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‘डिनर टेबल पर तय नहीं होता BJP अध्यक्ष’, हिमाचल में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कांग्रेस पर निशाना
‘डिनर टेबल पर तय नहीं होता BJP अध्यक्ष’, हिमाचल में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कांग्रेस पर निशाना <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Politics:</strong> बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में सभी 17 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है. यह सभी नियुक्तियां सर्वसम्मति से हुई हैं. जनवरी 2025 महीने के अंत तक हिमाचल बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के प्रभारी मंत्री केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हैं. डॉ. सिंह शुक्रवार (17 जनवरी) को शिमला में आयोजित संविधान गौरव अभियान के लिए पहुंचे. यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में सवाल किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉ. जितेंद्र सिंह का कांग्रेस पर निशाना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ संगठन के स्तर पर तय होता है. उन्होंने इस सवाल के उत्तर से पहले विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरह भारतीय जनता पार्टी में रसोई घर और डिनर टेबल पर अध्यक्षों के नाम तय नहीं होते हैं. नियमों के मुताबिक, 50 फीसदी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद राज्य अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिमाचल बीजेपी की 18 लाख से ज्यादा प्राइमरी मेंबरशिप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी ने इस बार अपनी संगठनात्मक रचना में बड़ा बदलाव भी किया है. पहले बीजेपी ने हिमाचल में मंडलों की संख्या 74 से बढ़कर 171 की गयी है. इसके साथ ही बूथ पर भी तीन सदस्यों की जगह 12 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया. पहले बूथ पर भाजपा त्रिदेव के रूप में बूथ अध्यक्ष, बूथ पालक और बूथ लेवल एजेंट बनाती थी. इनमें नौ नए सदस्यों को जोड़ा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>12 सदस्यों वाली इस समिति में अब त्रिदेव के साथ मन की बात प्रमुख, लाभार्थी प्रमुख, वरिष्ठ जन प्रमुख, युवा प्रमुख, महिला प्रमुख, सेवा प्रमुख और कार्यक्रम प्रमुख को भी जोड़ा गया है. हिमाचल प्रदेश में कुल 7 हजार 990 पोलिंग बूथ हैं. बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा प्राइमरी मेंबरशिप हासिल की है. इसके अलावा 27 हजार एक्टिव मेंबर भी बनाए गए हैं. बीजेपी में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी चुकी है. जल्द ही हिमाचल भाजपा को प्रदेश नया अध्यक्ष भी मिलने वाला है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें- <a title=”Kangana Ranaut: ‘भारत को 2014 में मिली आजादी’ वाले बयान पर अब क्या है कंगना रनौत का स्टैंड, शाहीन बाग का किया जिक्र” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/kangana-ranaut-stands-firm-on-2014-independence-claim-mentions-shaheen-bagh-movement-2864573″ target=”_self”>Kangana Ranaut: ‘भारत को 2014 में मिली आजादी’ वाले बयान पर अब क्या है कंगना रनौत का स्टैंड, शाहीन बाग का किया जिक्र</a></p>
‘मेरा ऑफिस आपसे संपर्क करेगा’, दिग्गज शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव के पोस्ट पर बोलीं CM आतिशी
‘मेरा ऑफिस आपसे संपर्क करेगा’, दिग्गज शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव के पोस्ट पर बोलीं CM आतिशी <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi CM Atishi To Tania Sachdev:</strong> भारत की दिग्गज शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव को पोस्ट पर मुख्यमंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया सामने आ गई है. सीएम ने कहा है कि वह उनसे मिलकर उनके सुझाव जानेंगी ताकि इस संबंध और भी जो करना जरूरी है वह किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री आतिशी ने X पर तानिया के पोस्ट के जवाब में लिखा, “हमने हमेशा अपने सभी एथलीटों, पुरुष और महिला खिलाड़ियों का समर्थन किया है, खासकर हमारे स्कूलों में. आपसे मिलकर यह समझना चाहूंगी कि विशेष रूप से शतरंज खिलाड़ियों के लिए और क्या किया जा सकता है. मेरा कार्यालय आपसे संपर्क करेगा और मैं आपके विचारों तथा सुझावों को सुनने के लिए उत्सुक हूं.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Hi Tania, we have always supported all our athletes, sportsmen and sportswomen, especially in our schools. Would love to meet you and understand what more can be done especially for chess players. My office will reach out to you and I am really looking forward to hearing your… <a href=”https://t.co/j9gECLcpuM”>https://t.co/j9gECLcpuM</a></p>
— Atishi (@AtishiAAP) <a href=”https://twitter.com/AtishiAAP/status/1871079174762312068?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 23, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का क्या आरोप?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महिला ग्रैंडमास्टर तानिया ने X पर अपने पोस्ट में अपनी उपलब्धियों को उजागर किया और बताया कि कैसे दिल्ली सरकार उनकी उपलब्धियों को पर्याप्त रूप से मान्यता देने में विफल रही है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को भी टैग किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली सरकार से मान्यता न मिलना निराशाजनक-तानिया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तानिया ने एक्स पर लिखा, “मैं 2008 से भारत के लिए खेल रही हूं. शतरंज में उपलब्धियों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता न दिया जाना निराशाजनक है. जो राज्य अपने चैंपियन का समर्थन करते हैं और उनका जश्न मनाते हैं, वे सीधे उत्कृष्टता को प्रेरित करते हैं और प्रतिभा को प्रेरित करते हैं. दुख की बात है कि दिल्ली ने अभी तक यह कदम नहीं उठाया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2024 शतरंज ओलंपियाड में गोल्ड विजेता टीम का रहीं हिस्सा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तानिया 2024 शतरंज ओलंपियाड में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम की सदस्य थीं, जिसमें हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली आर., दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल शामिल थीं. वह 2022 शतरंज ओलंपियाड में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थीं, जहां तानिया ने खुद एक व्यक्तिगत पदक जीता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “2022 शतरंज ओलंपियाड में मैं ऐतिहासिक टीम कांस्य और एक व्यक्तिगत पदक के साथ वापस आई. दो साल बाद 2024 में ऐतिहासिक शतरंज ओलंपिक स्वर्ण, और आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई स्वीकृति या मान्यता नहीं दी गई है. दिल्ली और भारत का गर्व के साथ प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति के रूप में, मुझे उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी, <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> मैडम और अरविन्द केजरीवाल सर अपने शतरंज एथलीटों का समर्थन करने के मूल्य को पहचानेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अर्जुन पुरस्कार विजेता तानिया दो बार की राष्ट्रीय चैंपियन और तीन बार राष्ट्रमंडल शतरंज चैंपियन रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”AAP सरकार की 14 CAG रिपोर्ट को लेकर गरमाई दिल्ली की सियासत, BJP ने किया HC का रुख” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-bjp-mla-moves-high-court-over-14-cag-report-on-aap-government-atishi-arvind-kejriwal-2848264″ target=”_self”>AAP सरकार की 14 CAG रिपोर्ट को लेकर गरमाई दिल्ली की सियासत, BJP ने किया HC का रुख</a></strong></p>
IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता की मां की हाईकोर्ट से गुहार:बेटी को 1 साल में 12 बार बुलाया, 8 बार जिरह में आई; पढ़ाई-परीक्षा पर असर
IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता की मां की हाईकोर्ट से गुहार:बेटी को 1 साल में 12 बार बुलाया, 8 बार जिरह में आई; पढ़ाई-परीक्षा पर असर वाराणसी IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में अब पीड़िता की मां सामने आई हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट में बेटी की जिरह टलने के बाद मां ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और वाराणसी जिला जज को ई-मेल भेजा। लिखा-बार-बार पेशी पर आने से बेटी पर मानसिक असर पड़ रहा है। बार-बार समन आते हैं। परिवार दबाव में है। मेरी बेटी के साथ जो दरिंदगी हुई, उसके तीनों आरोपियों को सजा की जगह जमानत मिल गई। वह लोग आराम से घर पर हैं। बेटी बेंगलुरु में इंटर्नशिप कर रही है। 31 जनवरी के बाद ही वाराणसी लौटेगी। बार-बार पेशी से परेशान हो चुकी है। हम ये लड़ाई सिर्फ न्याय के लिए लड़ रहे हैं। हमें आरोपियों को सजा दिलानी है। हम गवाही भी देंगे। मगर स्थितियों पर कोर्ट को विचार करना चाहिए। अब मां की बात विस्तार से पढ़िए… मां ने लिखा- आरोपियों की जमानत से बेटी पर गहरा असर
पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और वाराणसी के जिला जज को मेल में बताया कि मेरा परिवार बेंगलुरु में रहता है। देश के कानून के भरोसे अपनी 20 वर्षीय बेटी का दाखिला IIT-BHU वाराणसी में कराया था। 2 नवंबर, 2023 को मेरी बेटी के साथ दरिंदगी की गई। लंका थाने में केस दर्ज कराया गया, लेकिन आरोपी नहीं मिले। लगभग 2 महीने बाद 3 आरोपी कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और आनंद चौहान उर्फ अभिषेक चौहान को गिरफ्तार किया गया। गैंगरेप जैसी धाराओं में 6 महीने के अंदर ही आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई, जो कई सवाल खड़े करती हैं। इस जमानत के बाद मेरी बेटी पर गहरा असर पड़ा है। 8 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब
जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल हुआ। इस सुनवाई के दौरान उसने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया, इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक बेटी को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं चार बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी। अदालत के चक्कर में छूट गई परीक्षाएं और क्लास
मां ने बताया कि गैंगरेप के बाद बेटी पूरी तरह से टूट गई, तब परिवार और करीबियों ने उसे संभाला। बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना करना, उसके लिए मुश्किल भरा है। वह सुनवाई के दौरान नियमित पढ़ाई और क्लास छोड़ दीं, पढ़ाई पर वह फोकस नहीं कर पा रही थी। नवंबर और दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं भी बहुत बेहतर नहीं हुईं। गैंगरेप, कोर्ट केस का उस पर गहरा असर पड़ा। जिससे पढ़ाई, प्रोजेक्ट वर्क, इंटर्नशिप सत्र और सेमेस्टर परीक्षाएं प्रभावित हुई। वह अच्छा महसूस नहीं कर रही। अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही है। कोर्ट पीड़िता की परेशानियां समझे
मां ने अपने प्रार्थना पत्र के अगले पैरा में कोर्ट से भावनात्मक अपील भी की। लिखा- बलात्कार एक जघन्य अपराध है, इससे न केवल शारीरिक कष्ट होता है बल्कि पीड़ित को जिंदगी भर के लिए मानसिक आघात तक पहुंचता है। हर बार जब उसे जिरह के लिए बुलाया जा रहा है, तो उसे पूरे जघन्य अपराध की याद दिलाई जा रही है। कोर्ट में पुकार के बाद सुनवाई के दौरान बीते घटनाक्रम को दोहराया जाता है, अभियोजन के अलावा बचाव पक्ष के वकील उससे उसी अपराध के गहरे सवाल करते हैं और जवाब भी देना होता है। POCSO की तरह कोर्ट इस मामले में भी सीमाएं तय करे
लिखा- इस मामले पर कोर्ट तत्काल विचार करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई पीड़िता बार-बार अपमानित न हो। POCSO की तरह इस केस में भी कुछ सीमाएं निर्धारित होनी चाहिए। वयस्क लड़की के मामले में भी कई बार पीड़िता को अदालत में बुलाया जाना ठीक नहीं होगा, वर्चुअल पेशी उसे इससे बचाएगी। वर्चुअल पेशी की दी थी अनुमति
छात्रा ने कोर्ट में वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया था कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है। जज ने कोर्ट परिसर के विशेष वीटनेस रूम से वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी। तय किया कि पहले कमरे में चारों तरफ कैमरा घुमाकर कोर्ट यह देखेगा कि पीड़िता के अलावा उस कमरे में अन्य कोई व्यक्ति तो नहीं है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई
वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें लगा दीं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। अब गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनकर पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। —————————- ये भी पढ़ें :
वाराणसी कोर्ट में जिरह करने नहीं पहुंची IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता:पीड़िता के बेंगलुरु जाने से पहली वर्चुअल पेशी टली, आरोपियों की HC में अपील वाराणसी के IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में पीड़िता की आज पहली वर्चुअल पेशी टल गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने पीड़िता को बयान पर जिरह के लिए तलब किया था लेकिन पीड़िता नहीं पहुंची। पढ़िए पूरी खबर…