यूपी पुलिस रिश्वत में आलू-घी मांग रही:मऊ में महिला से कूलर मांगा, कानपुर में नारियल पानी; कमाई के कोड वर्ड की कहानी

यूपी पुलिस रिश्वत में आलू-घी मांग रही:मऊ में महिला से कूलर मांगा, कानपुर में नारियल पानी; कमाई के कोड वर्ड की कहानी

साहब, दो किलो आलू करे दे रहा हूं। ज्यादा नहीं हो पाएगा। दूसरी तरफ से कहा जा रहा है… अरे यार। चल-चल 3 कर देना। यह बातचीत कन्नौज में एक फरियादी और दरोगा के बीच की है। केस के समझौते के लिए दरोगा ने 5 किलो आलू मांगे थे। ऑडियो सामने आया तो दरोगा सस्पेंड हो गया, लेकिन सवाल छोड़ गया कि इतनी सस्ती रिश्वत भी पुलिस ले रही है, लेकिन इसके पीछे कहानी कुछ और है। आलू दरोगा जी का कोड वर्ड था। घी भी कुछ इसी तरह से मांगा जा रहा है। मगर इसके पहले कूलर-नारियल पानी रिश्वत में लेते पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए हैं। आज की संडे बिग स्टोरी में हम आपको ऐसे ही कुछ केस बताएंगे, जिनमें आम लोगों से कभी इशारों में तो कभी खुलेआम रिश्वत मांगी गई। शिकायत हुई तो रिश्वतखोर अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। 1- सबसे पहले कहानी आलू मांगने वाले दरोगा की… यह मामला कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र के बहबलपुर-चपुन्ना पुलिस चौकी का है। दरोगा का नाम है- राम कृपाल। घूस मांगने का ऑडियो सामने आया। पहले ऑडियो में क्या है, ये जानिए… यहां रिश्वत मांगने में आलू शब्द कोडवर्ड की तरह इस्तेमाल किया गया। 5 किलो आलू की अधिकतम कीमत 100-150 रुपए होगी। इतनी कम रकम के लिए कोई दरोगा इस तरह से फोन नहीं करेगा। बताया जाता है कि वह किलो के हिसाब से आलू और घी लेकर आने को कहता था। एक किलो आलू मतलब हजार रुपए और एक किलो घी मतलब 10 हजार रुपए। पुलिस ने बताया कि चपुन्ना चौकी इंचार्ज राम कृपाल का ऑडियो 6 अगस्त को किसी ने एसपी कन्नौज अमित कुमार आनंद को भेजा था। एसपी ने मामले की जांच सीओ छिबरामऊ ओमकार नाथ शर्मा को सौंपी। पुष्टि के बाद एसपी ने 7 अगस्त को दरोगा को निलंबित कर दिया। अब जानिए किसलिए मांगी रिश्वत गांव शिंवसिंहपुर निवासी राहुल राठौर की कबाड़ की दुकान है। छोटा भाई विपिन दिल्ली में नौकरी करता है। हाल ही में दोनों भाइयों का संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। विपिन ने पुलिस में शिकायत कर दी। दरोगा ने बताया कि वह समझौता करा देगा। इसी को लेकर ये पूरी बातचीत है। 2- मऊ में सिपाही ने रिश्वत में मांग लिया कूलर अगस्त महीने में ही मऊ जिले में मधुबन थाने के सिपाही को रिश्वत में कूलर और छह हजार रुपए मांगने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। कटघरा शंकर निवासी ओम प्रकाश शर्मा ने एसपी मऊ से शिकायत की थी। सिपाही मनीष कुमार प्रजापति पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था सिपाही ने उसकी पत्नी से 6000 रुपए मांगे। फोन पर पत्नी को गालियां दीं और खुद के लिए एक कूलर भी मांगा। पुलिसवाले ने जब महिला को फोन पर धमकाया तो उसने सारी बात रिकॉर्ड कर ली। एसपी मऊ ने जांच का जिम्मा सीओ मधुबन अभय कुमार सिंह को सौंपा। सभी आरोप सही पाए गए। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया। 3- फ्री में नारियल पानी नहीं देने पर कारोबारी को दी थर्ड डिग्री मई महीने में कानपुर में वर्दीवालों ने एक कारोबारी पर जुल्म ढाया। फ्री में नारियल पानी और रोज एक हजार रुपए नहीं देने पर पुलिसकर्मियों ने कारोबारी के साथ गुंडागर्दी की। थर्ड डिग्री दी। घर से 2 हजार रुपए मंगवाए। पूरे मामले में ACP ने चार पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया था। कोयलानगर शिवपुरम में रहने वाले चंद्र कुमार प्रजापति कच्चे नारियल बेचते हैं। उनका आरोप था कि पुलिस वाले रोज फ्री में 5 नारियल लेते थे। इसके साथ ही एक हजार रुपए उगाही भी करते थे। विरोध करने पर थाने लाकर बेरहमी से पीटा। चंद्र कुमार प्रजापति के मुताबिक गोपालनगर में पूजा स्वीट हाउस के सामने रोज उनका नारियल लदा ट्रक उतरता है। यहीं पर PRV गाड़ी खड़ी होती है। इसमें मौजूद एक महिला सिपाही समेत 4 पुलिसकर्मी दो महीने से 4 नारियल फ्री में लेते थे। 16 मई को दोपहर ट्रक से नारियल उतर रहा था। तभी महिला सिपाही समेत चारों पुलिसकर्मी आए और 5 नारियल मांगे। फिर एक हजार रुपए रोज देने का भी दबाव बनाया। उसने मना कर दिया। साथ ही पुलिसकर्मियों का वीडियो भी बना लिया। गुस्से में पुलिसकर्मियों ने लात-घूसों से पीटते हुए जबरन जीप में बैठा लिया। गाली-गलौज किया। कहा- सड़क पर ट्रक खड़ा करता है। अब देखता हूं, तेरा धंधा कैसे चलता है? तुझे 5-10 नारियल देने में दिक्कत है। पीटते हुए नौबस्ता थाने ले गए। थाने में ऊपर बने कमरे में थर्ड डिग्री दी। मोबाइल से वीडियो डिलीट कराए। फिर घर से 2 हजार रुपए मंगवाए। इसके बाद एक सादे कागज पर साइन कराने के बाद छोड़ दिया। 4- थाने में रखवा दिया फ्रिज, वीडियो बनाकर वायरल किया पिछले साल लखीमपुर खीरी में एक फरियादी ने चौकी इंचार्ज की डिमांड पूरी की, लेकिन उसे सबक भी सिखाया। उसने वीडियो वायरल कर दिया। दरअसल पिपरिया के रहने वाले नितिन वर्मा ने मारपीट की तहरीर चौकी पर दी थी। पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। उल्टे विपक्षी की तहरीर पर उस पर मुकदमा दर्ज कर लिया। यही नहीं मुकदमे में धाराओं को कम करने के लिए चौकी प्रभारी ने नितिन से रेफ्रिजरेटर की मांग कर दी। नितिन ने डिमांड पूरी करने के बाद चौकी में रेफ्रिजरेटर रखवाकर वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल होने पर एसपी ने चौकी प्रभारी चेतन तोमर को हटा दिया। अब पढ़िए, हाल ही में सबसे चर्चित रिश्वत कांड, जिसमें एसपी-एएसपी पर हुई कार्रवाई यूपी-बिहार बॉर्डर पर ट्रक चालकों से वसूली हो रही है। ऐसा ही एक चर्चित मामला जुलाई 2024 में बलिया में सामने आया। इनपुट के आधार पर ADG वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने STF टीम के साथ सिविल ड्रेस में रात 12 बजे छापा मारा। उन्होंने 2 पुलिसकर्मियों सहित 18 लोगों को रंगे हाथों पकड़ लिया। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज किया गया। थानाध्यक्ष नरही समेत 5 पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए। ADG ने तत्काल एक्शन लेते हुए कोरंटाडीह चौकी के सभी 6 पुलिसकर्मियों और थानाध्यक्ष नरही पन्ने लाल को सस्पेंड कर दिया। इनके खिलाफ वहीं FIR दर्ज हुई। वसूली कांड में एसपी देवरंजन वर्मा, एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटा दिया गया। 2 केस, जब एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा केस 1- रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया दरोगा, 20 हजार मांगे थे वर्दी को दागदार करने का एक केस जून 2024 में मेरठ से भी सामने आया। यहां एंटी करप्शन टीम ने एक दरोगा को 20 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़ा। सरुरपुर थाने की खिवाई चौकी इंचार्ज आशुतोष ने महबूब नाम के शख्स से मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर 20 हजार रुपए मांगे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव में कुछ झगड़ा हुआ था। 11 जून को इसमें मुकदमा लिखा गया। दरोगा आशुतोष ने एफआर लगाने के लिए 20 हजार रुपए मांगे। पैसे देने से मना किया तो उन्होंने कहा बिना पैसे दिए एफआर नहीं लगेगी। इसके बाद उसने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। केस 2- बदायूं में दरोगा को 10 हजार रुपए लेते पकड़ा बदायूं में जुलाई 2024 में एंटी करप्शन टीम ने दानपुर पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा धर्मवीर सिंह को रंगे हाथ पकड़ा। गांव अंबियापुर निवासी मनोज नाम के व्यक्ति के खिलाफ गांव के ही एक शख्स ने बदसलूकी की शिकायत की थी। धर्मवीर सिंह ने मनोज से शिकायत के निस्तारण के नाम पर 10 हजार रुपए मांगे। मनोज ने एंटी करप्शन टीम बरेली से शिकायत कर दी। …और रिश्वत हो गई डिजिटल बिजनौर में गूगल-पे, फोन-पे से रिश्वत लेता था तहसीलदार का ड्राइवर डिजिटल की दुनिया में ऑनलाइन रिश्वत का भी चलन बढ़ा है। बिजनौर में ऐसा ही मामला सामने आया। तहसीलदार का ड्राइवर नदीम खनन माफिया से गूगल पे, फोन पे, पेटीएम से रिश्वत लेता था। रिश्वत के पैसे वह अपने अकाउंट में ट्रांसफर भी नहीं कराता था। इसके लिए वह पत्नी का अकाउंट इस्तेमाल करता था। नदीम ओवरलोड खनन गाड़ियों की प्रति माह एंट्री कराने के बदले खनन करने वालों से ढाई हजार रुपए प्रति गाड़ी के हिसाब से वसूलता था। सुविधा शुल्क के बदले वह छापेमारी होने से पहले उन्हें सतर्क कर देता था। ड्राइवर और उसकी पत्नी के संयुक्त खाते में 21 लाख रुपए का लेनदेन सामने आया था। साहब, दो किलो आलू करे दे रहा हूं। ज्यादा नहीं हो पाएगा। दूसरी तरफ से कहा जा रहा है… अरे यार। चल-चल 3 कर देना। यह बातचीत कन्नौज में एक फरियादी और दरोगा के बीच की है। केस के समझौते के लिए दरोगा ने 5 किलो आलू मांगे थे। ऑडियो सामने आया तो दरोगा सस्पेंड हो गया, लेकिन सवाल छोड़ गया कि इतनी सस्ती रिश्वत भी पुलिस ले रही है, लेकिन इसके पीछे कहानी कुछ और है। आलू दरोगा जी का कोड वर्ड था। घी भी कुछ इसी तरह से मांगा जा रहा है। मगर इसके पहले कूलर-नारियल पानी रिश्वत में लेते पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए हैं। आज की संडे बिग स्टोरी में हम आपको ऐसे ही कुछ केस बताएंगे, जिनमें आम लोगों से कभी इशारों में तो कभी खुलेआम रिश्वत मांगी गई। शिकायत हुई तो रिश्वतखोर अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। 1- सबसे पहले कहानी आलू मांगने वाले दरोगा की… यह मामला कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र के बहबलपुर-चपुन्ना पुलिस चौकी का है। दरोगा का नाम है- राम कृपाल। घूस मांगने का ऑडियो सामने आया। पहले ऑडियो में क्या है, ये जानिए… यहां रिश्वत मांगने में आलू शब्द कोडवर्ड की तरह इस्तेमाल किया गया। 5 किलो आलू की अधिकतम कीमत 100-150 रुपए होगी। इतनी कम रकम के लिए कोई दरोगा इस तरह से फोन नहीं करेगा। बताया जाता है कि वह किलो के हिसाब से आलू और घी लेकर आने को कहता था। एक किलो आलू मतलब हजार रुपए और एक किलो घी मतलब 10 हजार रुपए। पुलिस ने बताया कि चपुन्ना चौकी इंचार्ज राम कृपाल का ऑडियो 6 अगस्त को किसी ने एसपी कन्नौज अमित कुमार आनंद को भेजा था। एसपी ने मामले की जांच सीओ छिबरामऊ ओमकार नाथ शर्मा को सौंपी। पुष्टि के बाद एसपी ने 7 अगस्त को दरोगा को निलंबित कर दिया। अब जानिए किसलिए मांगी रिश्वत गांव शिंवसिंहपुर निवासी राहुल राठौर की कबाड़ की दुकान है। छोटा भाई विपिन दिल्ली में नौकरी करता है। हाल ही में दोनों भाइयों का संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। विपिन ने पुलिस में शिकायत कर दी। दरोगा ने बताया कि वह समझौता करा देगा। इसी को लेकर ये पूरी बातचीत है। 2- मऊ में सिपाही ने रिश्वत में मांग लिया कूलर अगस्त महीने में ही मऊ जिले में मधुबन थाने के सिपाही को रिश्वत में कूलर और छह हजार रुपए मांगने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। कटघरा शंकर निवासी ओम प्रकाश शर्मा ने एसपी मऊ से शिकायत की थी। सिपाही मनीष कुमार प्रजापति पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था सिपाही ने उसकी पत्नी से 6000 रुपए मांगे। फोन पर पत्नी को गालियां दीं और खुद के लिए एक कूलर भी मांगा। पुलिसवाले ने जब महिला को फोन पर धमकाया तो उसने सारी बात रिकॉर्ड कर ली। एसपी मऊ ने जांच का जिम्मा सीओ मधुबन अभय कुमार सिंह को सौंपा। सभी आरोप सही पाए गए। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया। 3- फ्री में नारियल पानी नहीं देने पर कारोबारी को दी थर्ड डिग्री मई महीने में कानपुर में वर्दीवालों ने एक कारोबारी पर जुल्म ढाया। फ्री में नारियल पानी और रोज एक हजार रुपए नहीं देने पर पुलिसकर्मियों ने कारोबारी के साथ गुंडागर्दी की। थर्ड डिग्री दी। घर से 2 हजार रुपए मंगवाए। पूरे मामले में ACP ने चार पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया था। कोयलानगर शिवपुरम में रहने वाले चंद्र कुमार प्रजापति कच्चे नारियल बेचते हैं। उनका आरोप था कि पुलिस वाले रोज फ्री में 5 नारियल लेते थे। इसके साथ ही एक हजार रुपए उगाही भी करते थे। विरोध करने पर थाने लाकर बेरहमी से पीटा। चंद्र कुमार प्रजापति के मुताबिक गोपालनगर में पूजा स्वीट हाउस के सामने रोज उनका नारियल लदा ट्रक उतरता है। यहीं पर PRV गाड़ी खड़ी होती है। इसमें मौजूद एक महिला सिपाही समेत 4 पुलिसकर्मी दो महीने से 4 नारियल फ्री में लेते थे। 16 मई को दोपहर ट्रक से नारियल उतर रहा था। तभी महिला सिपाही समेत चारों पुलिसकर्मी आए और 5 नारियल मांगे। फिर एक हजार रुपए रोज देने का भी दबाव बनाया। उसने मना कर दिया। साथ ही पुलिसकर्मियों का वीडियो भी बना लिया। गुस्से में पुलिसकर्मियों ने लात-घूसों से पीटते हुए जबरन जीप में बैठा लिया। गाली-गलौज किया। कहा- सड़क पर ट्रक खड़ा करता है। अब देखता हूं, तेरा धंधा कैसे चलता है? तुझे 5-10 नारियल देने में दिक्कत है। पीटते हुए नौबस्ता थाने ले गए। थाने में ऊपर बने कमरे में थर्ड डिग्री दी। मोबाइल से वीडियो डिलीट कराए। फिर घर से 2 हजार रुपए मंगवाए। इसके बाद एक सादे कागज पर साइन कराने के बाद छोड़ दिया। 