यूपी के माननीय की इस समय हालत बहुत खराब है। वे बेचैन आत्मा की तरह तड़प रहे हैं। साइकिल से उतरकर कमल पकड़ने की चाहत थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। खूब जोर लगा रहे हैं कि साइकिल पर फिर से सवार हो जाएं, लेकिन चलाने वाला मौका ही नहीं दे रहा है। सुनने में आ रहा है कि राजधानी की नगर मुखिया के बेटे ने 1 लाख की नौकरी छोड़ दी है। वे मां का हाथ बंटा रहे हैं। पिछली बार भी ऐसी ही परपंरा थी, जो अब वो भी निभाने आ गए। इस बार सुनी–सुनाई में ब्यूरोक्रेसी और राजनीति के गलियों में चल रही ऐसी चर्चाओं को जानिए… सूबे की नहीं, केंद्र की चिंता बीते दिनों खाकी वर्दी वाले महकमे में मुखिया की तैनाती को लेकर नए नियम बनाए गए। चर्चा यह है कि इस नियम को बनवाने में खाकी वर्दी के सिपहसालार रहे एक पूर्व अधिकारी की भूमिका अहम रही। पूरे का पूरा मसौदा उन्हीं साहब ने तैयार किया। कहा तो यह भी जा रहा है कि मसौदा तैयार होने के बाद साहब तारीख से पहले ही देश की सबसे बड़ी अदालत पहुंच गए और मुखिया की तैनाती को लेकर नया डायरेक्शन जारी करने की मांग कर डाली। हालांकि अदालत ने इस पर अभी गौर नहीं किया है और न ही उनकी अर्जी पर अभी कोई तारीख नहीं दी गई है। देखना दिलचस्प होगा कि अदालत का रुख इस पर क्या रहता है और सूबे की सरकार ने जो नए नियम बनाए हैं, उन्हें अदालत किस तरह लेती है। सत्ता पक्ष के एक नेता का कहना है कि सरकार के नए नियम से सूबे को उसके मुताबिक पुलिस का मुखिया मिल जाएगा, लेकिन दूसरे राज्यों ने भी अगर इस फार्मूले पर अमल शुरू कर दिया तो फिर केंद्र की कौन सुनेगा? नेता जी की बेचैनी कुछ दिनों पहले अपनी पार्टी से बागी हुए एक नेता जी अब रिश्ते सुधारने के लिए बेचैन हैं। लेकिन, पुराने आका हैं कि पिघलने का नाम नहीं ले रहे। पिछले दिनों में यह नेता जी आका से खराब हुए रिश्तों में मध्यस्थता की दुहाई लेकर सूबे में कभी वजीर रहे एक राजा के दरबार में पहुंचे। राजा ने लाल टोपी वाली पार्टी के मुखिया से बात करने का भरोसा दिलाया। मगर, बात नहीं बनी। नेता जी ने साफ कह दिया कि मुझे दगाबाजी करने वालों की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों का कोई भरोसा नहीं, वह कभी भी पलट सकते हैं। अब जिस पार्टी में वह गए हैं, वहां उनकी दाल नहीं गल रही है और जहां से आए थे, वहां अब उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। हाल यह है कि जिस क्षेत्र से वह चुनकर आते हैं, उस क्षेत्र की जनता भी नेता जी के कारनामों से नाराज बताई जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा यही है कि नेता जी न तो घर के हुए, न घाट के। पुरानी पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है और नई पार्टी ने जिस लिए उन्हें लिया था, वो काम वह करा नहीं पाए। ऐसे में इनके लिए वहां टिकट की विंडो खुलेगी भी या नहीं, कहना मुश्किल है। धूल खा रही है सदस्यता की डायरियां भगवा टोली में सदस्यता अभियान इन दिनों अंतिम चरण में है। सदस्यता ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी होनी थी। ऑफलाइन सदस्य बनाने के लिए एक-एक व्यक्ति के पास जाकर उन्हें आग्रह करना पड़ता। इसलिए सदस्य बनाने के लिए अधिकांश नेताओं ने ऑनलाइन मोड को ही चुना। हजारों सदस्य बनाकर वाहवाही लूट रहे नेताओं ने एजेंसी के जरिए सदस्य बनाए हैं, यह अब सार्वजनिक हो गया है। नेताओं ने ऑनलाइन मोड को चुना तो ऑफलाइन के लिए छपवाई गईं हजारों रसीद और डायरी दफ्तर के सभागार में धूल खा रही हैं। भाई साहब का मोबाइल प्रेम भगवा टोली के एक भाई साहब का मोबाइल प्रेम इन दिनों काफी चर्चा में है। भाई साहब के कंधों पर यूं तो अवध और पूर्वांचल में गांव-गांव तक ध्वज प्रणाम शुरू कराने की जिम्मेदारी है, लेकिन भाई साहब के दोनों हाथ और कंधे तो मोबाइल में व्यस्त हैं। पार्टी में भाई साहब से नाराजगी है कि वह मोबाइल में इतने व्यस्त रहते है कि किसी के अभिवादन का भी जवाब नहीं देते। बीते दिनों चर्चा चल रही थी कि यूं ही मोबाइल में व्यस्त रहे तो शताब्दी वर्ष तो क्या? अगले कई साल तक लक्ष्य पूरा नहीं होगा। मैडम के बेटे हाथ बंटाने आए राजधानी की नगर मुखिया के साथ अब उनके बेटे भी मैदान में आ गए है। सुना है कि करीब एक लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़कर आए हैं। वह मां के काम में हाथ बंटाने आए हैं। वैसे भी यहां की बैठकों में महिला माननीयों के पति और उनके परिवार के पुरुष सदस्य ही शामिल होते हैं। इसलिए मुखिया के बेटे के हस्तक्षेप से ज्यादा दिक्कत तो उन्हें है ही नहीं। लेकिन, माननीय के सख्ती और व्यवहार से वे भी खासे खफा हैं। नगर सरकार और भाजपा में चर्चा है कि पहले वाली नगर मुखिया के बेटे पूरा काम और हिसाब संभालते थे, इसलिए अब वाली मैडम ने भी वही तरीका अपनाया है। यह भी पढ़ें:- कमाई यूपी की, नेता-अफसरों का निवेश देवभूमि में:लखनऊ से दिल्ली गए थे दिल लगाने, बात बिगड़ी; बड़े-छोटे साहब की शिकायत पहुंची यूपी के माननीय की इस समय हालत बहुत खराब है। वे बेचैन आत्मा की तरह तड़प रहे हैं। साइकिल से उतरकर कमल पकड़ने की चाहत थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। खूब जोर लगा रहे हैं कि साइकिल पर फिर से सवार हो जाएं, लेकिन चलाने वाला मौका ही नहीं दे रहा है। सुनने में आ रहा है कि राजधानी की नगर मुखिया के बेटे ने 1 लाख की नौकरी छोड़ दी है। वे मां का हाथ बंटा रहे हैं। पिछली बार भी ऐसी ही परपंरा थी, जो अब वो भी निभाने आ गए। इस बार सुनी–सुनाई में ब्यूरोक्रेसी और राजनीति के गलियों में चल रही ऐसी चर्चाओं को जानिए… सूबे की नहीं, केंद्र की चिंता बीते दिनों खाकी वर्दी वाले महकमे में मुखिया की तैनाती को लेकर नए नियम बनाए गए। चर्चा यह है कि इस नियम को बनवाने में खाकी वर्दी के सिपहसालार रहे एक पूर्व अधिकारी की भूमिका अहम रही। पूरे का पूरा मसौदा उन्हीं साहब ने तैयार किया। कहा तो यह भी जा रहा है कि मसौदा तैयार होने के बाद साहब तारीख से पहले ही देश की सबसे बड़ी अदालत पहुंच गए और मुखिया की तैनाती को लेकर नया डायरेक्शन जारी करने की मांग कर डाली। हालांकि अदालत ने इस पर अभी गौर नहीं किया है और न ही उनकी अर्जी पर अभी कोई तारीख नहीं दी गई है। देखना दिलचस्प होगा कि अदालत का रुख इस पर क्या रहता है और सूबे की सरकार ने जो नए नियम बनाए हैं, उन्हें अदालत किस तरह लेती है। सत्ता पक्ष के एक नेता का कहना है कि सरकार के नए नियम से सूबे को उसके मुताबिक पुलिस का मुखिया मिल जाएगा, लेकिन दूसरे राज्यों ने भी अगर इस फार्मूले पर अमल शुरू कर दिया तो फिर केंद्र की कौन सुनेगा? नेता जी की बेचैनी कुछ दिनों पहले अपनी पार्टी से बागी हुए एक नेता जी अब रिश्ते सुधारने के लिए बेचैन हैं। लेकिन, पुराने आका हैं कि पिघलने का नाम नहीं ले रहे। पिछले दिनों में यह नेता जी आका से खराब हुए रिश्तों में मध्यस्थता की दुहाई लेकर सूबे में कभी वजीर रहे एक राजा के दरबार में पहुंचे। राजा ने लाल टोपी वाली पार्टी के मुखिया से बात करने का भरोसा दिलाया। मगर, बात नहीं बनी। नेता जी ने साफ कह दिया कि मुझे दगाबाजी करने वालों की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों का कोई भरोसा नहीं, वह कभी भी पलट सकते हैं। अब जिस पार्टी में वह गए हैं, वहां उनकी दाल नहीं गल रही है और जहां से आए थे, वहां अब उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। हाल यह है कि जिस क्षेत्र से वह चुनकर आते हैं, उस क्षेत्र की जनता भी नेता जी के कारनामों से नाराज बताई जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा यही है कि नेता जी न तो घर के हुए, न घाट के। पुरानी पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है और नई पार्टी ने जिस लिए उन्हें लिया था, वो काम वह करा नहीं पाए। ऐसे में इनके लिए वहां टिकट की विंडो खुलेगी भी या नहीं, कहना मुश्किल है। धूल खा रही है सदस्यता की डायरियां भगवा टोली में सदस्यता अभियान इन दिनों अंतिम चरण में है। सदस्यता ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी होनी थी। ऑफलाइन सदस्य बनाने के लिए एक-एक व्यक्ति के पास जाकर उन्हें आग्रह करना पड़ता। इसलिए सदस्य बनाने के लिए अधिकांश नेताओं ने ऑनलाइन मोड को ही चुना। हजारों सदस्य बनाकर वाहवाही लूट रहे नेताओं ने एजेंसी के जरिए सदस्य बनाए हैं, यह अब सार्वजनिक हो गया है। नेताओं ने ऑनलाइन मोड को चुना तो ऑफलाइन के लिए छपवाई गईं हजारों रसीद और डायरी दफ्तर के सभागार में धूल खा रही हैं। भाई साहब का मोबाइल प्रेम भगवा टोली के एक भाई साहब का मोबाइल प्रेम इन दिनों काफी चर्चा में है। भाई साहब के कंधों पर यूं तो अवध और पूर्वांचल में गांव-गांव तक ध्वज प्रणाम शुरू कराने की जिम्मेदारी है, लेकिन भाई साहब के दोनों हाथ और कंधे तो मोबाइल में व्यस्त हैं। पार्टी में भाई साहब से नाराजगी है कि वह मोबाइल में इतने व्यस्त रहते है कि किसी के अभिवादन का भी जवाब नहीं देते। बीते दिनों चर्चा चल रही थी कि यूं ही मोबाइल में व्यस्त रहे तो शताब्दी वर्ष तो क्या? अगले कई साल तक लक्ष्य पूरा नहीं होगा। मैडम के बेटे हाथ बंटाने आए राजधानी की नगर मुखिया के साथ अब उनके बेटे भी मैदान में आ गए है। सुना है कि करीब एक लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़कर आए हैं। वह मां के काम में हाथ बंटाने आए हैं। वैसे भी यहां की बैठकों में महिला माननीयों के पति और उनके परिवार के पुरुष सदस्य ही शामिल होते हैं। इसलिए मुखिया के बेटे के हस्तक्षेप से ज्यादा दिक्कत तो उन्हें है ही नहीं। लेकिन, माननीय के सख्ती और व्यवहार से वे भी खासे खफा हैं। नगर सरकार और भाजपा में चर्चा है कि पहले वाली नगर मुखिया के बेटे पूरा काम और हिसाब संभालते थे, इसलिए अब वाली मैडम ने भी वही तरीका अपनाया है। यह भी पढ़ें:- कमाई यूपी की, नेता-अफसरों का निवेश देवभूमि में:लखनऊ से दिल्ली गए थे दिल लगाने, बात बिगड़ी; बड़े-छोटे साहब की शिकायत पहुंची उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब के एसोसिएट स्कूलों को राहत:25 तक कर सकेंगे कंटीन्यूएशन के लिए आवेदन, पोर्टल में दिक्कतों के बाद लिया फैसला
पंजाब के एसोसिएट स्कूलों को राहत:25 तक कर सकेंगे कंटीन्यूएशन के लिए आवेदन, पोर्टल में दिक्कतों के बाद लिया फैसला पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने ऑनलाइन पोर्टल में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एसोसिएट स्कूलों को राहत दी है। अब स्कूल एसोसिएशन 25 अक्टूबर तक कंटीन्यूअस फीस भर सकेंगे। इसके बाद उन्हें 30 अक्टूबर तक लेट फीस के साथ आवेदन करना होगा। प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि इसके बाद किसी को मौका नहीं दिया जाएगा। क्योंकि उन्होंने अपना खुद का एकेडमिक कैलेंडर बना रखा है। सारी कार्रवाई उसी के अनुसार होनी है। बोर्ड को फोन और मेल पर भी मिली थी सूचना पिछले कुछ समय से PSEB को लगातार सूचना मिल रही थी कि स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं। कई स्कूलों ने बोर्ड को फोन और मेल के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। फिर सर्वसम्मति से इस दिशा में कदम उठाए गए। बोर्ड ने इस संबंध में आदेश की कॉपी स्कूलों को भेज दी है। सभी को उक्त आदेश का पालन करने को कहा गया है। 2200 स्कूलों में पढ़ते हैं 5 लाख स्टूडेंट्स राज्य में 2200 के करीब एसोसिएट स्कूल है। इनमें पांच लाख से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। यह वह स्कूल हैं जो शिक्षा के अधिकार कानून द्वारा तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ध्यान में रखकर इन्हें एसोसिएट स्कूल का दर्जा दिया था। जिन्हें एक साल के बाद हर साल अपनी मान्यता को कंटीन्यू करवाना पड़ता है।
सिद्धू मूसेवाला का 8वां गाना ‘अटैच’ की तैयारी पूरी:30 अगस्त को होगा रिलीज; स्टील बैंगलेज व फरैडो भी आएंगे साथ नजर
सिद्धू मूसेवाला का 8वां गाना ‘अटैच’ की तैयारी पूरी:30 अगस्त को होगा रिलीज; स्टील बैंगलेज व फरैडो भी आएंगे साथ नजर मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का एक और गाना जल्द ही रिलीज होने वाला है। सिद्धू मूसेवाला के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यह जानकारी शेयर की गई है। यह गाना 30 अगस्त को रिलीज होगा। सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यह जानकारी वायरल होने के बाद मूसेवाला के फैंस में खुशी की लहर है। मूसेवाला के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इस गाने का पोस्टर पोस्ट किया गया है। जिससे साफ है कि इस गाने का नाम अटैच है। जो 30 अगस्त को रिलीज होगा। इस गाने को स्टील बैंगलेज और फरैडो के सहयोग से पूरा किया गया है। सिद्धू मूसेवाला का यह इस साल का तीसरा गाना है जो रिलीज होने जा रहा है। ये गीत सिद्धू मूसेवाला के यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज होगा या स्टील बैंगलेज के चैनल पर, इसकी जानकारी अभी सिद्धू मूसेवाला टीम की तरफ से साझा नहीं की गई है। दो गाने पहले ही हो चुके रिलीज अगले हफ्ते रिलीज होने वाला गाना अटैच इस साल सिद्धू मूसेवाला का तीसरा गाना होगा। इस साल की शुरुआत में सिद्धू मूसेवाला का पहला गाना सनी मेल्टन के साथ रिलीज हुआ था। इस गाने का नाम 4:10 था। जबकि जून के महीने में ब्रिटिश सिंगर और रैपर स्टेफलॉन डॉन के साथ दूसरा गाना रिलीज हुआ था। जिसका नाम डिलेमा था। सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह पहले ही दावा कर चुके हैं कि सिद्धू मूसेवाला के इतने गाने तैयार हैं कि उन्हें अगले 10 सालों तक रिलीज किया जा सकता है। बीते साल ये गीत हुए थे मूसेवाला के चैनल पर रिलीज इस साल मूसवाला के यूट्यूब चैनल पर अभी तक कोई गाना रिलीज नहीं हुआ है। वहीं, वॉच-आउट पिछले साल नवंबर में दिवाली पर रिलीज हुआ था, जिसे मूसवाला के अपने यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया था। मई 2022 में मूसवाला की हत्या के बाद रिलीज होने वाला यह पांचवां गाना था। इस गाने से पहले 8 जुलाई 2023 को चोरनी गाना रिलीज हुआ था। मूसवाला का गाना मोरनी रिलीज होने से पहले ही चोरी हो गया था, लेकिन इसके बावजूद फैन्स ने इस गाने को खास माना और खूब सुना। SYL गाने को भारत में किया गया बैन सिद्धू मूसवाला की हत्या के बाद अब तक कुल 5 गाने रिलीज हो चुके हैं। एसवाईएल गाना 23 जून 2022 को रिलीज हुआ था। जिसमें मूसवाला ने पंजाब में पानी के मुद्दे को उठाया था। इस गाने को 72 घंटे में 2.7 करोड़ व्यूज मिले थे। जिसके बाद इस गाने को भारत में बैन कर दिया गया था। वहीं, दूसरा गाना वॉर था। जिसे पिछले साल 8 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके पर रिलीज किया गया था। यह गाना दरअसल एक ‘युद्ध’ है, जिसे पंजाब के वीर योद्धा नायक हरि सिंह नलवा के लिए गाया गया था। जबकि तीसरा गाना मेरा नाम 7 अप्रैल 2023 को रिलीज किया गया था। इन गानों के बाद छोरी और वॉच-आउट रिलीज हुए थे।
महाकुंभ को लेकर सीएम योगी की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- ‘मेले में स्वच्छता का रखा जाए ध्यान’
महाकुंभ को लेकर सीएम योगी की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- ‘मेले में स्वच्छता का रखा जाए ध्यान’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को दिव्य, भव्य, हरित, स्वच्छ और सुरक्षित महाकुंभ आयोजित कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. साथ ही विकास कार्यों की समीक्षा की. मीटिंग के बाद योगी आदित्यनाथ ने सर्किट हाउस में वृक्षारोपण किया. सीएम योगी संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान जी के मंदिर में पूजा अर्चना भी की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने सर्किट हाउस में महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की. सीएम योगी के सामने कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया. इसके बाद तैयारियों को लेकर अलग-अलग विभागों ने अपने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. सीएम ने महाकुंभ को भव्य और दिव्य कराने के साथ स्वच्छ ,सुरक्षित और हरित स्वरूप देने के निर्देश दिये. उन्होंने महाकुंभ में ड्यूटी करने वाले सभी कर्मियों को नेमप्लेट और यूनिकोड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. साथ ही ट्रेनिंग को समय पर पूरा कराने के निर्देश दिये. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>मुख्यमंत्री श्री <a href=”https://twitter.com/myogiadityanath?ref_src=twsrc%5Etfw”>@myogiadityanath</a> जी महाराज ने आज जनपद प्रयागराज के सर्किट हाउस में माननीय जनप्रतिनिधिगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महाकुंभ-2025 से संबंधित विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।<br /><br />महाराज जी ने सभी अधिकारियों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए शीघ्रातिशीघ्र… <a href=”https://t.co/m4j2FMA2co”>pic.twitter.com/m4j2FMA2co</a></p>
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) <a href=”https://twitter.com/myogioffice/status/1814615439932031448?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 20, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे रोक</strong><br />उन्होंने स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि हरित महाकुंभ के मद्देनजर कुंभ क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक होनी चाहिये. अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूरे कर लिये जाएं. इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अक्टूबर तक सभी कार्य पूरा करने के आदेश दिये. इसके अलावा सीएम ने कहा कि संगम के नाविकों को लाइफ जैकेट और उनकी ट्रेनिंग समय से पूरी की जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं जैकेट की खरीद के लिए ऑनलाइन रेट की जानकारी भी उन्हें दी जाए. मेला क्षेत्र के अंदर सभी प्रमुख भाषाओं में साइनेज लगाए जाएं. शहर और कुंभ क्षेत्र में लगी होर्डिंग्स को हटाकर उनके स्थान पर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाए. शहर में निजी भवनों पर लगे होर्डिंग्स को हटाकर वहां डिसप्ले बोर्ड लगाए जाएं. मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के आयोजन से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स, साधु संतों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और सभी संस्थाओं के साथ बेहतर तालमेल बनाकर उनसे सतत संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निराश्रित महिलाओं को हो स्वरोजगार की व्यवस्था</strong><br />सीएम योगी ने सर्किट हाउस में बैठक के दौरान विकास कार्यों में तेजी लाने और जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिये. जनप्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों में जनता से संवाद करने के भी निर्देश दिये. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने सीएम से अपने सुझाव साझा किये. इस पर सीएम ने अधिकारियों को सुझावों पर अमल करने के आदेश दिये. सीएम ने प्रयागराज में एयरपोर्ट के पास माफिया से मुक्त जमीन पर निराश्रित महिलाओं के लिए महिला संरक्षण गृह बनाने के निर्देश दिए. इसके अलावा उनके लिये मथुरा के कृष्णा कुटीर की तर्ज पर स्वरोजगार की व्यवस्था की बात कही है. सीएम योगी संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान मंदिर पहुंचे. यहां पर उन्होंने विधि विधान के साथ रामभक्त हनुमान की पूजा अर्चना की. साथ ही हनुमान जी का आशीर्वाद लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-irrigation-and-water-resources-ministry-will-be-equipped-with-online-monitoring-management-system-2741923″><strong>यूपी के सिंचाई व जल संसाधन मंत्रालय को लेकर योगी सरकार की खास तैयारी, UPLC को मिली जिम्मेदारी</strong></a></p>