जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण कम्युनिटी मोबिलाइजेशन 27 जून से शुरू होगा, जो 10 जुलाई तक चलेगा। योगी सरकार जनसमुदाय को परिवार नियोजन के महत्त्व के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे, सारथी वाहन और सास-बेटा- बहु सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा। वहीं पखवाड़े का तीसरा चरण सेवा प्रदायगी 11 से 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जाएगा और योग्य एवं इच्छुक लाभार्थियों के लिए को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे। बता दें कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि जनसंख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है, जिसमें अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। इसके साथ ही साथ परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है। इन्ही सब का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर (टीएफआर) में कमी आई है, जो हमें राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण से स्पष्ट होती है। एनएफएचस- 5 ( 2019-20 ) के अनुसार टीएफआर 2.4 है जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था। इसी क्रम में एक जून से 20 जून तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रारंभिक चरण पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित करने, सेवा प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसमें सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन, परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा है। इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़ा का नारा है- ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान। वही इस बार की थीम “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” रखी गयी है। परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के प्रति किया जाएगा जागरुक परिवार कल्याण कार्यक्रम के महाप्रबंधक डाॅ. सूर्यांश ओझा ने बताया कि कार्यक्रम का पूरा ज़ोर समुदाय को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेन्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) पोर्टल को सुदृढ़ करने पर है क्योंकि इसके द्वारा सभी स्तरों पर परिवार नियोजन सामग्री एवं साधनों का निरीक्षण एवं प्रबंधन किया जाता है। पखवारे के दौरान यदि कोई जनपद नवाचार करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। जनपदों में परिवार कल्याण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाने के लिए यह पहल की गई है कि जिन जनपदों मे परिवार नियोजन सलाहकार (काउन्सलर) नहीं हैं। वहां पर अन्य किसी भी कार्यक्रम के सलाहकार परिवार कल्याण काउन्सलर का भी उत्तरदायित्व निभा सकेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। यह है बास्केट ऑफ च्वाइस परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कॉंडोम जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण कम्युनिटी मोबिलाइजेशन 27 जून से शुरू होगा, जो 10 जुलाई तक चलेगा। योगी सरकार जनसमुदाय को परिवार नियोजन के महत्त्व के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे, सारथी वाहन और सास-बेटा- बहु सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा। वहीं पखवाड़े का तीसरा चरण सेवा प्रदायगी 11 से 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जाएगा और योग्य एवं इच्छुक लाभार्थियों के लिए को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे। बता दें कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि जनसंख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है, जिसमें अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। इसके साथ ही साथ परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है। इन्ही सब का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर (टीएफआर) में कमी आई है, जो हमें राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण से स्पष्ट होती है। एनएफएचस- 5 ( 2019-20 ) के अनुसार टीएफआर 2.4 है जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था। इसी क्रम में एक जून से 20 जून तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रारंभिक चरण पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित करने, सेवा प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसमें सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन, परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा है। इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़ा का नारा है- ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान। वही इस बार की थीम “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” रखी गयी है। परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के प्रति किया जाएगा जागरुक परिवार कल्याण कार्यक्रम के महाप्रबंधक डाॅ. सूर्यांश ओझा ने बताया कि कार्यक्रम का पूरा ज़ोर समुदाय को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेन्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) पोर्टल को सुदृढ़ करने पर है क्योंकि इसके द्वारा सभी स्तरों पर परिवार नियोजन सामग्री एवं साधनों का निरीक्षण एवं प्रबंधन किया जाता है। पखवारे के दौरान यदि कोई जनपद नवाचार करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। जनपदों में परिवार कल्याण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाने के लिए यह पहल की गई है कि जिन जनपदों मे परिवार नियोजन सलाहकार (काउन्सलर) नहीं हैं। वहां पर अन्य किसी भी कार्यक्रम के सलाहकार परिवार कल्याण काउन्सलर का भी उत्तरदायित्व निभा सकेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। यह है बास्केट ऑफ च्वाइस परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कॉंडोम उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम की होगी समीक्षा, क्या बोले कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास? <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan School Curriculum:</strong> राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम की समीक्षा का फैसला करते हुए एक समिति का गठन किया है, जो 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. इसके बाद राष्ट्रीयता और राजपूताना इतिहास को गलत तरीके से पेश करने वाले विषयों को सुधारा जाएगा. RSS से जुड़े कई बड़े लोगों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. कांग्रेस ने इसे शिक्षा का भगवाकरण करार दिया है, वहीं बीजेपी के पास अपने तर्क हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में वर्तमान में संचालित संपूर्ण स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम की समीक्षा समिति का गठन किया गया है. शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गत दिनों सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि पाठ्यक्रम में पढ़ाए जा रहे कुछ अवांछनीय प्रसंगों और विषयों को हटाया जाएगा और पूरे स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम की समीक्षा कर उसे समयानुकूल और राष्ट्रीय भावना से परिपूर्ण बनाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले में सामने आया कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बयान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी क्रम में मंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग हरकत में आया और अब विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पाठ्यक्रम समीक्षा की पहल कर समिति का गठन किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को भगवा से दिक्कत क्या है, इतिहास से कुछ सीखने को मिलेगा इसमें क्या दिक्कत?</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम राजस्थान दीया कुमारी ने कहा कि नये सिलेबस में राजपूताना इतिहास पढ़ाया जाएगा. राजपूताना इतिहास गौरवमयी इतिहास है. डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा कि ब्रिटिश काल और मुग़ल काल में जो इतिहास था वह ग़लत था. युवापीढ़ी को ग़लत इतिहास बताया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने हिसाब से इतिहास लिखना चाहती है. बीजेपी संप्रदाय की राजनीति करना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/madhya-pradesh-indore-job-fair-on-november-20-reputed-companies-will-participate-ann-2825741″>इंदौर में युवाओं को नौकरी का मौका, 20 नवंबर को लगेगा रोजगार मेला, इतने पदों पर होगी भर्ती</a></strong></p>
देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में एकनाथ शिंदे शामिल होंगे या नहीं? साफ हुई तस्वीर
देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में एकनाथ शिंदे शामिल होंगे या नहीं? साफ हुई तस्वीर <p style=”text-align: justify;”><strong>Eknath Shinde News:</strong> महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनने जा रही नई सरकार की तस्वीर साफ हो गई है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> और एनसीपी प्रमुख अजित पवार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. दरअसल, शिंदे को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि वो नई सरकार में शामिल नहीं होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और साथ में राजभवन गए. यहां अजित पवार भी मौजूद रहे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद तीनों नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे से सरकार में शामिल होने के लिए अपील की. फडणवीस ने कहा, ‘मैं स्वयं एकनाथ शिंदे के पास गया. हम सभी की इच्छा है कि इस सरकार में वे हमारे साथ रहें. मुझे विश्वास है कि वे हमारे साथ रहेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद जब सरकार में शामिल होने को लेकर एकनाथ शिंदे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘शाम तक इंतजार करें.’’ इसी दौरान अजित पवार ने कहा कि मैं तो शपथ ले रहा हूं. इस दौरान सभी नेताओं ने ठहाके लगाए. शिंदे ने फिर चुटकी लेते हुए कहा , ‘‘उनके पास अनुभव है. वह सुबह के साथ-साथ शाम को भी शपथ ले सकते हैं.’’</p>
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