्ट और रिसर्चर की लिस्ट जारी करता है। कुल 174 कैटेगिरी जिनमें 22 साइंटिफिक कैटेगिरी शामिल हैं, की रैंक जारी की जाती हैं। पहले साल करीब दुनिया भर के 1 लाख 80 हजार से ज्यादा एक्सपर्ट्स का नाम इस लिस्ट में शामिल था। इस बार 3 लाख 90 हजार के करीब एक्सपर्ट को इस लिस्ट में जगह मिली हैं। पिछले साल भारत के करीब 3500 एक्सपर्ट्स को जगह मिली थी। इस बार ये संख्या 5 हजार तक होने की उम्मीद है। इनमें KGMU के कुल 11 प्रोफेसर सहित लखनऊ के कई एक्सपर्ट रिसर्चर का नाम हैं। ये खबर भी पढ़ें…
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में लखनऊ के साइंटिस्ट का नाम:लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स और केमिस्ट्री के 5 प्रोफेसर ने बनाई जगह अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की टॉप 2% ग्लोबल साइंटिस्ट की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 7 प्रोफेसर को शामिल किया गया है। इसमें 5 लखनऊ विश्वविद्यालय के और 2 गोरखपुर की मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हैं। लिस्ट में लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग से प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला,डॉ.सीआर गौतम, डॉ.रोली वर्मा, रसायन विज्ञान विभाग से प्रोफेसर अभिनव कुमार और डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें…
खन्ना में गर्मी से नेपाल के शख्स की मौत:भतीजे के साथ करता था काम, अचानक बेहोश होकर गिरा, 107 डिग्री बुखार था
खन्ना में गर्मी से नेपाल के शख्स की मौत:भतीजे के साथ करता था काम, अचानक बेहोश होकर गिरा, 107 डिग्री बुखार था पंजाब के खन्ना में एक व्यक्ति की गर्मी के चलते मौत हो गई। मृतक की पहचान 46 वर्षीय राम बहादुर के तौर पर हुई। वह मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था और खन्ना के अमलोह रोड पर अपने भतीजे के साथ फास्ट फूड की रेहड़ी पर काम करता था। सामान इकट्ठा करते समय दुकान के बाहर गिरा साहिल ने बताया कि वह करीब 12 सालों से अमलोह रोड पर गोंसी की खूही आश्रम के पास फास्ट फूड की रेहड़ी लगाता है। नजदीक ही उसका घर है। करीब दो महीने से उसका चाचा राम बहादुर यहां आकर रहने लगा था और उसके साथ ही काम में हाथ बंटाता था। रोजाना की तरह उसका चाचा बुधवार सुबह रेहड़ी लगाने की तैयारी में जुटा हुआ था। गर्मी ज्यादा होने के चलते राम बहादुर बेहोश होकर गिर गया। जब उसे सिविल अस्पताल लाया गया तो डाक्टर ने मृत घोषित किया। साहिल के अनुसार मौत की वजह गर्मी के चलते तबीयत खराब होना रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आएंगे असली कारण – डा. फ्रेंकी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डा. फ्रेंकी ने बताया कि जब मरीज को लाया गया तो उसका तुरंत इलाज शुरू किया गया। उसे 107 डिग्री बुखार था। इलाज के दौरान राम बहादुर की मौत हो गई। मौत की वजह क्या रही, इसका खुलासा अभी करना जल्दबाजी होगा। घटना की सूचना पुलिस को भी दे दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद जो रिपोर्ट आएगी, उसमें मौत के असली कारण सामने आएंगे। फिलहाल शव को मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया। पोस्टमार्टम वीरवार को होगा।
चंडीगढ़ ED ने जांच कर वसूली 185 करोड़ की संपत्ति:सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड पर कार्रवाई; SBI के सहयोगी बैंकों से ठगे 828.50 करोड़
चंडीगढ़ ED ने जांच कर वसूली 185 करोड़ की संपत्ति:सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड पर कार्रवाई; SBI के सहयोगी बैंकों से ठगे 828.50 करोड़ चंडीगढ़ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह को 185.13 करोड़ रुपए की संपत्तियों को लौटा दिया है। चंडीगढ़ ईडी द्वारा देर रात जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि चंडीगढ़ की दवा कंपनी सूर्या फार्मास्युटिकल लिमिटेड ने कथित तौर पर कर्ज धोखाधड़ी के जरिए जालसाजी की थी और कंपनी के निर्देशक राजीव गोयल और अलका गोयल द्वारा धोखाधड़ी कर करीब 828.50 करोड़ रुपए बैंक को नुकसान पहुंचाया। पीएमएलए नियमों के तहत निदेशालय की मंजूरी के बाद विशेष कोर्ट ने 25 अक्टूबर 2024 को एक बहाली आदेश जारी किया गया था। जिसमें कुर्क की गई संपत्तियों को पीएमएलए 2002 की धारा 8(7) के तहत आधिकारिक परिसमापक के माध्यम से उधार देने वाले बैंकों के संघ को वापस करने की अनुमति दी गई थी। सीबीआई नई दिल्ली द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान घोटाले का पता चला जांच के दौरान पता चला कि आरोपी कंपनी सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और उसके निदेशकों/प्रवर्तकों राजीव गोयल और अलका गोयल ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को 828.50 करोड़ रुपए को नुकसान पहुंचाया और आपराधिक गतिविधियों के जरिए खुद के लिए नाजायज लाभ प्राप्त किया। बैंक से इनलैंड लेटर ऑफ क्रेडिट (आईएलसी) जारी करने के लिए चालान, परिवहन विवरण, लॉरी रसीद आदि जैसे फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके लोन लिया था और बाद में सूर्या फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा समूह की कंपनियों और फर्जी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग करके गबन कर लिया गया। इस तरह ऋण देने वाले बैंकों को 828.50 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। धोखाधड़ी के बाद भारत से भागे दोनों मालिक धोखाधड़ी करने वाली कंपनी ने बैंक से विदेशी साख पत्र (एफएलसी) जारी करने के लिए जाली बिल ऑफ लैडिंग, आयात चालान और शिपिंग लाइन के दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया। सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने धोखाधड़ी से जारी किए गए अंतर्देशीय और विदेशी साख पत्रों से धन की राउंड-ट्रिपिंग के माध्यम से अपने बैंक खातों में पीओसी प्राप्त किया। अपराधों को करने के बाद राजीव गोयल और अलका गोयल भारत से भाग गए और उन्हें सीजेएम, यूटी, चंडीगढ़ की अदालत ने 10 जुलाई 2017 को एक आदेश में घोषित अपराधी घोषित कर दिया। गहन जांच के बाद ईडी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया। जिसमें 185.13 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति जब्त की गई। इसके बाद 4 अप्रैल 2024 को ईडी ने विशेष न्यायालय चंडीगढ़ के समक्ष अभियोजन शिकायत दायर की। कुर्क की गई संपत्तियों में जम्मू के सांबा में स्थित 80 कनाल भूमि पर एक इमारत, संयंत्र और मशीनरी, फर्नीचर और जुड़नार शामिल हैं।