यूपी: मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का मामला, मानवाधिकार आयोग का निर्देश- DGP उचित कदम उठाएं

यूपी: मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का मामला, मानवाधिकार आयोग का निर्देश- DGP उचित कदम उठाएं

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Mosques Covered Tarpaulin:</strong> उत्तर प्रदेश में होली के त्यौहार पर कई शहरों में मस्जिदों को तिरपाल से ढके जाने का मामला मानवाधिकार आयोग की दहलीज तक पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में यूपी के डीजीपी को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आयोग ने इस मामले में डीजीपी को चार हफ्ते में कानून के मुताबिक उचित फैसला लेने को कहा है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस दिशा निर्देश के साथ ही दाखिल की गई शिकायत को निस्तारित भी कर दिया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डॉ० गजेंद्र सिंह यादव ने की थी. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि होली के मौके पर यूपी में संभल, अलीगढ़ और शाहजहांपुर समेत कई शहरों में मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया था. गजेंद्र सिंह यादव ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज कराया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस शिकायत में कहा गया था कि मस्जिदों को तिरपाल से ढके जाने का मामला पूरी तरह से लोकतंत्र और भारत गणराज्य की धर्मनिरपेक्षता की नीति के खिलाफ है और यह अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि अगर किसी धार्मिक स्थल को किसी विशेष पर्व के दौरान ढकने की जरूरत महसूस होती है तो यह साफ तौर पर इस बात का संकेत है कि प्रशासन धार्मिक सौहार्द बनाए रखने में नाकाम साबित हो रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की घटना धार्मिक कट्टरता की शुरुआत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस शिकायत में यह भी कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है और कहा गया है कि राज्य ना तो किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देगा और ना ही किसी धर्म के अनुयायियों के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव करेगा. शिकायत में यह भी कहा गया कि मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की घटना धार्मिक कट्टरता की शुरुआत है. यदि इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो यह भविष्य में और भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकती है और कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा दे सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उचित कार्रवाई किए जाने की है अपील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी आशंका जताई गई की मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की जो शुरुआत की गई है वह आने वाले दिनों में समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए जाने और फिर अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकारों पर हमले तक पहुंच सकता है. राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत में इस मामले में दखल देते हुए हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई किए जाने की अपील की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानवाधिकार आयोग ने यूपी डीजीपी को जारी किया दिशा निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं डा० गजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी को दिशा निर्देश जारी किया है. आयोग ने डीजीपी को शिकायती पत्र की कापी भेजते हुए उनसे इस मामले में चार हफ्ते में उचित कदम उठाए जाने को कहा है. शिकायतकर्ता अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि अगर डीजीपी चार हफ्ते में इस मामले में उचित फैसला लेकर कार्रवाई नहीं करते हैं तो वह इस मामले को अदालत की दहलीज तक लेकर जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bareilly-maulana-shahabuddin-razvi-wrote-a-letter-amit-shah-to-demanding-a-ban-chhaava-film-ann-2908330″>औरंगजेब विवाद के बीच छावा फिल्म को बैन करने की उठी मांग, मौलाना रजवी ने अमित शाह को लिखा पत्र</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Mosques Covered Tarpaulin:</strong> उत्तर प्रदेश में होली के त्यौहार पर कई शहरों में मस्जिदों को तिरपाल से ढके जाने का मामला मानवाधिकार आयोग की दहलीज तक पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में यूपी के डीजीपी को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आयोग ने इस मामले में डीजीपी को चार हफ्ते में कानून के मुताबिक उचित फैसला लेने को कहा है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस दिशा निर्देश के साथ ही दाखिल की गई शिकायत को निस्तारित भी कर दिया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डॉ० गजेंद्र सिंह यादव ने की थी. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि होली के मौके पर यूपी में संभल, अलीगढ़ और शाहजहांपुर समेत कई शहरों में मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया था. गजेंद्र सिंह यादव ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज कराया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस शिकायत में कहा गया था कि मस्जिदों को तिरपाल से ढके जाने का मामला पूरी तरह से लोकतंत्र और भारत गणराज्य की धर्मनिरपेक्षता की नीति के खिलाफ है और यह अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि अगर किसी धार्मिक स्थल को किसी विशेष पर्व के दौरान ढकने की जरूरत महसूस होती है तो यह साफ तौर पर इस बात का संकेत है कि प्रशासन धार्मिक सौहार्द बनाए रखने में नाकाम साबित हो रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की घटना धार्मिक कट्टरता की शुरुआत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस शिकायत में यह भी कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है और कहा गया है कि राज्य ना तो किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देगा और ना ही किसी धर्म के अनुयायियों के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव करेगा. शिकायत में यह भी कहा गया कि मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की घटना धार्मिक कट्टरता की शुरुआत है. यदि इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो यह भविष्य में और भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकती है और कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा दे सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उचित कार्रवाई किए जाने की है अपील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी आशंका जताई गई की मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की जो शुरुआत की गई है वह आने वाले दिनों में समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए जाने और फिर अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकारों पर हमले तक पहुंच सकता है. राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत में इस मामले में दखल देते हुए हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई किए जाने की अपील की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानवाधिकार आयोग ने यूपी डीजीपी को जारी किया दिशा निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं डा० गजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी को दिशा निर्देश जारी किया है. आयोग ने डीजीपी को शिकायती पत्र की कापी भेजते हुए उनसे इस मामले में चार हफ्ते में उचित कदम उठाए जाने को कहा है. शिकायतकर्ता अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि अगर डीजीपी चार हफ्ते में इस मामले में उचित फैसला लेकर कार्रवाई नहीं करते हैं तो वह इस मामले को अदालत की दहलीज तक लेकर जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bareilly-maulana-shahabuddin-razvi-wrote-a-letter-amit-shah-to-demanding-a-ban-chhaava-film-ann-2908330″>औरंगजेब विवाद के बीच छावा फिल्म को बैन करने की उठी मांग, मौलाना रजवी ने अमित शाह को लिखा पत्र</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Haridwar News: हरिद्वार गंगा आरती में बही भक्ति की बयार, रामदेव बोले- ‘शास्त्र श्रावण ने रचा नया इतिहास’