4- थाने में रखवा दिया फ्रिज, वीडियो बनाकर वायरल किया पिछले साल लखीमपुर खीरी में एक फरियादी ने चौकी इंचार्ज की डिमांड पूरी की, लेकिन उसे सबक भी सिखाया। उसने वीडियो वायरल कर दिया। दरअसल पिपरिया के रहने वाले नितिन वर्मा ने मारपीट की तहरीर चौकी पर दी थी। पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। उल्टे विपक्षी की तहरीर पर उस पर मुकदमा दर्ज कर लिया। यही नहीं मुकदमे में धाराओं को कम करने के लिए चौकी प्रभारी ने नितिन से रेफ्रिजरेटर की मांग कर दी। नितिन ने डिमांड पूरी करने के बाद चौकी में रेफ्रिजरेटर रखवाकर वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल होने पर एसपी ने चौकी प्रभारी चेतन तोमर को हटा दिया। अब पढ़िए, हाल ही में सबसे चर्चित रिश्वत कांड, जिसमें एसपी-एएसपी पर हुई कार्रवाई यूपी-बिहार बॉर्डर पर ट्रक चालकों से वसूली हो रही है। ऐसा ही एक चर्चित मामला जुलाई 2024 में बलिया में सामने आया। इनपुट के आधार पर ADG वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने STF टीम के साथ सिविल ड्रेस में रात 12 बजे छापा मारा। उन्होंने 2 पुलिसकर्मियों सहित 18 लोगों को रंगे हाथों पकड़ लिया। 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज किया गया। थानाध्यक्ष नरही समेत 5 पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए। ADG ने तत्काल एक्शन लेते हुए कोरंटाडीह चौकी के सभी 6 पुलिसकर्मियों और थानाध्यक्ष नरही पन्ने लाल को सस्पेंड कर दिया। इनके खिलाफ वहीं FIR दर्ज हुई। वसूली कांड में एसपी देवरंजन वर्मा, एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटा दिया गया। 2 केस, जब एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा केस 1- रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया दरोगा, 20 हजार मांगे थे वर्दी को दागदार करने का एक केस जून 2024 में मेरठ से भी सामने आया। यहां एंटी करप्शन टीम ने एक दरोगा को 20 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़ा। सरुरपुर थाने की खिवाई चौकी इंचार्ज आशुतोष ने महबूब नाम के शख्स से मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर 20 हजार रुपए मांगे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव में कुछ झगड़ा हुआ था। 11 जून को इसमें मुकदमा लिखा गया। दरोगा आशुतोष ने एफआर लगाने के लिए 20 हजार रुपए मांगे। पैसे देने से मना किया तो उन्होंने कहा बिना पैसे दिए एफआर नहीं लगेगी। इसके बाद उसने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। केस 2- बदायूं में दरोगा को 10 हजार रुपए लेते पकड़ा बदायूं में जुलाई 2024 में एंटी करप्शन टीम ने दानपुर पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा धर्मवीर सिंह को रंगे हाथ पकड़ा। गांव अंबियापुर निवासी मनोज नाम के व्यक्ति के खिलाफ गांव के ही एक शख्स ने बदसलूकी की शिकायत की थी। धर्मवीर सिंह ने मनोज से शिकायत के निस्तारण के नाम पर 10 हजार रुपए मांगे। मनोज ने एंटी करप्शन टीम बरेली से शिकायत कर दी। …और रिश्वत हो गई डिजिटल बिजनौर में गूगल-पे, फोन-पे से रिश्वत लेता था तहसीलदार का ड्राइवर डिजिटल की दुनिया में ऑनलाइन रिश्वत का भी चलन बढ़ा है। बिजनौर में ऐसा ही मामला सामने आया। तहसीलदार का ड्राइवर नदीम खनन माफिया से गूगल पे, फोन पे, पेटीएम से रिश्वत लेता था। रिश्वत के पैसे वह अपने अकाउंट में ट्रांसफर भी नहीं कराता था। इसके लिए वह पत्नी का अकाउंट इस्तेमाल करता था। नदीम ओवरलोड खनन गाड़ियों की प्रति माह एंट्री कराने के बदले खनन करने वालों से ढाई हजार रुपए प्रति गाड़ी के हिसाब से वसूलता था। सुविधा शुल्क के बदले वह छापेमारी होने से पहले उन्हें सतर्क कर देता था। ड्राइवर और उसकी पत्नी के संयुक्त खाते में 21 लाख रुपए का लेनदेन सामने आया था।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर