यूपी में दिसंबर तक 1.50 लाख पदों पर भर्तियां:टीचर की 45 हजार वैकेंसी, सिपाही भर्ती की दोबारा परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार

यूपी में दिसंबर तक 1.50 लाख पदों पर भर्तियां:टीचर की 45 हजार वैकेंसी, सिपाही भर्ती की दोबारा परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार

यूपी में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार दिसंबर तक करीब डेढ़ लाख पदों पर वैकेंसी निकालेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद सभी विभागों में भर्ती के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। भर्ती आयोग नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी में हैं। किन-किन विभागों में कितनी और किस पद पर वैकेंसी आएगी, पुरानी वैकेंसी का क्या होगा? कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा कब तक होगी, भर्ती आयोग के सामने दिक्कतें क्या हैं? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए किस विभाग में कितनी वैकेंसी आएगी? वैकेंसी निकालने पर सरकार का पूरा जोर क्यों है?
लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में बड़ा झटका लगा। पार्टी की समीक्षा में सामने आया कि चुनाव में मिली हार की एक वजह पेपर लीक और बढ़ती बेरोजगारी है। इसीलिए सीएम योगी ने चुनाव परिणाम आने के 4 दिन बाद अफसरों की मीटिंग ली। योगी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा। सभी भर्ती आयोग को जल्द वैकेंसी निकालकर परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दिए। प्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर उप-चुनाव होना है। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को संदेश देना चाहती है कि वह रोजगार के प्रति सजग है। विभागों में भर्ती निकालने के साथ स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में नौकरी के मौके भी बढ़ा रही है। नोएडा में नई फिल्म सिटी आगामी एक साल में बनकर तैयार होगी। सरकार का दावा है कि इससे 50 हजार युवाओं को नौकरी मिलेगी। साथ ही 7 लाख युवाओं को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सरकार ने दिखाई तेजी
लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी ने 8 जून को शासन के आला अफसरों की बैठक ली। इसमें जो बातें निकलकर आईं, उसे इन बिंदुओं से समझिए… पहले से वैकेंसी अटकी, 10 लाख अभ्यर्थियों को परीक्षा का इंतजार
UPSSSC की ओर से प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के लिए 2022 और 2023 में कई विभागों में 21 हजार 940 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। आवेदन करने वाले 10 लाख 4 हजार 26 अभ्यर्थियों को अब भी परीक्षा का इंतजार है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार
यूपी पुलिस में 60,244 पदों पर कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा फरवरी 17-18 फरवरी को आयोजित की गई थी। 48.17 लाख अभ्यर्थियों में से 43.13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण सरकार ने 25 जून को इसे रद्द कर दिया। सीएम योगी ने छह महीने में दोबारा परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। यूपी पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा का कहना है कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा जल्द कराने की तैयारी है। सरकार ने पेपर प्रिंटिंग और परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। उसी आधार पर तैयारी की जा रही है। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, पेपर तैयार करने और परीक्षा केंद्र तय करने में नए नियमों के चलते एग्जाम कराने में 4 महीने का समय लग सकता है। वैकेंसी तो आ जाएगी, लेकिन इन दिक्कतों का हल नहीं निकल पाया एग्जाम के लिए नहीं मिल रही एजेंसी: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लंबित भर्ती परीक्षा कराने के लिए अगस्त, 2023 में टेंडर जारी किया था। लेकिन किसी बड़ी और विश्वसनीय एजेंसी ने टेंडर दाखिल नहीं किया। इसके चलते आयोग को फरवरी में फिर से टेंडर निकालना पड़ा। इसी महीने टेंडर खोला जाएगा। नए नियम से होगी परेशानी: राज्य सरकार ने पेपर लीक की घटनाएं रोकने और चयन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए नियम सख्त किए हैं। भर्ती आयोगों के लिए जारी नियमावली में परीक्षा केंद्र निर्धारण से लेकर एजेंसी के चयन, पेपर प्रिंटिंग के भी नियम बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्र के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर जिले में छह सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। पेपर प्रिंटिंग का काम अब किसी एक एजेंसी से नहीं कराया जाएगा। बल्कि दो से तीन पेपर सेट तीन अलग-अलग एजेंसी से प्रकाशित कराए जाएंगे। परीक्षा में कौन सा पेपर इस्तेमाल होगा, इसका निर्णय परीक्षा शुरू होने से 5 घंटे पहले किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि पेपर तैयार कराने और परीक्षा कराने के लिए एक एजेंसी का चयन करना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में दो से तीन एजेंसी का चयन कैसे होगा। आयोग गठन के इंतजार में अटकीं 28 हजार भर्तियां
उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा तो हो गई है। लेकिन आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। आयोग सहायता प्राप्त महाविद्यालयों, सहायक प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों और सहायता प्राप्त परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती करेगा। आयोग में करीब 7 हजार से अधिक पदों की मांग की जा चुकी है। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद आयोग उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में 20 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जारी करेगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के कुल आठ पद हैं। वर्तमान में सदस्यों के चार पद रिक्त हैं। सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण भी कामकाज प्रभावित होता है। यूपी में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार दिसंबर तक करीब डेढ़ लाख पदों पर वैकेंसी निकालेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद सभी विभागों में भर्ती के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। भर्ती आयोग नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी में हैं। किन-किन विभागों में कितनी और किस पद पर वैकेंसी आएगी, पुरानी वैकेंसी का क्या होगा? कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा कब तक होगी, भर्ती आयोग के सामने दिक्कतें क्या हैं? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए किस विभाग में कितनी वैकेंसी आएगी? वैकेंसी निकालने पर सरकार का पूरा जोर क्यों है?
लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में बड़ा झटका लगा। पार्टी की समीक्षा में सामने आया कि चुनाव में मिली हार की एक वजह पेपर लीक और बढ़ती बेरोजगारी है। इसीलिए सीएम योगी ने चुनाव परिणाम आने के 4 दिन बाद अफसरों की मीटिंग ली। योगी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा। सभी भर्ती आयोग को जल्द वैकेंसी निकालकर परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दिए। प्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर उप-चुनाव होना है। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को संदेश देना चाहती है कि वह रोजगार के प्रति सजग है। विभागों में भर्ती निकालने के साथ स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में नौकरी के मौके भी बढ़ा रही है। नोएडा में नई फिल्म सिटी आगामी एक साल में बनकर तैयार होगी। सरकार का दावा है कि इससे 50 हजार युवाओं को नौकरी मिलेगी। साथ ही 7 लाख युवाओं को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सरकार ने दिखाई तेजी
लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी ने 8 जून को शासन के आला अफसरों की बैठक ली। इसमें जो बातें निकलकर आईं, उसे इन बिंदुओं से समझिए… पहले से वैकेंसी अटकी, 10 लाख अभ्यर्थियों को परीक्षा का इंतजार
UPSSSC की ओर से प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के लिए 2022 और 2023 में कई विभागों में 21 हजार 940 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। आवेदन करने वाले 10 लाख 4 हजार 26 अभ्यर्थियों को अब भी परीक्षा का इंतजार है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार
यूपी पुलिस में 60,244 पदों पर कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा फरवरी 17-18 फरवरी को आयोजित की गई थी। 48.17 लाख अभ्यर्थियों में से 43.13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण सरकार ने 25 जून को इसे रद्द कर दिया। सीएम योगी ने छह महीने में दोबारा परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। यूपी पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा का कहना है कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा जल्द कराने की तैयारी है। सरकार ने पेपर प्रिंटिंग और परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। उसी आधार पर तैयारी की जा रही है। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, पेपर तैयार करने और परीक्षा केंद्र तय करने में नए नियमों के चलते एग्जाम कराने में 4 महीने का समय लग सकता है। वैकेंसी तो आ जाएगी, लेकिन इन दिक्कतों का हल नहीं निकल पाया एग्जाम के लिए नहीं मिल रही एजेंसी: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लंबित भर्ती परीक्षा कराने के लिए अगस्त, 2023 में टेंडर जारी किया था। लेकिन किसी बड़ी और विश्वसनीय एजेंसी ने टेंडर दाखिल नहीं किया। इसके चलते आयोग को फरवरी में फिर से टेंडर निकालना पड़ा। इसी महीने टेंडर खोला जाएगा। नए नियम से होगी परेशानी: राज्य सरकार ने पेपर लीक की घटनाएं रोकने और चयन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए नियम सख्त किए हैं। भर्ती आयोगों के लिए जारी नियमावली में परीक्षा केंद्र निर्धारण से लेकर एजेंसी के चयन, पेपर प्रिंटिंग के भी नियम बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्र के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर जिले में छह सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। पेपर प्रिंटिंग का काम अब किसी एक एजेंसी से नहीं कराया जाएगा। बल्कि दो से तीन पेपर सेट तीन अलग-अलग एजेंसी से प्रकाशित कराए जाएंगे। परीक्षा में कौन सा पेपर इस्तेमाल होगा, इसका निर्णय परीक्षा शुरू होने से 5 घंटे पहले किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि पेपर तैयार कराने और परीक्षा कराने के लिए एक एजेंसी का चयन करना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में दो से तीन एजेंसी का चयन कैसे होगा। आयोग गठन के इंतजार में अटकीं 28 हजार भर्तियां
उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा तो हो गई है। लेकिन आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। आयोग सहायता प्राप्त महाविद्यालयों, सहायक प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों और सहायता प्राप्त परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती करेगा। आयोग में करीब 7 हजार से अधिक पदों की मांग की जा चुकी है। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद आयोग उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में 20 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जारी करेगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के कुल आठ पद हैं। वर्तमान में सदस्यों के चार पद रिक्त हैं। सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण भी कामकाज प्रभावित होता है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर