यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक नई शुरुआत की है। इस पॉडकास्ट को नाम दिया गया है बियांड द बैज। पहले पॉडकास्ट में लखनऊ सेंट्रल की डीसीपी रवीना त्यागी ने सीबीसीआईडी से हाल ही में रिटायर हुए डीजी एसएन साबत का इंटरव्यू लिया है। साबत ने अपने सेवाकाल और निजी जीवन के अनमोल अनुभवों, यादगार पलों और कार्यकाल के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनाई गयी तकनीकों तथा उपलब्धियों को साझा किया। डीजीपी के प्रवक्ता आरके गौतम ने बताया कि भविष्य के एपिसोड में रिटायर्ड एवं कार्यरत ऐसे पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों, जिनके असाधारण उपलब्धि हासिल करके उत्तर प्रदेश पुलिस का मान बढ़ाया हो, के जीवन के अनछुए व्यक्तिगत पहलुओं एवं सेवाकाल के अनुभव और यादगार पलों को पॉडकास्ट के माध्यम से प्रसारित किया जायेगा। इस पॉडकास्ट को यूपी पुलिस के यूट्यूब चैनल और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है। यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक नई शुरुआत की है। इस पॉडकास्ट को नाम दिया गया है बियांड द बैज। पहले पॉडकास्ट में लखनऊ सेंट्रल की डीसीपी रवीना त्यागी ने सीबीसीआईडी से हाल ही में रिटायर हुए डीजी एसएन साबत का इंटरव्यू लिया है। साबत ने अपने सेवाकाल और निजी जीवन के अनमोल अनुभवों, यादगार पलों और कार्यकाल के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनाई गयी तकनीकों तथा उपलब्धियों को साझा किया। डीजीपी के प्रवक्ता आरके गौतम ने बताया कि भविष्य के एपिसोड में रिटायर्ड एवं कार्यरत ऐसे पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों, जिनके असाधारण उपलब्धि हासिल करके उत्तर प्रदेश पुलिस का मान बढ़ाया हो, के जीवन के अनछुए व्यक्तिगत पहलुओं एवं सेवाकाल के अनुभव और यादगार पलों को पॉडकास्ट के माध्यम से प्रसारित किया जायेगा। इस पॉडकास्ट को यूपी पुलिस के यूट्यूब चैनल और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लखनऊ से दिल्ली तक फेक मार्कशीट का नेटवर्क:प्रमोशन के लिए फंसाता; डीलर तय करते डिग्री का दाम, डिप्टी CM से थी सेंटर उद्घाटन की प्लानिंग
लखनऊ से दिल्ली तक फेक मार्कशीट का नेटवर्क:प्रमोशन के लिए फंसाता; डीलर तय करते डिग्री का दाम, डिप्टी CM से थी सेंटर उद्घाटन की प्लानिंग लखनऊ के निशातगंज में फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र बनाने वाला गिरोह पकड़ा गया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल कंप्यूटर ऑपरेटर राम प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार किया, लेकिन सरगना अभी फरार है। गिरोह अब तक हजारों फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बेच चुका है। सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम ने गाजियाबाद में कौशल विकास मिशन की आड़ में फर्जीवाड़े का जाल बिछाया था। मांगेराम पिछले 9 साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था। मांगेराम कई बार जेल जा चुका है। उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में…
मांगेराम जेल जाता तो गाजियाबाद का सेंटर गिरोह के लोग चलाते। 5 महीने पहले जेल से बाहर आया। 3 महीने बाद लखनऊ के महानगर में सेंटर खोल दिया। सेंटर का उद्घाटन डिप्टी सीएम से कराने की प्लानिंग में थी। निशातगंज इलाके के एक मकान में फर्जी मार्कशीट बनाने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस ने छापामारा तो मौके से लैपटॉप, प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन और बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट बरामद हुई। कंप्यूटर ऑपरेटर राम प्रकाश वर्मा ने पूछताछ में गिरोह के सरगना मांगेराम के बारे में बताया। कहा- गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में है। पहले जानते हैं मांगेराम कैसे मैनेज करता था पूरा नेटवर्क और कैसे लोकल लेवल पर दलालों के पास पहुंचती थी मार्कशीट…। असली प्रमाणपत्र की स्कैनिंग
यह गिरोह पिछले नौ साल से सक्रिय है। फर्जी मार्कशीट बनाने के लिए ये पहले असली प्रमाणपत्रों की स्कैनिंग कर कॉपी तैयार करते। हाई लेवल सॉफ्टवेयर का उपयोग
गिरोह के पास हाई लेवल के सॉफ्टवेयर हैं। इससे 10वीं 12वीं, ग्रेजुएशन, मास्टर के साथ-साथ आयुर्वेद संस्थानों और मुक्त विश्वविद्यालयों की डिग्री बनाते हैं। NBCTE का केंद्र से लगाता सील साइन
गाजियाबाद में कौशल विकास के नाम पर NBCTE का केंद्र खोला। यहीं से फर्जी प्रमाण-पत्र में सील-साइन लगाकर असली बनाता। दलाल तय करते दाम
प्रमाणपत्रों की कीमत 25 हजार से 50 हजार रहती। इसका उपयोग नौकरी, प्रमोशन और एडमिशन के लिए होता है। डीलर के पास जैसा ग्राहक, वैसी कीमत
गिरोह का नेटवर्क यूपी के साथ बिहार, दिल्ली और मध्य प्रदेश में सक्रिय है। कई राज्य ऐसे हैं जहां गिरोह के सदस्यों ने लोकल लेवल पर डीलर बनाए हैं। इनकी मदद से ही ग्राहक फंसाते हैं। ग्राहक जैसी डिग्री लेता है उसी हिसाब से दलालों को पैसा मिलता है। अब जान लीजिए सरगना का आपराधिक इतिहास
सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम मथुरा का रहने वाला है। इसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। मांगेराम कौशल विकास केंद्र खोलकर अपनी गतिविधियों को वैध दिखाने की कोशिश की। वह गिरोह का नेतृत्व तो करता है लेकिन ग्राहकों से सीधा संपर्क नहीं करता। उसके गुर्गे सौदा फाइनल करते हैं और पैसे का लेनदेन संभालते। पहले गिरफ्तार हो चुका है सरगना
गिरोह का सरगना मांगेराम के हुसैनगंज और हीवेट रोड पर दो मकान थे। सितंबर 2021 में चिनहट पुलिस ने फर्जी मार्कशीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद अमीनाबाद पुलिस ने 11 फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस समय हीवेट रोड पर रहता था। 2023 में पॉक्सो एक्ट में भी जेल गया। मांगेराम पर मानव तस्करी, यौन शोषण, गैंगस्टर एक्ट और अनैतिक व्यापार करने, बलात्कार, हत्या, हथियारों और नशीले पदार्थों का गैरकानूनी उपयोग करने का भी आरोप है। एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह ने बताया- गिरोह में 12 से अधिक लोग सक्रिय सदस्य हैं। मांगेराम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मेरठ, बिहार और अन्य जगहों पर दबिश दी जा रही है। सरगना की गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया गया है। गिरोह के शिकार लोगों की कहानी
श्रीकांत (बदला हुआ नाम) ने कहा- मैंने प्रमोशन के लिए इंटर की मार्कशीट खरीदी। अब पुलिस जांच के कारण नौकरी पर संकट आ गया है। वहीं अर्चना (बदला हुआ नाम) ने कहा- मैंने प्राइवेट कंपनी में नौकरी पाने के लिए स्नातक की फर्जी डिग्री ली थी। मामला उजागर होने के बाद अब डर लग रहा है। पुलिस के सामने 3 चुनौतियां 1- तकनीकी प्रमाणपत्रों की पहचान : गिरोह द्वारा बनाई गई नकली मार्कशीट असली से लगभग मिलती-जुलती थीं, जिससे असली-नकली की पहचान करना मुश्किल हो जाता था। 2- फरार सरगना: सरगना मनीष उर्फ मांगेराम की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। 3- अंतरराज्यीय नेटवर्क: गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है, जिससे मामले की जांच और कार्रवाई कठिन हो जाती है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी बोले-भोले बाबा गलती स्वीकार करें:इतने दिन छिपकर अब दुख जता रहें, ये गलती क्षमा नहीं की जा सकती
राम मंदिर के मुख्य पुजारी बोले-भोले बाबा गलती स्वीकार करें:इतने दिन छिपकर अब दुख जता रहें, ये गलती क्षमा नहीं की जा सकती अयोध्या के श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने हाथरस की घटना पर दुख जताया। घटना के 4 दिन बाद भोले बाबा पहली बार कैमरे पर आए। बाबा के बयान पर आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- वह सरकार के सामने आएं और अपने अपराध को स्वीकार करें। गलती उसी की होती है, जो कथा कहता है। ये गलती क्षमा नहीं की जा सकती है। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- सूरज पाल या भोले बाबा के नाम से जो प्रसिद्ध हैं, वे घटना देखकर भाग गए। भूमिगत हो गए। अब इतने दिनों बाद कह रहे हैं कि वह घटना से दुखी हैं। वकील के माध्यम से सारी व्यवस्थाएं बता रहे हैं। अगर कोई घटना घटती है तो जो भी कथा कहता है, उसी की जिम्मेदारी होती है। उनको स्पष्ट रूप से जाकर सरकार के सामने अपराध स्वीकार करना चाहिए। ये गलती क्षमा नहीं की जा सकती
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- जांच हुई है, जांच में अपराधी माने गए हैं। इसलिए उनको जेल होना चाहिए। घटना की जांच हो रही है, जांच सामने आने पर जो भोले बाबा के नाम से जाने जाते हैं, वो पकड़े जाएंगे। इतने दिन छिपकर अब बोल रहे हैं तो उनकी गलती है। ये गलती क्षमा नहीं की जा सकती है। जो बचे हैं, रामलला उन्हें शक्ति दें
इतने लोगों की जान गई, बहुत घायल हैं। उनसे पूछताछ हुई। पता चल गया कि घटना कैसे हुई। अब वो भाग कर और छिप कर नहीं रह सकते हैं। सामने आएं, जो अपराध है, उसे स्वीकार करें, जिससे सरकार कार्रवाई कर सके। इस घटना से हमारे देशवासी बहुत दुखी हैं। हृदयविदारक घटना थी। जो बचे हैं, रामलला उन्हें शक्ति दें। भोले बाबा हाथरस हादसे के बाद पहली बार सामने आया
हाथरस हादसे के बाद पहली बार भोले बाबा सामने आया। शनिवार सुबह न्यूज एजेंसी ANI से कहा- हम 2 जुलाई की भगदड़ की घटना के बाद से बहुत दुखी हैं। हमें और संगत को इस दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवी हैं, वो बख्शे नहीं जाएंगे। मृतकों के परिजन और घायलों की मदद हमारी कमेटी करेगी।
मथुरा बांकेबिहारी मंदिर में जालंधर के व्यक्ति की मौत:श्री कृष्ण दरबार में सिर झुकाया और फिर नहीं उठा, CCTV में कैद हुई घटना
मथुरा बांकेबिहारी मंदिर में जालंधर के व्यक्ति की मौत:श्री कृष्ण दरबार में सिर झुकाया और फिर नहीं उठा, CCTV में कैद हुई घटना उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने गए जालंधर के एक व्यक्ति की पूजा-अर्चना के दौरान मौत हो गई। मृतक की पहचान 72 वर्षीय रणधीर तलवार के रूप में हुई है। रणधीर तलवार की मौत का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रणधीर तलवार मरते हुए दिखाई दे रहे हैं। घटना के समय मृतक रणधीर कुमार दर्शन के लिए वीआईपी गैलरी में थे। रणधीर कुमार को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रणधीर की मौत मंदिर के सीसीटीवी में कैद हो गई। पता चला है कि महज 5 सेकंड के भीतर उनकी मौत हो गई। हार्ट अटैक से गई व्यक्ति की जान प्राप्त जानकारी के अनुसार 72 वर्षीय रणधीर तलवार अपने दामाद संजय और बेटी रीना के साथ श्री कृष्ण और श्री राधा रानी के दर्शन करने वृंदावन और मथुरा गए थे। मंगलवार शाम को रणधीर अपने परिवार के साथ श्री बांके बिहारी मंदिर में माथा टेकने के लिए वीआईपी गैलरी में थे। रणधीर ने दर्शन के लिए सिर झुकाया ही था कि वह फिर सिर नहीं उठा पाए और नीचे गिर पड़े। पीछे खड़े व्यक्ति ने किसी तरह रणधीर को संभाला और मंदिर प्रशासन की मदद से तुरंत अस्पताल ले गए। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। शुरुआती जांच में पता चला है कि रणधीर की मौत कॉर्डियक अरेस्ट से हुई होगी।